Bihar Election 2025: छठ पर्व को लेकर राहुल गांधी के बयान पर भड़के तेज प्रताप यादव

राहुल गांधी ने छठ पर्व का बयान दिया, अब तेज प्रताप यादव ने जवाब दिया। राजनीतिक दलों में गर्मा गर्मा विवाद हो गया है।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के छठ पर्व वाले बयान पर तेजस्वी यादव के बड़े भाई तेज प्रताप यादव ने भारी आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा, "राहुल गांधी जी को छठ के बारे में क्या पता है? राहुल गांधी जी छठ किए हैं? उनको कुछ पता है? जो आदमी विदेश भाग जाता हो उसको छठ पर्व का क्या ज्ञान है?"

केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा, "राहुल गांधी बचकानी हरकत करते हैं। उनमें गंभीरता नहीं है। सब पहले कहते थे तो मैं विश्वास नहीं करता था। अब पूर्ण विश्वास हो गया है कि उनसे ज्यादा बचकानी हरकत करने वाला वर्तमान राजनीति में कोई नहीं है। छठ जैसे महापर्व के लिए ऐसे शब्द बोलकर वे अपने साथ-साथ अपने पूर्वजों का नाम भी बदनाम कर रहे हैं।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राहुल गांधी के छठ वाले बयान पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "आपने देखा है कि आपका ये बेटा तो छठी मैया की जय-जयकार दुनिया में कराने में लगा है। दूसरी तरफ ये कांग्रेस और RJD के लोग छठी मैया का अपमान कर रहे हैं। क्या कोई कभी चुनाव में वोट पाने के लिए छठी मैया का अपमान कर सकता है? क्या ऐसा अपमान, बिहार, हिंदुस्तान और मेरी माताएं जो निर्जला उपवास करती हैं, वो सहन कर सकती हैं?"

इस विवाद में एक दूसरे का जवाब देने की स्थिति में कई राजनीतिक दल हैं। लेकिन तेज प्रताप यादव ने अपने बयान से यह बताया है कि, छठ पर्व को लेकर हमारे नेताओं के बयान पर बहुत सियासी घमासान हो रहा है।
 
राहुल गांधी जी के छठ पर्व वाले बयान से मुझे लगता है कि यह तो एक बड़ा भूलबूलिया है 🤔। वह तो फिर से अपने पिता और उनके पास के सबको दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन तेज प्रताप यादव जी ने बिल्कुल सही कहा है कि राहुल गांधी जी को छठ पर्व का क्या पता है? 🤷‍♂️ और क्या वे नहीं जानते कि छठ पर्व एक महापर्व है जिसे हमारे देश में बहुत महत्व दिया जाता है? 🙏

मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री जी ने सही कहा है, चुनाव में वोट पाने के लिए छठी मैया का अपमान नहीं किया जा सकता है। 🙅‍♂️ लेकिन इस दौरान ऐसे बयान बोलने से निराशा भी हो रही है 🤕। और तेज प्रताप यादव जी ने सही कहा है, कि हमें अपने नेताओं के बयान पर बहुत सियासी घमासान नहीं करना चाहिए। 😐
 
😬 भाई, ये तो पूरी तरह से बिना समझे में कोई बयान देने का मतलब नहीं होता है और फिर एक दूसरे पर आरोप लगाना। राहुल गांधी जी को छठ के बारे में पता नहीं होने का मतलब यह नहीं है कि उन्होंने सिर्फ विदेश भाग जाते हुए ही ऐसा बयान दिया है। उनके पीछे क्या मकसद था और क्या उन्हें पता था कि इससे उनके नेता को बहुत परेशानी होगी। 🤔

और जीतन राम मांझी साहब, आपको लगता है कि आप हमेशा सही होते हैं लेकिन यहाँ तो कुछ और जिम्मेदारी भी है। छठ पर्व एक पौराणिक महापर्व है, और हमें उसे समझने की कोशिश करनी चाहिए। 🙏

