'एक-एक गुनहगार को अंजाम भुगतना होगा', दिल्ली धमाके पर गृहमंत्री अमित शाह ने अफसरों को दिया आदेश

दिल्ली के लाल किले पर हुए विस्फोट के बाद अमित शाह ने एक-एक दोषी को पकड़ने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य यह नहीं है कि हमें पता लगाने में परेशानी हो। हमारा लक्ष्य यह है कि इस तरह के आतंकवादी हमलों को रोका जाए।"

केंद्रीय गृह मंत्री ने बताया कि विस्फोट के पीछे एक-एक दोषी को पकड़ने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा, "हमारी सरकार बहुत सख्त है। हमें पता है कि दिल्ली में ऐसे हमले तो नहीं हुए हैं और फिर भी हमें लगता है कि इस तरह का हमला हुआ है।"

इस बैठक में गृहसचिव, एनआईए डीजی एसी समेत जांच एजेंसियों के अधिकारी मौजूद रहे। उन्होंने कहा, "हमारी सरकार बहुत सख्त है। हमें पता है कि दिल्ली में ऐसे हमले तो नहीं हुए हैं और फिर भी हमें लगता है कि इस तरह का हमला हुआ है।"

इस धमाके में मृतकों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है. गृह मंत्री ने कहा है कि शीर्ष जांच एजेंसियां विस्फोट की जांच कर रही हैं और वे घटना की तह तक जाएंगी।
 
अरे, ये हमला तो बिल्कुल भी सही नहीं था। अगर उनका लक्ष्य एक-एक दोषी पकड़ना है तो फिर भी उन्हें पता लगाने में परेशानी होनी चाहिए। अगर सब ठीक है तो कोई भी हमला स्वीकार करना नहीं चाहिए। लेकिन ये दिल्ली में ऐसा हमला नहीं हुआ था, इस बात पर संदेह है। मैं यह नहीं समझता कि अगर सब सही है तो फिर भी उन्हें पता लगाने में परेशानी होनी चाहिए।
 
अरे दोस्तों! यह तो बहुत बड़ा धमाका हुआ है 🤯. मुझे लगता है कि सरकार ने सही सोच ली है। अगर वे एक-एक दोषी को पकड़ने का आश्वासन दे रहे हैं तो यह अच्छी बात है। हमें उम्मीद है कि शीर्ष जांच एजेंसियां विस्फोट की जांच करेंगी और सच्चाई को उजागर करेंगी। #सुरक्षा_केलिए_सख्त_कदम #आतंकवाद_को_रोकना_हमारा_दायित्व

और भी, दिल्ली में ऐसे हमलों से पहले तैयारी क्या हुई थी? किसी को नहीं पता लगता लेकिन हमें इसके बारे में जानने की जरूरत है। #आतंकवाद_के_प्रति_सतर्कता

अगर शीर्ष जांच एजेंसियां सच्चाई को उजागर करेंगी तो यह बहुत अच्छा होगा। हमें उम्मीद है कि सरकार ने अपनी सख्ती का दृश्य बनाया होगा। #सकत_हुई_सख्ती #आतंकवाद_को_रोकना
 
भाई, यह तो बहुत बड़ा सवाल है, क्या वास्तव में हमारी सरकार इतनी सख्त है या बस खुद को मुश्किल में डालने की कोशिश कर रही है? 12 लोगों की जान गई, यह तो बहुत बड़ा दुखदायी है।

मुझे लगता है कि हमें अपनी सरकार से मिलकर बात करनी चाहिए, उनसे पूछना चाहिए कि क्या वास्तव में उनकी सरकार हमारी सुरक्षा को लेकर गंभीर है, या बस चुनावों में जीतने के लिए बोलती है। भाई, यह तो बहुत बड़ा सवाल है...
 
अमित शाह के ऐसे बयान सुनकर मुझे लगता है कि उन्हें कुछ समझना चाहिए 🤔। अगर हमारा लक्ष्य यही है कि एक-एक दोषी को पकड़ने पर ध्यान केंद्रित करें, तो फिर विस्फोट के पीछे के मास्टरमाइंड को पता लगाने में इतनी देर लेने की क्यों? और अगर सरकार बहुत सख्त है, तो फिर यह कहकर कोई मदद नहीं करता, कि हम दिल्ली में ऐसे हमले तो नहीं हुए हैं। 🙄
 
यार, यह बात ही अजीब है! दिल्ली में ऐसा विस्फोट हुआ है, तो फिर भी उन लोगों को पता नहीं है कि वे कहाँ से आई थी, या क्या उनके पास था जिससे यह हमला कर दिया गया? मैं समझता हूँ कि सरकारें आतंकवाद की बात करती हैं, लेकिन कभी-कभी मुझे लगता है कि वे सिर्फ numbers और graphs को देखते हुए हैं। दिल्ली में ऐसे हमलों को रोकने का तरीका पता नहीं है, तो फिर उन्हें एक-एक दोषी पकड़ने का आश्वासन देने का क्या फायदा? 🤔👮
 
बहुत बड़ा दुःख, 12 लोगों को अपनी आत्मा से मिलना पड़ा है... 🙏

केंद्रीय गृह मंत्री के इन बयानों से एक सवाल उठता है कि अगर यह तरह के हमले कभी नहीं हुए हैं तो फिर भी सरकार उन्हें रोकने की क्या योजना बना रही है? 🤔

हमें पता होना चाहिए कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए हमें अपनी सोच को भी बदलना होगा, न कि बस एक-एक दोषी को पकड़ने की बात करनी है। 🤷‍♂️

आज़ादी और समाजवाद की ज़िंदगी में हमें अपनी सुरक्षा और आत्मसमर्पण पर विश्वास करना चाहिए। अगर हम यह नहीं कर पाते तो फिर कैसे रोक सकते हैं आतंकवाद? 💔
 
