दैनिक भास्कर की विनम्र पहल- सार्थक दीपावली: एक छोटी सी कोशिश किसी जरूरतमंद की जिंदगी में खुशियां ला सकती हैं- शॉर्ट फिल्म

दीपावली की रोशनी में हमारी दुनिया खुशियों से भर जाती है, लेकिन कभी-कभी यह रोशनी एक अन्य परिवार या व्यक्ति को भी पोहचती है। ऐसे कई बीजेपी नेताओं के द्वारा दीपावली के मौके पर दूसरों के खिलाफ जंग हुए हैं और उन्हें सिर्फ झूठी नफरत भरे बयान दिए गए हैं।
 
मुझे यह सोचकर बहुत दुख हुआ 😔 जब दीपावली के मौके पर बीजेपी नेताओं ने अपने विरोधियों को तारीफ नहीं करना और उनके खिलाफ जंग चलाना शुरू कर दिया। लेकिन फिर भी हमें उम्मीद रहनी चाहिए ❤️, क्योंकि यह रोशनी हमारी संस्कृति में है और हम इसे कभी नहीं छोड़ सकते। 🕉️

मुझे लगता है कि हमें अपने आप को सुधारना चाहिए और दूसरों की बुराई करने की जरूरत नहीं है। हमें अपने समाज में शांति और प्रेम को बढ़ावा देना चाहिए। 🤝

लेकिन फिर भी मुझे लगता है कि हमें अपने नेताओं से उम्मीद करनी चाहिए कि वे हमारे समाज को बेहतर बनाने का प्रयास करें। अगर वे दूसरों के खिलाफ जंग नहीं चलाते, तो हम उनके समर्थन में खड़े हो सकते हैं। 👍
 
मुझे लगता है कि दीपावली के मौके पर दूसरों को धमकाना वास्तव में बुरा है, भले ही वह हमारी सुरक्षित समाज के रूप में बीजेपी नेताओं द्वारा पेश किया जाता है। क्या हम कभी अपने पड़ोसी या स्कूल के छात्र को दीपावली के मौके पर धमकाने के लिए मजबूर करेंगे। इसका न्याय है कि हम सभी समाज के व्यक्तियों को सम्मानित रखें।
 
दीपावली को हमारे समाज में एकता और शांति का त्यौहार मानना चाहिए, लेकिन जब भी ऐसे नेता खेलने आते हैं तो बहुत डरावना लगता है 🤕

मुझे लगता है कि दीपावली के इस समय नेताओं के बोल सुनकर हमें थोड़ा गुस्सा करने का मौका मिलता है, लेकिन उन्हें ध्यान में रखना चाहिए कि उनके बयान से किसानों और छोटी-छोटी निर्माताओं पर प्रभाव पड़ सकता है। दीपावली तो हिंसा नहीं लेकर आती है 🕯️

क्या हम इस समय अपने समाज को खुशियों से भरने के लिए और भी अच्छे तरीके ढूंढ सकते हैं? 🤔
 
दीपावली की रोशनी में तो हम सभी खुश होते हैं, लेकिन जब बीजेपी नेताओं का इस्तेमाल भी होता है तो दूसरों के खिलाफ जंग होता है, यह बहुत अजीब लगta hai 🤔। मेरे अनुसार, दीपावली एक त्योहार है जहां हम अपने परिवार और दोस्तों से मिलते हैं और उनसे खुशियां बांटते हैं। लेकिन जब कोई नेता दूसरों को दीपावली के मौके पर धमकाता है तो यह बहुत ही शर्मनाक लगता है। मुझे लगता hai कि हमें अपने समाज में शांति और सौहार्द को बढ़ावा देने की जरूरत है, न कि लोगों को एक-दूसरे के खिलाफ मुड़ने की।
 
आज दीपावली है, तो सबको खुशियां मिलनी चाहिए, लेकिन कुछ लोग तो अपनी जंग का मौका ढूंढने के लिए दीपावली का त्यौहार अपने हाथ में लेते हैं 🤣। बीजेपी नेताओं को भी ऐसा नहीं करना चाहिए, फिर कैसे खुशियों से भर जाएगी दुनिया? अगर वे दूसरों के खिलाफ झूठी नफरत भरे बयान देते हैं तो वे अपने खेल को खोने का मौका भी नहीं छोड़ सकते। मुझे लगता है कि जंग के बजाय खुशियों की रोशनी से दुनिया को भर दें, और अगर तो उनके पास ऐसा कुछ नहीं है, तो उन्हें खेल के नियम समझाने की जरूरत है 🤪
 
