राहुल जी के खिलाफ ये मुकदमा तो सिर्फ एक बड़ा प्रचार है, चुनाव आयोग का दिमाग भी ठीक है ना?
वहीं अजित पवार जी अपने बयान से दिख रहे हैं कि वे राहुल जी को अपने पूरे जीवन में बुराई का शिकार हुआ है। लेकिन, चुनाव आयोग तो पहले सबकुछ स्थिर करने की कोशिश करेगा, फिर खुद तो तय कर देगा कि राहुल जी को क्यों मुकदमा चलाया जाए।
और वहीं पवार जी का यह बयान लोगों को पहले से ही मानसिक रूप से परेशान कर देगा, राहुल जी ने अपने बयान से तो कुछ नहीं कहा है, बस एक बयान थोड़ा और गंभीर बनाया गया।
किसी को भी ऐसा लगता है कि पवार जी के खिलाफ जांच होगी, लेकिन अभी तक वह तय नहीं हुआ, क्यों?