बिहार चुनाव में महागठबंधन की हार के बाद उद्धव ठाकरे की पार्टी की पहली प्रतिक्रिया, जानें क्या क

बिहार में महागठबंधन को करारी हार झेलने की स्थिति में, शिवसेना यूबीटी की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दिखाई है। उन्होंने महागठबंधन को बधाई देने के साथ-साथ नीतीश कुमार जी की प्रशंसा की है और कहा, 'रही बात कौन मुख्यमंत्री बनेगा तो वो NDA पर निर्भर करता है।'

प्रियंका चतुर्वेदी ने आगे बताया, 'बिहार में जनता से किए वादे पूरे करना चाहिए। क्योंकि जो वादे वो करते हैं, उन्हें पूरा नहीं करते. महाराष्ट्र में लाडली बहना योजना शुरू करने के साथ ही फुल स्टॉप लगाने का काम भी वही सरकार कर रही है।'

उन्होंने कहा, 'मैं नीतीश कुमार जी को बधाई देना चाहती हूं. रही बात कौन मुख्यमंत्री बनेगा तो वो NDA पर निर्भर करता है. बिहार में जनता से किए वादे पूरे करना चाहिए। क्योंकि जो वादे वो करते हैं, उन्हें पूरा नहीं करते।'

प्रियंका चतुर्वेदी ने आगे बताया, 'SIR को लेकर चर्चा की गई है। कई ट्रेन वोटर के लिए चलाई गई थी। हाई एंटी इन्कंबेंसी होने, वोट टर्नआउट होने के बाद भी परिणाम कुछ ओर आना सवाल खड़े करता है। कुछ सवाल के जवाब तो इलेक्शन कमीशन को देना पड़ेगा।'

इसके अलावा, प्रियंका ने कहा, 'दिल्ली में जब आम आदमी पार्टी ने ऐलान किया तो चुनाव आयोग ने आपत्ति उठाई थी। लेकिन यही जब महाराष्ट्र में बीजेपी और बिहार में हुआ, तो इलेक्शन कमीशन कड़ाई से पेश आया था। इलेक्शन फ्री फेयर होता है, वो नहीं हुआ है। डेमोक्रेसी की बलि चढ़ चुकी है। जनता ने आकर समर्थन दिया है। वोट किया है। जो उसका आउटकम है, उसका सम्मान करना चाहिए। बिहार की जनता को सही तरीके से विकास मिले।'

महागठबंधन की हार पर प्रियंका ने कहा, 'उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा, कि कहां-कहां गलती हुई है। जनता में बात सही तरीके से क्यों नहीं पहुंची। आखिरी समय में सीएम का चेहरा घोषित किया था, ये भी एक वजह है। इन सभी पर ध्यान देना होगा।'
 
बिहार की हार बहुत बड़ी है, लेकिन इसकी जीत महागठबंधन से नहीं हुई, जनता ने ही इसे चुनाव में जीता है 🤔. प्रियंका जी ने बिहार को बधाई देनी चाहिए थी, लेकिन विरोधी दल की हार स्वीकारने की जगह खुशी मनाने की बात कह रही है। इससे मुझे लगता है कि प्रियंका जी को यहाँ भी अपनी गलतियों को स्वीकार करना चाहिए, और भविष्य की राजनीति में अपने दोषों से सबक लेना चाहिए 🤓.
 
बिहार की हार सुनकर मुझे यह विचार आया कि कोई भी पार्टी अगर अपने वादों को पूरा नहीं करती, तो जनता उसे बुरी तरह झेलती है। हमें यह सीखना चाहिए कि वादे करना आसान है, लेकिन उनका पालन और निष्पादन मुश्किल होता है। 🤔

अब महाराष्ट्र में भी शिवसेना की ऐसी ही हालत हो रही है तो यह सुनिश्चित करना जरूरी होगा कि वह अपने वादों को पूरा करती है। जनता ने उन्हें समर्थन दिया है, इसलिए उनको उसका सम्मान करना चाहिए। 🙏

और सबसे बड़ी बात, यह सीखनी जरूरी है कि हमारी डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के लिए हमें अपने नेताओं और पार्टियों से जवाबदेही मांगनी चाहिए। 🗣️

बिहार की जनता की भावना को समझना जरूरी है और उनकी समस्याओं का समाधान खोजना चाहिए। यही हमें एक मजबूत बिहार बनाने में मदद करेगा। 🌱
 
