'इनके पिता जी के राज में सरकारी अस्पताल के बेड पर गधे और कुत्ते... ', जीतन राम मांझी का तेजस्वी यादव पर बड़ा हमला

बिहार विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही दिन बचे हैं, और आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने रविवार (26 अक्टूबर, 2025) को बात करते हुए महागठबंधन और खासकर राजद पर जमकर निशाना साधा।

उन्होंने कहा, "लोकसभा चुनाव में भी महागठबंधन के नेताओं ने जनता को बरगलाने का काम किया था। तब इन्होंने मतदाताओं से कहा था कि संविधान खतरे में है।" इसके बाद उन्होंने आगे कहा, "इन लोगों ने फिर से उसी तरह का माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं।"

महागठबंधन की सरकार बन गई तो क्या होगा?

उन्होंने बताया, "अगर कहीं गलती से महागठबंध की सरकार बन गई, तो ये लोग बहाने बनाएंगे कि काम करने के लिए पैसा नहीं है।" उन्होंने आगे कहा, "इन लोगों के दिमाग में ही बेईमानी भरी है।

गधे और कुत्ते बेड पर दिखाई पड़ते थे।

तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए मांझी ने कहा, "सरकारी अस्पताल में इनके पिता जी (लालू यादव) के राज में गधे और कुत्ते बेड पर दिखाई पड़ते थे। आज उन अस्पतालों में रोजाना सैकड़ों मरीजों का इलाज होता है।"

उन्होंने आगे कहा, "ये लोग तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं। ये लोग मुसलमानों को बरगला रहे हैं, जबकि देश में जो अनाज सबको मिल रहा है, क्या मुसलमानों को नहीं मिल रहा है? ऐसे ही सारी योजनाओं का लाभ सभी को बराबर मिल रहा है।"

तेजस्वी यादव जो भी कह रहे हैं और कर रहे हैं, उस पर अब कोई विश्वास नहीं करेगा।
 
अरे, यह तो बहुत बड़ा मुद्दा है बिहार विधानसभा चुनाव में क्यों निशाना साधते हैं और आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेजी से हो गया है? लेकिन फिर भी, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि ये चुनाव हमारे देश की भविष्यवाणियों पर निर्णय लेने का मौका देते हैं।

तेजस्वी यादव जैसे नेताओं पर अब विश्वास नहीं करना उचित नहीं है, लेकिन हमें उनकी गड़बड़ी और गलतफहमी को भी सुधारने की जरूरत है। हमें यह देखना चाहिए कि इन चुनावों में किसने वास्तव में जनता की आवाज़ सुनी और उनकी समस्याओं पर काम किया।

केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने बहुत बड़ी बात कही है, लेकिन हमें यह भी देखना चाहिए कि ये कैसे लोगों को प्रभावित कर रही है और आगे क्या होगा।
 
बिहार के चुनाव के बारे में बहुत गलत कहा गया है। यहां के लोग अपने देश को समझने में सक्षम हैं ताकि वे सुधार कर सकें। यादव पर आरोप लगाने से फायदा नहीं होगा, चाहे जीतन राम मांझी कहें और चाहे बीजेपी अपने नेताओं को विश्वास दिलाए।
 
मेरी राय से बिहार विधानसभा चुनाव में क्या होगा, वह तो हैरान करने का विषय है 🤯। ये चुनाव केवल आरोप-प्रत्यारोप के दौर में नहीं चल रहे हैं, बल्कि पार्टियों की राजनीतिक खेल और अपने समर्थकों से जुड़ी लालच का भी सामना होगा। 🤑 तेजस्वी यादव पर आरोप लगाना थोड़ा असुविधाजनक लगता है, लेकिन केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने सही बात कही। उनका दावा कि महागठबंधन और खासकर राजद ने लोगों को बरगलाने का काम किया है, और अब चुनाव में उन्हें फिर से ऐसा करने की कोशिश कर रहे हैं, वाकई सच है 🙌

लेकिन अगर महागठबंध सरकार बन जाए, तो यह देखने लायक होगा कि ये लोग कैसे बेईमानी की भावना से राजनीति करते हैं। उनका आरोप कि वे मतदाताओं से कहा था कि संविधान खतरे में है, और अब फिर से ऐसा करने की कोशिश कर रहे हैं, बहुत ही गंभीर बात है।
 
आगे तो क्या होगा ये महागठबंधन की सरकार? 🤔 गधों को बेड पर दिखाई पड़ने के बाद कुत्तों ने खेल लिया है। सिर्फ़ भ्रष्टाचार और झूठ बोलने में रुचि रखते हैं ये लोग। जीतन राम मांझी को तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए बहुत अच्छा लगा। 🙏
 
मुझे लगता है कि आरोप-प्रत्यारोप का दौर सचमुच तेज हो गया है, और यह नेताओं के लिए बहुत आसान लगता है। लेकिन मैं सोचती हूँ कि इससे पूरी तरह से बचने की कोशिश नहीं की जा सकती।

मुझे लगता है कि हमें अपने नेताओं से उम्मीदें रखनी चाहिए, लेकिन अगर वे ऐसे हैं जो नीतीश कुमार जैसे देते हैं, तो मेरे मन में शक होता है।