लेकिन मेरी बात ये नहीं है कि राजनीतिज्ञों को अपने बयानों से सावधान रहना चाहिए, लेकिन यह जरूरी है कि हमें उनके बयानों को समझने और उनके पीछे के मकसद को समझने की कोशिश करनी चाहिए। 🤝
 
राहुल गांधी और तेज प्रताप यादव के बीच का यह विवाद मुझे थोड़ा अजीब लगा, क्योंकि छठ पर्व जैसा एक ऐसा महापर्व बार-बार चर्चा में आने के बजाय मैंने सुना है की इस पल्लू में खिलौने फेंकने वाले छोटे बच्चों को भी लोग देखने लगे हैं 🤔
 
तेज प्रताप यादव के बयान के बाद मुझे लगता है कि कोई भी राजनीतिक दल छठ पर्व का सम्मान नहीं कर पाया। राहुल गांधी जी ने विदेश भागने के बारे में कहा, लेकिन तेज प्रताप यादव जी ने उनके बयान को साफ़ तौर पर गलत समझा और उन पर आरोप लगाए। इसके अलावा, जीतन राम मांझी जी ने भी अपनी बोलती हुई में बहुत संवेदनशीलता नहीं दिखाई, लेकिन मुझे लगता है कि उनका बयान थोड़ा अधिक साफ़ और स्पष्ट था। 🙄

मुझे लगता है कि छठ पर्व को लेकर इस विवाद की समाधान की जरूरत है। हमें यह समझना चाहिए कि छठ पर्व एक पवित्र और महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे हम सभी सम्मान से मनाते हैं। 🌹
 
यह तो बहुत ही बुरा हुआ है जैसे उन्होंने माता की जय-जयकार कह दी है 🤔🙅‍♂️। लेकिन मुझे लगता है कि छठ पर्व की मuhurat ko 3 बजे से लेकर 4 बजे तक रखने का निर्णय भी सही नहीं था, क्या बोले? 🤷‍♂️
 
राहुल गांधी के छठ पर्व वाले बयान से मुझे लगता है कि यह एक अच्छा अवसर है कि हमें अपनी पहचान और परंपराओं को समझने का मौका मिले। लेकिन जैसे ही तेज प्रताप यादव ने उनके बयान पर आरोप लगाए, मुझे लगता है कि यह विवाद अब सिर्फ राजनीतिक दलों के बीच नहीं चल रहा है, बल्कि हमारी संस्कृति और परंपराओं को लेकर भी।

क्या हमें अपने पूर्वजों की पहचान और सम्मान करने के लिए बहुत जोर देने की जरूरत है? और क्या हमें अपनी सांस्कृतिक विविधता को समझने के लिए इस तरह के बयानों पर ध्यान देना चाहिए? 🤔

अगर हमारे नेताओं और राजनीतिक दलों को सिर्फ अपने राजनीतिक हितों को बढ़ावा देने की बजाय, हमारी संस्कृति और परंपराओं को समझने की जरूरत है, तो फिर वे ऐसे बयान न बनाएं जो हमारी पहचान को खराब करें। 🙏
 
राहुल गांधी जी का छठ वाला बयान तेज प्रताप यादव के द्वारा लगे बड़े आरोप के बाद, मेरी सोच में एक सवाल उठ गया - क्यों हमारे राजनीतिक नेताओं को कुछ भी कहने से पहले अपने शब्दों का खून किया जाना चाहिए? क्या हमें ऐसे विवादों में फंसने की जरूरत है? और सबसे बड़ा सवाल यह है - राजनीति में छठ पर्व को लेकर इतने ज्यादा विवाद क्यों हो रहे हैं? 🤔
 
राहुल गांधी के छठ वाले बयान पर तेज प्रताप यादव के बड़े भाई की बातें सुनकर मुझे लगता है कि कुछ लोग फस गए हैं। छठ पर्व एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो हमारी संस्कृति और परंपराओं को दर्शाता है। राहुल गांधी ने अपने बयान में तेज प्रताप यादव की बातों का मजाक उड़ाया था, लेकिन उनके बयान में भी जिम्मेदारियाँ नहीं थीं।

केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने अपनी बातें सुनकर लगता है कि उन्होंने छठ पर्व के महत्व को समझ लिया है, लेकिन उनकी भाषा में थोड़ा भारीपन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने बयान में तेज प्रताप यादव की बातों पर जोर दिया, लेकिन लगता है कि उन्होंने इस मुद्दे पर थोड़ा सोच-समझकर नहीं बोला।
 
राहुल गांधी का बयान बिल्कुल भी सही नहीं है... अरे, यह तो छठ पर्व जैसे पवित्र महापर्व को लेकर ऐसा बयान देना कितना अनुचित है? मैंने अपने गुरु-जनों से कहा है, "अरे, राहुल गांधी जी क्या समझते हैं? विदेश चलने वाले लोगों को छठ का कोई ज्ञान नहीं होता?"

मुझे लगता है कि भारत में ऐसे लोगों ने देश को कभी नहीं समझाया, जिन्हें हमारा परंपरागत धर्म और संस्कृति कुछ नहीं पता।
 
राहुल गांधी जी के छठ वाले बयान से मुझे लगता है कि भारतीय राजनीति में थोड़ा संवेदनशीलता जरूरी है। तेज प्रताप यादव ने बहुत मजबूत आरोप लगाए हैं और मुझे लगता है कि उन्हें सही कहा है। लेकिन फिर भी, यह एक बहुत ही विवादित मुद्दा है जिस पर देशभर में विभिन्न नजarianियाँ हो सकती हैं। क्या हमें अपने पारंपरिक संस्कृति का सम्मान करना चाहिए और उसे अपमानित करने से बचना चाहिए?
 
राहुल गांधी का छठ पर्व वाला बयान तेज प्रताप यादव जी के जवाब में फूटा हुआ है 🤔। लेकिन यह सवाल उठता है कि क्या हमारे नेताओं को अपने बयानों से पहले विचार करना चाहिए? क्या वे समझते हैं कि छठ पर्व का अर्थ क्या है? 🤷‍♂️

मुझे लगता है कि तेज प्रताप यादव जी ने सही कहा है। राहुल गांधी जी को छठ पर्व के बारे में पता नहीं है, और उन्होंने अपने बयान से अपने साथ-साथ अपने पूर्वजों का नाम भी बदनाम कर दिया है। 💔

लेकिन यह विवाद फिर से राजनीतिक दलों को मिलकर एक साथ आने का अवसर भी देता है। हमें उम्मीद है कि वे अपने बयानों में अधिक सावधानी और समझदारी रखेंगे। 🤞
 
राहुल गांधी जैसे व्यक्ति देश की राजनीति में हाल कुछ दिनों से खराब हो रहा है 🤔। लेकिन इस बार तेज प्रताप यादव ने अच्छा जवाब दिया है। यह विवाद छठ पर्व को लेकर है, जो हमारी धर्म-परंपराओं में बहुत महत्वपूर्ण है और ऐसे बयान करना उचित नहीं है जैसे कि राहुल गांधी ने किया है। मेरी राय में यह देश की समाजशीलता पर खराब प्रभाव डाल सकता है, लेकिन तेज प्रताप यादव जैसे नेताओं को अपने बयान से हमारी राजनीति को एक नया दिशा देने में मदद कर सकते हैं 🚀
 
अरे, तेज प्रताप यादव का आरोप लगाना ठीक नहीं है... राहुल गांधी जी का वह बयान वाकई अजीब था। मुझे लगता है कि उनको छठ पर्व का खास ज्ञान नहीं है, लेकिन उन्हें यह कहने की जरूरत नहीं है कि वे छठ किए हैं...

