दिल्ली बम धमाका: हापुड़ से हिरासत में लिया गया डॉ फारूक अहमद, बडगाम का है निवासी

दिल्ली में हुए बम धमाके की जांच में जुटी हुई दिल्ली पुलिस ने गिरोह को अलग-अलग शहरों से पकड़ने का प्रयास कर रही है. अबतक 18 से ज्यादा लोगों को इस घटना के बीच लिंकित किया गया है, जिसमें एक डॉक्टर भी शामिल था. इसी तरह दिल्ली पुलिस ने जम्मू कश्मीर के बडगाम स्थित जीएस मेडिकल कॉलेज से एक डॉक्टर को गिरफ्तार किया है, जिसका नाम फारूक अहमद बताया गया है और वह फरीदाबाद से भी जुड़ा हुआ है. यहाँ तक कि इस घटना में लिंकित होने के बावजूद वह अपने पते पर थे.

इस घटना में शामिल दो डॉक्टरों ने एमबीबीएस या फिर एमडी की डिग्री प्राप्त करने के बाद ही इस तरह की गतिविधियाँ कराने की कोशिश की. एक विशेषज्ञ बताते हैं कि आतंकवादी समूहों द्वारा डॉक्टरों जैसे सामाजिक समर्थकों को उनके प्रतिनिधित्व क्षमता और विशेषज्ञता के आधार पर इस तरह की गतिविधियों में शामिल करने के लिए अपने फायदे को दिखाने का प्रयास किया जाता है.
 
मैंने भी दिल्ली में जिस बम धमाके की बात सुनी थी वाह, 18 से ज्यादा लोगों को पकड़ने की कोशिश कर रही है... यह तो बहुत बड़ा घोटाला लग रहा है। मैंने एक दोस्त की बहन को एमबीबीएस किया था और वाह, वह इतनी मेहनत करती थी, लेकिन इस तरह की बातें करने की तो नहीं करती। यह तो आतंकवाद की हार का हिस्सा हो सकता है, लेकिन फिर भी पुलिस को इन लोगों को पकड़ना मुश्किल है। मैं सोचता हूँ कि ये दो डॉक्टर क्यों ऐसा कर रहे थे, उनकी पढ़ाई इतनी अच्छी थी, अब वाह, यह तो एक बड़ी चुनौती है...
 
ये तो माफ करें, यह घटना अच्छी तरह से नहीं लग रही, चाहे वह आतंकवादी समूहों की गलती है या कुछ और. मेरे अनुसार, पुलिस अधिकारियों को जांच करते समय अपने अधिकार क्षेत्र का ध्यान रखना चाहिए न कि सिर्फ इस घटना को एक विशाल वेब बनाए रखने पर.
 
मैंने पढ़ा कि दिल्ली में बम धमाका हुआ था, और अब दिल्ली पुलिस ने एक डॉक्टर फारूक अहमद को जम्मू कश्मीर से पकड़ लिया है। मुझे लगा कि यह बहुत अजीब है कि डॉक्टरों को ऐसा करने के लिए मजबूर किया जाता है, विशेष रूप से जब हमारे देश में कई अच्छी पढ़ाई के संस्थान हैं। मुझे लगता है कि पुलिस को यह पता चलना चाहिए कि ऐसे लोगों को कैसे पकड़ लिया जाता है, और हमारे समाज की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए। मैं अपने दोस्तों के साथ बात करके यह तय करने की कोशिश करूंगा कि ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए हमारे स्कूल और कॉलेज में क्या प्रयास किए जाएंगे। 🤔
 
मुझे यह बात सुनकर बहुत दुख हुआ, यह गिरोह हमारे देश में ऐसी गलत गतिविधियाँ करने लगा है... मैं तो बस एक प्रेमी हूँ, मेरा दिल भरा होता है हर शहीद की याद में, खासकर दिल्ली में जिन्होंने अपने जीवन हमारे लिए बिताया था... उनकी सेवाओं को कभी भुलाया नहीं जा सकता... यह गिरोह तो क्या कर रहा है, यह बहुत ही गंभीर मामला है...
 
