Delhi AQI: दिल्ली में फिर बढ़ा प्रदूषण, जानें इन इलाकों का हाल? | AQI | CM Delhi

प्रदूषण की बदबू दिल्ली की आबोहवा में फिर फैल गई है। राजधानी में हवा की गुणवत्ता खराब हो गई है, जिसके कारण लोगों की सांसें उखड़ रही हैं। पीएम 2.5 के प्रदूषक कण जहर घोलने का काम कर रहे हैं।

इस बीच, दिल्ली में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए निर्णय सहायता प्रणाली के अनुसार, हवा में पराली से होने वाला प्रदूषण 30.915 रहा। रविवार को इसकी आशंका 31.246 फीसदी रहने की है। इसके अलावा, वाहन से होने वाला प्रदूषण 15.321 फीसदी रहा।

वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 361 दर्ज किया गया, जो हवा की बेहद खराब श्रेणी है। इसमें शुक्रवार की तुलना में 39 सूचकांक की वृद्धि दर्ज की गई। सुबह की शुरुआत धुंध और हल्के कोहरे से हुई, जिसके चलते दृश्यता भी सही नहीं रही।

सफदरजंग एयरपोर्ट में सुबह 6:30 बजे 900 मीटर दृश्यता दर्ज की गई, लेकिन उसके बाद सुधरकर आठ बजे 1200 मीटर हो गई। इस दौरान लोग मास्क पहने नजर आए और सांस के मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
 
तो यह तो बहुत चिंताजनक! प्रदूषण की बदबू इतनी गंभीर हुई कि हवा में बेहद खराब श्रेणी की सूचकांक दर्ज हो गई। यह तो लोगों की सेहत पर बड़ा असर डालेगी। और ये दिखाई देता है कि प्रदूषण नियंत्रण में भी बहुत कमजोरी है। 900 मीटर तक धुंध और कोहरे की वजह से लोगों की दृश्यता भी सही नहीं रही। तो क्या सरकार यह समझ गई है कि प्रदूषण कैसे लोगों की जिंदगी को खराब कर रहा है? मुझे लगता है कि हमें इस पर और सख्ती से ध्यान देने की जरूरत है।
 
दिल्ली में प्रदूषण की बदबू तो बात नहीं है, हवा की गुणवत्ता खराब होने से लोगों की सांसें उखड़ रही हैं 🤕। पीएम 2.5 के प्रदूषक कण जहर घोलने का काम कर रहे हैं, यह तो बहुत बड़ी चिंता है। मुझे लगता है कि हमें वायु गुणवत्ता पर ध्यान देने की जरूरत है, तो हम इस समस्या से उबर सकते हैं। लेकिन सरकार और निगमों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए, वाहनों और उद्योगों पर रोक लगानी चाहिए। अगर हम सब मिलकर काम करें तो दिल्ली की हवा फिर से साफ हो सकती है 🌟
 
क्या दिल्ली की आबोहवा अब प्रदूषण से बुरी तरह से मुहल्ला हुई है? यही तो सोच लीजिए, पीएम 2.5 के कारण लोगों की सांसें खराब होती जा रही हैं। हमारे देश में हवा की गुणवत्ता इतनी खराब हो गई है कि यह एक बड़ा समस्या बन गई है। पराली, वाहन, और अन्य चीजों से होने वाला प्रदूषण इतना बढ़ गया है कि हमारे दिनचर्या में भी इसका असर पड़ रहा है।

मेरी राय में हमें इस समस्या से निपटने के लिए एक साथ आमने-सामने करना चाहिए। हमें अपने वाहनों को और पराली को कम करने के लिए प्रयास करना चाहिए। और सरकार को भी इस समस्या को हल करने के लिए कुछ अच्छे निर्णय लेने चाहिए।

कोई एक व्यक्ति या समूह इस समस्या से लड़ने में मदद नहीं कर सकता, हमें सभी को एक साथ मिलकर अपने देश को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने की प्रयास करना चाहिए।
 
प्रदूषण की बदबू तो खूब बढ़ी है दिल्ली में। हवा में घुलने वाले प्रदूषक कण फिर भी इतने जहरीले हैं कि लोगों की सांसें खराब हो गई हैं। यह तो गंभीर समस्या है। हवा की गुणवत्ता खराब होने से बच्चों और बुजुर्गों के लिए सबसे ज्यादा खतरा है, उनकी सेहत पर यह बहुत बड़ा प्रभाव पड़ेगा।
 
