13 कार्टून्स में बिहार चुनाव के नतीजे: महिलाओं के वोट से NDA की ताजपोशी; पीके लुढ़के तो राहुल ने लगाई डुबकी, EVM पर फूटा गुस्सा

बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को पीछे धकेलकर नडीए ने पूर्ण बहुमत वाली मजबूत सरकार बना ली है। इसकी जानकारी हम आपको देते हैं अपने कार्टूनिस्ट मंसूर नकवी से।

महिलाओं का ताज
नडीए की ताजपोशी के पीछे महिलाओं का खासा योगदान रहा। महिलाएं इस चुनाव में अपनी सक्रियता को दिखाते हुए वोट डाल रहीं थीं। उनके समर्थन से नडीए की ताजपोशी हुई। इसका मतलब यह भी है कि महिलाएं राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

EVM पर गुस्सा
इस चुनाव में, कई जगहों पर ईवीएम पर गुस्सा फूटा। इसने सभी को हैरान कर दिया, खासकर तब जब वोट गिनती होने लगी। यह साबित होता है कि लोगों को यह नहीं पता था कि उनकी जीत कैसे घोषित की जाएगी।

महागठबंधन की निराशा
नडीए की ताजपोशी पर महागठबंधन निराश हो गया। उनके लिए यह एक बड़ा झटका था, खासकर जब वे उम्मीद कर रहे थे कि वे इस चुनाव में जीत गएंगे।

पीके की भविष्यवाणी फेल
इस चुनाव में, पीके ने कहा था कि NDA संभवतः जीतेगी। लेकिन पूरे देश में बैठ कर वोट डालने से उन्होंने नहीं समझा कि पूरा देश उनकी इस भविष्यवाणी से सहमत नहीं है।

महिलाओं का समर्थन
यह चुनाव महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है। वो अपने मत का उपयोग करके अपने अधिकारों को मजबूत कर रही थीं।

सियासी तूफान में सब बहा
इस चुनाव में, सियासी नेताओं ने अपने-अपने हितों के लिए एक-दूसरे पर हमला किया। इससे नतीजा में कोई फायदा नहीं हुआ, बल्कि पूरा देश सियासी तूफान में फंस गया।

राजद का अंधेरा
राजद को इस चुनाव में कोई जगह नहीं मिली। लेकिन उनके नेता की भाषणों में एक अजीब सी गहराई थी, जिसने पूरा देश हैरान कर दिया।

चिराग की चमक
इस चुनाव में, चिराग पासवान ने अपने समर्थन को मजबूत किया। उनकी राजनीति में एक नया आयाम दिखाई दिया, जिससे पूरा देश हैरान रहा।

राजद विधायकों के बीच उलझन
इस चुनाव में, राजद विधायकों के बीच संघर्ष हुआ। इससे उनकी सरकार को कमजोरी मिली, जिससे उन्हें अपना एक नया मौका मिला।

चुनावी नतीजों से विपक्षी खेमे का हाल
विपक्षी दलों ने इस चुनाव में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। उनकी हार को लेकर वे सभी निराश और उदास महसूस कर रहे थे।

हाथी की चूहे वाली चाल
इस चुनाव में, NDA ने एक बड़ा झटका दिया, जिससे पूरा देश हैरान रहा। इससे यह भी साबित होता है कि राजनीतिक दलों को अपने समर्थकों को जानने और उनकी जरूरतों को समझने पर ध्यान देना चाहिए।
 
नडीए की जीत ने पूरे देश को हैरान कर दिया 🤯। लोगों को यह नहीं पता था कि उनकी जीत कैसे घोषित की जाएगी, ईवीएम पर गुस्सा फूट गया। और अब महागठबंधन निराश हो गया, उनके लिए यह एक बड़ा झटका था। पीके की भविष्यवाणी फेल हुई, जैसे ही वोट डालने से उन्होंने नहीं समझा कि पूरा देश उनकी इस भविष्यवाणी से सहमत नहीं है। 🤔
 
बिहार में नडीए की ताजपोशी से पहले मैंने महसूस किया था कि लोगों में एक अजीब सी उत्साह है। वो सभी उम्मीद कर रहे थे कि उनका चुनाव में जीत जाएंगे, लेकिन पूरे देश में बैठकर वोट डालने ने उन्हें आश्वासन नहीं दिया। यह चुनाव महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है, और उनका समर्थन नडीए की ताजपोशी में बहुत महत्वपूर्ण रहा।
 
बिहार विधानसभा चुनाव में नडीए ने पूर्ण बहुमत वाली मजबूत सरकार बना ली, लेकिन इसकी जीत के पीछे कुछ सवाल हैं। क्या महिलाओं का समर्थन सिर्फ ताज था या फिर उनका वास्तविक योगदान रहा? और क्या हम ईवीएम पर गुस्सा फूटने को स्वीकार कर सकते हैं जिसने लोगों की जीत कैसे घोषित की?

और तो बात, पीके ने कहा था कि NDA संभवतः जीतेगी, लेकिन वास्तविकता में क्या हुआ? यह चुनाव महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है, लेकिन इसकी जीत के पीछे कुछ सवाल हैं।

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अरे, मुझे लगता है कि यह चुनाव बहुत ही रोमांचक रहेगा, लेकिन मुझे लगता है कि ईवीएम से जुड़ी समस्याएं हमेशा के लिए चली नहीं गईंगी। हमें अपने मतों की गिनती में सुधार करना चाहिए, ताकि हम अपने देश के भविष्य को सही दिशा में ले सकें।
 
तो फिर ये ताज महल वास्तव में भारतीय महिलाओं की शक्ति का प्रतीक नहीं है? क्या हमने वास्तव में महिलाओं की भूमिका को समझ लिया है? और ईवीएम पर इतना गुस्सा कैसे फूटा, क्या यह तो लोगों की ईमानदारी की बात है? और पीके ने ऐसी गलत भविष्यवाणी कैसे की?
 
बोलो यार, यह तो बहुत ही दिलचस्प चुनाव साबित हुआ। लेकिन मैंने भी ये कहा था कि नडीए की जीत से राजद और महागठबंधन को सबक मिलना होगा। यह तो एक बड़ा झटका है, लेकिन हमें अपने समर्थन को मजबूत बनाना होगा, खासकर महिलाओं को। उनका वोट डालना एक बहुत ही सकारात्मक कदम साबित हुआ।
 
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