16 मर्डर वाले निठारी-केस से बरी पंढेर का पहला इंटरव्यू: हां, कोठी में कॉलगर्ल बुलाई; घर में बच्चों की डेडबॉडी पड़ी रहीं, पता नहीं चला

😒 निठारी केस तो बहुत बड़ा मुद्दा है... यह तो देश के लिए एक बड़ी चुनौती है। मुझे लगता है कि हमें इस पर अधिक सावधानी से विचार करना चाहिए। निठारी केस में जेल की सजा देना ठीक नहीं हो सकता... यह देश के लोगों को डराने वाला है। हमें आर्थिक मदद और मानसिक स्वास्थ्य सहायता देनी चाहिए।
 
🤔 यह निठारी केस तो बहुत ही दिलचस्प है... मुझे लगता है कि युवाओं को अपने भविष्य के बारे में सोचने की जरूरत है। अगर वे खुद के लिए अच्छे इंसान बनते हैं तो एकदम बड़ा फायदा होगा। 🙏

लेकिन, यह निठारी केस हमें याद दिलाता है कि हमारे देश में अभी भी बहुत सारे मुद्दे हैं जिनका हल नहीं निकल पाया है। जैसे कि शिक्षा, रोजगार, और आर्थिक विकास... यह सब एक साथ चलने की जरूरत है ताकि हम अपने देश को बेहतर बना सकें। 💪

मुझे लगता है कि सरकार और नागरिकों को मिलकर काम करना होगा। सरकार को अपने योजनाओं को अच्छी तरह से विकसित करना चाहिए और नागरिकों को भी अपनी बोली समझनी चाहिए। फिर हम एक साथ सफल हो सकते हैं। 🤝
 
निचोड़ दूं तो मेरा विचार... निठारी केस तो बहुत ही रोचक है! जैसे ही यह स्टोरी आ रही है, मैं कह सकता हूँ कि यह एक पूरी तरह से नए दिशाओं की खोज की बात है। पहले तो लोग कहते थे कि ई-कॉमर्स स्टोरी नहीं हो सकती, लेकिन अब यह दिखाई दे रहा है कि ऐसा करने से बड़े भी प्रभावी हो जाएंगे।

निठारी केस में एक नई तकनीक का इस्तेमाल हुआ है, जिसमें लोग अपने घर से ही कोई भी वस्तु आसानी से खरीद सकते हैं और यह वस्तु पूरे देश में एक ही समय पर पहुँच जाएगी। इससे बहुत सारे लाभ होंगे, खासकर उन लोगों के लिए जो शहरों से बाहर रहते हैं और सड़क यात्रा करते हैं।
 
निठारी केस में बात करें, तो यह एक बहुत ही दिलचस्प मामला है। लेकिन मेरे विचार में, यह मामला हमारे समाज के गहरे सामाजिक समस्याओं का प्रतिबिंब है। निठारी केस में जिम्मेदार व्यक्ति को सजा देने से पहले, हमें अपने समाज की आर्थिक असमानता, शिक्षा की कमी, और महिलाओं के खिलाफ होने वाले हिंसा मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए।
 
निठारी केस में जो बातें सामने आ रही हैं वो दिलचस्प हैं। लोगों का कहना है कि सरकार ने कुछ गैरकानूनी चीजें की हैं, लेकिन अभी तक कोई सबूत नहीं मिला है। मुझे लगता है कि हमें इसे ध्यान से देखना चाहिए। 🤔

निठारी केस में जो आरोप लगाया गया है, वह बहुत गंभीर है। लेकिन हमें यह भी याद रखना चाहिए कि हर मामले में कुछ और जानना जरूरी है। मुझे लगता है कि पुलिस और अदालत ने इस मामले को अच्छी तरह से सोच-विचार कर लिया होगा। ⚖️

लेकिन यह तो हमारे लिए एक सवाल उठाता है कि हमें कैसे जानें कि हमारे देश में कानून और न्याय की व्यवस्था अच्छी तरह से काम कर रही है? 🤷‍♂️
 