😞 यह बात तो सभी जानते हैं कि प्रदूषण का मामला कैसे बढ़ता है... दिल्ली में हर साल फिर से प्रदूषण की बदबू आ जाती है, और इस वर्ष भी ऐसा ही हो रहा है। यह एक बड़ी चिंता की बात है कि हवा की गुणवत्ता इतनी खराब हो गई है कि लोगों की सांसें उखड़ रही हैं।

मुझे लगता है कि सरकार और नियामक एजेंसियों को इस मुद्दे पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। हमें एक मजबूत प्लान बनाने की जरूरत है जिसमें वाहनों पर रिगिस्ट्रेशन शुल्क बढ़ाने, ईंधन गुणवत्ता में सुधार करने और पराली निपटान के लिए अलग-अलग योजनाएं शामिल हों। इसके अलावा, हमें हवा की गुणवत्ता को निगरानी में रखने वाली टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने की जरूरत है।

लोगों को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। हमें पर्यावरण संरक्षण के लिए छोटी-छोटी चीजें बदलने की जरूरत है, जैसे कि प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करना, बिजली की बचत करना और वायु प्रदूषण मुक्त वाहन खरीदना।

हमारी सरकार और नियामक एजेंसियों को एक साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। हमें अपनी राजधानी को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने का प्रयास करना चाहिए।
 
ਭाई, ਯे तो बिलकुल सही है कि प्रदूषण की बदबू दिल्ली की आबोहवा में फिर फैल गई है। मुझे लगता है कि हमें अपनी सड़कों और वाहनों को प्रदूषण कम करने के लिए जरूरी सावधानी बरतनी चाहिए। वायु गुणवत्ता के बारे में जानकारी दिल्ली सरकार को जरूर होनी चाहिए, ताकि वह हमें सही समय पर अलर्ट कर सके।
 
मुझे प्रदूषण की बात ही नहीं सुनकर ये वायु गुणवत्ता बिल्कुल सही नजारा देखने में आनंद आया 🤔। दिल्ली में इतनी ही खराब हवा तो लोग बीमार पड़ जाएंगे, फिर क्या? प्रधानमंत्री और राज्य सरकार किस तरह से इस पर काम कर रही हैं इसके बारे में सोचते समय मुझे लगता है कि शायद उन्हें भी ये नहीं पता कि हवा साफ करने की कैसे कोशिश की।

अगर हवाई जहाज़ और वाहनों से उतना प्रदूषण न होता तो दिल्ली में इतनी खराब हवा क्यों आती है? मैंने पहले सोचा था कि ये सब प्रदूषण केवल शहर की समस्या नहीं है, बल्कि हमारी रेलवे और सड़क पर भी इसका असर देखा जा सकता है। लेकिन मुझे लगता है कि शायद हमें अभी से इस बात की जांच करनी चाहिए कि क्या यह प्रदूषण न केवल शहर की समस्या है, बल्कि हमारे जीवनशैली और व्यवहार में भी इसका असर देखा जा सकता है।
 
बात प्रदूषण है तो यह सचमुच बहुत गंभीर समस्या है। दिल्ली में हवा की गुणवत्ता खराब होने से लोगों की सांसें उखड़ रही हैं और यह तो पूरा बिगड़ गया है।

पीएम 2.5 के प्रदूषक कण जहर घोलने का काम कर रहे हैं, यह तो बहुत खतरनाक है। हमें अपनी हवा साफ रखनी होगी तो ही स्वास्थ्य ठीक रहेगा।

वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए निर्णय सहायता प्रणाली में भी बदलाव करने की जरूरत है। हमें अपने वाहनों को साफ और प्रदूषण-मुक्त बनाना होगा। और पराली जल्द से जल्द हटानी होगी।

हमें इस समस्या का समाधान ढूंढने के लिए एक साथ मिलकर काम करना होगा। हमें अपने शहर को साफ और स्वस्थ बनाने की जरूरत है। 😔🌿
 
क्या यह सचमुच ऐसा ही हुआ कि प्रदूषण की बदबू तेजी से बढ़ रही है? मुझे लगा कि हवा की गुणवत्ता बहुत खराब हो गई है तो फिर भी लोग अपने-अपने घरों में बैठकर सोचते रहते हैं कि सब ठीक है, सब ठीक है। पराली और वाहन से निकलने वाला प्रदूषण जहर घोलने का काम कर रहा है तो फिर भी हमें अपने आसपास की हवा की गुणवत्ता को नहीं लेना चाहिए।

