आडवाणी की तारीफ करने पर विवादों में घिरे शशि थरूर, कांग्रेस पार्टी ने दिया झटका

कांग्रेस सांसद शशि थरूर के आडवाणी की तारीफ पर चर्चाएं सामने आई। उन्होंने कहा, “आधुनिक भारत की दिशा तय करने में उनकी भूमिका अमिट है।”
 
मुझे लगता है कि ये बातें थोड़ी अजीब लग रही हैं... आडवाणी जी की तारीफ करने से पहले उन्होंने मुख्यमंत्री बनने के बाद क्या अच्छाई कियी? और शशि जी को वह इतनी महत्वपूर्ण भूमिका मानकर क्या बात कर रहे हैं? लेकिन फिर भी, मुझे लगता है कि सांसदों को अपने साथियों की तारीफ करनी चाहिए, यही राजनीति का नियम है। और शायद वे दोनों ही अच्छे दोस्त होंगे।

कोई और बात, क्या हमें भारत की दिशा तय करने के लिए एक व्यक्ति को ही जिम्मेदार ठहराना चाहिए? मुझे लगता है कि यह एक टीम काम है, जहां सभी सदस्यों की बात सुननी चाहिए और फिर साथ में निर्णय लेना चाहिए।
 
अरे, यह बात तो सोच-समझकर कही जानी चाहिए। नाराज़गी किस प्रकार की? आडवाणी जी को देश के किसी भी समय में महत्वपूर्ण माना गया है, और अब शशि सांसद जी उनकी तारीफ कर रहे हैं। शायद वे अपनी पार्टी की नई योजनाओं से बहुत उत्साहित हैं और इसलिए उन्होंने ऐसी बात कही। लेकिन अगर हम देखें तो हमें लगता है कि आडवाणी जी ने भारतीय राजनीति में बहुत बड़ा योगदान दिया है, और उनकी भूमिका आज भी देश की दिशा में महत्वपूर्ण है।
 
😂🤦‍♂️ ये तो एक ही बात है, आडवाणी जी हमेशा से ही पुरानी चीजों को बढ़ावा देते हैं... 🚮💨 तारीफ करने वाले लोगों को पता नहीं चलता कि शशि जी ने उनकी तारीफ सुनकर मुस्कूरने की जरूरत नहीं... 😂👀
 
मुझे लगता है कि यह बहुत अजीब बात है कि लोग अभी भी गोडसे को अपने राष्ट्रपिता के रूप में याद करते हैं। आडवाणी ने कभी भारतीयों पर विभूति दिखाने से इनकार कर दिया, यह तो बिल्कुल गलत है। उनकी सरकार में इतने बड़े आर्थिक और सामाजिक बदलाव कैसे लाए गए? नहीं कुछ भी! 🤔

मुझे लगता है कि शशि थरूर जी ने सही कहा, लेकिन अभी भी बहुत से लोग उनकी सरकार को याद करते हैं और उन्हें अपना राष्ट्रपिता मानते हैं। यह एक अजीब बात है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि नेताओं को समय पर बदलना होगा, तभी हमारे देश में अच्छाई जीतेगी। 🙏
 
मेरा विचार है कि शशि थरूर जी ने आडवाणी जी की तारीफ करने से हमें अपने इतिहास और राजनीति के बारे में सोचने पर मजबूर किया है। आडवाणी जी की भूमिका को लेकर बहुत अधिक विवाद हुआ है, लेकिन मेरे दृष्टिकोण से उन्होंने राजनीति में एक नई दिशा बनाने की कोशिश की थी। उन्होंने अपने समय में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए, जिनके परिणामस्वरूप देश को आगे बढ़ने में मदद मिली। शशि थरूर जी ने उनकी भूमिका को सम्मानित करने से हमें उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में क्या महत्व दिया था, इस बारे में विचार करने पर मजबूर किया है।
 
जो शशि थरूर जी ने बोला है, वो सही है आडवाणी की भूमिका हमारे स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण रही है, लेकिन उनकी सरकार के दौरान जो स्थिति हुई थी, वह तो बहुत ही पागल थी। उनके नेतृत्व में भाजपा ने कई ऐसी नीतियां बनाईं, जो आज भी हमारे समाज को प्रभावित कर रही हैं। लेकिन उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में बहुत साहस दिखाया, और हमेशा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की नेतृत्व में स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी।
 
अरे, यह तो बहुत अजीब है! आडवाणी की तारीफ करने के लिए शशि थरूर को तो पहले से ही उनकी खामियों की बात क्या कर रहे थे? वाह, लगता है नेताओं ने अपने खिलाफ कोई मौका नहीं छोड़ा, तो लोग भी उनकी बुराई बताने में रुचि नहीं रखते। यह तो एक दूसरे को संभालने वालों की लड़ाई है!
 
