स्पॉटलाइट-बिहार चुनाव से पहले मारा गया गैंगस्टर रंजन कौन है:मर्डर के बाद भेजता था प्रेस नोट, चुनाव से पहले कर रहा था बड़ी साजिश

बिहार चुनाव के आसपास एक और गंभीर घटना घटी। गैंगस्टर रंजन पथक की हत्या हो गई है, जिसकी बेहद भयंकर गिरफ्तारी की धारा 302 से इंस्पायर्ड थी।

रंजन पथक की हत्या दिल्ली और बिहार पुलिस के जाइंट मिशन के तहत हुई। इसके पीछे रोजनामचे का एक और उदाहरण सामने आया है। ये गैंगस्टर लोग हर बड़े अपराध के बाद प्रेस नोट भेजते थे, जिसकी इंस्टाग्राम पर आईडी मर्डर की धारा 302 से इंस्पायर्ड थी।

रंजन पथक को 'सिग्मा एंड कंपनी' गैंग का मुखिया माना जाता है, और इसके इस मुखिया पर आरोप लगाया गया है कि उसका भाई सरकारी कर्मचारी था। रंजन पथक की हत्या के पीछे एक बड़ा उद्देश्य सामने आया है।

चुनाव के समय जो साजिश रचने वाले थे, उन्हें अब पता चल गया है कि उनकी योजनाएं सफल नहीं होंगी।
 
ये तो बहुत बड़ी भारी मौत हो गई है 🤯। गैंगस्टर रंजन पथक की हत्या से साजिश रचने वालों को अच्छी खुशी नहीं होगी। यह तो उनकी हरकत का अंत हो रहा है। मुझे लगता है कि पुलिस ने बहुत अच्छी तरह से काम किया है और उन्हें विशेष धन्यवाद देना चाहिए।

इस हत्या के बाद तो कई सवाल उठ रहे हैं - यह गैंगस्टर लोग देश में इतने शक्तिशाली हो गए कि उनकी हरकत पर कोई रोकने की कोशिश नहीं कर पाया। इसके पीछे कई जांच एजेंसियों और पुलिस बलों की जिम्मेदारी है।

बिहार में चुनाव होना तो हर किसी के लिए एक बड़ी खुशी की बात है, लेकिन इन गैंगस्टर लोगों ने यह साजिश रचने वालों को बहुत भयानक डरा दिया है। अब जब उनकी हत्या हो गई है तो हमें उम्मीद करनी चाहिए कि वह हरकत अब कम होने लगेगी।
 
🤦‍♂️ मुझे लगता है कि चुनाव से पहले जो कुछ भी घट रहा है, वो एक बड़ा प्लेटफ़ॉर्म है। लोग अभी भी अपनी निजता और सुरक्षा के बारे में नहीं सोच रहे। इंस्टाग्राम पर भी इतने ज्यादा प्रेस नोट जोड़ते हुए, वो अपने अपराध को धमकाने की कोशिश कर रहे थे, जैसा कि रंजन पथक की हत्या में देखा गया। 🚫 साजिश रचने वालों को पता चल गया है कि उनकी योजनाएं सफल नहीं होंगी, लेकिन अभी भी बहुत कुछ बाकी है। मुझे लगता है कि सुरक्षा और निजता पर ध्यान देना चाहिए। 💡
 
मैंने तो सोचा था कि बिहार चुनाव के बाद यहां शांति और सामाजिक स्थिरता के पथ पर चलना आसान होगा, लेकिन इसी तरह की घटनाएं लगातार हो रही हैं। ये सब एक बड़ा संदेश दे रहे हैं कि यहां चुनाव के बाद भी जिंदगी का समान रूप से चलना मुश्किल है। रंजन पथक की हत्या ने मुझे थोड़ा हैरान कर दिया, क्योंकि मैंने सोचा था कि यहां जिंदगी फिर से शुरू हो गई होगी। लेकिन लगता है कि यहां जिंदगी और भी खतरनाक है।
 
"जैसे पेड़ नीचे मुड़ता है, उसी तरह भाग्य दूर नहीं जाता।"

मुझे लगता है कि चुनाव के समय साजिश रचने वाले लोगों को अब पता चल गया है कि उनकी योजनाएं कुछ और जटिल हो गई हैं। गैंगस्टर रंजन पथक की हत्या से यह भी साफ होता है कि उनके खिलाफ मामलों की जांच के लिए पुलिस ने अपने प्रयास को और अधिक मजबूत बनाया है।
 
मुझे लगता है कि यह गैंगस्टर नंबर 1 की हत्या तो बड़ा चिंताजनक है, लेकिन चुनाव के समय जो साजिश रचने वाले थे, उन्हें पता चल गया है कि उनकी योजनाएं सफल नहीं होंगी। यह एक अच्छा सबक है कि किसी भी अपराध को दूर करने के लिए न्याय की जरूरत है। मुझे लगता है कि पुलिस ने बहुत अच्छा काम किया है, और गैंगस्टरों की इस तरह की गतिविधियों से हमारे समाज को मुक्ति मिलेगी।
 
मुझे यह बात में खेद है, लेकिन फिलहाल मेरे मन में एक सवाल है - बिहार चुनाव कैसे होता है? क्या वहां वोट देने की प्रक्रिया भारतीय चुनाव की तुलना में अलग है? और क्या हमें उम्मीद होनी चाहिए कि ऐसी घटनाएं बेहद कर देंगे? 🤔😕
 
मुझे लगता है 🤔 कि यह हत्या बहुत बड़ी मौत है, और पुलिस को तुरंत इसकी जांच करनी चाहिए। लोग कहते हैं कि ये गैंगस्टर दुनिया की सबसे खतरनाक लोगों में से एक थे। उसकी हत्या के पीछे बहुत बड़ी दुश्मनी थी, और मुझे लगता है कि यह हत्या उनके दुश्मनों ने करवाई होगी। इसके अलावा, चुनाव के समय जो साजिश रचने वाले थे, उन्हें पता चल गया है कि उनकी योजनाएं सफल नहीं होंगी, और यह एक अच्छी बात है। लेकिन हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि पुलिस को इस मामले की जांच करनी चाहिए और सच्चाई को उजागर करना चाहिए।
 
Back
Top