FATF रिपोर्ट- मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में ED कार्रवाई की तारीफ: भारतीय जांच एजेंसी के काम को वैश्विक मॉडल बताया; ₹17520 करोड़ के पोंजी स्कैम का जिक्र

ED के काम पर FATF रिपोर्ट की सराहना की जा रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ एक प्रभावशाली वैश्विक मॉडल स्थापित किया है। FATF ने भारत की कानूनी व्यवस्था और मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम तंत्र की सराहना की है, जिसमें अपराध से जुड़ी संपत्ति को जब्त करने और पीड़ितों को राहत दिलाने के मामले में अन्य देशों के लिए मिसाल बन गई है।

रिपोर्ट में महाराष्ट्र के एक मामले का उल्लेख है, जिसमें अवैध कमाई से खरीदी गई संपत्तियों को जब्त कर पीड़ितों को लौटाया गया। FATF ने कहा है कि भारत ने वित्तीय अपराधों से जब्त संपत्तियों को समाजहित में उपयोग करने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं।

ED के कई प्रमुख मामलों का उल्लेख रिपोर्ट में है, जिनमें करीब 17520 करोड़ रुपए के रोज वैली पोंजी घोटाले में पीड़ितों को संपत्ति लौटाना और भारत-अमेरिका की संयुक्त कार्रवाई में 268 बिटकॉइन (करीब 130 करोड़ रुपए मूल्य) और 10 लाख डॉलर की संपत्तियों की जब्ती शामिल है।

FATF ने भारत के पीड़ित-केंद्रित संपत्ति पुनर्वसूली मॉडल और तकनीक, वित्तीय डेटा विश्लेषण व एजेंसियों के बेहतर तालमेल की सराहना की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने पारदर्शिता, जवाबदेही और पीड़ितों के हितों को प्राथमिकता देते हुए मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ एक नया वैश्विक मानक स्थापित किया है।

सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की गिरफ्तारी, संपत्ति की जब्ती और अन्य कदमों पर पुनर्विचार करने की बात कही है। ED को यह कहते हुए कोर्ट में कहा गया है कि सबसे पहले सुनवाई शुरू हुई थी, जब देशभर में 200 से ज्यादा याचिकाएं दाखिल हुईं। इन याचिकाओं में ED की गिरफ्तारी, संपत्ति की जब्ती और अन्य कदमों पर चुनौती दी गई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) सारी हदें पार कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने यह बात दो वकीलों को आपराधिक मामलों के आरोपियों को कानूनी सलाह देने के मामले में ईडी के समन पर कही। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एक वकील और मुवक्किल के बीच की बातचीत विशेष होती है। भले ही वह गलत हो।
 
भारत को FATF रिपोर्ट से बहुत बड़ा सम्मान मिलना अच्छा है। ED के मामलों में उनकी सफलता और पीड़ितों की मदद करने की दिशा में उनके कदमों से निकलने वाली बात मुझे बहुत पसंद है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट को भी ईडी के कार्यों पर नजर रखनी चाहिए ताकि वे अपने कार्यों को संतुलित रख सकें।
 
एडी और FATF की रिपोर्ट बहुत अच्छी है 🙌। मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ भारत ने बहुत मजबूत मॉडल स्थापित किया है, जिससे वैश्विक समुदाय में हमारी प्रतिष्ठा बढ़ी है। यह अच्छी खबर है कि ED और उसकी टीम ने कई बड़े घोटालों में पीड़ितों को संपत्ति लौटाई है, जैसे रोज वैली पोंजी घोटाले में।

लेकिन, यह भी जरूरी है कि हम इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) और अन्य एजेंसियों को सावधान रहें, ताकि वे अपनी शक्तियों का सही उपयोग कर सकें। एडी और उसकी टीम को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे पीड़ितों के हितों को समझें और उनकी मदद करें।

बड़े घोटालों में शामिल लोगों को सजा देना जरूरी है, लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि हम उन्हें न्याय प्राप्त करने का मौका दें, ताकि वे अपने अपराधों से सबक ले सकें।
 
