Adani: एलआईसी नहीं, अमेरिकी बीमा कंपनियों ने अदाणी समूह की कंपनियों में किया है भारी निवेश, आंकड़ों से खुलासा

एलआईसी ने अदाणी समूह की कंपनियों में 5,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है, लेकिन अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने यह दावा किया है कि सरकारी अधिकारियों ने एलआईसी के निवेश को प्रभावित किया। लेकिन एलआईसी ने बयान जारी कर वॉशिंगटन पोस्ट में किए गए दावे को फर्जी, आधारहीन और सच्चाई से परे बताया है।

एथेन इंश्योरेंस ने अदाणी के मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे में 75 करोड़ डॉलर का निवेश किया है, जो कि 6,650 करोड़ रुपये है। लेकिन एलआईसी ने बताया कि अदाणी समूह की कंपनियों में निवेश का फैसला स्वतंत्र तौर पर लिया गया और बोर्ड की नीतियों के तहत ही इसकी मंजूरी दी थी।

अदाणी समूह में एलआईसी का निवेश समूह के कुल 2.6 लाख रुपये के कर्ज के दो प्रतिशत से भी कम है। इसके अलावा, अदाणी समूह एलआईसी की सबसे बड़ी होल्डिंग नहीं है, बल्कि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, आईटीसी और टाटा समूह हैं।

एलआईसी ने बताया कि उसके पास अदाणी के चार प्रतिशत (60,000 करोड़ रुपये मूल्य के) शेयर हैं, जबकि रिलायंस में 6.94 प्रतिशत (1.33 लाख करोड़ रुपये), आईटीसी लिमिटेड में 15.86 प्रतिशत (82,800 करोड़ रुपये), एचडीएफसी बैंक में 4.89 प्रतिशत (64,725 करोड़ रुपये) और एसबीआई में 9.59 प्रतिशत (79,361 करोड़ रुपये) शेयर हैं।
 
मुझे लगता है कि ये दावा लगातार साबित नहीं होगा, लेकिन यह भी संभव है कि अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने अपने राजनीतिक हितों को देखते हुए इस मुद्दे पर ध्यान केंद्रित किया हो। एलआईसी ने बहुत अच्छी तरह से अपनी स्थिति को साबित करने का प्रयास किया है, लेकिन यह भी देखना कठिन है कि क्या वास्तव में उनके पास जानकारी है या नहीं।
 
अदाणी समूह का निवेश एलआईसी में क्या वास्ता? 🤔

मुझे लगता है कि यह सब सरकार को पैसे देने का तरीका है। लेकिन सच्चाई तो यह है कि अदाणी समूह ने अपनी कंपनियों में स्वतंत्र तौर पर निवेश किया और बोर्ड की नीतियों के तहत ही एलआईसी की मंजूरी दी।

मेरा विचार है कि हमें अदाणी समूह की कंपनियों में निवेश करने से पहले उनकी पास क्या है, इसके बारे में अच्छी तरह से जानना चाहिए। और सरकार को भी अपने नियमों को अच्छे से तैयार करना चाहिए, ताकि यह सब समझ में आए।

मुझे लगता है कि यह एक अच्छा विचार है - एलआईसी और अदाणी समूह के बीच निवेश। 🤝

स्रोत: https://www.bbc.com/हिंदी/न्यूज़/10887697
 
मुझे लोगों को यह नहीं पता तो चलेगा कि एलआईसी ने अदाणी समूह में इतना पैसा सुरक्षित कर दिया है। क्या जानना चाहते हैं कि वे कहाँ गलती कर रहे हैं? 🤔

मुझे लगता है कि जब तक सरकार अधिकारियों को अपनी निजता और गोपनीयता देते हैं, तब तक हमें उनकी बात मानने की जरूरत नहीं है। क्या ये सब सच्चाई है? यह जानने के लिए कि हमें विश्वास करना चाहिए या नहीं। 🤷‍♂️

मैंने भी देखा है कि अदाणी समूह को कई कंपनियों में निवेश किया गया है, जैसे एथेन इंश्योरेंस। लेकिन सब कुछ साफ-सफाई से नहीं चलता। मुझे लगता है कि हमें बाकी चीजों पर ध्यान देना चाहिए, न कि केवल अदाणी समूह पर।
 
मुझे लगता है कि एलआईसी ने बहुत भारी बोलती हो दिखाई है। ये सब कहीं तो सरकार की पकड़ी में फंस गया होगा। 6,650 करोड़ रुपये का निवेश तो बस एक छोटे से पलाता है, लेकिन अदाणी समूह को इतनी ब्रांड फ्यूचर और प्रतिष्ठा मिलती है। यह तो बाजार की गद्दारी है कि एलआईसी ने ऐसे सौदे पर भरोसा कर दिया। और सरकारी अधिकारियों ने इतना दबाव डाला होगा कि एलआईसी स्वतंत्र तौर पर इस तरह का निवेश नहीं कर पायी।