जो शायद सबकुछ समझते हैं वो इस बात पर टिप्पणी कर सकते हैं कि सांसद शशि थरूर ने आडवाणी की तारीफ की है तो फिर तो दोनों में बहुत खास जुड़ाव है। उनका राजनीतिक जीवन कैसे चला, इसकी कहानी सुननी चाहिए। मुझे लगता है कि उन्हें बीजेपी में शामिल होकर आडवाणी से बहुत कुछ Seekha hai.
 
ਮैं ਤोੜ-ਸੁੱਟੀਆਂ ਹੋਏ ਕੰਗ੍ਰੈਸ ਦੇ ਨੇਤਾਵਾਂ ਦੀਆਂ ਬੁਲੰਦੀਆਂ ਕਰਨ ਦੀ ਘਟਨਾ 'ਚ ਹੈ। ਅਸੀਂ ਭਾਰਤ ਵਿੱਚ ਅਜੇ ਉਮਰ ਦੇ ਕੰਗ੍ਰੈਸ ਦੇ ਨੇਤਾ ਦਾ ਪੂਰਾ ਲਾਭ-ਹਾਨੀ ਜਵਾਬ ਨਹੀਂ ਦੇ ਸਕਦੇ? 🤔

ਮੈਨੂੰ ਯਥਾਰਥਵਾਦ ਅਤੇ ਪਛਾਣ ਲਈ ਗੌਰਵਨੀਆਂ ਕੋਈ ਫਿਟ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀਆਂ। ਅਸੀਂ ਜਿੱਥੇ ਚਲੇ ਗਏ, ਉਧਰ ਭਾਵੇਂ ਤੋੜ-ਸੁੱਟੀਆਂ ਹੋਣ। ਅਜਿਹੀ ਬੁਲੰਦੀ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਨੇਤਾ ਦਾ ਵਿਚਾਰ ਮੈਂ ਸਵਾਲ-ਜਵਾਬ ਦੇ ਆਪਣੀ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਵਿੱਚ ਹੀ ਨਹੀਂ ਸੁਣਿਆ। 🙄
 
मैंने पहले कहा था कि शशि थरूर जी बहुत बड़े लोग नहीं हैं, लेकिन आज फिर उन्होंने सोनिया गांधी से बेहतर आडवाणी को तारीफ देने का क्या तरीका दिखाया। मुझे लगता है कि अगर शशि थरूर जी अच्छे लोग हैं तो फिर उन्हें सोनिया गांधी पर भी खुश रहना चाहिए, या फिर विपक्ष का राष्ट्रीय नेता बनने का मौका नहीं मिलता। लेकिन मैंने कहा था कि शशि थरूर जी अच्छे सोचते हैं, लेकिन आज उनके दिमाग को कोई दूसरी पार्टी ने खरीद लिया।
 
वाह, आडवाणी को तारीफ देना स्वागत योग्य है 🤝 लेकिन यह जरूरी नहीं कि हम उनकी हर बात पर सहमत हों। उन्हें लगता है कि शशि थरूर के नेतृत्व में कांग्रेस ने जो चुनौतियाँ उठाई हैं, वो सचमुच महत्वपूर्ण हैं। लेकिन हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि राजनीति में बहुत सारे गड़भड़ फैसले लेने पड़ते हैं और आडवाणी को उनके पिछले निर्णयों पर खेद महसूस नहीं हुआ होगा। शशि थरूर की प्रतिक्रिया सुनकर मुझे लगता है कि वे सचमुच एक अच्छे नेतृत्व की ओर बढ़ रहे हैं।
 
