Delhi Pollution: नहीं मिली साफ सांस तो भागा दूल्हा, NRI ने बदला मंडप; कहा- तस्वीर में धुंध नहीं, मुस्कान चाहिए

दिल्ली की हवा में अब रोमांस नहीं, धूल है। जहां पहले बैंड-बाजे की गूंज होती थी, अब प्रदूषण का शोर सुनाई दे रहा है। खराब आबोहवा का असर आसमान के साथ ही वेडिंग वेन्यू पर भी दिख रहा है।

इस बार सिर्फ आसमान नहीं ढक रहा, बल्कि शादी की तस्वीरें भी धुंधला रही हैं। इससे पहले, दिल्ली खुली हवाओं के लिए जानी जाती थी, पर अब वहीं मास्क जरूरी बन गया है। एनआरआई और हाई-प्रोफाइल परिवार ने फाइव-स्टार लॉन की जगह जिम कॉर्बेट, ऋषिकेश या गोवा के खुले आसमान के नीचे फेरे लेने को ज्यादा मुफीद मान रहे हैं।

यहीं तक कि तस्वीरों में धुंध नहीं, मुस्कान चाहिए। शादियों की परफेक्ट लोकेशन माने जाने वाली दिल्ली, अब दूल्हा दुल्हन के लिए खतरे की घंटी बन गई है।
 
मेरे दोस्त, यह तो बहुत बड़ा मुद्दा है! प्रदूषण की समस्या ने दिल्ली को अपना नाम बदल दिया है। वहाँ पहले तो जीवन जीने का आनंद था, लेकिन अब मास्क पहनना जरूरी बन गया है 🤒। शादियों की तस्वीरें भी धुंधली हो रही हैं, इससे पहले वहाँ खुशियाँ और जीवन का रंग था।
 
🌟 यह तो एक बड़ा बदलाव है, दिल्ली जहां पहले रोमांस की सुगंध थी, अब प्रदूषण की गंध है... लेकिन फिर भी मुझे लगता है कि इसमें खास नुकसान नहीं हो रहा। जैसे ही लोगों ने अपनी आदतों में बदलाव करना शुरू कर दिया, तभी प्रदूषण कम होने लगा। और अब शादियों के लिए नई जगहें ढूंढने का एक अच्छा अवसर भी बन गया है... ऋषिकेश या गोवा जैसी जगहों पर रोमांस और खुले आसमान का मिलन, यह तो एक सपना सच हो सकता है। और तस्वीरें तो हमेशा चमकती रहती हैं, निर्दिष्ट स्थान की जरूरत नहीं होती, मुस्कान और प्यार की खुशियाँ सबके लिए दिखाई देती हैं... 🌹
 
मुझे लगता है कि प्रदूषण की समस्या तो हमारे सबके लिए एक बड़ा मुद्दा है, जिसका समाधान हमें बिल्कुल जरूर करना चाहिए। दिल्ली में शादियों के लिए खास स्थान बनाने से पहले हमें इसकी गंभीरता को समझना होगा। आसमान धुंधला होने पर फोटो खिंचवाने से कुछ नहीं बदलेगा, बस तस्वीरें पुरानी लगेंगी।
 
मैंने एक्सपोजर किया था अपने बच्चों को पहले, मैंने उन्हें ट्रेडिंग पर सिखाया था, अब वे हमेशा अच्छे निवेश से पैसे कमाने की बात करते हैं। लेकिन आज यह तो कहीं नहीं जा रही।

मेरे बच्चे शहर में खेलने के लिए हमेशा कहते थे, पर अब वे वहीं खुश नहीं रहते। यह तो दुःखद है हमारी पीढ़ी को, हमें शादियों में भी यही महसूस होना चाहिए।
 
धूप सूख रही है दिल्ली में... प्रदूषण की गंभीरता बढ़कर सिर्फ शादियों पर भी असर पड़ रही है। जैसे ही हवा में धूल फैल रही है, तस्वीरें भी धुंधली हो रही हैं। निजात की खुशबू नहीं बची, प्यार की तस्वीरें सिर्फ धुएं में लगी हुई दिखाई दे रही हैं। शादियों का रोमांस अब प्रदूषण के साथ बिताना पड़ रहा है।
 
