Bihar Election Results 2025: मतगणना से पहले RJD-MLC की खुली धमकी, मुकदमा हुआ दर्ज!

बिहार के चुनाव में रJD के उम्मीदवार सुनील सिंह ने अपने बयान से राजनीतिक विरोधियों को चुनौती देने की कोशिश की है. उन्होंने कहा कि अगर जनता ने उनका जनादेश दिया है तो वह जीत लेंगे, लेकिन यह बयान मुसीबत में पड़ा है जब पटना की सड़कें और भी खट्टी हुईं.

सुनील सिंह ने कहा, "देश की विपक्षी पार्टियां जब देश के लोगों को इस तरह के बयान देकर उकसाते हैं, तो यह चिंता का विषय है." उन्होंने जदयू और भाजपा के नेताओं पर आरोप लगाया कि वे इन बयानों से हिंसा फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।

चिराग पासवान ने कहा, "मेरा विश्वास बिहार और बिहारियों पर है. मैं मानता हूं कि कोई नहीं चाहेगा कि 90 का जंगलराज लौटे. न केवल एग्जिट पोल पर मैं ये बयानबाजी कर रहा हूं बल्कि NDA के नेताओं की मेहनत पर मुझे विश्वास है."

इस बीच, राजद नेता सुनील सिंह पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने हिंसक बयान दिए हैं और उनके खिलाफ FIR दर्ज कराई गई है. इससे पहले, उन्होंने कहा था कि अगर जनता ने उनका जनादेश दिया है तो वह जीत लेंगे, लेकिन यह बयान मुसीबत में पड़ा है जब पटना की सड़कें और भी खट्टी हुईं.

राजद के अनुसार, 140-160 सीटें मिलेंगी और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राज्य में नई सरकार बनेगी, लेकिन यह बयान मुसीबत में पड़ा है जब पटना की सड़कें और भी खट्टी हुईं.
 
🚨 सुनील सिंह जी ने बहुत बोल दिया है, लेकिन लगता है उनके बयान में फिर से हिंसा की बात कह दी गई है. मुझे लगता है उन्होंने अपने बयान से चुनौती देने की कोशिश की, लेकिन अब यह सवाल उठता है कि विपक्षी दलों ने क्या कहा, और इससे आगे क्या होगा. 🤔
 
सुनील सिंह के बयान को देखकर लगता है कि वह राजनीतिक विरोधियों पर चुनौती देने की कोशिश कर रहे हैं 🤔, लेकिन यह सवाल उठता है कि उनके बयान से क्या हासिल करना है? मुझे लगता है कि चिराग पासवान ने सही कहा, वह बिहार और बिहारियों पर विश्वास करते हैं 🙏.

लेकिन जब हम जदयू और भाजपा के नेताओं पर आरोप लगाते हैं तो यह सवाल उठता है कि उनके पीछे क्या सच्चाई है? क्या वे वास्तव में हिंसा फैलाने की कोशिश कर रहे हैं? 🤷‍♂️

और फिर, राजद नेताओं के द्वारा लगाए गए आरोपों को देखकर लगता है कि यह सब कुछ थोड़ा संभव है। अगर तेजस्वी यादव जी और उनकी पार्टी नई सरकार बनाने की उम्मीद में हैं तो उन्हें पता होगा कि चुनाव क्यों महत्वपूर्ण हैं। 🤝
 
पटना की सड़कें खराब हो गई, लेकिन राजनेताओं के बयान में बदलाव नहीं दिख रहा 🚮। चिराग पासवान ने तो अपने बयान को साफ कहा, लेकिन अन्य दलों को भी अपनी टीम्स और फेसबुक पर जीत की उम्मीद मनानी पड़ रही है। किस दिशा में जीत होगी, इसका जवाब तय करने से पहले बोलते समय सावधानी बरतनी चाहिए।
 
मुझे लगने वाला है कि चुनावों में दूसरी पार्टी को जीतने के लिए पहले उनको अपने बयान में इतना बुरा साबित करना पड़ता है कि उन्हें अपने समर्थकों पर भी प्रभाव पड़ता है। सुनील सिंह ने बहुत ही खतरनाक बयान दिया है, जिससे उनकी पार्टी को भी मुश्किल हुई है और अब तेजस्वी यादव जी की सरकार बनेगी, लेकिन यह तय नहीं है कि उनकी सरकार भी ऐसी ही मुश्किलों से निपट पाएगी 🤔
 
🔥 सुनील सिंह ने फिर से अपने बयान से चुनौती देने की कोशिश की है, लेकिन यह पूरा सवाल नहीं उठाता कि उनके बयान से जनता कैसे प्रभावित होगी। मुझे लगता है कि अगर चिराग पासवान ने अपने विश्वास पर खड़े होकर अपना बयान दिया होता तो यह सब मुश्किल नहीं पड़ गया 🤔

राजद की 140-160 सीटें मिलने की बात बड़ी है और तेजस्वी यादव की नेतृत्व वाली सरकार बनने की बात भी अच्छी है, लेकिन यह सवाल उठता है कि उनकी सरकार कैसे तैयार होगी? क्या वे सड़कों की मुश्किलों को हल कर पाएंगे? क्या वे जनता की जरूरतों को ध्यान में रख पाएंगे? ये सवाल अभी भी जवाब नहीं दिए गए हैं 🤷‍♂️

सुनील सिंह ने कहा कि अगर जनता ने उनका जनादेश दिया है तो वह जीत लेंगे, लेकिन यह बयान मुसीबत में पड़ा है। मुझे लगता है कि अगर चुनाव की घोषणा हुई होती और सुनील सिंह ने अपने बयान दिया होता तो जनता की राय सुनने के लिए समय मिल जाता। लेकिन अब यह बयान ऐसी परिस्थितियों में आया है जहां पटना की सड़कें और भी खट्टी हुईं। 🚮
 
