Bihar Election 2025: NDA की सरकार बनने पर बदल जाएगा इस शहर का नाम, CM योगी ने किया ऐलान

बिहार चुनाव 2025 में नेताओं द्वारा की गई घोषणाओं के बीच, उत्तर प्रदेश में सपा ने रामभक्तों पर गोलीबारी करने की हेराफेरी, अयोध्या को खून से लथपथ कर दिया। हमारी सरकार बनने पर इस शहर का नाम बदल जाएगा, तो मेरे साथ समझें।

सीतामढ़ी में माता सीता जानकी मंदिर का निर्माण होगा, जिसकी नींव रखी जाएगी और काम शुरू होगा। अयोध्या को सीतामढ़ी से जोड़ने के लिए एक कॉरिडोर भी बनाया जा रहा है। 6,155 करोड़ रुपये की लागत से एक चार लेन वाली सड़क भी बनाई जा रही है, जिससे यात्रियों और पर्यटकों को आसानी से पहुंचने में मदद मिलेगी।

हमारी सरकार बनने पर यहां की प्रतिष्ठा बढ़ेगी, और इस शहर का नाम बदल जाएगा। हमारी सरकार द्वारा यहाँ के लोगों को बहुमूल्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
 
अयोध्या में इतनी बातें करने से पहले, क्या हम उन लोगों को नहीं याद कर सकते जिन्होंने यहां बहुत सारे बलिदान दिए? पुरानी अयोध्या में नए नाम रखने से उसकी पहचान बदल जाएगी, लेकिन वही लोग वहीं रहने वाले हैं!

अगर हम सचमुच उन लोगों की बात करें, तो मेरा सवाल यह है कि क्या उन्हें अपना घर और शहर बदलने का मौका मिलेगा? या फिर सारी नई योजनाएं उनके लिए ही बनाई जाएंगी?

मुझे लगता है कि अगर हम सचमुच उन लोगों को मदद करना चाहते हैं, तो हमें पहले उनकी जरूरतों को समझना होगा, फिर ही नई योजनाएं बनानी चाहिए।
 
अयोध्या में तो बस एक बात है, वहां पर दीवाली के समय भी नहीं होती, न ही शादियाँ, खुशियाँ। अगर सपा नेताओं के घोषणाएँ सच थीं, तो हमारी सरकार बनने पर अयोध्या सीतामढ़ी जैसा ही रहेगा, लेकिन मुझे लगता है कि यहां के लोगों को बस एक बात देनी चाहिए, वह भागना।
 
अयोध्या में सीतामढ़ी का निर्माण करने की बात सुनकर मुझे थोड़ा अजीब लगा 😐। अगर हमारी सरकार बनने पर यहां का नाम बदल जाएगा, तो यह शहर का नाम और भी सुंदर हो सकता है, जैसे कि प्रकृति का सौंदर्य 🌸। लेकिन अगर वास्तव में हमारी सरकार बनने पर लोगों को बहुमूल्य सुविधाएं दी जाएंगी, तो यह एक अच्छी बात है 👍
 
अयोध्या में घूमने के लिए तैयार हो रहे थे, लेकिन अब इसे सीतामढ़ी नाम देने का विचार कैसा लगेगा? जानें की यहां की यात्रा कितनी आसान होगी और शहर की राहें कहाँ बदल देंगे।
 
अयोध्या को कभी भी सीतामढ़ी से जोड़ने का विचार तो बिल्कुल सही है 🤔, बस इस तरह से शहर का नाम बदलकर हम यहां की प्रतिष्ठा बढ़ा सकते हैं और लोगों को बहुमूल्य सुविधाएं दे सकते हैं। लेकिन अगर मंदिर का निर्माण तय हुआ है तो इसे भी अच्छे से किया जाना चाहिए, ताकि यहां के गरीब लोगों को भी लाभ पहुंचे। और फिर यह शहर कैसे बदलेगा? 🤯 अगर हमारी सरकार बनने पर इसे बदलने का काम करेंगे, तो देखिए, बिहार में क्या हो रहा है वही हमारे पास भी। 😬
 