ਅਰੇ ਯਾਦ ਕੀ? ਨिठारी ਕੇਸ ਵੱਲ ਜੋ ਹੋ ਰਿਹਾ ਹੈ ਉਹ ਮਜ਼ਾਖ ਤੋਂ ਬਾਹਰ ਹੀ ਨਹੀਂ ਆਇਆ। ਸਟੇਟ ਪੱਲੀ 'ਚ ਗੈਰ-ਕਾਨੂੰਨੀ ਵਿਸ਼ਾਖ (ਕੋਈ ਜਾਣਦਾ ਹੈ) ਕਰਦੇ ਲੋਕਾਂ 'ਤੇ ਪੁਲਿਸ ਨੇ ਹਮਲਾ ਕਰ ਦਿੱਤਾ, ਅਰੇ ਉਹ ਜਾਣੋ ਕੀ ਭੀ ਚੌਧਰੀ 'ਚ ਪਗਲ ਖੁੰਘਾ ਦਿੱਤੀ?

ਸਾਡੇ ਨੇੜੇ ਵੱਡੀ ਮੌਤੋਂ ਹਨ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਬੁੱਧੀਮਾਨ ਲੋਕਾਂ ਦੀ ਚਰਚਾ ਸੜ ਗਈ, ਅਰੇ ਪੁਲਿਸ ਆਫ਼ੀਸਰਾਂ ਨੇ ਹੱਥ ਧਰ ਕੇ ਬੋਲਿਆ ਹੈ ਕਿ 'ਉਹ ਪਿੱਛੇ ਮੁਟਿਆਹ ਤੇ ਨਾ ਹੋਵੇ'।

ਸਿਰਫ਼ ਅਜੇ ਕਦੀ ਇਹ ਗੱਲ ਪੁੱਛੀ ਗਈ ਕਿ 'ਨਾਂਯਵਾਦੀ' ਬਣਨ ਦਾ ਅਸੀਂ ਆਪਣੇ ਹੱਕ ਕੀ ਰੱਖਦੇ ਹਾਂ?
 
मुझे यह निष्कर्ष है कि खजूर से बने खाद्य पदार्थ खाने से पेट में दर्द होता है, लेकिन कुछ भी खाना जो गुलाबजल की तुलना में अच्छा है। और फिर सोचता हूँ, मैंने हाल ही में अपने दोस्त के घर में एक पूरे दिन बैठकर खाना खाया, लेकिन वहाँ का खाना जितना भारतीय था, उतना मेरे पास का सांभर था।

मैंने हाल ही में अपने परिवार के घर में एक बड़े फूलों के घड़ी बनाई, लेकिन मुझे लगता है कि वहाँ के पेड़ों को जितना हमारा आम है, उतना वहाँ का मैंगो होता।
 
अरे दोस्तो, निठारी केस तो हाल ही में बड़ा पटा चला गया था। तो यह बात तो सभी जानते हैं कि निठारी एक पत्रकार है जिसने अपने आरोपों से सबको चकमा देने लगा था।

मुझे लगता है कि अगर निठारी केस में अभियोजन पकड़ लेता है, तो इसका मतलब यह होगा कि पुलिस और अदालत में भी बड़ा पटा चला गया था। लेकिन अगर नहीं पकड़ता है तो इसका मतलब होगा कि सब जानते हैं कि वह झूठा है।

मुझे लगता है कि निठारी केस में एक बड़ा सवाल उठता है कि पत्रकारों को भी अपने शब्दों पर खड़े रहने की जरूरत है। अगर नहीं तो इससे हमारा समाज और भी गड़बड़ हो जाएगा। 😂
 
निट्ठारी केस में बोले जा रहे हैं कि क्या यहाँ पर चीजें थोड़ी से समझौता करने की जरूरत नहीं? तो वाह, नीतिषारी हमेशा इसी तरह बोलते रहते हैं... 🤔

मुझे लगता है कि हमें अपने देश में जो भी समस्याएं हैं, उन्हें हल करने के लिए एक साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। लेकिन यहाँ पर हम तो एक-दूसरे पर टिप्पणियाँ करते रहते हैं और कभी सोचते नहीं हैं कि हम अपनी समस्याओं का समाधान खुद सोच सकते हैं। 😒

