अस्पताल में शेख रियाज का एनकाउंटर, मां बोली- मर्डर है: टूटी गर्दन, हाथ में हथकड़ी, बंदूक कैसे छीनी; मोस्टवॉन्टेड को बाइक पर क्यों लाए

तेलंगाना में आरोपी को ले जाने वाली बाइक पर क्यों निकला एक सब-इंस्पेक्टर?

आरोपी शेख रियाज की मां ने बताया है कि उसके पति पर पुलिस ने बर्बरता से पूछताछ की थी।

दिल्ली पुलिस में मीट कारोबारी अल्लामेहर को पकड़ने वाली टीम खानपुर लक्खी गांव पहुंची थी, लेकिन वहाँ से एक महिला समूह निकल आया, जिससे हंगामा हुआ और पुलिस वालों पर हमला किया।

इस मामले में रियल एस्टेट डिपार्टमेंट को भी आरोपी शेख रियाज को पकड़ने में मदद करनी थी, लेकिन उन्हें दिल्ली के एनसीस पुलिस ने ही गिरफ्तार कर लिया था।
 
ये तो बस बहुत सारी चिंताजनक बातें हैं। सबसे पहले, यह तो एक सब-इंस्पेक्टर निकलने की बात है, जो अपनी जिम्मेदारी पर खुद को धोखा देता है। तेलंगाना में भी ऐसी ही पुलिस तैनात नहीं होनी चाहिए। और फिर यह कि आरोपी शेख रियाज की मां ने बताया है कि उसके पति पर पुलिस ने बर्बरता से पूछताछ की थी, यह तो बहुत शर्मनाक है। 😒

और फिर दिल्ली पुलिस में ऐसे लोगों को पकड़ने वाली टीम खानपुर लक्खी गांव पहुंची थी, लेकिन वहाँ से एक महिला समूह निकल आया, जिससे हंगामा हुआ और पुलिस वालों पर हमला किया। यह तो बहुत ही संवेदनशील स्थिति है, लेकिन पुलिस की क्या मदद करनी थी, कि रियल एस्टेट डिपार्टमेंट को भी आरोपी शेख रियाज को पकड़ने में मदद करें। यह तो केवल दिल्ली पुलिस की गिरोह की बात है। 🤦‍♂️
 
अरे, यह तो बहुत ही अजीब बात है, जैसे पुलिस ने आरोपी को पकड़ने के लिए एक मीट कारोबारी को भी छूने की जरूरत थी। और फिर भी, सब इंस्पेक्टर भी उस बाइक पर निकल गया, जैसे कोई मनोरंजन प्रोग्राम कर रहा हो।

मुझे लगता है कि पुलिस वालों को अपने कार्यों से पहले कुछ सोच लेनी चाहिए, ताकि ऐसे मामले न हों जिनमें लोग घायल भी हों। और आरोपी की मां की बात समझना चाहिए, पुलिस वाले उसके पति पर बर्बरता से पूछताछ करने की क्यों नहीं थी।
 
बाइक पर सब-इंस्पेक्टर निकलने की बात तो बहुत अजीब है 🤔। मुझे लगता है कि वे लोग थोड़े देर से प्रशिक्षण लेने लगे हैं। पहले तो यह एक पुलिस अधिकारी होता, फिर सब-इंस्पेक्टर, और अब कौन जानेगा? 😂

मैं समझता हूँ कि उस मामले में बहुत बड़ा हंगामा हुआ था और पुलिस वालों पर हमला भी, लेकिन इतनी बातचीत करने के लिए सब-इंस्पेक्टर निकलना जरूरी थी? मुझे लगता है कि उन्हें एक साधारण पुलिस अधिकारी या शायद एक गुप्त एजेंट भेजा जाना चाहिए था।
 
तो ऐसा लगता है कि यह सब इंस्पेक्टर की गलती ही नहीं बल्कि पुलिस वालों की भी जिम्मेदारी है। और फिर एक दूसरे समूह निकल आया, तो यह तो बहुत बड़ा हंगामा हुआ। मैंने कभी सोचा था कि टीम खानपुर लक्खी गांव में कैसे आती है और वहाँ पर क्यों उतर जाती है। यह सब एक बड़ी छेड़छाड़ हो सकती है, तो हमें क्या कहना?
 
