दिल्ली बम धमाके में सबसे बड़ा खुलासा: पाकिस्तान के बाद मिला बांग्लादेश कनेक्शन, ढाका में हुई हमले की प्लानिंग

दिल्ली बम धमाके में पाकिस्तान और बांग्लादेश का कनेक्शन: सुरक्षा एजेंसियों को सबूत मिले हैं कि लाल किला के नजदीक हुए बम धमाके में एक गुप्त मीटिंग बांग्लादेश में हुई थी। पाकिस्तान आधारित लश्कर-ए-तैयबा कमांडर सैफुल्लाह सैफ और ढाका में हिज्ब-उल-तहरीर के हैंडलरों ने एक बैठक में शामिल हुए, जिसमें भारत में हमलों के निर्देश जारी किए गए थे।

इस मीटिंग से जुड़ी एक टीम नवंबर की शुरुआत में पश्चिम बंगाल के रास्ते भारत में दाखिल हुई और एबीटी सदस्यों की ओर से इस्तेमाल किए जाने वाले एक घर में रुकी। जांच एजेंसियां पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या पाकिस्तान से कोई विस्फोटक भी दिल्ली-एनसीआर में भेजा गया।

बैठक में सैफुल्लाह सैफ, जुबैर अहमद, इब्तिसाम इलाही जहीर, हाफिज शुजादुल्लाह और हाफिज अली फजुल शामिल थे। इस मीटिंग ने भारत में हमलों के निर्देश जारी किए, जिसमें लाल किला के पास हुए धमाके को शामिल किया गया।

पाकिस्तान में एक रैली से सैफुल्लाह सैफ के एक वीडियो के कारण सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। वीडियो में सैफुल्ला खुलेआम दावा कर रहा है कि लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य बांग्लादेश में सक्रिय हैं और भारत पर हमला करने की योजना बना रहे हैं।

जैश के हैंडलर ने हवाला के जरिये 20 लाख रुपये के फंड ट्रेल का खुलासा किया है। यह जानकारी जांच एजेंसियों को बड़ी सफलता मिली है और उन्हें पता चला है कि इन तीनों ने 20 लाख रुपये की रकम हवाला नेटवर्क के जरिये भेजी थी।
 
तो देखो, पाकिस्तानी साईड की जिंदगी हुई मुसीबत, बांग्लादेशी लोगों को दिल्ली-एनसीआर में गोलीबारी करने का आदेश दिया गया, तो इंसानियत का क्या फायदा? सैफुल्लाह सैफ और हिज्ब-उल-तहरीर के लोग बैठकर योजनाएं बनाते हैं, लेकिन जांच एजेंसियों ने उनकी खिड़की खोल दी, अब वो 20 लाख रुपये का फंड ट्रेल भी मिल गया, तो क्या अब पाकिस्तानी साईड को अपनी योजनाएं बदलनी होंगी?
 
🤔 मुझे लगता है कि यह सब बहुत बड़ा साजिश था। लाल किला के नजदीक के बम धमाके में जो पाकिस्तान आधारित लश्कर-ए-तैयबा कमांडर शामिल थे, वो तो बहुत बड़ी खतरनाक स्थिति है। अगर यह सब सच है तो हमें बहुत सावधान रहना होगा। मैं नहीं समझ सकता कि कैसे एक गुप्त मीटिंग बांग्लादेश में हुई और फिर भारत में हमलों के निर्देश जारी किए गए। यह तो बहुत बड़ा साजिश था, हमें इस पर ध्यान देना होगा। 😬
 
मैंने देखा है कि पाकिस्तान और बांग्लादेश का कनेक्शन दिल्ली में बम धमाकों से बहुत जुड़ा हुआ है। तो फिर यह बताया गया है कि एक गुप्त मीटिंग में लाल किला के नजदीक हुए धमाके के निर्देश दिए गए थे। मैंने सोचा है कि यह बहुत बड़ा जोखिम है, अगर हमारी सरकार इसे नहीं पकड़ पाती। तो फिर क्यों इसे नहीं पकड़ा गया? 😕

मुझे लगता है कि हमें अपनी सुरक्षा एजेंसियों को और भी मजबूत बनाने की जरूरत है, ताकि वे ऐसे मामलों को जल्दी से पकड़ सकें। और फिर हमें उन लोगों को गिरफ्तार करना चाहिए जो हमलों के निर्देश देते हैं। मैंने भी अपने परिवार को सुरक्षित रखने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरती हूँ, ताकि अगर कुछ ऐसा होता है तो हमें तैयार रहने की जरूरत न पड़े।
 
