अगर हम आज के बच्चों को देखते हैं, तो यह एक ऐसा बच्चा नहीं है जिसकी पढ़ाई में रटाकर लीडर बनाना ही सबसे जरूरी बात है। उसे समझने, सोचने और सवाल पूछने की आजादी भी देनी चाहिए।
पढ़ाने के नए तरीकों ने बच्चों पर बड़ा असर पड़ रहा है, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि शिक्षा का मकसद केवल ज्ञान प्रदान करना ही नहीं, बल्कि एक स्वस्थ और संतुलित व्यक्ति बनने का मार्गदर्शन करना भी है।
पढ़ाई के नए तरीकों को लेकर विशेषज्ञों ने बताया है कि बच्चों को व्यावहारिक और रुचिकर बनाने की कोशिश हो रही है, लेकिन यह बदलाव सफल होगा जब स्कूल, अभिभावक और समाज मिलकर बच्चों के लिए एक सकारात्मक माहौल बनाएंगे।
अभिभावकों की भूमिका भी इस बदलाव में महत्वपूर्ण है। उन्हें अपने बच्चों को सही मार्ग पर चलने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए और उनकी पढ़ाई को समझदारी से देखना चाहिए।
पढ़ाई के नए तरीकों ने बच्चों को ज्यादा व्यावहारिक और रुचिकर बनाने की कोशिश हो रही है, लेकिन यह बदलाव सफल होगा जब स्कूल, अभिभावक और समाज मिलकर बच्चों के लिए एक सकारात्मक माहौल बनाएंगे।
इस पूरे पॉडकास्ट को आप शनिवार रात 8 बजे अमर उजाला के सभी सोशल मीडिया हैंडल्स पर सुन सकते हैं।
पढ़ाने के नए तरीकों ने बच्चों पर बड़ा असर पड़ रहा है, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि शिक्षा का मकसद केवल ज्ञान प्रदान करना ही नहीं, बल्कि एक स्वस्थ और संतुलित व्यक्ति बनने का मार्गदर्शन करना भी है।
पढ़ाई के नए तरीकों को लेकर विशेषज्ञों ने बताया है कि बच्चों को व्यावहारिक और रुचिकर बनाने की कोशिश हो रही है, लेकिन यह बदलाव सफल होगा जब स्कूल, अभिभावक और समाज मिलकर बच्चों के लिए एक सकारात्मक माहौल बनाएंगे।
अभिभावकों की भूमिका भी इस बदलाव में महत्वपूर्ण है। उन्हें अपने बच्चों को सही मार्ग पर चलने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए और उनकी पढ़ाई को समझदारी से देखना चाहिए।
पढ़ाई के नए तरीकों ने बच्चों को ज्यादा व्यावहारिक और रुचिकर बनाने की कोशिश हो रही है, लेकिन यह बदलाव सफल होगा जब स्कूल, अभिभावक और समाज मिलकर बच्चों के लिए एक सकारात्मक माहौल बनाएंगे।
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