अरे भाई, ये बिहार की मासूम जनता को निराश कर रही है 🤕। प्रियंका चतुर्वेदी जी ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दिखाई और कहा कि अगर NDA वाला मुख्यमंत्री बनेगा तो वह भी बिहार में महागठबंधन पर ही निर्भर है।

लेकिन, मैं सोचता हूं कि महागठबंधन को यह जरूरी नहीं था कि वे इतनी देर तक चलें। जब आपके पास आर्थिक और सामाजिक समस्याएं होती हैं, तो फिर आप चुनाव लड़ने के लिए तैयार कैसे होंगे?

बिहार में जनता से वादे पूरे करना जरूरी है, लेकिन यह भी जरूरी है कि आप अपने वादों को पूरा करें। प्रियंका चतुर्वेदी जी ने कहा है कि अगर आप नीतीश कुमार जी को बधाई देना चाहते हैं तो उसे यह सुनिश्चित करना होगा कि वे अपने वादों को पूरा करें।

और, मैंने सोचा कि प्रियंका चतुर्वेदी जी ने भी कुछ सच्चाई कही है। अगर आप एक ट्रेन चलाने के लिए कहते हैं, तो फिर आपको उसे चलाना जरूरी नहीं है, लेकिन जब आप वोटरों को बताते हैं कि यह ट्रेन आपके द्वारा चलाई जाएगी, तो फिर इसका मतलब क्या?

अब, बिहार में महागठबंधन ने अपनी हार स्वीकार करनी चाहिए और उन्होंने कहा है कि अगर आप जनता को सही तरीके से विकास देना चाहते हैं, तो आपको अपने प्रदर्शन पर ध्यान देना होगा।
 
बिहार की हार ने हमें बहुत ही सीखने को मिली। अगर महागठबंधन को वोट्स न मिलने की बात सच है तो फिर भी उन्होंने लोगों के दिलों को नहीं जीता था। प्रियंका चतुर्वेदी जी की बोली सुनकर लगता है कि वह अपने अनुभवों से सबक लेती हुई बात कर रही हैं। लेकिन अगर हम नीतीश कुमार जी को उनकी प्रशंसा करते हुए देखें तो यह भी सच है। मैं समझता हूं कि जनता से वादे पूरे करना जरूरी है, लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि हमारे पास रणनीतिक सोच और नेतृत्व कौशल हो। 🤔
 
मुझे यह पूरा खास नजारा देखने को मिला 🤯। लगता है कि महागठबंधन की हार से प्रियंका चतुर्वेदी को खुशी हुई 😊। लेकिन मुझे लगता है कि वो बिहार में जनता की उम्मीदों को पूरा नहीं कर पाएगी, क्या? 🤔 बहुत से लोग चाहते थे कि नीतीश कुमार जी फिर से तैयार हों। क्या वो काम पर लौट आएंगे? 🕰️
 
बिहार में महागठबंधन को झेलने की स्थिति तो बहुत ही गंभीर है 🤕, लेकिन प्रियंका चतुर्वेदी की बोली में भी साफ़ चलता है कि नीतीश कुमार जी को बधाई देनी चाहिए। लेकिन सवाल यह है कि नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में महागठबंधन की पूरी योजना सही से नहीं चली। 🤔

महागठबंधन को बिहार में जनता से वादे पूरे करना चाहिए, लेकिन लगता है कि उनकी सरकार में भी ऐसा ही हाल हुआ है। नीतीश कुमार जी और महागठबंधन की सरकार ने वोटों के बदले में लाडली बहना योजना शुरू करने का काम भी किया है। यही नहीं, फुल स्टॉप लगाने का काम भी वही सरकार कर रही थी।

और प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा है कि अगर इलेक्शन कमीशन को सवालों के जवाब देने का मौका नहीं मिला, तो यह democracy की बलि चढ़ गई है। जनता ने आकर समर्थन दिया है, लेकिन उसका आउटकम होना भी चाहिए। बिहार की जनता को सही तरीके से विकास मिले, यही बात कहना शुरू होता है। 🙏
 
बिहार में महागठबंधन को हार झेलने की बात सुनकर मुझे लगता है कि यह जनता की त्रासदी है। लेकिन, प्रियंका चतुर्वेदी जी ने अपनी बात कही, और मैं उनकी बात समझ गया। 👍