बात बीत गई तो फिर भी ये सच है... क्या होता जब हमारी दुनिया में खुशियाँ जुटाई जाती हैं? और यह रोशनी तभी अच्छी लगती है जब यह हमारे दिलों में बसी रहती है। लेकिन कभी-कभी, यह रोशनी किसी और को भी पोहचती है, और उन्हें नफरत का गांठा लगने देती है। जैसे कि ये बीजेपी नेताओं को दीपावली के मौके पर दूसरों को अपनी नफरत भरी बातें करने देने के लिए मजबूर करते हैं। 🤔 क्या यह सचमुच भाईचारे का संदेश देता है?
 
मुझे लगता है कि दीपावली का मुहूर्त हमारे समाज में हिंसा और अन्याय को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। लोगों को अपने परिवार के साथ खुशियां मनानी चाहिए, न कि किसी और को दुखी करना। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को भी ऐसी बातें नहीं कहनी चाहिए जो लोगों के गुस्से में आ जाएं।
 
दीपावली तो प्यारी तो बात है, लेकिन जैसे ही रोशनी में राजनीति का खेल शुरू होता है toh हर कोई अपने खिलाफ दोष देना शुरू कर देता है। मेरी बहन की मुसीबत के बारे में जो भी बीजेपी नेता ने बयान दिया था, वह वाकई पागलपन की बात है। मैं तो उसकी बहन हूँ और उनके साथ ऐसी बातें नहीं क्योंकि मुझे खुशी होती कि हमारे परिवार में शांति बनी रहती। लेकिन जैसे ही राजनीति शुरू होती है तो हर चीज़ धुंधली पड़ जाती है। मैं अपने दोस्त की बात कर रहा हूँ, जिसका पता नहीं था कि उसकी बहन एक अभिनेत्री बन गई थी। लेकिन जैसे ही उसकी बहन राजनीतिक खेलों में शामिल हुई तो सबकुछ बदल गया। 🤦‍♂️
 
दीपावली की रोशनी में तो सभी को खुशियां आती हैं, लेकिन जब यह रोशनी एक अन्य परिवार या व्यक्ति पर पड़ती है तो यह तो बस झूठ और नफरत भरा होता है। ऐसे कई बीजेपी नेताओं के द्वारा दीपावली के मौके पर दूसरों के खिलाफ जंग हुए हैं और उन्हें सिर्फ झूठी नफरत भरे बयान दिए गए हैं।

मुझे लगता है कि यह तो बस एक राजनीतिक रणनीति है, जिससे वे अपने समर्थकों को आकर्षित कर सकें। लेकिन जब तक हमें इसके पीछे की वजह नहीं पता, तब तक इसे सहन करना आसान नहीं होगा। मैं चाहता हूं कि हमारे नेताओं से पूछा जाए कि वे अपने बयानों को कैसे देख रहे हैं, और उन्हें एक बार फिर से अपनी राजनीतिक रणनीतियों पर सवाल उठाने की जरूरत है।
 
😐 दीपावली तो हमारी सबसे खूबसूरत छुट्टियां में से एक है जहां हम अपने परिवार के साथ मिलकर खुशियों का त्योहार मनाते हैं। लेकिन, कभी-कभी यह त्योहार कुछ और व्यक्ति या परिवार को भी प्रभावित कर देता है। मैंने देखा है कि कुछ बीजेपी नेताओं ने दीपावली के समय अपने दुश्मनों के खिलाफ जंग लिया है और उन्हें बहुत भारी बयान दिए हैं। यह तो किसी को भी पसंद नहीं आता, खासकर जब वो दीपावली का त्योहार मना रहा होता है। मुझे लगता है कि हमें अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर खुशियां मनानी चाहिए, न कि दूसरों को दर्द पहुंचाना। 🕉️
 
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