बिहार चुनाव 2025: मतगणना को लेकर कैसी है तैयारी? यहां पढ़ें पूरी डिटेल

बिहार में शुक्रवार को होने वाली मतगणना में कई तैयारियां पूरी हुई हैं। मतदाताओं ने ऐतिहासिक 67.13 प्रतिशत वोट डालने से यह चुनाव देश में एक नए अध्याय को खोल रहा है।

मतगणना शुरू करने से पहले सभी मतदान केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं। राज्य के 38 जिलों में स्थित 46 केंद्रों पर लगभग 4,372 मतगणना टेबल लगाए गए हैं। इन टेबलों पर एक सुपरवाइजर, एक गणना सहायक और एक सूक्ष्म पर्यवेक्षक तैनात रहेगा। इसके अलावा, उम्मीदवारों द्वारा नियुक्त 18,000 से अधिक गणना एजेंट भी प्रक्रिया की निगरानी करेंगे।

बिहार में मतगणना के लिए निर्वाचन आयोग ने कई तैयारियां पूरी हुई हैं। चुनाव की गिनती शुक्रवार सुबह आठ बजे शुरू होगी। इसमें सबसे पहले डाक मतपत्रों की गणना शुरू होगी, जबकि ईवीएम की गिनती सुबह 8.30 बजे आरंभ की जाएगी।

इस चुनाव में बिहार की राजनीति में कई नए और पुराने नाम दिखाई दिए हैं। इससे पहले चुनाव की निगरानी करने के लिए राज्य में 106 कंपनियों की ड्यूटी लगाई गई है। इन कंपनियों से बिहार पुलिस और सीएपीएफ का सहयोग भी लिया जाएगा।

मतगणना केंद्रों पर दो-स्तरीय सुरक्षा सुनिश्चित की गई है। अंदरूनी सुरक्षा घेरा सीएपीएफ के हवाले है, जबकि बाहरी परिधि की सुरक्षा राज्य पुलिस के जिम्मे है। इसके अलावा, 24×7 सीसीटीवी कैमरों से निगरानी और अन्य सुरक्षा उपाय भी लागू किए गए हैं।

इस चुनाव में बिहार की जनता अपने मताधिकार का प्रयोग करने वाली है। हमें उम्मीद है कि यह चुनाव शांतिपूर्ण और सुरक्षित ढंग से संपन्न होगा।
 
मैंने पढ़ा कि बिहार में मतगणना शुक्रवार सुबह आठ बजे शुरू होगी। लेकिन मुझे पता नहीं है कि इन टेबलों पर मत गिनती कैसे करने जाते हैं? और ये सुरक्षा प्रबंध कितने मजबूत हैं? 🤔

क्या ये 18,000 से अधिक गणना एजेंट वास्तव में प्रक्रिया की निगरानी करेंगे या फिर बस बैठकर देखेंगे? और मतदाताओं ने ऐसा 67.13 प्रतिशत वोट डालने से कहाँ से लाया? 🤷‍♂️

मुझे लगता है कि इन सभी चीजों को समझने में थोड़ा समय लगेगा, लेकिन मैं इस चुनाव की निगरानी करने के लिए उत्साहित हूं। चुनाव से पहले मैंने कहा था कि यह एक नए अध्याय को खोलने वाला होगा। और मुझे लगता है कि ऐसा ही होने वाला है। 🤞
 
क्या ये ट्रैक्टर रोल आ गया है? मतगणना को इतनी सारी सुरक्षा देने की जरूरत क्यों? पहले से ही बहुत सारी कंपनियां और एजेंसियां इनमें शामिल हैं... और अभी भी 24×7 सीसीटीवी कैमरों के साथ, ये सब कैसे सुरक्षित होगा? मुझे लगता है कि यह चुनाव में कुछ गड़बड़ी दिखाई दे सकती है।
 
मैंने आजचर रात मतगणना परीक्षणों में दिल्ली की तुलना नहीं की, लेकिन बिहार में शुक्रवार को होने वाली मतगणना में कई तैयारियां पूरी हुई हैं। मैंने अपने नानाजी से बताया था कि वह आज उनके घर 10 बजे तक गणित सीख रहे थे, लेकिन अब यह सभी रात में शुरू हो गई। मेरी बहन ने भी बीते दिनों में एक नया फ़ोन ब्लॉक खरीदा, और वह इसे तुरंत अपनाया था।
 
मैंने देखा की बहुत सारे मतदान केंद्रों में सुरक्षा तैयारियाँ पूरी हुई हैं। लेकिन मुझे यह सवाल आया की मतगणना शुरू करने से पहले उम्मीदवारों द्वारा चुने गए गणना एजेंट कौन से हैं? और वे कैसे चुने जाते हैं?

मुझे लगता है की यह चुनाव बहुत रोमांचक होगा। मैं अपने परिवार के साथ मतदान करने की योजना बना रहा हूँ। लेकिन मुझे एक सवाल आया की 46 मतदान केंद्रों पर 4,372 मतगणना टेबल लगाए गए हैं, यह कैसे संभव है?
 
