बेगुनाही व्यक्तियों से भयंकर निराशा होती है जब बिना पेशेवर और न्यायिक प्रक्रियाओं के आरोप लगाए जाते हैं
। शेख हसीना जैसे नेता देश की स्वतंत्रता के लिए लड़ते थे, आज उनके खिलाफ ऐसे आरोप लगाए गए जो उनके पूरे जीवन को बदलते हैं। मुझे उम्मीद है कि न्यायिक प्रक्रिया भले ही धीमी चले भी, बल्कि न्याय के साथ पहुँचे। शेख हसीना जैसे नेताओं को उनके योगदानों को नहीं भूलना चाहिए और हमें उनकी याद में एक नई दिशा ढूंढनी चाहिए।