लेकिन मुझे लगता है कि एलआईसी को अपने दम पर चलने का फायदा भी है। यह सब झूठे बयानों और सरकारी दबाव के बाद खुलासा करता है, लेकिन वास्तविकता को उजागर कर देता है।
 
भाई, तो यह दावा वॉशिंगटन पोस्ट से आया है, कि सरकारी अधिकारियों ने एलआईसी के इस निवेश में बाधा डाली है। लेकिन मुझे लगता है कि यह तो बस एक दावा है, और एलआईसी ने इसका जवाब देने में बहुत प्यार से किया है।

मैं कहूंगा, भाई, अगर एलआईसी ने इस निवेश को स्वतंत्र तौर पर लिया था, तो फिर यह सरकारी अधिकारियों पर कैसे बाधा डाला होगा? और एलआईसी ने बताया है कि अदाणी समूह में इसका निवेश वास्तव में बहुत कम है, इसलिए यह दावा बस एक झूठ है।

मुझे लगता है कि इस मामले में सच्चाई खोजने के लिए जांच करनी चाहिए, और कौन सी पक्षपातपूर्ण जानकारी वॉशिंगटन पोस्ट पर आधारित है। 🤔
 
मुझे लगता है कि सरकारी अधिकारियों ने एलआईसी से धन देने का तरीका नहीं बदला, बस उनके दावे को बदल दिया है। अब वे तो यह कह रहे हैं कि एलआईसी ने अदाणी समूह में निवेश किया तो उसके लिए अपने खातों से धन निकाल कर दिया होगा। लेकिन अगर ऐसा होता तो फिर सरकार को कहीं अपना पैसा नहीं पता होता, ना? 🤔
 
मेरा विचार है कि यह दावा वॉशिंगटन पोस्ट ने लगाया है, सरकारी अधिकारियों ने एलआईसी के निवेश को प्रभावित किया, तो बहुत ही शक्तिशाली हो गया। लेकिन मुझे लगता है कि यह दावा सच नहीं है। अगर सच होता तो क्यों एलआईसी ऐसी बड़ी गलती करेगी? और अदाणी समूह के चार प्रतिशत शेयर रखने के बाद भी, एलआईसी ने कहा कि उसका निवेश स्वतंत्र रूप से लिया गया है।
 
मुझे लगता है कि दोनों पक्ष अपनी बात कह रहे हैं लेकिन सच्चाई क्या है? एलआईसी ने अदाणी समूह में इतना पैसा कैसे लगाया? और वॉशिंगटन पोस्ट ने यह कैसे बताया? मुझे लगता है कि बहुत सारी बातें जुड़ी हुई हैं लेकिन सच्चाई तो पता नहीं चलता। क्या हमें समझने की जरूरत है कि एलआईसी ने अदाणी समूह में इतना पैसा लगाया? 🤔
 
मुझे लगता है कि यह सब एक बड़ा मंच हो रहा है। एलआईसी ने अदाणी समूह के साथ 5,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है, लेकिन फिर अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने सरकारी अधिकारियों को आरोप लगाया है। लेकिन मुझे लगता है कि यह सब एक बड़ा झगड़ा हो रहा है। अदाणी समूह ने कहा है कि निवेश का फैसला स्वतंत्र तौर पर लिया गया था और बोर्ड की नीतियों के तहत ही मंजूरी दी गई थी।

मुझे लगता है कि हमें अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त करनी चाहिए ताकि हम इसकी सच्चाई जान सकें। लेकिन ऐसा लगता है कि सबकुछ एक बड़े मंच पर हो रहा है, जहां हर कोई अपने फायदे के लिए बोलता है। मुझे लगता है कि हमें ध्यान से सुनना चाहिए और सच्चाई की तलाश करनी चाहिए।
 
अदाणी समूह का यह निवेश वास्तव में बहुत अच्छा हो सकता है... लेकिन सरकार की देखभाल से तो यह कहाँ हुआ? 🤑👀 कोई भी बड़ा निवेश ऐसा होता है जहाँ सरकार को भागीदारी की जरूरत होती है, लेकिन ये कहने में तुम्हारी बात सही नहीं है... तुम्हारी बात सिर्फ वॉशिंगटन पोस्ट जैसे अमेरिकी अखबारों की हो सकती है जो हमेशा सरकार पर आरोप लगाना चाहते रहते हैं। 📰😏
 
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