अरे बिल्कुल, ज़ीडब्ल्यू से तो आडवाणी की कुछ गलतियाँ थीं, लेकिन वो देश के इंटेलिजेंस एंड टैलेंट पर हावी होने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, फिर भी उनकी बातें सुनने से हमें एक नई दिशा में आगे बढ़ने की ऊर्जा मिलती है 😊
 
ऐसा लगता है कि नेताओं की जिंदगी में हमेशा कुछ ऐसा होता रहता है जहां वे दूसरों को चुनते हैं और अपने खुद के हितों को आगे बढ़ाने की कोशिश करते हैं। शशि थरूर को भी अपने साथियों ने कितना प्यार और सम्मान दिया है! लेकिन मुझे लगता है कि अगर उन्हें पता होता तो कि उनके आडवाणी पर इतनी सराहना करने का क्या मतलब था? क्या वास्तव में हमारी देश की दिशा में उनकी मदद कर पाएंगे या फिर वे सिर्फ अपने लिए ही अच्छे नेता बन रहे हैं? 🤔
 
आदवाणी जी को शशि थरूर ने कैसे प्यार किया? कोई तो समझता है कि आदवाणी जी की बातें सुनने में इतनी खुशबू आती हैं! लेकिन सच्चाई यह है कि उनकी सरकार में कितने बड़े बदलाव आए?

मुझे लगता है कि शशि थरूर ने आदवाणी जी को तारीफ देने के लिए कुछ भी गलत नहीं किया। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उन्हें अपने विचारों पर चलने की स्वतंत्रता से रोकना चाहिए। आदवाणी जी ने अपने फैसले में बहुत बड़ा गलती किया था, लेकिन आज भी उनकी दुनिया में इतनी खुशबू है।

आजकल कांग्रेस में सोचने की गन्दagi बढ़ गई है। शशि थरूर ने आदवाणी जी की तारीफ करने से क्या गलत हुआ? ये पूछता हूँ, लेकिन कोई जवाब नहीं देता।
 
अरे, लोगों को लग रहा है कि जिस तरह जस्टिस राम नाथ कोविंद को मोदी जी ने प्रधानमंत्री चुना तो, उसी तरह आडवाणी जी को शशि थरूर सांसद ने उनकी तारीफ की, लेकिन फिर भी उनकी भूमिका क्या थी? मेरा यह संदेह है कि यह सब कुछ राजनीति की खेल है। आडवाणी जी को मोदी जी ने प्रधानमंत्री चुना तो, इसका मतलब वही है कि मोदी जी और उनकी पार्टी को राजनीतिक लाभ हुआ, और शशि थरूर सांसद की तारीफ करने से यह सब तालमेल आ गया।
 
शायद थरूर जी ने सोचा था कि हमेशा हमारे पास किसी को याद कराने के लिए मजबूर रहना चाहिए 🤔। आडवाणी की तारीफ करने वाले शशि सिर्फ उनकी राजनीतिक गद्दारी को कम करके दिखा रहे हैं। और हमें लगता है कि मोदी जी भी ऐसे ही विचारों से बात करेंगे। 🙄

किस तरह की नेतृत्व भूमिका तय करने की बात तो थोड़ी भी गंभीर नहीं है। हमें शायद मोदी जी और उनकी सरकार पर ध्यान देना चाहिए, न कि उन्हें राजनीतिक पुरानेपन से ताल्लुक देने वालों को। और ये भी सवाल उठता है कि क्या शशि सिर्फ इस बात पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं कि हम उन्हें कितना प्यार करते हैं। 🤷‍♂️
 
सांसद शशि थरूर को आडवाणी की तारीफ करने पर लोगों ने बहुत बातचीत की। यह अच्छा सिर्फ इसलिए नहीं है क्योंकि उनकी तारीफ वास्तव में आधुनिक भारत की दिशा तय करने में उनकी भूमिका को महत्व देती है। लेकिन, हमें याद रखना चाहिए कि आडवाणी ने कई गलतफहमियां फैलाईं, जैसे कि आर्थिक सुधारों पर उनका विश्वास करना। यह एक बड़ा मुद्दा है और लोगों को इसके बारे में बातचीत करनी चाहिए।
 
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