Delhi Blast: अहम सवाल- अल-फलाह यूनिवर्सिटी से कहां जा रहा था करोड़ों का काला धन, आज शुरू हो सकती है इसकी जांच

अल-फलाह यूनिवर्सिटी से करोड़ों का काला धन हर साल इकट्ठा हो रहा था, जिसे आतंकवादियों द्वारा आतंकी गतिविधियों में लगाया जा रहा था। लेकिन सवाल यह है कि यूनिवर्सिटी के बाहर क्यों खाता खुलवाया गया था? और इसका खुलासा ईडी की जांच के बाद ही होगा।

यूनिवर्सिटी में काला धन छात्राओं की फीस के तौर पर अर्जित किया जा रहा था। एमबीबीएस की 200 सीटों में से कई छात्रों से अधिकतर रकम कैश के तौर पर ली जा रही थी। यह जांच एजेंसी ईडी इस मामले में सबसे आगे है।

ईडी की टीम सोमवार से यूनिवर्सिटी परिसर पहुंचकर अपनी जांच शुरू कर सकती है। इसकी जांच के दौरान यह पता चलेगा कि जम्मू कश्मीर बैंक में ही खाता फरीदाबाद स्थित यूनिवर्सिटी की ओर से आखिर क्यों खुलवाया गया था।

यूनिवर्सिटी को इस मामले में कड़ी नज़र रखा जाएगा। इसके अलावा, दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल और यूपी एटीएस भी यहां परिसर पहुंच कर अपनी जांच शुरू कर सकते हैं।
 
अरे, यह तो बहुत बड़ा मामला है, काला धन कैसे अंदर आ गया था, इसकी पूरी जानकारी आनी चाहिए। यूनिवर्सिटी में ऐसा से लोगों का बेटा बनना अच्छा नहीं है। और यह भी देखنا चाहिए कि जम्मू कश्मीर बैंक से खाता क्यों निकलने लगा था। ईडी को इसकी जांच करनी चाहिए ताकि इस तरह की गड़बड़ी होने का विडम्बण न हो।
 
काला धन कैसे काम आता है यूनिवर्सिटी में? 🤑
फरीदाबाद स्थित यूनिवर्सिटी को जम्मू कश्मीर बैंक में खाता क्यों खुलवाया गया था?
 
मुझे ये बात अजीब लगती है कि अल-फलाह यूनिवर्सिटी में काला धन इतनी आसानी से इकट्ठा हो रहा था। और इसका पता लगाने के लिए ईडी ने इस तरह बड़ी जांच शुरू की है। इससे लगता है कि यूनिवर्सिटी में बहुत ज्यादा गड़बड़ी थी। और यह सवाल तो बाकी खुलासा करने के लिए अभी तक नहीं कहा गया है 🤔
 
ये तो बहुत बड़ा मामला है... क्यों खाता खुलवाया गया था, यह सुनने में नामुमकिन लगता है। यूनिवर्सिटी में काला धन इकट्ठा करना बिल्कुल सही नहीं है, लेकिन फिर भी इसका जांच एजेंसियों ने कैसे तय किया? और यह सवाल और भी ज्यादा गहरा है... क्या यूनिवर्सिटी के छात्रों को पता था कि उनकी फीस का इतना सारा पैसा आतंकवादियों को दे रहे हैं?
 
यदि ईडी की जांच में पता चलेगा कि यूनिवर्सिटी के अलावा संस्थानों और व्यवसायों पर भी आरोप लगे तो यह एक बड़ा मुद्दा होगा। इसके बाद, यूनिवर्सिटी के प्रशासकों को अपने काम की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
 
बड़ा व्यसन है यह... काला धन कैसे लगातार इकट्ठा हो रहा था, हमें नहीं पता। यूनिवर्सिटी में तो छात्राएं फीस देती हैं और उन्हें पैसे निकालने का खेल भी सिखाया जाता है। एमबीबीएस की 200 सीटों में से कई लोगों से अधिक रकम एक ही समय में लिए जाने की बात... अरे यह तो बड़ा व्यसन है। और फिर यूनिवर्सिटी को इतना खुलासा करने का मौका देने का मतलब क्या? 🤔💸
 