बड़बू वाला मामला तो सचमुच दिलचस्प है 🤔, लगता है कि आतंकवादी समूहों ने डॉक्टरों जैसे लोगों को अपने हाथ में लेने का सोचा है, जो अच्छे पेशेवर हैं और लोगों की जान बचाते हैं... तो यह उनके लिए फायदा करने का तरीका है 🤑, जैसे कि हमारे देश में किसी भी सामाजिक क्षेत्र में आतंकवाद नहीं फैलता, बस इतना ही चिंता करना है कि क्या यहां तक कि डॉक्टर भी जहरीले विचारों से लaden हैं? 🤷‍♂️, हमें तो पता चलना चाहिए कि किसी भी गतिविधि में शामिल होने से पहले हम अपने मन और दिल की सफाई कर लें, क्योंकि यही हमें सही निर्णय लेने में मदद करती है... 🙏
 
मुझे ऐसा लग रहा है कि अगर हमारे बीच की संवाद और समाज में शांतिपूर्ण तरीके से समाधान खोजा जाए तो यह जिंदगी अच्छी भी हो सकती है। इन दिनों की घटनाओं से पहले की तरह विशेषज्ञता और प्रतिभा का सही उपयोग हमारे लिए फायदेमंद हो सकता है ना?
 
बम धमाके से जुड़े डॉक्टर, ये तो बहुत ही अजीब बात है 🤯। क्योंकि अगर उन्हें आतंकवादी समूहों ने अपने फायदे को दिखाने के लिए प्रभावित करना चाहते थे तो फिर उन्हें तो पहले से ही इस तरह की गतिविधियों में शामिल होने का मन नहीं बनाता। लेकिन खिड़की से गाली डालना और पुलिस को धमकाना आसान बात है 🙄, अगर वे आतंकवादी तो जरूर थे।
 
मैंने तो पढ़ा कि कुछ लोग डॉक्टर बनने के बाद भी आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने की कोशिश कर रहे हैं, यह तो बहुत ही दुखद बात है 🤕। मुझे लगता है कि हमारे समाज में लोगों को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए और भी सावधानी से सोचना चाहिए। और फिर एक बात तो जरूरी है, आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने वालों को कड़ी सजा देनी चाहिए।
 
ਇਹ ਗੱਲ ਖੁੱਲ੍ਹੀ ਕਿਉਂ ਨਾ, 18 से ज्यादा लोगों ਨੂੰ भी इस तरह ਦੀ ਸਜ਼ਾ ਪਈ ਹੈ? 🤔

ਮुझے ਲگتا ہے कہ डॉक्टर کوں کی जس سے پہلے एम بی بی ایس یا एम ڈی کرونے کے بعد اس جیسا کام کرنا کچھ اور نہیں ہے, انھوں نے اپنی ڈگری میں بھی کام کیا ہوتا یہ لوگوں پر یقین کرنا کچھ عقل دہی نہیں ہے

ਜੇ ہم اس سے پہلے انھیں ہاتھوں گڑھنے کی بجائے ہمراہ دیکھتے اور انھیں ایسی نہیں بنانے دیا کہ وہ اپنی ڈگری کے لیے آزاد ہو، تو کیے تاکہ وہ اس طرح کے کار्य سے لڑنے میں مدد کریں۔
 
मुझे लगता है कि यह घटना बहुत ही चिंताजनक है, और हमें इस पर सावधानी से नजर रखनी चाहिए. मैंने देखा है कि आतंकवादी समूहों को अक्सर ऐसे लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने की कला है, जिन्हें लगता है कि वे उनके फायदे को दिखाने के लिए इस तरह की गतिविधियों में शामिल होने के लिए सहज हैं। लेकिन यह बहुत ही खतरनाक है, क्योंकि हमारे समाज में ऐसे लोगों को पैसा और प्रोत्साहन देने से फैलाव हो सकता है।