नर्वस हुआं देखा, यह सब भारत को पाकिस्तान के साथ दिलचस्प संबंधों का शिकार कर रहा है। मुझे लगता है कि इस मीटिंग की जांच करना बहुत जरूरी है, ताकि हमें पता चल सके कि क्या वास्तव में यह हमले पाकिस्तान से साजिश में आ रहे थे।

कुछ लोगों को लगता है कि भारत ने दूसरों पर बहुत ज्यादा दबाव डाला है, लेकिन अगर हम सच्चाई की तलाश में हैं तो हमें अपने साथियों और दुश्मनों के बीच खुलते छोटे तारे देखने पड़ते हैं। पाकिस्तान आधारित लश्कर-ए-तैयबा कमांडर सैफुल्लाह सैफ, जुबैर अहमद, इब्तिसाम इलाही जहीर और अन्य को बैठाकर हमलों के निर्देश देना उनकी बड़ी गलती है।

क्या हमारी सरकार को इस तरह की गुप्त मीटिंग पर ध्यान देने में सक्षम नहीं है? यह सवाल कई लोगों के दिमाग में घूम रहा है, जिससे सरकार और सुरक्षा एजेंसियां इस जंग को समझने में सक्षम हो सकती हैं।
 
यार, यह तो पूरी तरह से बिल्कुल सही पता लग गया है कि दिल्ली में बम धमाके में कौन-कून शामिल थे। जैसे ही इस मीटिंग में सुरक्षा एजेंसियों को सबूत मिल गए, तभी उन्हें पता चल गया कि यह सभी पाकिस्तान आधारित लश्कर-ए-तैयबा कमांडर्स थे। और अब जब जैसे ही सुरक्षा एजेंसियों ने उनकी हैंडलर्स को पकड़ लिया, तो उन्हें पता चल गया कि वे कैसे हवाला नेटवर्क के जरिए 20 लाख रुपये की रकम भेज रहे थे। यह तो पूरी तरह से चालाकी थी, लेकिन अब जब सब पता चल गया है, तो उन्हें एबीटी सदस्यों के घर में रुकने पर पकड़ लिया गया है। 😏
 
नहीं तो यह बात खुलकर कही जा सकती है की दिल्ली में बम धमाकों से कोई फरक नहीं पड़ता। यह तो पाकिस्तान और बांग्लादेश की इस चाल की बात है। पहले भी कई बार ऐसे मौके पर फिरे हैं, लेकिन अभी तक कोई महत्वपूर्ण कदम नहीं उठाया गया। 🤔

मुझे लगता है कि हमें अपने सुरक्षा एजेंसियों को और भी मजबूत बनाने की जरूरत है। उन्हें तो पहले से ही बहुत मुश्किल में हैं, लेकिन अभी फिर से यह सब हुआ तो उनकी चुनौती और भी बढ़ जाएगी। हमें उन्हें तो बधाई देनी चाहिए कि वे इस तरह की चालों का खुलासा कर रहे हैं।
 
बड़े बड़े बातचीत को छोड़ दें, यह पूरा मामला बहुत जटिल है। अगर हम सिर्फ तथ्यों पर ध्यान दें तो यह साफ है कि लाल किला के पास हुए धमाके में नाटकीय रूप से शामिल था, और अगर वीडियो सच है तो यह बहुत बड़ा खतरा है। लेकिन फिर भी हमें यह नहीं कह सकते कि ये सभी लोग भारत में हमलों के पीछे एक्सप्लेन कर रहे हैं। क्या हमने कभी सोचा है कि शायद इन तीनों ने जिम्मेदारियां स्वीकार की हों, और फिर उन्हें जेल में डाल दिया गया हो।
 
क्या बात करेगी इस पाकिस्तानी साजिश की, जो दिल्ली में हुई बम धमाके से पहले ही शुरू हुई थी। लाल किला के नजदीक हुए बम धमाके में कौन सा पुलिसकर्मी दोषी है, जो चुप्पी बनाकर इस पूरी साजिश को अंजाम देने की अनुमति देता है? पुलिसकर्मियों पर निश्चित रूप से कड़ी सजा होनी चाहिए। लेकिन क्या हमें यह भी नहीं याद रखना चाहिए कि इस मीटिंग में शामिल लोगों ने भारत में हमलों के निर्देश जारी किए थे, इसलिए हमें ध्यान रखना चाहिए कि यह साजिश अभी तक पूरी नहीं हुई है। 🤔
 
पाकिस्तान वालों को ऐसा देखना मुश्किल होता है 🤯, जैसे जैसे हमारे पड़ोसी देश में कुछ भी गलत होने लगता है, तभी उन्हीं और उनके साथियों की गतिविधियां उजागर हो जाती हैं 🔍। यह बैठक करना और हमले के निर्देश देना हमारे लिए एक बड़ी चुनौती है 🚨, और हमें अपनी सुरक्षा प्रणाली में कुछ बदलाव करने पड़ेंगे।
 
