Bihar Election: तेजस्वी यादव का वक्फ कानून पर बड़ा बयान, कहा- सरकार बनी तो इसे कूड़ेदान में फेंक देंगे

नीतीश कुमार सरकार ने जो वक्फ़ कानून पारित किया, वह एक ही दिशा में नहीं है। हमारे विरोधी लोग कहते हैं कि यह कानून सभी धर्मों के लिए समानता और समरसता का संदेश देता है, लेकिन हम समझते हैं कि इससे एक ही धर्म को बढ़ावा देने वाले लोग इसका फायदा उठाने की कोशिश करेंगे।

हमारे पास मुस्लिम समुदाय से भी बहुत मजबूत संबंध हैं। हमारे पिता ने कभी भी सांप्रदायिक ताकतों से समझौता नहीं किया। लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हमेशा ऐसी ताकतों के साथ खड़े रहे हैं। आज आरएसएस और उसके सहयोगी बिहार में भी नफरत फैला रहे हैं।

हमारे विरोधी लोग कहते हैं कि हमें इस कानून को खत्म करने की जरूरत नहीं है। लेकिन हम समझते हैं कि अगर हमारी सरकार बनती है, तो हम वक्फ़ एक्ट को खत्म कर देंगे। हमारा मानना है कि यह अधिनियम मुस्लिम समुदाय, खासकर पिछड़े वर्गों और महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए पारदर्शिता लाने वाला नहीं है।

हमारे नेतृत्व में बिहार की जनता 20 साल पुराने नीतीश कुमार शासन से थक चुकी है। हमारा वादा है कि हम बिहार को एक नई दिशा देंगे, जहां सभी धर्मों और समुदायों के लोग एक साथ मिलकर अपने जीवन को सुधारने की कोशिश करें।
 
मुझे लगता है कि हमारी सरकार में बहुत से लोग हैं जो सोचते हैं कि वक्फ़ कानून को खत्म करना एक अच्छा विचार नहीं है। लेकिन फिर, मुझे लगता है कि इससे दूसरी तरफ भी कुछ गलत हो सकता है। अगर हमें लगता है कि कानून अच्छा नहीं है, तो शायद हमें इस पर सोचना चाहिए और बदलाव लाने की कोशिश करनी चाहिए। लेकिन, मुझे लगता है कि अगर हमारी सरकार बनती है, तो शायद हमें इस अधिनियम को खत्म करने की जरूरत नहीं होगी।

मेरे विचार में, हमें अपने समुदायों के बीच और भी मजबूत संबंध बनाने चाहिए। लेकिन, फिर, मुझे लगता है कि अगर हमारे पास बहुत से पैसे और शक्ति हैं, तो शायद हमें इस पर ध्यान देने की जरूरत नहीं होगी। हमें अपने देश को एक नई दिशा देनी चाहिए, लेकिन मुझे लगता है कि यह दिशा पहले से ही तय हो गई है।
 
मेरी राय है कि नीतीश कुमार सरकार द्वारा पारित वक्फ़ कानून की आलोचना करना जरूरी है। मुझे लगता है कि इस कानून से विभिन्न धर्मों और समुदायों के बीच तनाव बढ़ सकता है और इससे धार्मिक समरसता की दिशा में एक कदम नहीं उठाया जा सकता। 🤔

मुझे लगता है कि इस सरकार ने विभिन्न धर्मों और समुदायों के बीच समझौते करने से बचने की कोशिश की है। लेकिन मेरा मानना है कि इससे एक नए स्तर पर तनाव पैदा कर दिया जाएगा। हमें इस कानून को खत्म करने की जरूरत है, ताकि सभी धर्मों और समुदायों के लोग एक साथ मिलकर अपने जीवन को सुधारने की कोशिश कर सकें। 🚫
 
मैंने ये नीतीश सरकार के वक्फ़ कानून सुना है... यह तो बहुत ही दिवालिया है 🤯 मुझे लगता है कि उन्होंने पूरी तरह से गलत रास्ता चुन लिया है। हमारे देश में जैसे ही कोई भी सरकार आती है, वहीं ही उनके नेताओं और मंत्रियों को अपने-अपने राजनीतिक हितों के लिए ताकतें ढूंढनी पड़ती हैं। इस वक्फ़ कानून को लेकर भी ऐसा ही हुआ है। हमारे पूर्वजों ने हमेशा एक दूसरे के साथ मिलकर अपने जीवन को सुधारने की कोशिश की, तो फिर यह कानून उनके परंपराओं का खल्लास कर रहा है। मुझे लगता है कि हमें भी एक साथ मिलकर अपने देश को बेहतर बनाने की जरूरत है।
 
मुझे बहुत परेशानी हुआ है जब मैंने इस वक्फ़ कानून के बारे में पढ़ा। यह कानून एक ही धर्म को बढ़ावा देने वालों के लिए फायदा है, और हमारे पास ऐसे समाज में बहुत ज्यादा संवेदनशीलता की जरूरत है। हमें इसे खत्म करने की जरूरत है ताकि सभी धर्मों और समुदायों के लोग एक साथ मिलकर अपने जीवन को सुधार सकें। मैं बिहार की जनता के साथ हूँ, हमें अपने भविष्य की दिशा तय करनी चाहिए। 🙏💖
 
