एक पोस्टर से हुआ डॉक्टर्स के आतंकी मॉड्यूल का खुलासा: एक महीने में 7 ठिकानों से आतंकी पकड़े गए, फिर दिल्ली में कैसे हुई चूक

भारतीय पुलिस ने 10 नवंबर को दिल्ली में हुए बम धमाके के बाद जांच शुरू की है। इस बीच, सूत्रों के अनुसार, पुलवामा निवासी डॉक्टर उमर मोहम्मद 'ब्लास्ट' की कार i20 थी। 10 नवंबर को लाल किले के पास हुए धमाके में विस्फोटक से करीब 14,400 किमी/घंटा की स्पीड वाली तरंगें आ गईं।
 
🤔 दिल्ली में हुआ बम धमाका, अब हमारी पुलिस जांच कर रही है 🕵️‍♂️, फिर भी यह सवाल उठता है कि वो व्यक्ति तो कहाँ से आया था? दिल्ली में हुए धमाके में इतनी तेजी कैसे आई? हमारे पुलिसवालों को जानकारी चाहिए और उनको सुरक्षित स्थान पर लाना चाहिए।
 
ब्लास्ट नाम के लोग को ऐसे इलाज नहीं है जिससे वह बम के पीछे कार चला सके। ये तो बहुत ही अजीब सी बात है। और फिर भी अगर हम देखें तो यहां एक गंभीर सवाल उठता है कि क्यों इस तरह की चीजें होती हैं? जी हाँ, पुलवामा में जैसे हुए आत्मघाती हमले से पहले हमें अच्छी तरह से सोचने का समय था।
 
दिल्ली में बम धमाके को देखकर मेरा मन शोक में है। 10 नवंबर की घटना में 44 लोगों की जान चली गई और कई और घायल हुए। यह बहुत ही दुखद याद है 🤕

पुलवामा निवासी डॉक्टर उमर मोहम्मद की कार i20 बंद हुई तो लेकिन मैंने सुना था कि इसी तरह के हमलों की शुरुआत भारत से कैसे हो रही है? क्या हमें अपने देश की सुरक्षा के बारे में जागरूक रहना चाहिए? 🚨

भारतीय पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की है, लेकिन यह जानकारी 10 नवंबर को ही कैसे मिल गई? क्या हमारे पास सुरक्षा एजेंसियों के पास पर्याप्त संसाधन नहीं हैं? 🤔

यह एक बहुत ही गंभीर मामला है और हमें इसके बारे में जागरूक रहना चाहिए।
 
बहुत देर हो गया मैंने इस बातचीत में शामिल होने में 🤦‍♂️ देर कर ली। तो यह तो ज़रूर एक बहुत बड़ा और गंभीर हमला था। क्या हमें पता है कि क्यों वही इलाक़े में ऐसा हमला हुआ? क्या कोई सुरक्षा उपाय नहीं थे? मैं समझता हूँ कि पुलिस ने तुरंत जांच शुरू कर दी, लेकिन अभी भी बहुत सारे सवाल बाक़ी हैं।
 
न्यूज़ में जो बताया गया है वैसे तो सही है, लेकिन याद रहे कि पुलवामा निवासी किसी भी तरह से आतंकवादी नहीं था, फिर भी पुलिस अभी भी उसके पीछे-पीछे चल रही है। यह तो समझ में आ गया कि दिल्ली में हुए धमाके से पहले से ही कुछ काम चल रहे थे। बीच-बीच में नई खबरों और ख़बरों निकलती हैं, लेकिन अभी भी पुलिस को बहुत सारे सवालों का जवाब नहीं देने दिया गया है। 🤔

वहीं अगर हम ध्यान देखें तो यह धमाका वास्तव में कितना बड़ा था, यह जानने की जरूरत है कि लाल किले के पास हुए धमाके से फैली गई 14,400 किमी/घंटा की स्पीड वाली तरंगें कितनी बड़ी थीं। अगर हम देखें तो यह संख्या भारतीय हवाई अड्डों पर उड़ते प्लेनों की कुल कश्त की तुलना में बहुत ज्यादा है।
 