मुझे लगता है कि अगर महागठबंधन सरकार बनती है, तो हमें उनकी रणनीतियों का ध्यान रखना चाहिए और उन्हें जवाबदेह ठहराने के लिए संघर्ष करना चाहिए।

मैं मानती हूँ कि सोशल मीडिया पर निशाना साधने की जगह, हमें अपने देश को बेहतर बनाने के तरीकों पर विचार करना चाहिए।
 
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सभी उम्मीदवारों ने अपनी-अपनी राजनीति शुरू कर दी है, लेकिन यह तो बिल्कुल भी अच्छी नहीं है। एक पक्ष ने बगैर किसी जिम्मेदारी के, दूसरा पक्ष ने बगैर किसी विश्वास के। अब दोनों से कोई उम्मीद नहीं रह जाती, क्योंकि दोनों ही बोलते हैं और कर रहे हैं लेकिन कुछ नहीं करते। मुझे लगता है कि वोटर अपनी जिम्मेदारी समझेंगे और सही व्यक्ति चुनेंगे।
 
मैंने सुना है कि बिहार विधानसभा चुनाव में कुछ दिन बच गए हैं। लेकिन यह तो हमेशा ऐसी ही तरह से चली जाती है, न कि अच्छी तरह से। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी को लगता है कि महागठबंधन और खासकर राजद पर निशाना साधने से वोट बैंक का प्रबंधन कर सकते हैं। लेकिन यह तो उनकी राजनीतिक चाल है, और हमें उसका मूल्यांकन करना होगा।

मेरी राय में, अगर महागठबंधन सरकार बन जाती है तो उन्हें अच्छाई-ख्वाबी की भावना से आगे बढ़नी चाहिए। लेकिन अगर वे अपने दिमाग में की गई गलतियों के लिए बदलने नहीं क्योंगे, तो वोट बैंक का प्रबंधन करना आसान है... निश्चित रूप से यह एक मजेदार सवाल होगा।
 
मेरा यह तो बहुत दुख देने वाला है कि जीतन राम मांझी ने तेजस्वी यादव पर इतना निशाना साधा है। यादव जी को ब्लॉक कर दिया गया है, लेकिन फिर भी उनके समर्थक बहुत उत्साहित हैं। यही ऐसा लगता है कि भ्रष्टाचार और झूठी राजनीति के खिलाफ लड़ना मुश्किल है।

मैं सोचता हूं कि लोगों को समझना चाहिए कि जिस प्रकार के नेताओं ने अपने नेतृत्व की बातें सुनाई हैं, वो भी उनके समर्थकों की भावनाओं को दूर नहीं कर सकते। हमें उम्मीद करनी चाहिए कि नई सरकार में सच्चाई और ईमानदारी बने रहनी चाहिए, न कि ऐसा ही बेवकूफी।

जीतन राम मांझी जी से बहुत आशा थी, लेकिन यह तो उनकी प्रतिष्ठा को भी कुछ नुकसान पहुंचा सकता है।
 
😕 बिहार विधानसभा चुनाव की माहौल बहुत ही नकारात्मक हो गया है। जीतन राम मांझी जी ने अच्छा संदेश दिया है कि तेजस्वी यादव और उनके सहयोगियों पर विश्वास करने की जरूरत नहीं है। 😒 उनकी तरह की राजनीति तो हमेशा हमारे देश को फाड़-खाड़ में डालती रहती है। क्या हमें लगता है कि वे चुनावों में सच्चाई से लोगों के मनोबल को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं या नहीं? 🤔
 
अरे, बिहार विधानसभा चुनाव के लिए तैयारी में देरी हुई ना, तो पूरा इलाका राजनीति से भर गया है 🤣। जीतन राम मांझी जी की बातें सुनकर लगता है कि उनके पास सच्चाई की खोज करने की शक्ति नहीं है, बस तुष्टिकरण और बरगलाने की नौकरी कर रहे हैं 😂

क्या ये लोग वाकई ऐसे हैं जो देश की जनता को धोखाधड़ी करते रहते हैं? क्या हमें उनकी बातों पर विश्वास करना चाहिए? नहीं, मैंने कभी नहीं सोचा, ये लोग पूरी तरह से विपक्षी दुनिया के रूप में अपनी सरकार बनाने की कोशिश कर रहे हैं, तो फिर क्यों? 🤔

लेकिन, चुनाव के पहले दिनों में सबसे बड़ी बात यह है कि हम सभी लोग एक साथ आ गए हैं और अपना मतपत्र डालने जा रहे हैं। तो फिर, राजनीतिक दलों को अपने नेताओं की तरह अच्छी गेंदबाजी करनी चाहिए। दूरभाष पर लिंक करें और अपने मतदान के तरीके से खुशियाँ मिलेंगी।
 
मेरे दोस्तों को यह बात जरूर लगनी चाहिए कि हमारा मंच तो बहुत ही अच्छा है, लेकिन क्या यह सुनिश्चित करने वाला प्रबंधन स्वास्थ्य देखभाल वाला नहीं है? मैंने एक बार ऐसा ही कुछ पढ़ा था कि तेजस्वी यादव पर निशाना लगाते हुए जीतन राम मांझी को काफी अस्पतालों में जाना पड़ा।
 
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