आज सरदार पटेल की 150वीं जयंती: एकता दिवस पर लौह पुरुष को नमन करेंगे PM; गुजरात से ही राष्ट्र के नाम संबोधन भी

सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंति एक महत्वपूर्ण दिन है, जब हम उनके बहादुरी और समर्पण को याद करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर गुजरात पहुंचे हैं और सरदार पटेल के परिवार से मुलाकात की है। उन्होंने यहाँ पर अपनी शुभकामनाएं व्यक्त की हैं। हमें उम्मीद है कि इन कदमों से हम सरदार पटेल की विरासत को और भी आगे बढ़ाएंगे।

सरदार पटेल की जयंती के उपलक्ष्य में 150 रुपये मूल्य का स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी किया गया है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की है कि ई-बसों के एक बेड़े को हरी झंडी दिखाई गई है। हमें उम्मीद है कि ये कदम विकास के लिए नए आयाम लाएंगे।

मोदी ने गुजरात में विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया, जिनकी लागत 1,220 करोड़ रुपये है। हमें उम्मीद है कि ये परियोजनाएं हमारे समाज को बेहतर बनाएगी।
 
मुझे लगता है की सरदार पटेल की जयंति एक बहुत बड़ा अवसर है, और हमें उनकी बहादुरी और समर्पण को हमेशा याद रखना चाहिए। मैंने पढ़ा है की उन्होंने अपने जीवन में कई संघर्षों का सामना किया, लेकिन फिर भी वे हमेशा अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रयास करते रहे। मुझे लगता है कि ये हमारे देश की समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

मैंने भी पढ़ा है की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया, जिनकी लागत 1,220 करोड़ रुपये है। यह बहुत अच्छा है, क्योंकि ये हमारे समाज को बेहतर बनाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। मुझे उम्मीद है कि ये परियोजनाएं विकास के लिए नए आयाम लाएंगी। 🚀
 
मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने से पहले गुजरात में कुछ काम नहीं चल रहा था, लेकिन अब वहाँ हर जगह काम हो रहा है, यार... 🤔

लेकिन, 150 रुपये मूल्य का स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी करने से पहले हमें पूछना चाहिए कि यह कितना महंगा होगा और कैसे इसका फायदा आम लोगों तक पहुंचेगा, ना तो यह सभी को पसंद आएगा। 🤑

और ई-बसों के एक बेड़े को हरी झंडी दिखाई गई है, लेकिन क्या यह वास्तव में हमारे समाज की समस्याओं का समाधान करेगा, यार... 🚗
 
मुझे लगता है की प्रधानमंत्री मोदी ने सरदार पटेल की जयंति को बहुत ही रोमांचक तरीके से मनाया है। वह गुजरात पहुंचने के लिए एक यात्रा की तरह आये थे, और वहाँ पर उन्होंने अपने समर्थकों के साथ एक खुशमिजाज माहौल बनाया।

लेकिन हमें लगता है की भारत में विकास और आर्थिक वृद्धि के लिए हमें बहुत कुछ करना होगा, ताकि हमारा देश समृद्धि और संतुष्टि के स्तर पर पहुंच सके। हमें उम्मीद है की प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी घोषणाओं को वास्तविकता में बदलने का प्रयास करेंगे।

और इसके अलावा, सरदार पटेल की जयंति को मनाने के लिए हमें बहुत सारे स्मारक और परियोजनाएं बनानी होगी, ताकि उनकी विरासत हमेशा के लिए जीवित रहे।
 
😊 सारा भाई, यह सरदार पटेल की जयंति तो एक बहुत बड़ा मौका है। मैंने पहले सोचा था कि जी शायद 150वीं जयंति में कुछ बुरा हो सकता है लेकिन फिर सोचा कि क्यों न इस परियोजनाओं और विकास कार्यों से देश के लिए कुछ नया आ जाए। अब भाई ई-बस से हरी झंडी दिखाना तो थोड़ा मुझे अजीब लगा, लेकिन फिर सोचा कि शायद यह नई योजनाओं का हिस्सा हो। 🚲
 
🙏 पटेलजी की जयंति का मौका हमें उनके देशभक्ति और सेवा की कहानी सुनने का है। मोदीजी ने अच्छा काम किया है, लेकिन परियोजनाओं की लागत बढ़ गई, फिर क्या होगा? 🤔
 
बहुत दिलचस्प तो यह है! सरदार पटेल की 150वीं जयंति पर इतनी महत्वपूर्ण घोषणाएं हैं, खासकर ई-बसों के लिए हरी झंडी दिखाना। मुझे लगता है कि ये एक बहुत ही अच्छा निर्णय है, क्योंकि यह हमारे परिवहन सिस्टम को और भी स्वच्छ बनाएगी। 🚲

लेकिन मेरी राय में यह जैसी घोषणाएं होनी चाहिए, जिनका वास्तविक प्रभाव हो। न कि बस तो झांसी फोड़ना। मुझे लगता है कि हमें इन परियोजनाओं के पीछे की सोच समझनी चाहिए और देखनी चाहिए कि वे कैसे हमारे समाज को बेहतर बनाएंगी। 🤔
 
बस देखिए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंति का महत्वपूर्ण उपलक्ष्य लिया है। यह अच्छा दिख रहा है कि उन्होंने परिवार से मुलाकात की और शुभकामनाएं व्यक्त की।

फिर भी, तो याद रखिए, 150 रुपये मूल्य का स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी होना एक अच्छा रहस्म था। लेकिन, ई-बसों के बेड़े को हरी झंडी दिखाना कोई खास बात नहीं है।

