ब्लैकबोर्ड-पत्नी को लोग कोठेवाली समझते हैं:जीबी रोड का पता देख बच्चों को एडमिशन नहीं मिलता; दोस्त कहते हैं चलो तुम्हारे घर मौज करते

दिल्ली के जीबी रोड इलाके में रहने वाले एक 35-वर्षीय महिला, जिन्होंने अपना नाम बदलकर 'सोनिया' रख लिया, बोलती हैं कि उसके पति गोरेगांव, मुंबई से आये थे, उस पर तीन बच्चे हैं, और उनकी सबसे बड़ी बेटी 18 साल की थी।
 
अरे वाह! यह तो बहुत ही रोचक ख़बर है 🤩। मुझे लगता है कि यह लड़की बहुत ही मजबूत और स्वतंत्र महिला है। उसके पति की गोरेगांव, मुंबई से आयी तो समझ आ गया कि वह व्यवसाय में सफल हैं 🤑। और 3 बच्चों के साथ, लोगों की जिंदगी में इतनी बदलाव कैसे आता? यह तो बहुत ही रोमांचक है 💕। और सबसे बड़ी बेटी 18 साल की तो शादी करने के बाद भी वह अपने सपनों पर ध्यान देने में सक्षम होगी, मुझे लगता है यह लड़की बहुत ही प्रेरणादायक होगी।
 
अरे ये तो दिल्ली की नई जीवंतता है! दिल्ली में रहने वाले लोग अब अपने पति के शहर से भी कहीं अधिक 'सहज' महसूस करते हैं... 🤣 गोरेगांव से आया था और तीन बच्चे हुए, तो क्या यह नई दिल्ली में 'आत्म-विश्वास' बढ़ने का संकेत है? ये तो हमारी पुरानी दिल्ली की तरह ही है - कहीं बैठकर खुद को बड़ा बनाने की कोशिश!
 
मेरा मन ये सोचता है कि जीवन में हमारी पहचान तो बहुत ही व्यक्तिगत है, लेकिन कभी-कभी खुद पर नियंत्रण खोना भी जरूरी होता है। दिल्ली की गोरेगांव से आये निकिता जैसे लोगों को हमेशा अपने शहर में पहचान की दीवार लगी रहती है, वहीं बाहर के इलाकों में रहने वाली महिलाओं को भी अपने परिवार और समाज से जुड़ना बहुत मुश्किल होता है। लेकिन जब हमें अपने परिवार के प्रति समर्थन और समर्थन की जरूरत होती है, तो खुद को बाहर रखकर रहना क्यों? यह सोचते समय मुझे लगता है कि हमें अपनी पहचान को बदलने देना चाहिए, खुद पर और समाज पर कम दबाव डालना चाहिए।
 
मुझे लगता है कि जीवन में बदलावों की बात करते समय, हमें अपने परिवार और रिश्तों पर ध्यान देना चाहिए। यह महिला जो अपना नाम बदलकर 'सोनिया' रख लिया, उसकी कहानी मुझे बहुत प्रभावित कर रही है। वह अपने पति के साथ तीन बच्चों के साथ दिल्ली आ गई थी, और अब उनकी सबसे बड़ी बेटी 18 साल की हो गई है। यह उसके जीवन में बहुत बड़ा बदलाव है, और मुझे लगता है कि उसे अपने परिवार के साथ खुशी और समझ में रहने की जरूरत होगी।
 
😊 यार, यह तो बहुत ही दिलचस्प बात है कि कैसे एक परिवार अपने जीवन में इतना बदलाव ला सकता है। तो यह महिला, जिन्होंने अपना नाम सोनिया रख लिया, वह सचमुच बहुत मजबूत दिमाग वाली लड़की है 🤔। उसके पति को गोरेगांव से मुंबई आया था और अब उनकी तीन बच्चे हैं, यह तो एक अच्छी कहानी है। लेकिन जब हमारे दिल्ली जीबी रोड इलाके में रहने वाली लड़कियों की बात करते हैं तो उन्हें अपना खुद का जीवन बनाने और अपने सपनों को पूरा करने का मौका मिलना चाहिए। हमें उनकी मदद करनी चाहिए और उनको अपने भविष्य के बारे में आशावादी रहने की जरूरत है। 🤗
 
