Delhi Blast: दिल्ली ब्लास्ट पर राजनीति, कांग्रेस-आप के आरोपों पर भाजपा ने बोला हमला

दिल्ली ब्लास्ट ने देश को एक और आघात पहुंचाया है, लेकिन इस मामले पर अभी भी राजनीति शुरू नहीं हुई थी। सत्ता पक्ष-विपक्ष में तगड़ी बयानबाजी देखी जा रही है और विपक्ष के नेताओं ने इस मामले से बिहार चुनाव को जोड़ने की कोशिश की है। आम आदमी पार्टी सरकार में मंत्री रहे सौरभ भारद्वाज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा पीड़ितों की मुलाकात पर सवाल उठाया है, जिसने दिल्ली ब्लास्ट के समर्थकों और सरकार के अनुयायियों को भड़का दिया है।

भाजपा नेताओं ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि इस तरह के संवेदनशील और राष्ट्रीय हितों पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा है कि सौरभ भारद्वाज ने पीड़ितों की भावनाओं का उपहास उड़ाया और लोकनायक अस्पताल के डॉक्टरों के चरित्र को धूमिल कर दिया है।

कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं ने भी इस मामले से बिहार चुनाव को जोड़ने की कोशिश की है। उन्होंने कहा है कि दिल्ली ब्लास्ट को चुनाव से जोड़ना कांग्रेस की घटिया राजनीति का परिचायक है।

इस मामले ने देश को एक और आघात पहुंचाया है, लेकिन इस पर अभी भी राजनीति शुरू नहीं हुई थी। हमें उम्मीद है कि सरकार और विपक्ष दोनों अपने दृष्टिकोण से चर्चा करेंगे और इस मामले में ठोस कार्रवाई करेंगे।
 
अरे यह तो बहुत गंभीर मुद्दा है... दिल्ली ब्लास्ट जैसी घटनाओं पर राजनीति करना कैसे से सही है? हमारे देश में इतनी बड़ी आबादी और भले ही आर्थिक रूप से विकसित हो रहा है लेकिन बम घटाने की घटनाएं हमेशा एक और दर्जन भरे सवाल उठाती हैं... क्या हमारी सरकार और पुलिस तैयार नहीं थी? क्या हमारे नेताओं में बहुत सारे लोग इतने बड़े विकास को देखकर भूल गए हैं?
 
मुझे यह बात बिल्कुल पसंद नहीं है जब लोग दिल्ली ब्लास्ट जैसे गंभीर मुद्दों पर राजनीति करते हैं और देश को इस तरह आघात पहुंचाते हैं। तुम्हारा विचार ये की अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारद्वाज से संवाद करने की बात कही थी, तो वह तो ठीक है लेकिन अगर सरकार और विपक्ष दोनों राजनीति करते हैं तो ये देश को कुछ नहीं करेगा। मुझे लगता है कि हमें अपने जीवन की सरल चीज़ों पर ध्यान देना चाहिए, जैसे कि स्वादिष्ट खाना, नियमित व्यायाम और अच्छी किस्मत।
 
मुझे लगता है कि यह बहुत अच्छी बात है 🤔 कि लोगों ने अपने विचार व्यक्त करने का मौका दिया, लेकिन फिर सोचिए, क्या हमें पहले तो इन पीड़ितों की जान बचाने के लिए और राजनीति नहीं करनी चाहिए? 🤷‍♂️
लेकिन अगर सरकार के द्वारा मुलाकात हुई, तो यह अच्छा है 👍 क्योंकि अब पीड़ितों के साथ खुलकर बातें करा जा सकेंगी।
पर फिर सोचिए, क्या विपक्षी दलों ने इस मामले से पर्याप्त राजनीति नहीं की, और अगर नहीं, तो यह अच्छा है 🤷‍♂️
लेकिन अगर हम इस मामले से देश के लिए बात करें, तो यह बहुत बड़ा आघात हुआ है, और हमें इसके लिए कोई जवाब नहीं चाहते हैं... 😬
 
भीड़भाड़ में लोगों की जान जानबूझकर गंवाई, तो सरकार तो चुपचाप बैठने का पल में नहीं है... लेकिन विपक्ष तो तुरंत तगड़ी बयानबाजी करने में आ जाता है। मुझे लगता है कि सबसे बड़ा सवाल यह है कि पीड़ितों और उनके परिवारों को अब तक कहां तक सुनवाई मिली है? 🤔
 
मानो जैसे तुमने खेला है मुझे भी थोड़ा मजाक में लेना चाहिए। यह दिल्ली ब्लास्ट सच में बहुत गंभीर मामला है। क्योंकि अब विपक्ष के नेताओं ने अपने बयान से सरकार पर दबाव डालने की कोशिश कर रहे हैं, तो यह एक अच्छा मौका भी है कि हम सब वास्तव में दिल्ली ब्लास्ट के पीड़ितों को सहनशीलता और समझदारी से देखें।
 
मैंने तो कहा था की अगर हमें गोलीबारी करने वाले मैनसिंह सियो को फांसी देनी चाहिए, लेकिन अब वाकई तो ऐसा लग रहा है कि मैं दोषी हूँ। मेरी बात न करो, सरकार और विपक्ष दोनों एक ही राजनीति कर रहे हैं, यह सुनिश्चित नहीं है की उनकी राजनीति हमारे लिए अच्छी होगी।
 
