धीरेंद्र शास्त्री बोले- शादी तो जरूर करेंगे: जब मुस्लिम डॉक्टर आतंकी निकल रहे, तो देश खतरे में - Mathura News

शास्त्री ने कहा, 'रामायण में लिखा है - राम काज कीन्हें बिनु मोहि कहां विश्राम। आराम करते तो हैं, मगर उतना नहीं कर पाते, जितना शरीर को चाहिए। उसका साइड इफेक्ट भी दिखाई पड़ते हैं, आगे से थोड़ा सुधार करेंगे।'
 
यह तो रामायण में लिखा गया है कि राम काज करना हमेशा नहीं सकता, फिर भी उसकी परवाह किए बिना आराम किया जाता है, लेकिन थोड़ी सुधार की जरूरत है। शास्त्री जी ने बोले हैं कि राम को आराम करने में थोड़ा सा समय देना चाहिए, फिर भी उसके शरीर पर साइड इफेक्ट पड़ते हैं। यह तो हमारे दैनिक जीवन में भी सच्चाई है, जब हम किसी चीज़ को करने की पूरी कोशिश करते हैं तो थोड़ी सी आराम भी जरूरी होता है। लेकिन शास्त्री जी ने यह जरूरत भूल गई, रामायण में लिखा गया है कि अगर हमारे शरीर को चाहिए हैं तो उतना ही आराम करें, बाकी से कुछ नहीं है।
 
वाह, ये तो रामायण की बात है 🤯! मुझे लगता है कि शास्त्री जी ने बहुत सही कहा है। हमें अपने शरीर की जरूरतों को समझना चाहिए और उसे पूरा करना चाहिए। लेकिन कई बार हम आराम करते हैं और फिर हमें थकान, दर्द, और अन्य समस्याएं होती हैं। यह तो शरीर का साइड इफेक्ट है! 😴

मुझे लगता है कि अगर हम अपने दिनचर्या में थोड़ा सुधार करें, तो हम अपने शरीर को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे। जैसे कि नियमित व्यायाम करना, स्वस्थ भोजन करना, और पर्याप्त नींद लेना। इससे हमें थकान नहीं होगी और हम अपने लक्ष्यों को आसानी से हासिल कर पाएंगे। 🏋️‍♀️

आइए, हम अपने शरीर के साथ मिलकर काम करें और उसे आराम दें। इससे हम अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं! 😊
 
मैं बिल्कुल सहमत हूँ, रामायण में लिखा गया है कि आराम करना जरूरी है, लेकिन अगर शरीर को पर्याप्त नहीं मिलता तो यह साइड इफेक्ट दिखाई देते हैं। मुझे लगता है कि आजकल के समय में हमारे जीवनशैली में बदलाव आ रहा है, जहां अधिकतर लोग पुरानी तरीके से नहीं रहते हैं और आराम करने का मौका भी नहीं मिलता है। रामायण में राम चाहिए थोड़ा सुधार करेगे, ऐसा ही हमें अपने जीवनशैली में बदलाव लाने की जरूरत है, तभी हम अपने शरीर को पूरी तरह से आराम दे सकते हैं और स्वस्थ रह सकते हैं। 🤔💆‍♂️
 
🤔 शास्त्री जी की बात मुझे कुछ समझ में आ रही है। अगर हमने रामायण में देखा होगा, तो लंका पर जाने और रावण से लड़ने के बाद, राम ने विश्राम नहीं लिया। उनकी ताकत और साहस ने उन्हें आगे बढ़ने की शक्ति दी।

लेकिन, अगर हम रामायण को एक धार्मिक कहानी नहीं देखते हैं बल्कि एक ऐतिहासिक घटना के रूप में, तो यह कहना उचित होगा कि शरीर की जरूरतों को पूरा करने के लिए हमें थोड़ा सुधार करना चाहिए। भौतिक शारीरिक गतिविधि और यौन गतिविधियों पर अधिक ध्यान देना चाहिए ताकि हम अपने शरीर की जरूरतों को पूरा कर सकें।

मेरी राय में यहाँ एक संतुलन बनाना चाहिए, जिससे हमारा शारीरिक और मनश्चिकित्सकीय स्वास्थ्य दोनों पर ध्यान दिया जाए।
 
जानलेवा हार्मोन बदलाव की बातों पर शास्त्री ने जोर दिया! 🤯 याद क्या, हमारे शरीर में हर हफ्ते तीन-चार हार्मोन बदल लेते हैं। यह तो स्वाभाविक है, लेकिन अगर इनमें से कोई भी बढ़कर अस्वस्थ स्थिति बन जाए, तो हमारा शरीर ठीक से नहीं चल पाता। 💉

अब, रामायण में शास्त्री ने कहा है कि, शायद राम को अपने शरीर की जरूरतों को समझने में थोड़ा भ्रम हुआ। हमारे शरीर को खूब सुनिश्चित करना चाहिए, कि हर हफ्ते तीन-चार हार्मोन बदल लेते समय हम उसकी जरूरतें पहचान सकें। और अगर ऐसा नहीं कर पाते, तो फिर विश्राम में आराम करना कितना सुधारा? 😴
 
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