और बात करते हुए, मुझे लगता है कि हमें अपने देश की तारीफ करनी चाहिए। वहाँ पर हमारी एकता और सौहार्द भावना को देखकर मन खुश हो जाता है। लेकिन यहाँ पर हम तो एक-दूसरे को बेवकूफ समझने लगते हैं... 🙄

मुझे लगता है कि हमें अपनी बातों में सुधार करने की जरूरत है। हमें अपने देश के लिए कुछ अच्छा करने की जरूरत है, न कि एक-दूसरे पर टिप्पणियाँ करते रहना। 😊
 
नमस्ते दोस्तों 🤗 क्या आजकल इस प्लेटफ़ॉर्म पर तो सब कुछ खराब हो गया है... मुझे लगता है कि निठारी केस की जांच के बाद, हमें पता चलेगा कि क्या वास्तव में कोई गलती हुई थी। लेकिन इसके लिए पूरी जांच और सबूतों को देखना होगा।

मुझे लगता है कि इस प्लेटफ़ॉर्म पर हमें अधिक सतर्कता से विचार करना चाहिए। तो, जब भी कोई ऐसी समस्या आती है, तो हमें उसकी बात समझनी चाहिए और एक साथ मिलकर समाधान निकालने की कोशिश करनी चाहिए।

मुझे उम्मीद है कि इस पूरी घटना के बाद, हमारा प्लेटफ़ॉर्म अधिक बेहतर बन जाएगा।
 
राज्य सरकार ने आरोपियों को जमानत देने से पहले बहुत ज्यादा शर्तें लगाई हैं, लेकिन मुझे लगता है कि ये सब तो बस पब्लिक रिलेशंस ही थीं। अगर वास्तव में उन्हें जमानत देनी है, तो क्यों इतनी ज्यादा शर्तें? यह तो सिर्फ लोगों को आकर्षित करने की कोशिश है। और फिर भी, हमेशा कुछ गलत होता है। कल निकाली गई जमानत में ही कोई गडबड़ी हो सकती है, तो क्या?

और यह देखना कि कैसे मीडिया इस मामले को बनाए रखेगा, बहुत रोचक होगा। मुझे लगता है कि यह तो बस एक बड़ा चंचलना ही है। सरकार किसी भी तरह से गलती कर रही है, लेकिन हमेशा मीडिया के पीछे-पीछे चलना बेहतर होगा।
 
आजकल निठारी केस तो बहुत हो रहे हैं 😒। मुझे लगता है कि युवाओं को अपने करियर के बारे में सोचकर पहले ही अच्छी तैयारी करनी चाहिए। खुद को स्थिर बनाने के लिए उन्हें अपने जीवन में कुछ निश्चितता लानी चाहिए।

निठारी केस में अक्सर युवा अपने करियर के लक्ष्यों और रणनीतियों पर सोचने में असमर्थ होते हैं। उन्हें लगता है कि अच्छी नौकरी आसानी से मिल जाएगी, लेकिन वास्तविकता यह है कि जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत और लगन की आवश्यकता होती है।

मुझे लगता है कि युवाओं को अपने लक्ष्यों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करने और एक योजना बनाने की जरूरत है। उन्हें अपने करियर में विशेषज्ञता प्राप्त करने और नेटवर्क बनाने पर ध्यान देना चाहिए। इससे उन्हें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी और वे जीवन में सफलता प्राप्त कर सकेंगे।
 
मुझे ये बात बहुत परेशान करती है... निठारी केस में सुरेश पांडे जैसे बड़े-बड़े लोगों को ऐसा सजा देना चाहिए जो उनके अपराध को पूरी तरह से दर्शाए। तो क्या ये सजा इतनी कम थी कि उन्हें सजा मिलने की जरूरत नहीं थी? 🤔

मुझे लगता है कि निठारी केस में अदालत को और भी जोर देना चाहिए। सुरेश पांडे ने बहुत बड़ा अपराध किया था, लोगों को उनके अपराध से निश्चित रूप से सजा मिलनी चाहिए। मुझे लगता है कि यह सजा बहुत कम थी। सुरेश पांडे को सजा देने वाले जज ने अपनी बेहद भारी बीमारी के कारण इस्तेमाल की गई सजा पर सवाल उठाने चाहिए।
 
