Bihar Election: कौन है बख्तियार खिलजी, जिसकी बिहार चुनाव में हुई एंट्री; जानें अमित शाह ने क्या कहा

बिहार चुनाव में बख्तियार खिलजी की एंट्री, अमित शाह ने कहा- यह विनाश का काम नहीं किया गया, बल्कि पुस्तकों को बचाने की कोशिश की।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार चुनाव में बख्तियार खिलजी की एंट्री पर कहा है कि जब उन्होंने नालंदा विद्यापीठ जलाई थी, तब इसके पुस्तकालय से 6 महीनों तक धुआं उठता रहता था। यह विनाशकारी काम नहीं किया गया, बल्कि हमारे देश को अपनी विरासत बचाने के लिए कोशिश की गई है।

पीएम मोदी ने फिर से नालंदा परिवर्तन की घोषणा की है, जिसमें पुस्तकालयों की सफाई और पुनर्निर्माण शामिल है। यह एक बड़ी उपलब्धि होगी, क्योंकि इससे हमारे देश की सांस्कृतिक विरासत को बचाया जा सकेगा।

लेकिन, सवाल उठता है कि बख्तियार खिलजी ने इतना विनाश क्यों किया था। इसके पीछे कोई मजबूरी नहीं थी, सिर्फ उसकी लालच और शक्ति की इच्छा थी।
 
बिहार चुनाव में बख्तियार खिलजी की एंट्री सुनकर मेरे मन में एक सवाल उठता है कि हम अपनी विरासत को बचाने के लिए क्यों नहीं चले थे। हमारे देश की पुस्तकालयों में कैसे धुआं लग रहा था, यह सोचकर मुझे शर्म आने लगती है। बख्तियार खिलजी ने विनाश किया था तो फिर उसकी इच्छा क्यों नहीं बदल गई थी। हमें अपनी गलतियों से सबक लेना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए। 🤔
 
मुझे लगता है कि इस बारे में ज्यादा बात नहीं करनी चाहिए, तो जैसे हमारे देश के इतिहास में भी कई ऐसी घटनाएं आई हैं जहां लोगों ने अपने राजनीतिक रूप से फायदा उठाने के लिए कुछ गलत किया था। लेकिन अगर हम नालंदा विद्यापीठ को देखें, तो यह एक बहुत बड़ा नुकसान था, और इसे बदलने की पहल इस बार में अच्छी है।
 
अरे, ये बात तो मुझे बहुत पसंद है जैसे जब हम बात करते हैं तो कभी-कभी मन कुछ अलग दिशा में चलने लगता है 🤔। मेरे दिल में एक सवाल आ गया कि अगर पुस्तकालयों की सफाई और पुनर्निर्माण हुआ, तो खिलजी जी ने इतना विनाश क्यों किया था? क्या हम यह कभी भी समझ पाएंगे कि लोग दूसरों के मन में क्यों चलने लगते हैं? 🤷‍♂️
 
बिहार चुनाव में बख्तियार खिलजी की एंट्री से हमें एक बहुत बड़ा संदेश मिलता है 🤔। यह दिखाता है कि जब भी हम अपनी शक्ति और प्रभाव को बढ़ाने की कोशिश करते हैं, तो हमें अपने लिए सबसे खतरनाक दुश्मन बनाए रखते हैं।

हमें यह सीखना चाहिए कि हमारी शक्ति को हमेशा अपने आप और अपने आसपास के लोगों की जरूरतों के अनुसार उपयोग करना चाहिए। अगर हम ऐसा नहीं करते हैं, तो हम खुद को नष्ट कर देते हैं और दूसरों को भी ख़तरे में डाल देते हैं।

बिहार चुनाव में बख्तियार खिलजी की एंट्री से यह भी सीखने को मिलता है कि हम अपनी विरासत को बचाने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए। अगर हम ऐसा नहीं करते हैं, तो हमारी सांस्कृतिक विरासत खत्म हो जाएगी।

आज भी, जब हम नालंदा परिवर्तन की घोषणा सुन रहे हैं और पुस्तकालयों की सफाई और पुनर्निर्माण की बात कर रहे हैं, तो यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।

लेकिन, सबसे बड़ा सवाल यह है कि हमें अपने आप से पूछना चाहिए कि हमने कभी ऐसा नहीं किया होगा, अगर हमारे पास इतनी शक्ति और प्रभाव होता।
 
बिहार चुनाव में बख्तियार खिलजी की एंट्री... यह तो कुछ दिनों पहले हुआ, लेकिन मुझे याद आ गया है जब मैं छोटा था, मेरे स्कूल में हमने नालंदा विद्यापीठ के बारे में पढ़ाया था। उस समय तो हमारे सामने यह तो एक ऐतिहासिक महत्व हुआ था, लेकिन आज मुझे लगता है कि वहाँ की पुस्तकालयों में धुंधली और गंदगी की तस्वीरें नहीं आती, बल्कि हमारे बच्चे अपनी पढ़ाई कर रहे होते।

मैं सोचता हूं अगर उस समय के दौरान उनके नेतृत्व में, तो कल्पना करना मुश्किल है, लेकिन आज पीएम मोदी ने फिर से नालंदा परिवर्तन की घोषणा की, जिसमें पुस्तकालयों की सफाई और पुनर्निर्माण शामिल है। यह एक अच्छी बात होगी।
 
बिहार चुनाव में बख्तियार खिलजी की एंट्री, यह तो एक बड़ा विषय है 😔। मुझे लगता है कि पूरा देश याद नहीं करता, जैसे जब वह नालंदा विद्यापीठ जलाई थी, तब हमारी सांस्कृतिक विरासत को लेकर बहुत ही क्षमा और सहन करने वाले थे। आज भी वही माहौल है। पीएम मोदी ने फिर से नालंदा परिवर्तन की घोषणा की, तो यह एक अच्छी बात है, लेकिन ज्यादा ध्यान से देखें तो बख्तियार खिलजी की एंट्री से पहले भी हमारी पुस्तकालयों की सफाई और पुनर्निर्माण की परीक्षा की जाती थी। मुझे लगता है कि समय बदलने की जरूरत नहीं है, बस ध्यान देने की जरूरत है। 🙏
 
बिहार चुनाव में बख्तियार खिलजी की एंट्री 😐 तो है तो है, लेकिन पूरे देश में पुस्तकों को बचाने की कोशिश करना अच्छा है 📚। पीएम मोदी जी ने फिर से नालंदा परिवर्तन की घोषणा की है, जिसे हमें तुरंत समर्थन देना चाहिए 💪। लेकिन, सवाल उठता है कि क्यों बख्तियार खिलजी ने इतना विनाश किया था, इसके पीछे कोई मजबूरी नहीं थी, सिर्फ उसकी लालच और शक्ति की इच्छा थी 😢
 
मैं तो ये नहीं समझता कि बख्तियार खिलजी ने इतना विनाश क्यों किया था। कुछ ऐसा भी नहीं है जो उसकी पीढ़ी के लोगों में हो। वह बहुत शक्तिशाली और अमीर था, इसलिए उसने कुछ ऐसा करने का मौका दिया।
 
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