क्या हमारे नेताओं में तेजनुमा और सावधानी का अंतर नहीं पड़ता?... राहुल गांधी जी को अपने बयान पर खेद महसूस करना चाहिए, लेकिन तेज प्रताप यादव ने ऐसा नहीं किया।

अरे, मुझे लगता है कि छठ पर्व को लेकर हमारे नेताओं की बातें बहुत महत्वपूर्ण हैं... हमें यह समझना चाहिए कि हमारी संस्कृति और परंपराएं कैसे सम्मानित होती हैं।
 
🤔 राहुल गांधी जी का बयान सुनकर मुझे थोड़ा आश्चर्य हुआ। मैं तो छठ पर्व की महत्ता को समझ नहीं पा रहा हूँ, क्योंकि वह बात तो सबसे पहले से ही जानते हैं। लेकिन अगर वे वास्तव में छठ किए हैं, तो उन्हें पता है कि छठ पर्व क्या है। 🤷‍♂️
 
🤔 राहुल गांधी जी का बयान करने से पहले उन्हें छठ के बारे में जरूर जानना चाहिए, नहीं तो वह अपने पूर्वजों का नाम भी बदनाम कर रहे हैं। उनके बच्चे विदेश जाते समय छठ के बारे में शिक्षित नहीं होते, फिर उन्हें छठ के बारे में क्या पता है? 🤷‍♂️
 
राहुल गांधी जी के छठ वाले बयान से तेज प्रताप यादव का जवाब अच्छा आ रहा है 🤔, लेकिन मुझे लगता है कि दोनों तरफ की बातें थोड़ी सुस्त लग रही हैं 👎। राहुल गांधी जी ने छठ पर्व को बहुत ही खलल दिया है, लेकिन तेज प्रताप यादव जी के बयान में भी थोड़ा विवाद पैदा होना चाहिए। छठ पर्व एक महत्वपूर्ण धर्म और संस्कृति है जिसे हमारे देश की समृद्धि में बहुत महत्वपूर्ण जगह है। मुझे लगता है कि हमें इस विवाद को थोड़ा शांत करने की जरूरत है 🙏, और साथ ही छठ पर्व को एक महापर्व के रूप में सम्मानित करें।
 
राहुल गांधी के छठ वाले बयान से मुझे यह एहसास हुआ है कि हमारे देश में भ्रष्टाचार और दुरभावना बाकी तो नहीं है। राजनीतिज्ञों ने अपनी गैरकानूनी गतिविधियों को छिपाने के लिए छठ पर्व का इस्तेमाल कर लिया है।
 
तेज प्रताप यादव का बयान बिल्कुल सही है, राहुल गांधी जी का छठ पर्व वाला बयान बहुत ही अनुचित था। उन्हें अपने बयान से अपने साथ-साथ अपने पूर्वजों का नाम भी बदनाम करना पड़ा है। मुझे लगता है कि तेज प्रताप यादव ने सही दृष्टिकोण से बात की है, राहुल गांधी जी के बयान के लिए उन्हें बहुत बड़ी निशानी लगनी चाहिए। 🙅‍♂️

अब इस विवाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राहुल गांधी जी पर निशाना साधा, लेकिन मुझे लगता है कि यह बयान थोड़ा अनुचित था। नरेंद्र मोदी जी अपने बयान से छठ पर्व को लेकर बहुत ही सही बात कह रहे थे, लेकिन उन्होंने इसे बहुत ही सियासती रूप देना चाहिए था। 🤔

कुल मिलाकर, यह विवाद बहुत ही दिलचस्प है, और मुझे लगता है कि तेज प्रताप यादव ने सही दृष्टिकोण से बात की है। 👍
 
राहुल गांधी जैसे नेता कौन हैं? पहले उन्हें छठ किए नहीं दिखाया, फिर विदेश भाग जाते हैं और वहाँ से लौटते हुए ही छठ के बारे में बयान करते हैं। तेज प्रताप यादव ने सही कहा कि राहुल गांधी जी को छठ के बारे में क्या पता है। अगर वे अपने साथ-साथ अपने पूर्वजों का नाम भी बदनाम कर रहे हैं।
 
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