छठ के पहले दिन, घरों में एक अलग माहौल है। यहाँ, छोटी सी मां ठेकुआ अपने घर का काम बनाकर खुश रहती है, जिससे वह अपने परिवार को रोजगार मिलता है। हर घर में घी की खुशबू होती है और दीदी दऊरा सजकर स्वादिष्ट व्यंजन तैयार करती हैं।
बिहार के लोगों ने अपने घरों को सजाकर छठ की शुरुआत की है, और यहाँ गीत गूंज रहे हैं। मां बार-बार फोन करती हैं और पूछती हैं, "क्या तुम्हें खुशियाँ हुई?" परिवारों में एक-एक करके छठ की शुभकामनाएं दी जा रही हैं।
इस छठ के पहले दिन, लोग अपने घरों से बाहर निकलकर गीत गाते हुए और पूजा-पाठ करते हैं। बाजार में भी घूमते हुए लोग अपने साथ गाने-बजाने वाली टोकरियाँ लेकर आते हैं।
छठ का पहला दिन है, और घरों में एक अलग माहौल है। यहाँ, लोग अपने परिवार को खुश रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
बिहार के लोगों ने अपने घरों को सजाकर छठ की शुरुआत की है, और यहाँ गीत गूंज रहे हैं। मां बार-बार फोन करती हैं और पूछती हैं, "क्या तुम्हें खुशियाँ हुई?" परिवारों में एक-एक करके छठ की शुभकामनाएं दी जा रही हैं।
इस छठ के पहले दिन, लोग अपने घरों से बाहर निकलकर गीत गाते हुए और पूजा-पाठ करते हैं। बाजार में भी घूमते हुए लोग अपने साथ गाने-बजाने वाली टोकरियाँ लेकर आते हैं।
छठ का पहला दिन है, और घरों में एक अलग माहौल है। यहाँ, लोग अपने परिवार को खुश रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।