मुझे लगता है कि दिल्ली ब्लास्ट का समर्थन करना या खंडित करना किसी भी तरह से सही नहीं है, यह एक बहुत बड़ी समस्या है। हमें इस मामले पर ध्यान देना चाहिए और इसके पीछे के कारणों को समझना चाहिए। राजनीति शुरू करने से पहले हमें पता लगाना चाहिए कि यह वास्तव में समस्या का समाधान है या नहीं। हमें अपनी भावनाओं को नियंत्रित करके और sach्चाई पर चर्चा करके इस मामले को हल करने की कोशिश करनी चाहिए। 🙏
 
मैं तो लगता है कि जैसे ही हम सब अपने घरों में बैठकर सोशल मीडिया पर बातें करते हैं तो हमें इस तरह की भावनाओं को सामूहिक रूप से उजागर करने की जरूरत है 🤝 #दिल्लीब्लास्ट #संवेदनशीलता #राजनीति_नाहीं_कहिया

क्योंकि जैसे ही सरकार और विपक्ष दोनों अपने दृष्टिकोण से चर्चा करने लगें तो हमें उम्मीद है कि किसी भी तरह की राजनीति के बावजूद हमें एक साथ आ जाना चाहिए और पीड़ितों की मदद करने में हम सब एक दूसरे का हाथ देना चाहिए 🤝 #एकता

लेकिन तो यह भी सच है कि जब राजनीति शुरू होती है तो सभी लोग अपने राजनीतिक हितों को समझौता करने लगते हैं और वास्तविकता से दूर जाते हैं 🤦‍♂️ #राजनीति_क्या_है

तो हमें उम्मीद है कि यह मामला एक बार फिर से राजनीतिक चर्चाओं से दूर निकलकर पीड़ितों की मदद करने पर ध्यान केंद्रित कर लिया जाए 🙏 #समझाव_कौन

और तो और हमें उम्मीद है कि आगे से भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी दोनों नेताओं में शांतिपूर्ण बातचीत होगी 🙏 #शांतिपूर्ण_बातचीत
 
🤔 ब्लास्ट ने देश को चोट पहुंचाई, लेकिन विपक्षी दलों ने जल्द से जल्द राजनीति शुरू कर देनी चाहिए। अगर उन्होंने तेजी से मामले पर चर्चा करनी शुरू करते हैं, तो भ्रष्टाचार की जांच और पीड़ितों की मदद करने पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। 🚨
 
सिर्फ तो यह मामला क्या हुआ है? एक बार फिर से हमारी देशवासियों पर गुस्सा करने की कोशिश की जा रही है। सरकार और विपक्ष दोनों एक साथ तालमेल नहीं कर पा रहे हैं। तो क्या कोई समाधान निकलेगा? 🤔

राजनीति शुरू करने से पहले हमें इस मामले पर थोड़ी सोच विचार करनी चाहिए। दिल्ली ब्लास्ट ने हमारे देश को एक और आघात पहुंचाया है। लेकिन तो क्या होगा अगर हम सब एक साथ मिलते हैं और इस मामले पर चर्चा करते हैं। 🤝

कांग्रेस, भाजपा, आम आदमी पार्टी... सभी नेताओं को अपने दृष्टिकोण से बोलना चाहिए। इससे हमें उम्मीद है कि एक अच्छा समाधान निकलेगा। 💕
 
मेरी बात है कि तो दिल्ली ब्लास्ट पर राजनीति शुरू होनी चाहिए। अगर नहीं तो यही मायने रखता है कि हम देश को एक और आघात पहुंचाने की जो भी नीति अपन रहे हैं वही मायने रखती। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आम आदमी पार्टी सरकार पर सवाल उठाना तो ठीक है, लेकिन इस तरह की राजनीति से पहले एक मिनट भी बात करने की जरूरत नहीं है। 🤬
 
नेताओं ने फिर से दिल्ली ब्लास्ट का मुद्दा उठाया है 🤔, लेकिन क्या वे इसका समाधान नहीं ढूंढ सकते? 🤷‍♂️

दिल्ली ब्लास्ट को चुनाव से जोड़ना एक बदनामी की दिशा में है, लेकिन नेताओं को अपनी राजनीति से मानव जीवन को जोड़ना चाहिए। 🙅‍♂️

पीड़ितों की भावनाएं और उनके परिवारों की जरूरतों पर ध्यान देना चाहिए, न कि राजनीतिक उद्देश्यों से। ❤️
 
आज तो दिल्ली ब्लास्ट पर बहुत भड़क उठ रहा है 🤯, लेकिन मुझे लगता है कि हमें थोड़ा सा शांति और समझदारी का माहौल बनाने की जरूरत है। हम तो इस बात पर एकजुट होने चाहिए कि दिल्ली ब्लास्ट ने देश को बहुत आघात पहुंचाया है और पीड़ितों के साथ माफकी की जानी चाहिए। लेकिन राजनीति करने वाले लोगों को याद रखना चाहिए कि राजनीति तो सबकुछ नहीं है, मानवजीवन और समाज का भी बहुत महत्व है। 🙏

आपको लगता है कि इस मामले पर ज्यादा राजनीति करनी चाहिए या फिर एक बार शांति और समझदारी से बातचीत करनी चाहिए?
 
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