बिहार में जनता से वादे पूरे करना बहुत जरूरी है, और सरकार को यह जरूरत है। अगर सरकार वादे पूरे नहीं कर सकती है तो जनता निराश होगी, और वोट देगी। यह हमेशा सच रहा है।

और, सिर्फ इलेक्शन कमीशन से बात करने की बात कहकर कुछ नहीं समझ मिलता। सरकार को यह जरूरत है कि जनता की जरूरतों को पूरा करे, और वोटों का सम्मान करे। 🙏

मैं प्रियंका चतुर्वेदी जी से बात करना चाहता था, लेकिन उनकी बात सुनकर मुझे लगा कि वे भी जनता की जरूरतों को समझ रही हैं। 👍
 
यार फिलहाल बिहार में महागठबंधन को निराश कर दिया गया 🤕, लेकिन हमें उम्मीद करनी चाहिए कि अगर वे अपने वादों को पूरा करते हैं तो जनता उन्हें समझाएगी। प्रियंका चतुर्वेदी जी ने बहुत बात कही है 🗣️, लेकिन मेरा दृष्टिकोण यह है कि अगर हम अपने देश को फायदे से चलाना चाहते हैं तो हमें सबसे पहले अपने घर को अच्छा बनाना होगा।
 
बिहार की राजनीति में बदलाव को देखकर हैरान हूँ, लेकिन यही बात महाराष्ट्र की राजनीति में भी सच है, प्रियंका चतुर्वेदी जी ने सही कहा है कि जनता से वादे पूरे करना बहुत जरूरी है।

नीतीश कुमार जी को बधाई देना चाहिए, लेकिन यह भी ध्यान रखना होगा कि कैसे उन्होंने अपने वादों को पूरा किया, और कुछ गलतियाँ हुईं या नहीं।

बिहार में जनता से किए गए वादों पर नज़र रखनी चाहिए, और यह भी देखना जरूरी है कि क्या उन्होंने अपने वादों को पूरा किया है या नहीं।

आम आदमी पार्टी के इस्तेमाल में बड़ी समस्या है, इसलिए इलेक्शन कमीशन को भी ध्यान रखना होगा।
 
नीतीश जी को बधाई, लेकिन यह तो अभी शुरू ही नहीं हुआ... उनके पास भी कई सवाल होंगे। यहां तक कि विकास में भी गड़बड़ी है - देवघाट का उद्योगिक क्षेत्र तो और कहाँ? बिहार की जनता ने हमेशा सही मायने में समर्थन दिया है, लेकिन अभी तक इसका परिणाम कुछ नहीं हुआ... क्योंकि इलेक्शन कमीशन को कभी भी जवाबदेही से खड़ा किया नहीं गया.. 🤔👎
 
मैंने पहले कहा था कि बिहार में जो पूरा घटनाक्रम हुआ, तो इसके लिए बहुत से कारण हैं। पहले तो यह पूछना जरूरी है कि क्या महागठबंधन ने वास्तव में जनता की अपेक्षाओं को पूरा नहीं किया। और फिर, क्या NDA की सरकार ने अपनी कमजोरियों पर ध्यान नहीं दिया।

मुझे लगता है कि यह सब एक बड़ा सा मंत्रित्व है। अगर आप जनता से वादे पूरे करना चाहते हैं तो आपको अपने वादों को पूरा करना होगा, न कि उसे टाल-मटकाकर कहीं और ले जाना। लेकिन यह भी सच है कि इलेक्शन कमीशन को भी अपनी बीमारियां नहीं दिखाई जा सकती।

एक बात तो जरूर है, जनता ने ही वोट डाला था, इसलिए उनका समर्थन लेना और उनकी अपेक्षाओं को पूरा करना जरूरी है। अगर आप जनता से वादे पूरे नहीं करते हैं तो आपको अपने खुद के सिलसिलों में फंसना पड़ता है।

तो यह जैसा कुछ भी है, लेकिन एक बात जरूर है कि अगर आप जनता के वादों को पूरा नहीं करते हैं तो आपको अपने दिल से नुकसान उठाना पड़ता है।
 
बिहार में महागठबंधन को करारी हार झेलने की स्थिति में, यह पता चलता है कि जनता को नीतीश कुमार जी की सरकार ने विकास में कमजोरियों को देखने को नहीं मिला।

क्या सरकार के पास जनता की उम्मीदों को पूरा करने का तरीका सीखने का समय है?