अयोध्या में यात्रियों के लिए इतनी बुरी घोषणा कैसे की गई। पूरे शहर को गोलीबारी के बाद खून से लथपथ कर दिया गया। तो अब आप यहाँ अपना नाम बदलना चाहते हैं? लेकिन मुझे लगता है कि सरकार बनने पर आपको सबसे पहले अयोध्या की समस्याओं से लड़ना होगी।

पहले माता सीता जानकी मंदिर बनाने और अयोध्या-सीतामढ़ी कॉरिडोर बनाने से अच्छा क्या होगा। लेकिन सरकार बनने पर सबसे पहले सड़कों की मरम्मत करनी चाहिए। शहर की प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए, आपको शांति और सुरक्षा प्रदान करनी होगी।

सपा नेताओं द्वारा रामभक्तों पर गोलीबारी करने की हेराफेरी, यह हमारे समाज में बहुत बड़ी समस्या है। सरकार बनने पर आपको इस तरह की घटनाओं से बेहतरीन तरीके से निपटना होगा।
 
मुझे लगता है कि ये सब तो बहुत अच्छी बात है, लेकिन क्या हमें पता है कि यह सब तय करने वालों की सोच और उनके दिल की क्या बात है? क्या वे सुनिश्चित कर सकते हैं कि यात्रियों और पर्यटकों को अच्छी तरह से सुविधाएं मिलेंगी? और क्या हमारी सरकार बनने के बाद यह शहर का नाम बदलने से लोगों की आजिंदगी में कोई फर्क पड़ेगा?
 
यह तो बड़ी मेहनत है यार, लेकिन कभी-कभी मुझे लगता है कि वे यहाँ के लोगों को फायदा नहीं दे पाते हैं। बस राजनीतिक लाभ के लिए कुछ भी बोलते रहते हैं न? और यह शहर का नाम बदलने की बात, मुझे लगता है कि यार, यह तो एक अच्छा विचार नहीं है। हमें अपनी जगह की प्रतिष्ठा बनानी चाहिए, न कि दूसरे शहर की तरह।
 
मुझे लगता है कि ये सभी घोषणाएँ अच्छी हैं, लेकिन हमें एक बात ध्यान में रखनी चाहिए। हमारी सरकार बनने पर सीतामढ़ी को बदलने की बात करना अच्छी नहीं लग रही। इसका कोई वास्तविक कारण नहीं है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारी सरकार द्वारा किसी भी शहर या गाँव को बदलने पर हम उसकी पहचान और महत्व को समझें। सीतामढ़ी एक ऐतिहासिक शहर है और वहां के लोगों को उनकी प्रतिष्ठा को बनाए रखने में मदद करना सबसे अच्छा होगा।
 
मेरे दोस्त, ये बातें कहीं नहीं हैं। जैसे जैसे नेताओं द्वारा घोषणाएं की जा रही हैं, वैसे वैसे स्थिति और समस्याएं और भी बढ़ जाती हैं! अयोध्या में गोलीबारी हो गई, तो फिर कौन हैरान है? सरकार बनने पर नाम बदलने की बात, वास्तविकता यह है कि लोगों की समस्याएं और भी ज्यादा बढ़ जाएंगी। सीतामढ़ी में मंदिर बनाने की बात अच्छी हो सकती है, लेकिन इस पर निर्भर करती है कि यह कैसे किया जाएगा और कितने समय तक चलेगा।
 
नरेंद्र मोदी की सरकार बनने पर अयोध्या को सीतामढ़ी नाम देने की बात सुनकर मुझे बहुत खुशी हुई। तो याद आया, 1992 में हमारे प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करवाया था। अब जब नरेंद्र मोदी जी सरकार बनने पर हैं तो इन दोनों शहरों के बीच एक सूखी भूमि की तरह राजनीतिक तनाव कम होगा। इससे अयोध्या में वास्तविकता आएगी, जैसे नाम, सड़कें और सुविधाएं।
 
ये तो बहुत ही खुशनुमा बातें हैं 🤩। मुझे लगता है कि अगर सपा नेताओं द्वारा ऐसे घोषणाएं की जाती, तो यह शहर को कितना समृद्ध और सुखद बनाया जा सकता है। लेकिन, हमें याद रखना चाहिए कि सरकार बनने के बाद भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जैसे कि आर्थिक विकास और राजनीतिक दबाव।
 
