संथाल लिबरेशन आर्मी का चीफ रोहित मुर्मू एनकाउंटर में ढेर, असम पुलिस ने मार गिराया, झारखंड पुलिस ने ली राहत की सांस

असम पुलिस ने संथाल लिबरेशन आर्मी (SLA) के सरगना रोहित मुर्मू को एनकाउंटर में मार गिराया, जिससे झारखंड की पुलिस ने राहत की सांस ली है. असम के कोकराझार में इस मुठभेड़ में रोहित पर कई आरोप लगाए गए, जिनमें अपहरण, हत्या, फिरौती, आर्म्स एक्ट और एक्सपोलोसिव एक्ट शामिल है.

रोहित ने बोरियो, बरहेट, मिर्जाचौकी और नगर थाना क्षेत्र सहित दर्जनों इलाकों में दहशत मचाई थी. उनके पास संगठन के कई गंभीर आपराधिक इतिहास हैं, जिनमें वर्ष 2020 में एसआई चंद्राय सोरेन की हत्या, 2022 में दंपति की हत्या और 2023 में जिंदा बम बरामदगी शामिल है.

पुलिस ने इस मुठभेड़ में रोहित के पास एक पिस्तौल, दो ग्रेनेड, वोटर आईडी कार्ड और आधार कार्ड बरामद किए हैं. इस हमले से सुरक्षा एजेंसियों ने राहत की सांस ली है और उम्मीद जताई है कि SLA का नेटवर्क अब कमजोर पड़ जाएगा.
 
रोहित मुर्मू को मार गिराने की बात तो पहले ही सोचते थे, यह तो सही decision है. लेकिन इन सैनिकों का क्या नाम है? वे सब चोटिया द्रविड़ जैसे खिलाड़ी होते हैं, पुलिस को कोई भी काम करना मुश्किल होता है. असम में तो उन्होंने इतना दहशत फैलाया था, अब उनकी गिरफ्तारी से राहत मिली है. लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि इन सभी संगठनों के पीछे कौन से लोग हैं, उन्हें पकड़ना अभी तक शुरू नहीं हुआ है 🤔
 
मुझे लगता है कि असम में स्थिति बहुत बड़ी हो गई है... पुलिस की इस कार्रवाई से मैं थोड़ा चिंतित भी हूं... रोहित मुर्मू ने जो दहशत मचा रहे थे, उनका मतलब क्या था? और उनके पास इतने गंभीर आरोप लगाए गए, यह तो बहुत ही खतरनाक है... लगता है कि उन्हें पकड़ने से पहले भी बहुत बड़ी चुनौती हुई होगी...
 
रोहित मुर्मू को मारने से सुरक्षा एजेंसियों को बड़ा राहत मिली है और उम्मीद है कि SLA का नेटवर्क अब कमजोर पड़ जाएगा. यह हमला झारखंड की पुलिस के लिए एक बड़ी राहत की सांस है, जिसने लंबे समय से इस विभाजनकारी समूह को पकड़ने में असफल रही थी.
 
अरे बेटा, यह तो बहुत बड़ी मुठभेड़ हुई है, रोहित के पास इतनी गंभीर आरोप लगाए गए हैं... मेरी माँ ने भी नहीं सोचा था कि उनके पास ऐसी चीजें होंगी. वह जिंदा बम बरामदगी तो खिलखिलाती है... और ES act भी लगे तो बहुत बड़ा खतरा हुआ होगा. असम में इतनी दहशत मचाने की बात, यह तो बहुत अजीब है... लेकिन फिर से पुलिस ने अच्छी तरह से काम किया है, राहत की सांस ली है और अब SLA का नेटवर्क कमजोर पड़ जाएगा.
 
रोहित मुर्मू को मारने से अच्छा नहीं लग रहा 🤔। असम पुलिस की इतनी तेजी से काम करने में शायद उन्होंने अपने हाईकमांडर को भूल जाना पड़ा होगा। लेकिन यह तो फिरौती और आतंकवादी गतिविधियों पर रोक लगाने की दिशा में है। उम्मीद है कि इस तरह से SLA का नेटवर्क कमजोर होने लगे। सुरक्षा एजेंसियों को अपने काम की गुणवत्ता बनाए रखने की जरूरत है, न कि तेजी से काम करने पर। 🕊️
 
रोहित मुर्मू को मारने की बात तो पहले से ही एक बड़ी बधाई है 🎉, लेकिन ये बात जरूरी है कि अब SLA का नेटवर्क कमजोर होने लगे, और असम और झारखंड की पुलिस को राहत मिल गई तो अच्छा है, फिर भी मुझे लगता है कि ये सिर्फ एक बड़ी शुरुआत है, SLA के और कई ऐसे लोग होंगे जो इस तरह की गतिविधियों में शामिल हैं, इसलिए हमें उनकी खोज करने और उन्हें पकड़ने की आवश्यकता है 🚔
 
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