बिहार में तेजस्वी यादव की घोषणाएं: चुनावों में वादों का नतीजा क्या होगा?
तेजस्वी यादव ने बिहार में अपनी पार्टी की सरकार बनाने के लिए चुनौती देने के साथ-साथ जनता को आकर्षित करने के लिए कई घोषणाएं की हैं। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण वादों पर आज हम चर्चा करेंगे।
पंचायत स्तरीय जनप्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाना:
तेजस्वी यादव ने घोषणा की है कि अगर महागठबंधन की सरकार बनती है, तो पंचायत स्तरीय जनप्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ा दिया जाएगा। यह वादा उन्होंने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया था। इससे पहले, नीतीश कुमार की सरकार ने इसे स्थापित करने की कोशिश की थी, लेकिन उसमें असफलता हुई।
नाई, धोबी और बढ़ई जैसे वर्गों को कर्ज मिलने का वादा:
तेजस्वी यादव ने यह भी घोषणा की है कि वह नाई, धोबी और बढ़ई जैसे वर्गों को कर्ज उपलब्ध कराने के लिए काम करेंगे। इससे पहले, उन्होंने यह वादा भी किया था कि हर घर में एक सरकारी नौकरी होगी। अब यह देखना रोमांचक है कि ये वादे सच होंगे या नहीं।
चुनाव जीतने को बेकरार तेजस्वी यादव क्यों?
तेजस्वी यादव ने कई घोषणाएं की हैं, लेकिन यह सवाल उठता है कि क्या केवल बड़ी घोषणाओं से चुनाव जीता जा सकता है? स्वयं नीतीश कुमार ने जनता के लिए बड़े काम किए हैं। क्या ये घोषणाएं उनके कार्यों से ऊपर उठकर जनता को तेजस्वी यादव के लिए वोट करने के लिए प्रेरित कर सकती हैं? समय देखना होगा।
तेजस्वी यादव ने बिहार में अपनी पार्टी की सरकार बनाने के लिए चुनौती देने के साथ-साथ जनता को आकर्षित करने के लिए कई घोषणाएं की हैं। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण वादों पर आज हम चर्चा करेंगे।
पंचायत स्तरीय जनप्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाना:
तेजस्वी यादव ने घोषणा की है कि अगर महागठबंधन की सरकार बनती है, तो पंचायत स्तरीय जनप्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ा दिया जाएगा। यह वादा उन्होंने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया था। इससे पहले, नीतीश कुमार की सरकार ने इसे स्थापित करने की कोशिश की थी, लेकिन उसमें असफलता हुई।
नाई, धोबी और बढ़ई जैसे वर्गों को कर्ज मिलने का वादा:
तेजस्वी यादव ने यह भी घोषणा की है कि वह नाई, धोबी और बढ़ई जैसे वर्गों को कर्ज उपलब्ध कराने के लिए काम करेंगे। इससे पहले, उन्होंने यह वादा भी किया था कि हर घर में एक सरकारी नौकरी होगी। अब यह देखना रोमांचक है कि ये वादे सच होंगे या नहीं।
चुनाव जीतने को बेकरार तेजस्वी यादव क्यों?
तेजस्वी यादव ने कई घोषणाएं की हैं, लेकिन यह सवाल उठता है कि क्या केवल बड़ी घोषणाओं से चुनाव जीता जा सकता है? स्वयं नीतीश कुमार ने जनता के लिए बड़े काम किए हैं। क्या ये घोषणाएं उनके कार्यों से ऊपर उठकर जनता को तेजस्वी यादव के लिए वोट करने के लिए प्रेरित कर सकती हैं? समय देखना होगा।