बिहार में आ रहे चुनाव को देखकर तो मुझे लगता है की हमारे देश में मतदाताओं की बुद्धिमत्ता और जागरूकता बहुत बढ़ गई है। 67.13 प्रतिशत वोट डालने से यह चुनाव एक नए अध्याय को खोल रहा है 🤔

मुझे लगता है कि शुक्रवार सुबह आठ बजे में मतगणना शुरू होना तो बहुत अच्छी बात है। इससे पहले डाक मतपत्रों की गणना और ईवीएम की गिनती अलग-अलग समय पर शुरू होगी। यह सुनिश्चित करता है कि चुनाव प्रक्रिया तेज़ और सुरक्षित रहे।

मतगणना केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था करना तो बहुत जरूरी है। राज्य के 38 जिलों में 46 केंद्रों पर लगभग 4,372 मतगणना टेबल लगाए गए हैं। इन टेबलों पर एक सुपरवाइजर, एक गणना सहायक और एक सूक्ष्म पर्यवेक्षक तैनात रहेगा। इसके अलावा, उम्मीदवारों द्वारा नियुक्त 18,000 से अधिक गणना एजेंट भी प्रक्रिया की निगरानी करेंगे।

मतदान को सुरक्षित और शांतिपूर्ण बनाने के लिए बिहार पुलिस और सीएपीएफ का सहयोग जरूरी है। दो-स्तरीय सुरक्षा सुनिश्चित करना और 24×7 सीसीटीवी कैमरों से निगरानी करना तो बहुत अच्छी बात है। हमें उम्मीद है कि यह चुनाव शांतिपूर्ण और सुरक्षित ढंग से संपन्न होगा। 🙏

मुझे लगता है की इस चुनाव में बिहार की जनता अपने मताधिकार का प्रयोग करने वाली है। हमें उम्मीद है कि यह चुनाव राजनीतिक दलों और देश के लिए एक नई दिशा खोलेगी।
 
😊 बिहार में आने वाले इस महत्वपूर्ण चुनाव में एक नया अध्याय खुल रहा है। यह देश की राजनीति में एक नया मोड़ लाने वाला है, जहां जनता अपने मताधिकार का प्रयोग करने जा रही है। चुनाव की सुरक्षा और निर्वाचन आयोग की तैयारियों से यह पहले से कहीं भी सुचारू ढंग से चलेगा। 🙏
 
मुझे लगता है की इस चुनाव में बहुत सारे लोग अपने मताधिकार का प्रयोग करने वाले हैं और हमें उम्मीद है कि सब कुछ शांतिपूर्ण रूप से चलेगा। इन दिनों बिहार की राजनीति में बहुत सारे नए नाम दिखाई दे रहे हैं और इससे पहले चुनाव की निगरानी करने के लिए 106 कंपनियों को भी ड्यूटी मिल गई है 🤝

मतगणना शुरू करने से पहले सभी मतदान केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं और मुझे यकीन है कि सब कुछ अच्छी तरह से संभाला जाएगा। बिहार पुलिस और सीएपीएफ को भी सहयोग दिया जाएगा ताकि चुनाव शांतिपूर्ण और सुरक्षित ढंग से चले।

मुझे लगता है की इस चुनाव में हमारी बिहार की जनता ने अपने मताधिकार का बहुत प्रयोग करने वाली है और उम्मीद है कि सब कुछ अच्छी तरह से चलेगा।
 
बिहार में आने वाले चुनाव में बहुत उत्साह है! 67.13 प्रतिशत वोट डालने से यह एक ऐतिहासिक दिन हो सकता है 🤩। मतदान केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं, जिससे हमारी मतदाताओं की सुरक्षा की जांच की जाएगी। 18,000 से अधिक गणना एजेंट भी तैयार हैं जो यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रक्रिया शांतिपूर्ण और निष्पक्ष हो। चाहे किसी भी उम्मीदवार को जीत मिले, हमें खुशी होगी 🎉
 
मुझे यह जानकारी देखने में खुशी हुई, लेकिन एक सवाल है - क्या इन 18,000 गणना एजंटों को प्रशिक्षित किया गया है? और इन्हें कैसे रखरखाव किया जाएगा? स्रोत बताएं ताकि हम इस मामले पर और चर्चा कर सकें।
 
मुझे लगता है कि इन चुनाव में कई गुप्त परियोजनाएं चल रही होंगी। मतदान केंद्रों पर इतनी कड़ी सुरक्षा लगातार करने के लिए पैसा खर्च क्यों कर रहे हैं? ये मतदाता सुरक्षित हैं, लेकिन क्या ईवीएम में भी कुछ गुप्त है जो हम नहीं देख सकते। और राज्य पुलिस, सीएपीएफ सहित कई कंपनियों को इसमें शामिल रखने का क्या कारण है? ऐसे तेजी से बदलाव बिहार में होने से यह तय नहीं किया जा सकता कि यह चुनाव वास्तव में जनता के लिए है या कुछ और।
 
बात तो बहुत ही रोचक है मतगणना की। मुझे लगता है कि सब कुछ ठीक से चलेगा, लेकिन चुनाव में जीतने वाला कौन होगा, वह देखने के लिए मुझे थोड़ी रोमांच भी लग रही है 🤔. मतदाताओं ने इतने बड़े फ़र्ज़ और जिम्मेदारियों को स्वीकार किया है, यह बहुत प्रशंसनीय है। मुझे उम्मीद है कि सबकुछ शांतिपूर्ण रूप से चलेगा और चुनावी प्रक्रिया में कोई समस्या न आए।
 
बिहार में आने वाले चुनाव को देखते हुए, मुझे लगता है की निर्वाचन आयोग ने बहुत अच्छी तैयारियां की हैं। मतदान केंद्रों पर सुरक्षा प्रबंध करने से पहले हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मतदाताओं को उनके मताधिकार का सही ढंग से उपयोग करने में मदद मिले।

मुझे लगता है की उम्मीदवारों और गणना एजेंटों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। उन्हें अपनी जिम्मेदारियों को लेकर सावधानी बरतनी चाहिए। चुनाव के दौरान हर किसी की भागीदारी और सहभागिता की जरूरत है, ताकि हम यह सुनिश्चित कर सकें कि निर्वाचन प्रक्रिया शांतिपूर्ण और सुरक्षित ढंग से संपन्न हो।
 
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