अरे, यह तो बिल्कुल सही है! अयोध्या में सपा नेताओं की हराफेरी की तो बस नहीं रही, लोगों के दिल भी खुद को ढूंढ लेते। तो जब हमारी सरकार बनने की बात आती है, तो यह शहर सीतामढ़ी बन जाएगा, ना? और फिर चार लेन वाली सड़क, मंदिर, कॉरिडोर... सब कुछ होगा। यह तो केवल एक नई दिशा है, हमें आगे बढ़ना है।
 
नम मुंबई, ये तो बहुत ही बड़ी घोषणाओं की बात कर रहे हैं! लेकिन यह जानना जरूरी है कि क्या वास्तविकता में ये सुविधाएं दिल्ली सरकार से पहले से ही शुरू नहीं हो गई थीं। और लोगों को तो बात करने से भी परवाह करनी चाहिए, न तो उनकी ज़रूरतें पूरी होती हैं और न ही उनका दिल खुश होता है।
 
मैं तो बिल्कुल सहमत हूँ, अगर वहां का नाम बदल जाता है तो यह एक अच्छी बात होगी, लेकिन मुझे लगता है कि अगर वाह्यांचल से हमारी सरकार आने के बाद यहां की प्रतिष्ठा बढ़ जाए तो इसका मतलब यह नहीं होना चाहिए कि हम अपनी मूल पहचान खो दें।
 
अयोध्या की बात तो है जोर से करना, लेकिन काम करना? कुछ दिन पहले रामभक्तों पर गोलीबारी हुई, फिर भी कोई चीज़ नहीं बदली। अगर हमारी सरकार बनने की बात मानें, तो यह शहर सीतामढ़ी की तरह ही रह जाएगा। वहां का मंदिर और कॉरिडोर बनेगा, लेकिन अयोध्या की समस्याओं का समाधान नहीं होगा। और 6,155 करोड़ रुपये की लागत से एक चार लेन वाली सड़क बनाने की बात तो प्रेस कॉन्फ़्रेंस में ही कह जाती। यह शहर दूर-दूर से आने वाले पर्यटकों के लिए तैयार है, लेकिन अयोध्या की समस्याओं का समाधान कैसे होगा? 🤔
 
बिहार चुनाव में हुए घोटाले से तो हम सब जानते हैं कि सत्ता के लिए लड़ने वालों द्वारा अपने वादों को पूरा करना आसान नहीं होता। तो यही वजह है कि अयोध्या में इन घोषणाओं पर राज किया जा रहा है। लेकिन जिस बात हमें खुश रखनी चाहिए वो यह है कि अयोध्या के लोग अपनी सरकार बनने पर अपने शहर की प्रतिष्ठा बढ़ाने और सुविधाएं लाने के लिए तैयार हैं। तो हमें अपने नेताओं को सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए, जैसे शायद ये सब वास्तविक इरादों से नहीं चल रहा है।
 
अयोध्या में तो भीड़भाड़ होने लगी है तो ये बात अच्छी नहीं है 🤔। सरकार बनने पर नाम बदलने से पहले कुछ समझ लेना चाहिए, जैसे कि यहां के लोगों की जरूरतें और इच्छाएं। रामभक्तों को भी अपनी बात कहने का मौका मिले, तो बेहतर होता। लेकिन अगर सरकार बनने पर सीतामढ़ी नाम बदलने की योजना है, तो मेरे साथ समझें और लोगों की राय भी जानने की कोशिश करें।
 
बिहार चुनाव में जो घोषणाएं की गई हैं वो देखकर मुझे खेद है । हमारा यह शहर अयोध्या का नाम नहीं बदलेगा | माता सीता जानकी मंदिर का निर्माण अच्छा होगा लेकिन ये बिल्कुल भी शहर को खून से लथपथ कर देने की तरह नहीं दिख रहा है । हमें पहले अपनी सरकार बनानी चाहिए और फिर अपने वादों को पूरा करना चाहिए ।
 
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