महाराष्ट्र के एक युवती डॉक्टर ने आत्महत्या कर दिखाई है। उनका शव हाल ही में एक होटल में फांसी से लटका मिला था। महिला डॉक्टर के परिवार ने बताया है कि उन्होंने कई बार पुलिस अधिकारियों से शिकायत की थी, क्योंकि उन्हें गलत तरीके से आरोपित किया गया था। डॉक्टर ने अपने पत्र में बताया था कि वह पुलिस अधिकारी गोपाल बदाने पर यौन शोषण और इंजीनियर प्रशांत बानकर पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हैं।
मामले की जांच में अब एसआईटी ने भाग लिया है। डॉक्टर के परिवार ने कहा है कि उनकी बहन के पुराने आरोपों की भी फिर से जांच होनी चाहिए। पुलिस अधिकारियों ने बताया है कि डॉक्टर और बानकर के बीच मैसेज का आदान-प्रदान हुआ था।
इस मामले में अब आरोपी प्रशांत बानकर और उसके पिता पर मुकदमा चल रहा है। डॉक्टर के परिवार ने कहा है कि उनकी बहन को गलत तरीके से आरोपित किया गया था।
अरे दोस्त, यह तो बहुत दर्दनाक मामला है । जिस महिला डॉक्टर ने आत्महत्या कर ली है, उसकी कहानी सुनकर तो मन भी नहीं सकता। पुलिस अधिकारियों को यह पता चलना चाहिए कि गलत तरीके से आरोपित करने से बहुत परेशानियाँ और दुख होते हैं । जांच में एसआईटी ने भाग लेना अच्छी बात है , लेकिन यह तो बस एक पहलकदमी है। हमें पूरी तरह से न्याय की दिशा में चलने की जरूरत है । आंकड़े देखें, 2022 में भारत में आत्महत्याओं में 41% महिलाएं शामिल थीं , यह तो बहुत चिंताजनक है। और पुलिस अधिकारियों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे अपने कार्यों की सख्ती से जांच करें और न्याय दिलाएं ।
यह तो बहुत दुखद है... मैं भी कभी-कभी सोचता हूँ कि लोगों को ज्यादा सहन नहीं किया जा सकता है, और जब भी ऐसा लगता है तो हमें उठने की जरूरत है।
लेकिन यहां मैं एक सवाल दूंगा... अगर डॉक्टर ने कई बार पुलिस अधिकारियों से शिकायत की थी, तो क्या उन्हें कभी कोई समाधान नहीं मिला?
मेरा विचार है कि हमें अपनी आवाज़ उठानी चाहिए, लेकिन हमें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि हम सही तरीके से और सावधानी से खेलते हैं।
इस मामले में, एसआईटी ने भाग लिया है, जो अच्छी बात है। लेकिन हमें यह देखना चाहिए कि क्या पुलिस अधिकारियों और अन्य व्यक्तियों ने सही तरीके से आरोप लगाया गया था।
ये तो बहुत दुखद मामला है... महिला डॉक्टर की आत्महत्या के पीछे की वजहें बहुत गहरी और दर्दनाक हैं। पुलिस अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी उन्हें आरोपित किया गया... यह तो बहुत ही दयनीय है। डॉक्टर ने अपने पत्र में यौन शोषण और मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया था, लेकिन अभी तक कोई अच्छा परिणाम नहीं मिला है।
एसआईटी की जांच में अब फिर से कुछ नया निकल सकता है... यह तो एक बड़ा कदम होगा। डॉक्टर के परिवार की बात सुनना भी जरूरी है, उन्हें justice मिले। प्रशांत बानकर और उसके पिता पर मुकदमा चल रहा है... लेकिन यह तो अभी तक बहुत कम नहीं है। हमें उम्मीद रखनी चाहिए कि न्याय होगा।
क्या तो यह देश में तो पुलिस अधिकारी अपनी निजी जिंदगी को भी डॉक्टरों के खिलाफ शिकायत करने का मौका देते हैं । लेकिन फिर से एक महिला डॉक्टर आत्महत्या कर बैठती है और पुलिस बताती है कि उनके खिलाफ वास्तव में कुछ गलत नहीं था। यह तो देश में तो न्याय का सिद्धांत कैसे चलेगा?
अरे यह तो बहुत दुखद खबर है । जैसे ही मुझे पता चला तो मैंने तुरंत इस पर चर्चा करनी शुरू कर दी। यह सचमुच एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। लेकिन मैं यह कह सकता हूं कि डॉक्टर के परिवार ने बिल्कुल सही किया है - वे अपनी बहन को बर्दाश्त नहीं कर सकते। इसके अलावा, पुलिस अधिकारियों से उनकी शिकायतें जैसे ही सुननी गईं, तो उन्हें एक मौका देना चाहिए था। लेकिन लगता है कि उनकी आवाज़ नहीं सुनी गई। यहाँ पर आरोपी इंजीनियर प्रशांत बानकर और उसके पिता पर मुकदमा चल रहा है। मुझे लगता है कि इस मामले में न्याय की दिशा में कोई भी बदलाव होना चाहिए।
जानने के लिए तैयार हूँ। यह मामला कितना गंभीर लग रहा है। डॉक्टर के परिवार ने आरोप लगाया है कि उनकी बहन को गलत तरीके से आरोपित किया गया था, लेकिन पुलिस अधिकारियों ने बताया है कि डॉक्टर और इंजीनियर बानकर के बीच मैसेज का आदान-प्रदान हुआ था। तो यह मामला कितना स्पष्ट है?
अरे दोस्त, यह तो बहुत गंभीर मामला है । जैसे जैसे पुलिस और एसआईटी की जांच आगे बढ़ रही है, वहीं डॉक्टर के परिवार की भी ताकतें मजबूत हो रही हैं। लेकिन यह सोच लेना जरूरी है कि युवती डॉक्टर ने शायद अपने अधिकारों की बात नहीं कर पाई थी। और यह आरोप लगाना कि वे गलत तरीके से आरोपित हुईं, तो इसमें हमें खुद को भी सोचना होगा।