बड़ा दुख हुआ 🤕, लाल किले पर सीढ़ी चट्टान हो गई 💥। मुझे लगता है कि पूरी तरह से पता नहीं चलता कि विस्फोट कैसे हुआ, फिर भी सरकार एक-एक दोषी को पकड़ने का आश्वासन दे रही है। 🤔 यह बहुत ज्यादा सख्त है 🔒। मुझे लगता है कि शीर्ष जांच एजेंसियों को इस तरह की घटनाओं की पूरी जानकारी मिलनी चाहिए, ताकि वे सच्चाई को बता सकें। 💡 यह भी जरूरी है कि लोगों को घटनास्थल पर जाने और खुद कुछ समझने का अवसर दिया जाए। 🚨
 
नदियों से घना पानी लगने पर भी ताजगी नहीं मिलती, ऐसा ही यह सरकार की सख्ती को देख रही हूँ 🤔। एक-एक दोषी पकड़ने का आश्वासन तो अच्छा है, लेकिन वास्तविकता याद रखें कि जिंदगी में भी कई कारक शामिल रहते हैं। कुछ बातें सिर्फ मीडिया पर दिखाई देती हैं, लेकिन वास्तविक स्थिति को समझने के लिए जांच एजेंसियों को थोड़ी मेहनत करनी चाहिए।
 
🤔 दिल्ली के लाल किले पर हुए विस्फोट से मेरा मन भी थक गया है। यह हमला तो दिल्ली के बाहर भी हुआ होगा, इसका एहसास हुआ तभी जब गृह मंत्री ने कहा, "दिल्ली में ऐसे हमले तो नहीं हुए हैं और फिर भी हमें लगता है कि इस तरह का हमला हुआ है।" यह तो सिर्फ एक व्यवस्था की बात है, लेकिन क्या इसका अंजाम दिल्ली के लोगों पर पड़ेगा? 🤷
 
मुझे लगता है कि इस समय सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना जरूरी है, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि लाल किले पर ऐसे हमले कभी भी हो सकते हैं। मैं समझता हूँ कि सरकार को पता लगाने में परेशानी नहीं होनी चाहिए, लेकिन हमें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि वास्तविक आतंकवादियों को पकड़ा जाए। 🕵️‍♂️
 
मुझे लगता है कि अमित शाह जी को थोड़ा समय मिले तो उन्हें अपनी बात समझानी पड़ेगी। यह तो साफ़ है कि विस्फोट के पीछे कुछ और है, लेकिन हमारे देश में आतंकवादी हमलों का खेल बहुत लंबा चल रहा है। हमें यह समझना चाहिए कि क्या एक व्यक्ति पर आरोप लगाने से देश की सुरक्षा बढ़ेगी? नहीं, मुझे लगता है 🤔

और तो और, गृह मंत्री ने कहा है कि सरकार बहुत सख्त है, लेकिन क्या हमें पता है कि सरकार की सख्ती देश के लिए फायदेमंद होगी या नहीं? मुझे लगता है कि हमें अपने देश की सुरक्षा के लिए एक नया रास्ता ढूंढने की जरूरत है।
 
🚨 विस्फोट के बाद अमित शाह ने एक-एक दोषी को पकड़ने का आश्वासन दिया, लेकिन मेरे अनुसार यह बहुत ही सामान्य बात है। #पकड़ओएटंकवादी

मुझे लगता है कि सरकार की सबसे बड़ी चुनौती है आतंकवाद को रोकना, न कि एक-एक दोषी को पकड़ना। #आतंकवादरोकना

केंद्रीय गृह मंत्री का यह बयान बहुत ही खुलकर बोला गया है, लेकिन मुझे लगता है कि उनकी सरकार ने अपने पास कुछ और चुनौतियों का सामना करना होगा। #सरकारपरिचालन

मैं उम्मीद करता हूं कि शीर्ष जांच एजेंसियां विस्फोट की जांच करेंगी और सच्चाई प्रकट करेंगी। #जांच
 
बिल्कुल सही कहा, हमारे देश में आतंकवाद को रोकने के लिए हमें एक-दूसरे पर भरोसा करना चाहिए. अगर हम सभी एक होकर काम करें, तो हम इस तरह के हमलों से निपटने में सक्षम हो सकते हैं। दिल्ली में हुए विस्फोट की जांच करते समय, हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि लोगों के बीच एक-दूसरे की मदद करने की एक सकारात्मक संस्कृति बनाई जाए.

अगर हम अपने देश को सुरक्षित बनाने के लिए मिलकर काम करें, तो हम निश्चित रूप से सफल हो सकते हैं।
 
बिल्कुल सही हो सकता है, लेकिन यह सवाल उठता है कि यह एक-एक दोषी को पकड़ने का आश्वासन कितना प्रभावी रहेगा? पहले तो मुझे लगता है कि अगर हमारे पास इतनी जानकारी नहीं है तो फिर कैसे एक-एक दोषी को पकड़ा सकते हैं? और यहां तक कि भी अगर हमारे पास सख्त नीतियाँ हैं, तो फिर यह सुनिश्चित करना कितना आसान है कि हम ऐसी स्थितियों में नहीं आ रहे?
 
अरे, यह तो बहुत बड़ा मुद्दा है क्या हमारी सरकार दिल्ली में आतंकवादी हमलों से खुद बीमार है? उन्हें लगता है कि ऐसे हमले न होने चाहिए, लेकिन फिर भी वो होते जाते हैं... और फिर वो सरकार तैयार हो जाती है। मुझे लगता है कि हमें जांच एजेंसियों से बहुत बड़ा बदलाव चाहिए, नहीं तो इस तरह की घटनाएं न हों।
 
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