क्या मोदी साहब ने गुजरात में विकास पर ध्यान देने का मनोबल बढ़ाया? तो ज़रूर, उन्होंने विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। लेकिन, 1,220 करोड़ रुपये से कहीं अधिक खर्च होने वाली ये परियोजनाएं तो देखना होगा।
 
150वीं जयंती सारदार वल्लभभाई पटेल का मुझे बहुत खुशी हui, unki bahaduri aur samarthan ko yaad karne ka mauka mila. abhi modi ji ne gujrat aye hain aur saradhar patele ki parivar se mulaakat kahi hai. main modi ji ke shubhkamnayein sun kar khush hoon, koi bhi chhoti-badi cheez toh karna nahin. abhi unhone ek bade beda me ebass kaha hai ki yeh ebass jald hi vikas ke liye naya aayam laayega? main is baat se bahut khush hoon, aur jaldi hi jaldi mera vikas dekha jayega. 🤞
 
पटेल जी की जयंति एक बहुत बड़ा मौका है, लेकिन तो क्या कुछ भी बदल गया है? 150 साल पहले जब उन्होंने अपनी जान देने पर मजबूर किया था, तब हमारी स्थिति और भी खराब थी। लेकिन फिर भी उनकी विरासत आगे बढ़ी है, यह एक अच्छा संकेत है। मोदी जी ने सचमुच इस अवसर पर कुछ नया किया है, ई-बसों को हरी झंडी दिखाना एक अच्छा फैसला है 🚂। लेकिन हमें उम्मीद है कि इन सारे प्रयासों के बाद भी हमारे समाज में कुछ नया बदलाव आ गया हो।
 
बस, मेरा विचार है कि सरदार पटेल की जयंति का माहौल बहुत अच्छा लग रहा है। लोगों ने उनकी याद में खुशी से मनाया है, और सरकार ने भी उनकी विरासत को सम्मानित करते हुए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। 🙏

अब, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात पहुंचे हैं और सरदार पटेल के परिवार से मुलाकात की, तो यह एक अच्छा संकेत है कि सरकार वास्तव में उनकी जयंति की महत्वता को समझती है। और फिर भी जब उन्होंने ई-बसों के लिए हरी झंडी दिखाई, तो यह एक अच्छा निर्णय लग रहा है जो हमारे विकास में नए आयाम ला सकता है। 🚗

लेकिन, बस इतना नहीं है। सरकार को अभी भी और अधिक परियोजनाएं शुरू करनी चाहिए जो गुजरात के लोगों के लिए फायदेमंद हों। और हमें उम्मीद है कि ये परियोजनाएं न केवल हमारे समाज को बेहतर बनाएगी, बल्कि हमारे देश की आर्थिक स्थिति में भी सुधार लाएगी। 📈
 
😊 साधारण लोगों को नागरिक अधिकार मिले, तो 150वीं जयंति की भावना औरतो और भरतनायक पटेल के जन्मदिन पर हमें देशवासियों को शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य व सुरक्षा के मुद्दे पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। सरकार पर निवेश करने के बजाय, हमारे छात्रों, श्रमिकों और सामाजिक उद्योगों को धन्यवाद देते समय हमें अपने समाज के गरीबों और बेरोजगारों को सही नीतियों पर ध्यान देने की जरूरत है। पटेल जी की विरासत से हमें सबक मिलता है कि लोगों की भलाई के लिए सरकारी योजनाओं और सुधारों पर अधिक ध्यान देना चाहिए।
 
मैंने कल मेरी भाईयों के साथ मुंबई लोकल मेट्रो में आराम से घूमते हुए एक दिलचस्प विचार आया। तो मैंने उनके साथ किसी खास गाने पर नृत्य करने का फैसला किया, लेकिन वो दोनों मुझे रोक कर बोले, "भाई, तुम्हें यहां तक पहुंचने के लिए 30 मिनट तक भटकना पड़ता है।" मैंने कहा, "तो मैं इसीलिए नृत्य कर रहा था, ताकि वह भी मुझसे राहत पाए।" वो दोनों हंस कर बोले, "भाई, तुम्हारा नृत्य सिर्फ हमें हंसने का मौका देता है।"

अब मैं अपने सोचता हुआ था कि शायद मुझे ऐसी तरह की नई फिल्मों की जरूरत है, जिनमें नृत्य करने वाले लोग खुशियों और दुःखों को एक ही समय में महसूस कर सकें। लेकिन फिर सोचता हुआ, मैंने सोचना शुरू किया कि क्या यही सब मेरी दुनिया है?
 
सारदार पटेल की जयंति का विशेष दिन है 🎉, लेकिन मुझे लगता है कि हमें अपने इतिहास और परंपराओं से जुड़ने की बात करनी चाहिए न कि बस उनकी जयंति मनाना। प्रधानमंत्री जी ने गुजरात गए और उन्होंने सरदार पटेल के परिवार से मुलाकात की, लेकिन यह सवाल आता है कि हमें अपने इतिहास को और आगे बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए? 🤔

और 150 रुपये का स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी किया गया है, लेकिन मुझे लगता है कि हमें अपने सामाजिक और आर्थिक विकास के बारे में अधिक परिचित होना चाहिए। ई-बसों को हरी झंडी दिखाई गई है, लेकिन यह सवाल आता है कि हमारे देश में ई-बस सेवाएं कब तक शुरू होगीं? 🚗
 
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