मैं तो समझता हूँ कि डॉक्टरों को भी अपने करियर में अच्छाई हासिल करने की इच्छा होगी, लेकिन यह बहुत ही गलत तरीका से नहीं चुना जाना चाहिए। हमें अपने समाज की सुरक्षा के लिए हमेशा सावधान रहना चाहिए, और ऐसे लोगों पर नजर रखनी चाहिए जो हमारे विश्वास को कमजोर कर रहे हैं।
 
मुझे लगता है कि यह घटना बहुत गंभीर है और हमें इसकी जांच में आगे बढ़ना चाहिए. लेकिन मेरा विचार है कि पुलिस को पहले से इस बात की जांच करनी चाहिए कि क्या ये दो डॉक्टर वास्तव में आतंकवादी समूहों के साथ जुड़े थे या नहीं। और अगर उनके पास एमबीबीएस या एमडी की डिग्री है तो फिर क्यों उन्हें इस तरह की गतिविधियों में शामिल करने के लिए मजबूर किया गया? 🤔
 
ये तो बाकी सारे चीजें एक्सप्लेन कर दे, डॉक्टरों को भी आतंकवाद में शामिल करने की बात! 🤯 पूरा मजा यह है कि उन्होंने एमबीबीएस या एमडी की डिग्री ली और फिर स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारियों में लगे रहने के बजाय आतंकवादी गतिविधियों में भाग लेने का फैसला किया। अब दिल्ली पुलिस को उनकी पत्नी, बेटियां, और अन्य परिवार के सदस्यों को गिरफ्तार करने का मौका मिल रहा है, तो यह तो शानदार है! 🚔
 
अरे, यह तो बहुत बड़ा संदेह है कि कैसे एक डॉक्टर, जो सबकुछ जानता है, आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के लिए फायदा दिखाने की कोशिश कर रहा है. यह तो हमारे समाज की सबसे गरिमामय पेशेवरों से निकलने वाले व्यक्ति हैं और फिर भी आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के लिए मजबूर किया जा रहा है. यह तो बहुत दुखद बात है
 
बम धमाके की जांच में जुटी हुई दिल्ली पुलिस को बहुत-बहुत बधाई! 🎉 उनकी मेहनत से अबतक 18 से ज्यादा लोगों को इस घटना के बीच लिंकित किया गया है. यह तो बहुत बड़ा खुलासा है और पूरा देश इस मामले की नज़रबंदी कर रहा है. 🕵️‍♂️ आतंकवादी समूहों को ऐसी गतिविधियाँ करने का साहस रखने का क्या फायदा? 🤔 उनका यह खेल दिल्ली पुलिस को नहीं जीतेगा, बल्कि उन्हें बुरा नाम ही मिलने वाला है. 🚫 हमें एकजुट होकर इन आतंकवादियों को पकड़ने और उनके इस खेल से रोकने की जरूरत है. 👮‍♂️ #आतंकवाद_खिलाफ_हम_एकजुट_हैं
 
बम धमाके की जांच में दिल्ली पुलिस ने गिरोह को पकड़ने का प्रयास कर रही है, लेकिन फिर भी बहुत सारे सवाल उठते हैं 🤔। अगर 18 से ज्यादा लोगों को इस घटना के बीच लिंकित किया गया है तो इसका मतलब यह नहीं है कि वे सभी एक-दूसरे को जानते थे या निमंत्रित किए गए थे।

मुझे लगता है कि दिल्ली पुलिस ने सही में गिरोह को अलग-अलग शहरों से पकड़ने का प्रयास कर रही है, लेकिन इसके बाद उन्हें और भी ज्यादा जानकारी इकट्ठा करनी चाहिए। एक डॉक्टर को गिरफ्तार करने में भी बहुत सारी चिंताएं हैं, खासकर जब वो फरीदाबाद से भी जुड़ा हुआ है। इसका मतलब यह नहीं है कि वह अपने पते पर थे तो उसकी गिरफ्तारी में कोई अनियमितता नहीं हुई।
 
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