अरे बेटा, यह तो बहुत दुखद है 🤕 दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने से शादियों के वेन्यू पर भी असर पड़ रहा है। मैंने पहले अपनी पत्नी की शादी में भी खुली हवाओं में फेरा था, और वह तो याद है... 😍 आज की शादियों को तो मास्क पहनकर ही जाना पड़ता है। यह तो बहुत शर्मिंदगी है 🙏

मुझे लगता है कि सरकार और हमें एक साथ मिलकर दिल्ली की हवा को साफ करने की जरूरत है। शादियों को तो खुले आसमान के नीचे ही मनाना चाहिए, यही स्वास्थ्य और खुशी का सूत्र है 🌞
 
प्रदूषण की इतनी गंभीरता से दिल्ली नमकीन हवाओं की याद नहीं दिला पाएगी। तो फिर क्यों वेडिंग के लिए बाहर घूमने जाना मुश्किल है? इसके बजाय हमें अपनी खुशियों को सोशल मीडिया पर ही मनाना चाहिए। शादियों को रोडशो नहीं, व्हाइटपेपर बनाओ।
 
क्या यार, दिल्ली की सुंदरता तो फैब हुई है! 🤯 आंधी और धूल के बीच में शादियां मनाने जा रही हैं। नामुमकिन कि यहीं तक कि प्रेमिकों की तस्वीरें भी धुंधली हो जाएंगी। मैं तो यार, दिल्ली की खुशबू वापस आ गई है, लेकिन वह तेज़ी से चल रही है! 🚀

तस्वीरों में मुस्कान चाहिए ना, दूल्हा दुल्हन? 😂 इससे पहले, शादियां मनाने के लिए खुली हवाएं और हरा-भरा वातावरण तो था। अब यहीं तक कि मास्क जरूरी है। एनआरआई और प्रामाणिक परिवार तो अपनी बागडोर ले जा रहे हैं। दिल्ली, आपने शायद स्वादिष्ट खाना, लेकिन अभी तो वातावरण भी स्वादिष्ट नहीं है। 🤤

मैं यार, क्या बात है इसके? शादियां मनाने के लिए हमें कौन सी जगह चुननी है, अगर वहाँ हवा और प्रदूषण दोनों मिल जाएं। यह तो ज्यादा मुश्किल है। 🤔
 
रोमांस न जाए तो रुक जाए! 😔 प्रदूषण का शोर इतना है कि वेडिंग की तस्वीरें भी धुंधली हो जाती हैं। मास्क जरूरी है, तो कहीं डांस फ्लोर पर ब्रेथ न ले सके। 🤢
 
बेटा, यह तो बहुत ही सुरुचिपूर्ण दिखता है, लेकिन जब हम नीचे की ओर देखते हैं तो सब कुछ ठीक नहीं है। क्या प्रधानमंत्री जी की नई योजना है कि हमें अब गाना भूलना होगा और सिर्फ धुंधली तस्वीरें मारनी होंगी? इसके लिए तो एक नई टैक्स ड्यूटी चाहिए, जिससे पर्यटन उद्योग को फायदा हो सकता है लेकिन वास्तविकता तो यहीं समाप्त होती है।
 
तो क्या दिल्ली से हमारा रोमांस चला गया? पहले यहां तो खुशियों का नाम था, अब प्रदूषण की गंदगी। मैंने भी अपनी शादी वहीं नहीं की, जिम कॉर्बेट या ऋषिकेश की सुंदरता देख ली। मुझे लगता है कि दिल्ली फेरने वालों को पैसा खर्च करने की जरूरत है, न कि अपने प्यार को।
 
मैं तो कहूँगा कि ये दिल्ली की शादियों के लिए क्या कर रही है! पहले तो वहां खुली हवाओं और सुंदरता का अनुभव होता, अब प्रदूषण और धूल की चपेट में फंस गई। मेरी राय में शादियों की तस्वीरें लेने के बारे में खुलासे भी जरूरी हैं, ताकि हम जान सकें कि वहां क्या परिस्थितियाँ थीं और कैसा अनुभव हुआ। 📸