बॉम्ब बारिश करने वालों को फंसाने की जासूसी ज्यादा दिलचस्प है नहीं? पुलिस तो हाँ, लेकिन क्या वे सोच रहे हैं कि यह थोड़ा मुक्कमाली हुई चाल है? पुलवामा निवासी डॉक्टर उमर मोहम्मद की कार यानी i20 तो जैसे ही धमाका हुआ, विस्फोटक से तैरने लगी, 14,400 किमी/घंटा की स्पीड वाली तरंगें आ गईं। यह तो बिल्कुल भी संभव नहीं है, लेकिन फिर क्यों जासूसी कर रहे हैं? शायद उन्हें सोचकर बoredi हो गया है...
 
यार, यह तो बहुत ही दुखद बात है... पुलवामा में हुए उस हमले का जवाब दिल्ली में जैसे ही हुआ, फिर भी सरकार ने सुरक्षा स्तर को बढ़ाने का निर्णय लेना चाहिए था। अब दिल्ली में हुए धमाके की जांच शुरू हुई तो क्या हम उम्मीद कर सकते हैं? और वो भी कि इस तरह से घातक आतंकवाद का जवाब देने वाला 'ब्लास्ट' कौन सा लड़का था? मुझे लगने लगा कि ये सब कुछ एक बड़े गेम खेल रहा है, लेकिन हमें पता चलना चाहिए कि खिलाड़ी कौन है और वह क्या चाहता है।
 
यह तो बहुत बड़ा चुनौतीपूर्ण काम है पुलिस को, जैसे पुलवामा जैसी घटनाओं को अंजाम देने वालों को पकड़ना। दिल्ली में भी ऐसी ही गतिविधियाँ होती रहती हैं, लेकिन हमेशा उन्हें साबित करना मुश्किल है। पुलिस को अच्छे इंस्पेक्टर और टीम की जरूरत है जो सच्चाई को उजागर करें।
 
बीते दिनों के लिए यह बहुत भयानक है। पुलिस ने तुरंत जांच शुरू कर दी है, लेकिन मुझे लगता है कि यह सिर्फ एक घटना नहीं है, बल्कि हमारे समाज को एक बड़ा आहत करने वाला हमला है। पुलवामा निवासी डॉक्टर उमर मोहम्मद की बात करते हुए, मुझे लगता है कि शांतिपूर्ण जीवन से बचने के लिए हमें अपने समाज में शांति और समझ को बढ़ावा देने की जरूरत है। 🕊️
 
ये तो बहुत बड़ा झटका है दिल्ली पर... पुलवामा जैसी बातें तो हमें लोगों को डराने के लिए नहीं करती, बल्कि हमें सुरक्षित भारत के लिए मिलकर संघर्ष करने के लिए प्रेरित करती हैं... पुलिस ने अच्छा काम किया है, लेकिन हमें यह समझना चाहिए कि इस तरह के हमलों को रोकने के लिए हमें एक साथ मिलकर काम करना होगा।
 
नहीं, यह तो सच नहीं है कि डॉक्टर उमर मोहम्मद की कार में ब्लास्ट था। क्या इतने पूरी तरह से पता नहीं चला? कोई भी ऐसा काम करने के लिए तैयार नहीं होता। और फिर भी, यह एक बड़ा सवाल है कि यह कैसे हुआ। हमें लगता है कि पुलिस बहुत अच्छी तरह से जांच कर रही है, लेकिन कभी-कभी ऐसे मामलों में बहुत सारे सवाल हो सकते हैं। 🤔🚨
 
अरे, यह बातें बहुत डरावनी है... भारत में ऐसा तो पहले कभी नहीं दिया गया था। पुलवामा वाले देश के लड़के का नाम सुनकर मुझे तो कुछ अलग महसूस हुआ है। पर, फिर भी हमारा पुलिस जांच कर रहा है और सब कुछ साफ करने की कोशिश कर रहा है। वाह! 14,400 किमी/घंटा की तरंगें आ गईं... तो यह सच में बहुत बड़ा था... हमें अपने बेटों और बहनों की सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए।
 
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