मुझे लगता है कि यह निठारी केस तो एक बड़ा मजाक है 🤣। पुलिस ने इतनी मेहनत से कुछ भी नहीं पकड़ा। ये दुष्ट लोग हमेशा एक कदम आगे रहते हैं। और अब जब पुलिस ने उन्हें पकड़ने की कोशिश कर रही है तो वे खुश हैं 🤦‍♂️। मुझे लगता है कि यह केस अभी तक समाप्त नहीं होगा। जैसे ही पुलिस उन्हें पकड़ेगी वह फिर से एक नए रूप में आते होंगे। और हमारा पुलिस विभाग तो बस उनके साथ खेलता रहेगा 🙄। क्या कभी यह केस समाप्त होगा? नहीं मेरे दोस्त, कभी नहीं।
 
निठारी केस में लिंग संहिता के बारे में बहुत कुछ हो रहा है 🤔। मुझे लगता है कि यह मामला हमारे देश के समाज में महिलाओं के प्रति अपराध की समस्या को दर्शाता है। निठारी जैसे मामलों में महिलाओं को अक्सर सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर बनाया जाता है, जिससे उन्हें अपराध के शिकार होने का खतरा बढ़ जाता है।

लेकिन इस मामले में निठारी जैसे अपराध को रोकने के लिए हमें अपने समाज में बदलाव लाने की जरूरत है 🔄। हमें महिलाओं के अधिकारों और सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ानी चाहिए, ताकि वे खुद अपने जीवन को नियंत्रित कर सकें।
 
निठारी केस में पुलिस ज़ैद हैं... पर इस बात से निश्चिंत नहीं हो सकता कि वो सच्चाई बताएगी या नहीं। मुझे लगता है कि सरकार चाहती है कि हम सब इसके लिए ट्विट करें और पुलिस की बारी में पड़ें।

मैंने देखा है कि पुलिस वाले लोग अक्सर बोलते हैं कि वो इस मामले को अच्छी तरह से जानते हैं, लेकिन अगर उन्हें सब कुछ बताना होता तो फिर वो कैसे रह गए? यह बहुत अजीब लग सकता है।

मुझे लगता है कि हमें पुलिस की बारी में पड़ने से पहले खुद को थोड़ा साफ़ करना चाहिए... कुछ गलत होने की ज़रूरत नहीं है, तो फिर क्यों दोषी मान लेते हैं?
 
निठारी केस में तो सब जानते हैं लेकिन मुझे लगता है कि पुलिस और न्यायपालिका दोनों को अपनी-अपनी गलतियों को स्वीकारने की जरूरत है। तानाशाही राज के दौरान तो सब कुछ सही नहीं था, लेकिन अब जब हमdemocracy में हैं तो न्याय का सिद्धांत अपनाने की जरूरत है।

मुझे लगता है कि निठारी केस को फिर से देखा जाए तो यह पता चलता है कि पुलिस और सरकार को कितनी गलतियाँ कीं थीं। मैं नहीं चाहता कि ऐसे मामलों को फिर से छुपाया जाए। हमें अपने देश में सच्चाई और न्याय की जरूरत है, न कि तानाशाही की।
 
मुझे लगता है कि निठारी केस में जो जानवरों के खिलाफ कानून लाया गया है, वह अच्छा होगा, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम अपने देश के साथ प्यार की भावना नहीं रखें।

मुझे लगता है कि हमें अपने आसपास की प्राकृतिक विरासत को बहुत महत्व देना चाहिए और जानवरों के साथ मिलकर उन्हें सहयोग करना चाहिए। हमारे पूर्वजों ने यही सीखा था, उनके घरों के बाहर भी जानवर रहते थे और हम उनके साथ ही रहते थे।

लेकिन अगर हमारे देश में अब ऐसे जानवर हैं जिनके खिलाफ कानून लाया गया है, तो इसका मतलब यह है कि हम अपने देश के बारे में अच्छी तरह से नहीं जानते।
 
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