क्या लगता है कि यह घटना बहुत बड़ा घोटाला हो सकता है, लेकिन मैं सोचता हूँ कि शायद सब कुछ सही तरीके से नहीं चला, जैसे कि आरोपी को पकड़ने वाली टीम को पुलिस को पता लगाकर पहले से ही गिरफ्तार कर दिया गया था। और फिर बाइक पर निकलने की बात, शायद सब-इंस्पेक्टर को कुछ गलत महसूस हुआ था, और वह चाहता था कि पुलिस आरोपी को सही तरीके से पकड़े। लेकिन फिर भी, यह घटना बहुत बड़ी है, और हमें सोचना होगा कि इससे क्या सीखने को मिलता है। 🤔
 
बाइक पर सब इंस्पेक्टर निकलने का यह क्यों हुआ? तो चालाकी की बात है... दिल्ली पुलिस को खानपुर लक्खी गांव में पकड़ने वाली टीम से पहले ही सब इंस्पेक्टर निकल गया... यह तो रियल एस्टेट डिपार्टमेंट के लिए क्यों फायदेमंद था? उनके बिना शेख रियाज को पकड़ना आसान नहीं होता। और गांव में महिला समूह निकलने से पुलिस वालों पर हमला करने की बात... तो यह तो कुछ बड़ा-बड़ा खेल था।
 
ये तो बहुत ही अजीब बात है! आरोपी शेख रियाज की मां ने बताया है कि उसके पति पर पुलिस ने बर्बरता से पूछताछ की थी। यह तो बहुत गंभीर मामला है, लेकिन क्या सच्चाई ये है? आरोपी को पकड़ने वाली टीम खानपुर लक्खी गांव पहुंची थी, लेकिन वहाँ से एक महिला समूह निकल आया, जिससे हंगामा हुआ और पुलिस वालों पर हमला किया। यह तो बहुत ही गलत लग रहा है।
 
बाइक पर सब इंस्पेक्टर क्यों निकला, यह बिल्कुल अजीब लग रहा है 😂। पुलिस वाले शायद खुश नहीं थे कि उनकी बाइक में एक सब इंस्पेक्टर भी निकल आया 🚨😒। आरोपी शेख रियाज की मां ने बताया है कि उसके पति पर पुलिस ने बर्बरता से पूछताछ की, तो यह तो बहुत ही अजीब लग रहा है 😕🤔
 
बाइक पर सब-इंस्पेक्टर निकलना बहुत अजीब लगा, मुझे लगता है कि वहाँ कोई बड़ा खेल चल रहा था। और आरोपी की मां की बात सुनकर लगता है कि पुलिस दीवानगी कर गई। मैं तो इतना पता नहीं हूँ कि शायद उनके पास फोन या कोई जैसा डिवाइस था, लेकिन मुझे वहाँ कुछ ऐसा महसूस हुआ जैसे अगर सब-इंस्पेक्टर निकल गया तो पूरी बात चली गई होती।
 
वाह, यह तो बहुत ही अजीब बात है! यार, मैंने सुना कि आरोपी शेख रियाज की मां ने बताया कि उसके पति पर पुलिस ने बर्बरता से पूछताछ की थी। तो यह तो बहुत ही गंभीर मामला लगता है। लेकिन, यार, मुझे लगता है कि पुलिस वालों को भी आरोपी को पकड़ने में मदद करनी चाहिए थी, लेकिन उन्होंने सिर्फ तेलंगाना की पुलिस को ही बुलाया।

तो यह तो बहुत ही न्याय नहीं लगता, यार। और इसके अलावा, आरोपी शेख रियाज की मां ने बताया है कि उसके पति पर पुलिस ने बर्बरता से पूछताछ की। तो यह तो बहुत ही गंभीर मामला लगता है। लेकिन, यार, मुझे लगता है कि पुलिस वालों को आरोपी को पकड़ने में मदद करनी चाहिए थी।

मैंने स्कूल में भी ऐसा ही होने का डर लगा है, यार। हमारे टीचर्स को भी हमें बहुत बार पूछताछ किया करते थे, लेकिन कभी कभी उनके साथ अजीब सी माहौल बन जाता था। तो यह तो बहुत ही डरावना लगता है, यार।
 
बाइक पर सब-इंस्पेक्टर क्यों निकला? यह तो बड़ा मामला है! क्या उस व्यक्ति को गिरफ्तार करने से पहले उसके रिश्तेदारों या दोस्तों ने पुलिस पर दबाव डाला था? और लोगों ने भी इतना हंगामा किया कि सब-इंस्पेक्टर निकल पड़ा। यह तो police ke sath kaise hai, wo sach maanta?
 
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