बिहार के चुनाव में जो बयान आया, तो यह बहुत मुश्किल है। राजनीतिक विरोधियों को चुनौती देना एक बड़ा काम है, लेकिन इस तरह के बयान से तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाली पार्टी पर भी चिंता का विषय बन गया है। यह सवाल उठता है कि अगर जनता ने उनका जनादेश दिया है, तो वह जीत लेंगे या नहीं। और इस तरह से बहुत ही मुश्किल माहौल बन गया है… 😟
 
राजनीति में बयानबाजी कर सकते हैं लेकिन फिर भी चुनाव में जीतने का रास्ता साफ नहीं होता 🤔🗓️
 
🤔 ये तो बहुत ही गंभीर बात है। चुनावों के दौरान इतनी हंस्य-मजाक कर लेना चिंताजनक है। मेरी राय में चिराग पासवान जी ने सही कहा, उनका विश्वास और स्थिति तय कर देगी। लेकिन, यह बयानबाजी कुछ भी काम नहीं करती, बस चिंता का विषय है। 🚫
 
यह बयानबाजी तो देखकर कुछ समझ नहीं आता, चिराग पासवान जी के हिसाब से राजनीतिक विरोधियों को चुनौती देना और भाजपा/जदयू के नेताओं पर आरोप लगाना तो एक तरफ दिखाई देता है, लेकिन क्या बात है इसके पीछे के मकसद का। तेजस्वी यादव जी की नई सरकार बनेगी, लेकिन ऐसा तो मैं चाहता हूं, जिसमें उनकी सीटें और वोट्स कम न हों।
 
मुझे लगता है कि चुनाव के दौरान हमें अपने शब्दों का परिणाम सोचकर चिंतित होना चाहिए, क्योंकि जब हमारे बयान सड़कों पर छलकते हैं तो यह दिखाई देता है कि हमने अपनी भावनाओं को नियंत्रित नहीं रखा है। सुनील सिंह के बयान को सुनने के बाद मुझे लगता है कि हमें अपनी पार्टी और समाज के लिए जिम्मेदार रहना चाहिए, न कि एक दूसरे को दर्शक बनाकर ताकत बढ़ाना। चुनाव के दौरान हमें खुद पर विश्वास करना चाहिए और अपने वोट की शक्ति को समझना चाहिए।
 
मैं तो बहुत बोल रहा हूं ये चुनाव, देश की राजनीति में ज्यादा बात करने वाले लोग कभी नहीं समझते, चिराग पासवान के बयान से मुझे खुशी हुई, उनकी बात को सही मानते हूं, उन्होंने सच्चाई बोली है और 90 का जंगलराज लौट नहीं सकता, नDA के नेताओं पर आरोप लगाना गलत था।
 
बिहार चुनाव में सुनील सिंह ने बहुत ही खतरनाक बयान बोल दिया है. अगर वह जनादेश दिया गया तो वह जीत लेंगे, लेकिन अगर नहीं तो फिर क्या? यह तो एक बड़ा मायने वाला बयान है 🤔

राजद नेताओं की बात सुनकर लगता है कि राजनीति में बहुत सारे भ्रम है. चिराग पासवान जी की बात सुनकर लगता है कि वे सच्चे नेता हैं और उनको विश्वास है. लेकिन यह सवाल उठता है कि अगर जनता उन्हें वोट देती है तो फिर क्या? यह भी एक बड़ा मायने वाला सवाल है 🤷‍♂️

सुनील सिंह जी के बयान से लगता है कि वह राजनीतिक गेम खेल रहे हैं. लेकिन इस तरह के बयान से जनता पर क्या प्रभाव पड़ेगा? यह एक बहुत बड़ा सवाल है और इसका जवाब जल्दी नहीं मिलेगा. 😬
 
अरे, तो बिहार में चुनावों के बारे में बहुत ज्यादा हाल-चाल हो रही है. राजद के उम्मीदवार सुनील सिंह ने ऐसा बयान दिया है जिससे लोगों में अलग-अलग विचार आ गए है. मुझे लगता है कि उनका बयान थोड़ा गलत था, क्योंकि वह देश की विपक्षी पार्टियों से तुलना कर रहे थे. चिराग पासवान ने बहुत अच्छा बयान दिया है, उनका विश्वास बिहार और बिहारियों पर है.
 
मुझे यकीन है कि चुनावों में जीतने के लिए दूर-दूर से बोले जाने की जरूरत नहीं है, और अगर आप अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं तो आपका बयान खुद को परेशान करने का काम कर रहा है 🤦‍♂️। अगर चिराग पासवान का विश्वास बिहार और बिहारियों पर है तो वही निष्पक्ष चुनाव में जीत लेगा! यह बयानबाजी से कोई भी देश के लोगों को उकसाया नहीं जा सकता 🙅‍♂️
 
सुनील सिंह जी के बयान से लगता है कि विपक्षी पार्टियों ने फिर से चुनाव में हेरफेर करने की कोशिश की है. लेकिन जब तक जनता अपनी बात नहीं कहेगी, तब तक चुनाव की परिस्थितियां बदलती रहेंगी. और यह सवाल उठता है कि राजद नेताओं के बयान से क्या नया आया? सिर्फ तेजस्वी यादव जी को फिर से सरकार बनाने की उम्मीद, लेकिन चुनाव के पहले चरण में जनता की भावनाओं को समझना जरूरी है.
 
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