मैंने यूनिवर्सिटी में पढ़ते समय देखा था कि अगर तुम एक छात्र हो और तुम्हारी फीस पूरी नहीं कर सको, तो तुम्हें अपने परिवार से निश्चित रूप से चीजें मांगनी पड़ती थी। लेकिन अगर आप पास होते, तो कुछ भी माफ़ होगा और फिर कैसे एक यूनिवर्सिटी में इतना जाल बन जाता है? मुझे लगता है कि यह सारा खिलवाड़ सिर्फ इतना पैसा देने वाले छात्रों पर क्यों नहीं पड़ता था।
 
मुझे लगता है कि यह मामला बहुत बड़ा हुआ होगा, अगर यह पूरी तरह से उजागर हो जाता। यूनिवर्सिटी में काला धन लाने की इस प्रक्रिया ने कई सवाल उठाए हैं। क्या यह एक छोटे से मामले का था, या फिर इसके पीछे कुछ बड़े और गहरे मुद्दे थे?

मुझे लगता है कि अगर ईडी की जांच अच्छी तरह से कर लेगी, तो हमें यह पता चलने की उम्मीद होगी कि क्या इसमें सरकारी अधिकारियों या व्यवसायी नेताओं की भूमिका थी।

मैं सोचता हूं कि अगर इस मामले में कड़ी नज़र रखी जाती है, तो हमें यह देखने की उम्मीद होगी कि यूनिवर्सिटी के पास ऐसी नीतियां नहीं हैं जिससे भविष्य में ऐसा होने की संभावना हो।

इस तरह के मामलों में, हमें यह समझने की जरूरत है कि हमारे समाज की विकास और प्रगति के लिए कुछ ऐसी नीतियां बनाई जाएं जो स्वच्छता और जवाबदेही को बढ़ावा दें।
 
मुझे लगता है कि अगर यह जानकारी सही है तो हमें यह पूरी तरह से अजीब लग रहा है। क्योंकि यूनिवर्सिटी में काला धन छात्राओं की फीस के रूप में इकट्ठा होने की बात है, और आतंकवादियों द्वारा इसे आतंकवादी गतिविधियों में उपयोग करने की बात है, लेकिन इसके पीछे क्या ताल्लुक है? 🤔

और अगर ईडी की जांच के बाद खुलासा होता है तो यह एक बड़ा मामला हो सकता है। लेकिन यह सवाल उठता है कि यूनिवर्सिटी के बाहर क्यों खाता खुलवाया गया था, और इसके पीछे क्या साजिश रची गई थी। 🤑
 
काला धन की बात तो सब जानते हैं लेकिन यूनिवर्सिटी के खातों में से इतना पैसा कहाँ जा रहा था? कुछ लोग कहते हैं कि शिक्षा में निवेश करने वालों को कभी यह नहीं दिखता कि कॉलेज और यूनिवर्सिटी में पढ़ने के लिए पैसा कहाँ जा रहा था। तो फिर इतना पैसा खातों में बैंक खुलवाने के लिए क्यों?

मुझे लगता है कि अगर सरकार की निगरानी में ऐसी चीजें नहीं जानने टिक जाती, तो फिर देश का साफ-सफाई मुद्दा कहाँ रह जाएगा। हमें अपनी शिक्षा प्रणाली को ठीक करने का समय लग गया है, इसलिए हमें इसके लिए कुछ और सोचते हैं।
 
अरे, तो इस मामले का पता लगाने के लिए ईडी टीम निकलना बहुत जरूरी है 🕵️‍♀️। यूनिवर्सिटी में काला धन कैसे इकट्ठा हुआ और क्यों? यह तो एक बड़ा सवाल है। और अगर खुलासा होगा तो यह अच्छा होगा कि किसने इस गड़बड़ी का पता लगाया है 👀। इसके अलावा, यूनिवर्सिटी में छात्राओं की फीस कैसे कैश में ली जा रही थी, यह भी जानने की जरूरत है। शायद इस मामले में कुछ बड़ी बातें निकलेंगी।
 
🤔😒💸

📚 ₹ 1000 क्रेडिट कार्ड पर एमबीबीएस की फीस भरने वाले छात्र 🎓😭

😂👀 खुलासा करने से पहले ईडी ने यूनिवर्सिटी को स्पष्ट तौर पर बताया था कि यह जांच है और हमें आपको बताने में असमर्थ हैं कि आपने क्या किया है 😳

💸👀 1000 करोड़ काला धन यूनिवर्सिटी से निकला था... और यह सब शायद एक छोटी सी गड्ढ़ी में खो गया था... 🤯
 
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