मुझे लगता है कि सरकार और प्रशासन दोनों एक साथ मिलकर इस समस्या पर ध्यान देने की जरूरत है। हमें अपने शहर को साफ करने की जरूरत है, वाहनों की नियमित जांच करानी चाहिए, और प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए निवेश करना चाहिए।

लेकिन, मुझे लगता है कि हमें अपने दैनिक जीवन में भी बदलाव लाने की जरूरत है। हमें अपने घरों और आसपास के वातावरण को साफ रखने की जरूरत है, और प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए अपने जीवन में बदलाव लाने की जरूरत है।

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मुझे लगता है कि यह प्रदूषण की समस्या एक गहरी बीमारी है जिसका इलाज करने में समय लगेगा। सरकार ने पहले से ही प्रदूषण कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन लगता है कि वे पर्याप्त नहीं हैं। यह समस्या इतनी गंभीर है कि साफ-सफाई कर्मचारियों को भी प्रदूषण से लड़ना पड़ रहा है। 😷
 
😞 यह तो बिलकुल सही है कि दिल्ली में प्रदूषण बढ़ा हुआ है। मैंने जिस समय भी ये खबर पढ़ी है, तब सोचा था कि क्या होगा अगर हमारी राजधानी खत्म हो जाए। यहां तक कि हवा में जहरीले प्रदूषक तेजी से फैल रहे हैं, और लोगों को सांस लेने में परेशानी होती है। 🤕

मुझे लगता है कि हमें अपने वाहनों की देखभाल करनी चाहिए और प्रदूषण कम करने के लिए कुछ कदम उठाने चाहिए। जैसे कि हमें अधिक से अधिक पराली फेंकने से बचना चाहिए, और अपने घरों में रिफ्यूजर्स लगाएं ताकि वायु प्रदूषण कम हो।

मैं ये नहीं कह सकता कि हम इस समस्या को हल कर सकते हैं, लेकिन हमारी जानबूझकर कोई मदद करनी चाहिए। 🤝
 
ਮुझੇ ਨੂੰ ਦਿੱਲੀ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਦੀ ਬਹਾਵਤ ਮਜਬੂਰੀ ਨਹੀਂ ਕਰ ਸਕਦੀ। ਹਵਾ ਦੀ ਗੁਣਵੱਤਾ ਘਟ ਰਹੀ ਹੈ, ਜੋ ਕਿ ਪਰਿਵਹਨ ਤੇ ਮਨੁੱਖੀ ਸਰਫ਼ਰਜ਼ਾਂ ਦੇ ਘੱਟ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਪ੍ਰਯਤਿਸ਼ਤ ਕਰਨ ਵਾਲੀਆਂ ਹੋਰ ਗੱਲਾਂ ਦਾ ਅੰਸ਼ ਬਣ ਗਈ ਹੈ। ਪਰ ਇਸ ਤੇ ਮੰਨਣ ਘੱਟ ਚਿੰਤਾ ਜਵਾਬ ਦੀ ਹੋਵੇਗੀ, ਕਿਉਂਕਿ ਸ਼ੁਭਰ ਅਤੁੱਲ ਆਵਾਜ਼ ਮਨੁੱਖੀ ਜੀਵਨ ਦੇ ਮੋਹ ਵਿੱਚ ਪੈ ਗਏ ਹਨ।
 
दिल्ली में प्रदूषण तो बस यही बना रह गया है... हवा की गुणवत्ता खराब होने से लोगों की सांसें उखड़ रही हैं। पीएम 2.5 के प्रदूषक कण जहर घोलने का काम कर रहे हैं... यह तो बहुत ही खतरनाक है।
 
मुझे ये ऐसा लगता है कि हमारे दिल्ली वालों ने फिर से बूढ़ी दावत की है। प्रदूषण की बदबू तो हमने पहले भी बहुत सुनी है, लेकिन जब वायु गुणवत्ता खराब होती है तो यह जानकर खुश होना चाहिए। क्योंकि अगर हमारी दिल्ली में हवा की गुणवत्ता खराब हो रही है, तो इसका मतलब है कि लोगों के स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है।

मुझे लगता है कि हमें इस मुद्दे पर अधिक सोचने की जरूरत है। क्या हमारे सरकार के वाहन नियंत्रण योजने में कोई गलती हुई है? क्या हमारे वाहनों की साफ-सफाई अच्छी नहीं है? और क्या हमारे लोगों ने इस पर अपने जिम्मेदारी को समझ लिया है?
 