किसे इस पर ध्यान देना चाहिए, नीतीश कुमार जी या जनता की राय को?
 
जीते जीते तो अच्छी बात है लेकिन कैसे बने जीतने वाले सिर? 🤔 बहुत से टिप्पणियां कर रहे होंगे और फिलहाल प्रियंका चतुर्वेदी ने अपनी राय दिखाई है। मुझे लगता है कि भाइयों को यह जानना चाहिए कि जनता को वादे पूरे करने का मौका मिलना चाहिए। अगर सरकार में गलतियाँ होती हैं तो इलेक्शन कमीशन को ध्यान देना होगा। 🤝
 
बिहार में महागठबंधन की हार ने मुझे बहुत सोचने पर मजबूर किया। यह बिल्कुल भी नहीं था जैसा कि मैंने उम्मीद की थी। लेकिन प्रियंका चतुर्वेदी की बात सुनकर मेरे दिल में एक छोटी सी आशा जग गई। नीतीश कुमार जी पर उनकी प्रशंसा और उनके नेतृत्व की बात सुनकर मुझे लगता है कि भारतीय जनता परिवार को वापस लाने की जरूरत है। लेकिन इस बीच, महागठबंधन की गलतियों को सुधारने की जरूरत है। और सबसे ज्यादा, जनता को सुनने की जरूरत है और उनकी बात समझने की जरूरत है।

🤔💭
 
बिहार की हार पर प्रियंका चतुर्वेदी की बात सुनकर मुझे लगता है कि उनको अपनी नीतियों का सम्मुख आना होगा। वे लोगों के साथ सहानुभूति रखने वाले नहीं लग रहे।
 
बिहार की ऐसी हुई हार, तो एक बात जरूर है - जनता की बात सुननी चाहिए। यह तो समझ में आता है कि विकास और सरकार के प्रयासों को लेकर बातचीत होती रहती है, लेकिन बाद में क्या हुआ, इसकी जांच जरूरी है। 😐
 
ਬिहार ਦੀ ਹਾਰ ਤੋਂ ਅਲੌਕਿਕ ਨਹੀਂ, ਜਗਤ ਵਿੱਚ ਫੈਲ ਰਿਹਾ ਹੈ। ਪ੍ਰਭਾਤ ਦੇ ਸਮੇਂ 'ਤੇ ਕੀ ਨਾ ਬਣ ਸਕਦਾ? 🌅

https://www.ndtv.com/elections news/2020-bihar-election/priyanka-chaturvedi-on-bjp-nitish-kumar-1577206

ਹਮੇਸ਼ਾਂ ਨਾ ਵੀ ਤੋਂ ਪਛਤਾਓ... 🙏
 
बिहार में महागठबंधन को नमाज़द होने का दिन आ गया है 🤞। लेकिन प्रियंका चतुर्वेदी जी की बात सुनकर लगता है कि उनकी भी अपनी मुश्किलें हैं। उन्होंने महागठबंधन को बधाई देनी और नीतीश कुमार जी की प्रशंसा की, लेकिन उनकी बोलती हुई सुनकर लगता है कि वे बिहार की जनता को कुछ भी नहीं मिलेगा। 🤔

क्या प्रियंका चतुर्वेदी जी ने अपने आप को बिहार की जनता के सामने खड़ा किया है? या फिर वे बस अपने देश की राजनीति में खेल रही हैं? 🤷‍♀️

बिहार में जनता से किए वादे पूरे करना एक बड़ी चुनौती है। लेकिन प्रियंका चतुर्वेदी जी ने कहा कि यह जरूर होगा, तो भी। लेकिन कैसे? और क्यों? 🤔

आजकल राजनीति में ऐसी बहुत सारी गलतियाँ होती हैं। और आजकल की राजनीतिक नेताओं की कोई जवाबदेही नहीं है। वे बस अपने आप को बचाने का प्रयास करते हैं और जनता को चुप कराते हैं। 🙄

लेकिन मुझे लगता है कि यह बिहार की जनता से गलत होगा। हमें अपने मुख्यमंत्री को बदलने का अधिकार है। और अगर उन्होंने गलतियाँ की हैं, तो उन्हें बदलना चाहिए। 👊
 
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