बिहार की जनता नीतीश सरकार से थक चुकी है, लेकिन यह सवाल उठता है कि हमें विरोधी दल की बात मान लेनी चाहिए या नहीं। मेरा कहना है कि हमें अपने विरोधियों की बात सुननी चाहिए, लेकिन हमें उनकी बात पर खुद को बनाए रखना भी चाहिए। जैसे कि नीतीश सरकार ने वक्फ़ कानून पारित किया, तो इससे एक ही धर्म को बढ़ावा देने वाले लोग इसका फायदा उठाने की कोशिश करेंगे। हमें अपने समुदाय की सुरक्षा के लिए कदम उठाने होंगे, न कि हमें अपने विरोधियों की बात पर ही चलना चाहिए।
 
नीतीश सरकार का वक्फ़ कानून तो ऐसा ही कानून है जैसे हमारे देश की राजनीति में हमेशा आ गया है। एक तरफ़ पूर्वजों का सम्मान करना और दूसरी तरफ़ अपने वोटबैंक को खुश रखना। ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सिर्फ़ अपने भाजपा साथियों को खुश करने के लिए ही इस कानून को पास किया है। और अब वह बात करते हैं कि यह कानून सभी धर्मों के लिए समानता और समरसता का संदेश देता है? तो फिर इतनी धूमधड़ में इसका खत्म करने की जरूरत नहीं? 🤔

बिहार में हमारे पास एक ऐसा मुस्लिम समुदाय है जो अपनी पहचान से गर्व करता है। लेकिन यह तो सरकार द्वारा मुस्लिमों को खुश रखने का तरीका नहीं बनेगा। नीतीश सरकार की इस तरह की राजनीति हमें कभी भी पीछे नहीं रख सकती। और आरएसएस जैसी संगठन हमेशा नफरत फैलाने में सक्षम होती हैं। तो चलो, बिहार की जनता नेताओं को यह सीखने दे कि राजनीति में धोखाधड़ी नहीं करनी चाहिए। 🙄
 
नीतीश कुमार सरकार के वक्फ़ कानून पर मेरा विचार है कि यह बहुत ही विवादित है। मैं समझता हूँ कि लोगों को लगता है कि इससे सभी धर्मों की समानता और समरसता का संदेश दिया जाएगा, लेकिन मेरा मन अभी भी नहीं ठीक हुआ।

मुझे लगता है कि हमारे पास यह विषय बहुत ज्यादा बात करने की जरूरत नहीं है। इससे हमें कुछ नहीं मिलता। लेकिन मैं एक सवाल करना चाहता हूँ, अगर नीतीश कुमार सरकार वास्तव में हमारे लिए अच्छी है, तो फिर उन्होंने यह कानून नहीं बनाया होगा।

मुझे लगता है कि हमें अपने पिता जैसे लोगों से सबक लेना चाहिए। वे हमेशा समझौता करने में सक्षम थे। लेकिन आज की सरकार उनसे बिल्कुल भिन्न है।
 
मैं समझता हूँ कि नीतीश कुमार सरकार द्वारा पारित वक्फ़ कानून के विरोध में बहुत ज्यादा विपक्ष है। लेकिन मेरा मानना है कि यह अधिनियम हमारे देश की एकता और सहिष्णुता को बढ़ावा नहीं देता।

मुझे लगता है कि हमें अपने समाज में विविधता को फैलाने पर ध्यान देना चाहिए। हमें सभी धर्मों और समुदायों के लोगों को एक साथ मिलकर अपने जीवन को सुधारने की प्रेरणा देनी चाहिए।

मैं समझता हूँ कि हमारे पास मुस्लिम समुदाय से मजबूत संबंध हैं, लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि हम अपने नागरिक अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा करें।
 
बिहार की जनता बहुत थक चुकी है नीतीश कुमार शासन से 😓। हमारे पास एक नई दिशा होनी चाहिए, जहां हर धर्म और समुदाय एक साथ मिलकर अपना जीवन सुधारे। लेकिन आरएसएस और उनके सहयोगी नफरत फैला रहे हैं। हमें अपने मुस्लिम दोस्तों को भी यह नहीं लगना चाहिए कि हम उन्हें छोड़कर चले जाएंगे। हमारे पिता कभी भी सांप्रदायिक ताकतों से समझौता नहीं करते थे, हमें उनकी तरह ही खड़े रहना चाहिए। नीतीश कुमार सरकार को वक्फ़ कानून को खत्म करने का वादा कर देना चाहिए, ताकि सभी धर्मों और समुदायों के लोग एक साथ मिलकर अपने जीवन को सुधार सकें। हमें बिहार को एक नई दिशा देनी चाहिए।
 
मैंने पढ़ा है कि वक्फ़ कानून पारित हुआ तो मुस्लिम लड़कियों को विवाह से पहले इज़्लामिक शर्ट पहनना पड़ेगा। यह तो बहुत अजीब है और हमें नहीं लग रही कि यह समानता का संदेश देता है।

मेरे लिए सबसे ज्यादा चिंताजनक बात यह है कि आरएसएस ने भी इस वक्फ़ कानून में अपनी खास पार्टी की राज़दारी दिखाई होगी। इसका मतलब तो यह है कि हमारे पास एक ऐसा शासन है जो अपने सामर्थ्य को बढ़ाने के लिए मुस्लिम समुदाय को फँसा रहा है।

हमें लगता है कि अगर हमारी सरकार बनती है तो हम वक्फ़ एक्ट को ख़त्म कर देंगे। हमारा विचार है कि इस अधिनियम से मुस्लिम समुदाय, खासकर पिछड़े वर्गों और महिलाओं के सशक्तिकरण की बात नहीं है।

मुझे लगता है कि अगर हम अपने जीवन को एक नई दिशा देना चाहते हैं तो हमें सबके लिए समानता की बात करनी चाहिए, न कि किसी किसी धर्म या समुदाय के लिए।
 
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