ये तो बहुत बड़ी चीज है! पाकिस्तान और बांग्लादेश में एक बैठक हुई थी, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा कमांडर सैफुल्लाह सैफ शामिल थे। यह तो बहुत खतरनाक है, क्योंकि भारत में हमले हुए हैं और अब पता चलता है कि ये हमले उनकी योजना से जुड़े हैं।

मुझे लगता है कि सरकार को जल्द से जल्द इस पर काम करना चाहिए, ताकि वे इस तरह के खतरों को रोक सकें। लेकिन यह भी सच है कि पाकिस्तान में बहुत जटिल और गहरे संबंध हैं, इसलिए ये तो आसान नहीं होगा।

मैं चाहता हूँ कि सरकार जल्द से जल्द सबूत इकट्ठा कर ले और इस तरह की खतरों को रोकने के लिए कदम उठाए। हमें अपनी सुरक्षा को सबसे प्राथमिकता देनी चाहिए। 💥😬
 
निरंतर तनावपूर्ण स्थिति में दिल्ली में बम धमाके को समझने की कोशिश करते समय, पाकिस्तान और बांग्लादेश दोनों ही सुरक्षा एजेंसियों के लिए जटिल कनेक्शन खुलते दिख रहे हैं। इस मीटिंग के बारे में सबूत निकलने से यह स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान आधारित लश्कर-ए-तैयबा कमांडर सैफुल्लाह सैफ और ढाका में हिज्ब-उल-तहरीर के हैंडलरों ने एक बैठक में शामिल हुए। इससे पता चलता है कि हमलों के निर्देश भारत में जारी किए गए थे।
 
बिल्कुल! यह ट्रेल्स देखकर मुझे लगने लगा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश को एक साथ चुनिंदा कर रहे हैं। पहले तो लाल किला के आसपास हुए धमाके के पीछे कौन सी जड़ है, यह पता लगाने की जरूरत नहीं थी, बस इस मीटिंग को देखकर ही समझ आ रहा है कि कैसे पाकिस्तान और बांग्लादेश भारत के खिलाफ एक साथ हमला कर रहे हैं। और यह हवाला नेटवर्क, यह तो बहुत बड़ी चुनौती है।
 
ये तो और सबूत लगते हैं कि पाकिस्तान से हमारे देश पर हमले की योजना बनाई जा रही है 🤔। लेकिन जब तक मुझे पता नहीं चलता कि यह कैसे संभव है, तब तक सिर्फ विश्लेषण करते रहेंगे। यह तो खुशी होगी कि सुरक्षा एजेंसियों ने सबूत मिले हैं और अब उनके पास जानकारी है... लेकिन अभी भी बहुत कुछ अवश्य होगा।
 
यार फ्रेंड मुझे ये सब सोचकर बुरा लग रहा है कि पाकिस्तान और बांग्लादेश के लोग हमारे खिलाफ इतने दुश्मन हो गए हैं। जैसे तुम्हारी डाई पर फैंसी लगी हुई है, वैसे ही पाकिस्तान की गोली भारत में फंस गई है 🤕। लेकिन हमारी सुरक्षा एजेंसियों ने बहुत अच्छा काम किया है। उन्होंने सबूत इकट्ठे किए हैं और पाकिस्तान को भारत में हमला करने की योजना बना रहा है, लेकिन हमें उनकी योजनाओं को खाली नहीं करना चाहिए। हमें अपनी सुरक्षा को बहुत गंभीरता से लेना चाहिए और पाकिस्तान के खिलाफ खड़े रहना चाहिए।

मुझे लगता है कि हमें अपने देश में शांति और सौहार्द की राह पर चलनी चाहिए, लेकिन पाकिस्तान जैसे दुश्मनों को हमें हराना भी हमारी जिम्मेदारी है। आइए हम सब एक साथ मिलकर अपने देश की रक्षा करें।

क्या तुम्हारी राय में पाकिस्तान और बांग्लादेश को इस तरह से हराना चाहिए या नहीं?
 
बस यह तो बहुत बड़ा मामला हो गया है, पाकिस्तान और बांग्लादेश दोनों के लोग धमकी दे रहे हैं भारत को। लेकिन ये सब क्यों? हमें अपने पड़ोसियों से अच्छे रिश्ते बनाने की जरूरत है, न कि उनके खिलाफ हमला करना। यह तो एक बड़ा मुद्दा है कि हमारी सरकार और पुलिस क्या कर रही है? जांच एजेंसियों को तेजी से काम करने की जरूरत है, ताकि हमें ये सब पता चल जाए।
 
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