क्या ये देश में ऐसे ही खिलौने हैं जो सब कुछ बदल लेते हैं? पहले यह 'सोनिया' तो किसी और का नाम था, फिर कैसे इसे बदलते? 🤔 एक तरफ उसकी बेटियां पूरे जीवन अपने पिता के रिश्तों में डूबी रहती हैं, दूसरी तरफ वह अपने पति से प्यार करती है और उसके लिए जानबूझकर अपना नाम बदल लेती है। यह तो बिल्कुल सही नहीं! हमें अपने परिवार के खिलाफ होने वाली ऐसी चीजों से बचना चाहिए।
 
मुझे लगता है #जीवनकितनासार्थकहै, जब हम अपने परिवार को प्यार करते हैं और उनकी खुशियों को होने देते हैं #परिवारखुशी। लेकिन आज की स्थिति में यह एक अजीब सवाल उठता है #क्याहुआ, एक महिला ने अपने पति की पहचान बदल ली और अब वह सोनिया है #नामबदलना। मुझे लगता है कि यह एक बड़ा संकेत हो सकता है #सावधान। हमें यह समझना चाहिए कि जीवन में हर किसी की अपनी कहानी होती है और हमें उनकी भलाई करनी चाहिए #समझौता।
 
ਮੈਂ ਸोचਦਾ ਹਾਂ ਕਿ ਇਸ ਵਾਰਤਾ 'ਚ ਮਹਿਲਾ ਪਤੀ ਅਤੇ ਭਰਾ ਦੋਨਾਂ ਉੱਤੇ ਆਪਣੀ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾ ਹੈ। ਗੋਰੇਗਾਂਵ, ਮੁੰਬਈ ਦੇ ਅੰਦਰਲੇ ਬੰਧਨ ਕਿੰਨੇ ਵੱਡੇ ਹਨ? ਉਸ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਉਹ ਦਿੱਲੀ ਆਏ ਅਤੇ ਆਪਣੀ ਜ਼ਿੰਦਗੀ 'ਚ ਇਸ ਨੂੰ ਕਿਵੇਂ ਸਵੀਕਾਰ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਸਨ?

ਮੈਨੂੰ ਲੱਗਦਾ ਹੈ ਕਿ ਅੱਜ-ਕਲ੍ਹ ਦੀ ਯੁਵਾ ਪੀੜ੍ਹੀ ਆਪਣੇ ਸੰਬੰਧ ਦੀ ਖੋਟ ਤੋਂ ਬਚ ਨਿਕਲ ਰਹੀ ਹੈ।
 
अरे, यह तो बहुत ही दिलचस्प बात है... जैसे आप जानते हैं दिल्ली में जीबी रोड इलाका तो एक अलग ही दुनिया है, जहां लोग अपने नाम बदलने की गलाट भी नहीं सोचते। और यह महिला जी तो बिल्कुल ऐसी है... जैसे वह पति की मुंबई से आयी हुई तो पहले से ही उसका नाम बदल गया है। लेकिन फिर भी, वह अपने परिवार को खुश रखने के लिए पुराने नाम वाले पति को ढूंढने जा रही है, बिल्कुल सही!
 
मुझे लगता है कि यह कहानी बहुत ही दिलचस्प है 🤔। जैसे मैंने पढ़ा है, उस महिला ने अपने पति को चुनकर खुशियाँ और सुख-शांति लाई होगी, परंतु मुझे लगता है कि यह तो बहुत ही मुश्किल में आ गई होगी। जैसे उसके बच्चों के पास सब कुछ है, उनके लिए पति की गवाही चाहिए, फिर वादा क्या? 🤷‍♀️

मुझे लगता है कि यह तो बहुत ही दुखद स्थिति होगी, और मुझे उम्मीद है कि वह पति उसकी परवाह करे और सब कुछ ठीक कर दे। लेकिन जैसे हमारी समाज में पति की बुद्धिमत्ता और पत्नी की सीमाओं को समझने में बहुत ही अंतर होता है, इसलिए मुझे लगता है कि यह तो बहुत ही कठिन में आ गई होगी। 💔
 
नहीं जाने दो, यह महिला कितने विश्वासपात्र हो गई है? उसका पति गोरेगांव से आया था, तो फिर उसकी सबसे बड़ी बेटी 18 साल की है, मतलब उनके बच्चों में से कम से कम एक 18 साल का लड़का नहीं है। यह महिला क्या कर रही है? अपना नाम बदलकर 'सोनिया' रख लिया है? अरे, यह तो एक बड़ा सवाल है, क्या वह पति उसके पूर्व पति से मिलने नहीं जाती, या फिर कोई और लड़की के साथ शादी कर लेती। यह रिश्ता कहाँ ले जा रहा है? मुझे लगता है कि यह महिला अपने पति को खोने के बाद ही इस तरह की चीजें करने लगी है।
 
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