तेजप्रताप यादव का बयान सुनकर मुझे लगता है कि यहाँ कुछ गलत हो रहा है। वाई प्लस सुरक्षा मिलने पर उनकी खुशी तो बहुत समझ में आती है, लेकिन जब उन्होंने महात्मा गांधी जैसे नेताओं से बात की और अपने देश की सेवा करने की बात कही, तो मुझे लगता है कि यह सब एक मंच पर आयोजित किया गया है। उनके प्रतिद्वंद्वी नेताओं के खिलाफ आरोप लगाने और अपनी सुरक्षा बढ़ाने की बात करने से यह पता चलता है कि यहाँ राजनीतिक संघर्ष हो रहा है। लेकिन मुझे लगता है कि यह सब एक बड़ी खेल खेलने का तरीका है, जिसमें देश और लोगों की भावनाएँ फंसाई जाती हैं।
अगर हम वास्तविकता को पहचानें, तो यह सिर्फ राजनीतिक युद्ध है, न कि देश के लिए सेवा करने की बात। मुझे लगता है कि तेजप्रताप यादव जैसे नेताओं को अपने समर्थन प्रणाली को मजबूत बनाने और अपने प्रतिद्वंद्वियों को हराने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए, लेकिन इस दौरान भी वास्तविकता को पहचानना जरूरी है।
मेरी राय में यह सब एक बड़ा खेल है, जिसमें हमें सावधान रहना चाहिए और वास्तविकता को पहचानना चाहिए। तेजप्रताप यादव जैसे नेताओं को अपने देश और लोगों की भावनाओं को समझना चाहिए, न कि अपने खिलाफ आरोप लगाने और सुरक्षा बढ़ाने की।

अगर हम वास्तविकता को पहचानें, तो यह सिर्फ राजनीतिक युद्ध है, न कि देश के लिए सेवा करने की बात। मुझे लगता है कि तेजप्रताप यादव जैसे नेताओं को अपने समर्थन प्रणाली को मजबूत बनाने और अपने प्रतिद्वंद्वियों को हराने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए, लेकिन इस दौरान भी वास्तविकता को पहचानना जरूरी है।
मेरी राय में यह सब एक बड़ा खेल है, जिसमें हमें सावधान रहना चाहिए और वास्तविकता को पहचानना चाहिए। तेजप्रताप यादव जैसे नेताओं को अपने देश और लोगों की भावनाओं को समझना चाहिए, न कि अपने खिलाफ आरोप लगाने और सुरक्षा बढ़ाने की।