और ये बात, दिल्ली अब खतरनाक जगह बन गई है? तो मैं कहूँगा, नाहीं! बस धूल और प्रदूषण की समस्या है, लेकिन हमें इससे निपटने का तरीका ढूंढना होगा। शायद थोड़ी सी रचनात्मकता और परिस्थितियों को समझने की जरूरत हो। 💡

मेरी बात मानें, तो दिल्ली फिर से खुली हवाओं की जगह बन सकती है! बस हमें इसके लिए थोड़ा सा प्रयास करना होगा। 🌼
 
अरे, तो दिल्ली की हवा में धूल निकल रही है 🌫️, और शादियों में भी साफ आसमान नहीं होता। पहले तो दिल्ली खुली हवाओं के लिए जानी जाती थी, लेकिन अब वहां मास्क जरूरी है। और शायद जिम कॉर्बेट, ऋषिकेश या गोवा जैसी जगहें बेहतर रहेंगी। 😊
 
😬🌫️ प्रदूषण को तुरंत रोकने की जरूरत है, यह साफ़ है कि दिल्ली में बंद खिड़कियों का समय नहीं रह गया है। शादियों की तस्वीरें खराब हवा के कारण धुंधली हो गई हैं, इससे पहले शादी की सुंदरता और प्रेम की गहराई पर ध्यान देना चाहिए।
 
मेरी बात तो यह है कि प्रदूषण बढ़ने से ना तो एक ही पक्ष में बदलेगा, बल्कि हमारी यादें भी धुंधली होने लगी हैं। शादियों की तस्वीरें अब कैसे खूबसूरत दिखेगी जब आसमान भी धुंधला हो गया है? और ना तो यह फिर हमारी शहर की सुंदरता दिखाएगी, बल्कि प्रदूषण का बुरा चश्मा पहन रहे लोग।
 
प्रदूषण बहुत बड़ा बुरा है ना, और जब वह ऐसा होता है तो हमें सोच लेना चाहिए कि हम अपने आसपास की हवा को साफ रखें। दिल्ली में शादियों की तस्वीरें धुंधली हो रही हैं, इससे पता चलता है कि अगर हम अपने घरों और दिल्ली जैसे शहरों को साफ नहीं रखें, तो वहां की हवा भी धुंधली हो जाएगी।
 
क्या आपने कभी सोचा है कि प्रदूषण न केवल हमारे स्वास्थ्य को चोट पहुंचाता है, बल्कि हमारी यादों को भी धुंधला कर देता है? मैंने हाल ही में एक शादी में जाने का फैसला किया, लेकिन मुझे खेद है कि मैंने उसमें भाग नहीं लिया। मेरी शादी पहले बहुत जल्दी हुई थी, इसलिए अब तो ऐसे मौकों पर मैं अपना समय बिताने की जरूरत नहीं।
 
प्रदूषण तो हमेशा एक बड़ा मुद्दा रहा, लेकिन अब यह तो ये दिल्ली जैसी बड़ी शहरों में भी पड़ गया है। मुझे लगता है कि हर जगह स्वच्छ हवा और प्राकृतिक सौंदर्य का महत्व नहीं समझा जाता। हमें अपने आसपास के वातावरण को साफ रखने के लिए हमारी जिम्मेदारी है। शादियों के लिए न केवल खूबसूरत स्थान चुनना चाहिए, बल्कि पर्यावरण की रक्षा करना भी महत्वपूर्ण है। 🌿💚
 
यार, ये तो बहुत ही दुखद स्थिति है! दिल्ली में शादियों के लिए जानी जाती थी, अब वहीं कोई भी निकले, प्रदूषण का शोर सुनाई देता है। मैंने अपने दोस्त की शादी में भी खुली हवाओं के साथ एक स्वस्थ वातावरण में खुशियाँ मनाई थी, लेकिन अब वहां तो धुआं ही धुआं है। 😔

मुझे लगता है कि सरकार को तुरंत कुछ करना चाहिए, ताकि दिल्ली फिर से खुली हवाओं की स्तिथि में आ जाए। शादियों के लिए प्रदूषण का शोर सुनना बिल्कुल सही नहीं है। शायद सरकार तैयार हो सकती है फीवर पूर्वी नीति पर काम करना, ताकि हमें खुशियाँ मनाने का मौका मिले। 🌞
 
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