दिल्ली में प्रदूषण तो एक बड़ी समस्या है, लेकिन कभी-कभार यह सच नहीं कह सकता कि हवा पूरी तरह खराब है। मेरे अनुसार, हवा की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए हमें अपने वाहनों को इलेक्ट्रिक बनाने पर ध्यान देना चाहिए। इसके अलावा, प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर काम कर सकते हैं। 🌬️

लेकिन, जब भी हवा खराब होती है, तो यह हमें सोचने पर मजबूर करता है कि हम अपने जीवनशैली में बदलाव लाने की जरूरत है। जैसे कि हम अपने घरों के चारों ओर पेड़ों लगाकर, या वाहन चलाने से पहले सोचकर आगे बढ़ सकते हैं। इससे हम प्रदूषण को कम कर सकते हैं और हवा की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं। 🌿
 
दिल्ली में प्रदूषण की बदबू तो है वाकई, यहाँ की हवा में घुसने वाले पीएम 2.5 कण जहर का फूल रहे हैं 🤢। इतने खराब हैं हवा के गुणवत्ता कि सुबह शाम दोनों में लोग सांस लेने में परेशान हो जाते हैं। और क्या याद रखें, हमारी पुरानी जमीन में इतने खराब प्रदूषण नहीं थे, जब तक हवा ताजगी भरी थी। आजकल की आधुनिकता ने हमें दिल्ली जैसा शहर में बसने का मौका दिया, लेकिन इस चोरी की जगह हमने प्रदूषण को अपने घर में रख दिया है। 🤦‍♂️
 
[gif: प्रदूषण की बदबू वाली हवा में एक आदमी जो अपने चेहरे पर मास्क लगा हुआ है, और उसके पीछे दिल्ली की आबोहवा दिखाई दे रही है]

[gif: एक पेड़ जो धुंधली हवा से लड़ रहा है, और उसके पत्ते में धुंधलापन भरा हुआ है।]
मसीहALLA
 
🤕 प्रदूषण तो एक बात है, बल्कि यह कैसे हमारी राजधानी की सुंदरता को खत्म कर रहा है! 😔 रास्तों पर मिट्टी और लिक्विड वेस्ट भिगोने से हवा में प्रदूषण बढ़ गया है, यह तो अच्छा नहीं है। क्या सरकार ने कोई समाधान नहीं दिखाया? 🤔

कुछ लोग कहते हैं कि सुबह की शुरुआत धुंध और हल्के कोहरे से हुई, जिसके चलते दृश्यता भी सही नहीं रही। यह तो मुश्किल है, लेकिन क्योंकि हमारी राजधानी ऐसी बनायी गई थी, जिसमें हर पल खुशबू और सुंदरता हो। 🌸

मैं समझता हूं कि हवा की गुणवत्ता खराब हो गई है, लेकिन इसके लिए हमें एक बार फिर से सोच-विचार करना चाहिए। क्या हम अपने रास्तों पर मिट्टी और लिक्विड वेस्ट भिगोने देते हैं? नहीं, हमें ऐसा नहीं करना चाहिए। 😡
 
दिल्ली में प्रदूषण की बदबू फिर फैल गई है, यह बात सभी जानते हैं लेकिन लगता है कि कुछ नहीं बदल रहा है। हवा की गुणवत्ता खराब हो गई है और लोगों की सांसें उखड़ रही हैं। पीएम 2.5 के प्रदूषक कण जहर घोलने का काम कर रहे हैं 🤢। यह अच्छा नहीं है, हमें जल्द से जल्द इसका समाधान निकालना चाहिए।

मुझे लगता है कि सरकार और हम सब मिलकर इस समस्या का समाधान निकाल सकते हैं। वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए निर्णय सहायता प्रणाली के अनुसार, हवा में पराली से होने वाला प्रदूषण बहुत ज्यादा है। और वाहन से भी इसकी समस्या बढ़ रही है 🚗

हमें अपने शहर को साफ रखना चाहिए और अपनी सांसों के लिए सुरक्षित हवा खोजने की कोशिश करनी चाहिए। इससे हमारी सेहत बेहतर होगी और हम एक स्वच्छ और स्वस्थ शहर बना सकते हैं 🌿
 
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