यह तो बहुत अच्छी खबर है! ED के काम पर FATF रिपोर्ट से पूरा देश गर्व महसूस कर रहा है। यह पता चलता है कि हमने मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ एक बड़ा मुकाबला जीता है। ED के कई प्रमुख मामलों का उल्लेख FATF रिपोर्ट में है, जो देशभर में सामाजिक दबाव बनाकर इस मुद्दे पर ध्यान आकर्षित कर रही थी। यह अच्छी बात है कि पीड़ित-केंद्रित संपत्ति पुनर्वसूली मॉडल और तकनीक, वित्तीय डेटा विश्लेषण व एजेंसियों के बेहतर तालमेल पर भी ध्यान दिया गया है। 😊
 
मुझे लगता है कि ED की कार्रवाई से मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ा झटका मिला है। इससे देशभर में इस मुद्दे पर जागरूकता बढ़ रही है और लोगों को अपने पैसों की सुरक्षा के बारे में सोचने की सलाह दी जा रही है। लेकिन, ED की यह कार्रवाई कितनी न्यायसंगत है? क्या सभी मामलों में इतनी तेज़ और गंभीर कार्रवाई की जा सकती है? इसके बारे में थोड़ा सोचने की जरूरत है।
 
ED की जिंदगी जो है, FATF रिपोर्ट में अच्छा है 🤔। ED की बहुत कोशिश कर रहा है मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ लड़ने की, और अब FATF ने भी इसकी सराहना की है। ED को लगता है कि पीड़ितों को उनकी संपत्ति वापस करना बहुत जरूरी है, और वह इसे कर रहा है।

महाराष्ट्र के मामले में भी अच्छा हुआ, जब अवैध कमाई से खरीदी गई संपत्तियों को जब्त कर पीड़ितों को लौटाया गया। ED ने बहुत सारे बड़े घोटालों में पीड़ितों को संपत्ति लौटाने की हस्तक्षेप की है, और अब FATF ने भी इसकी सराहना की है।

ED को लगता है कि पीड़ित-केंद्रित संपत्ति पुनर्वसूली मॉडल बहुत जरूरी है, इसलिए वह इसे लागू कर रहा है। और अब FATF ने भी इसकी सराहना की है, जिससे ED को अपने काम को और भी अच्छा बनाने में मदद मिलेगी।
 
मैं तो ED के काम पर FATF रिपोर्ट पास करने से बहुत खुश हूँ 🙌। यह रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ एक बुराई से बेहतर सoluशन बनाया है। ED को कई गुनहगारों को पकड़ने और उनकी अवैध कमाई को वापस करने में बहुत साहस दिखाया है।

मैंने भी पढ़ा है कि महाराष्ट्र में एक मामले का उल्लेख है, जहां पुलिस ने गैरकानूनी रूप से खरीदी गई संपत्तियों को वापस कर दिया। यह बहुत अच्छा है। ED ने कई बड़े घोटालों का भी समन करने में मदद की है, जैसे कि रोज वैली पोंजी घोटाले।

लेकिन, मैं सोचता हूँ कि ED को अपने काम पर थोड़ा ध्यान देना चाहिए। उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि उनका मकसद पीड़ितों की मदद करना है, न कि अपने खुद के लाभ की बात कहना। ED को अपने काम को और सुचारू बनाने के लिए थोड़ा सा सुधार करना चाहिए। 🤔
 
🤔 यह तो बहुत अच्छी खबर है कि FATF ने ED के काम पर सराहना की है। लेकिन हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि ED की गिरफ्तारियों और संपत्ति जब्तियों में कई सवाल उठने चाहिए। जैसे कि ED की गिरफ्तारियां तो कहीं से निकलती हैं या वे पीड़ितों के खिलाफ नहीं होती? और संपत्ति जब्त होने पर उसे कब तक रखना चाहिए?

और सबसे बड़ी बात यह है कि ED को कानून का पालन करने में इतना अच्छा होना चाहिए कि हमें लगता है कि वे पीड़ितों के खिलाफ नहीं होते? लेकिन अगर ऐसा है तो उन्हें बदलना ही पड़ेगा।

इसलिए यह तो एक अच्छी शुरुआत है, लेकिन हमें ED के विरुद्ध काम करने वालों की आवाज उठानी चाहिए और उन्हें जवाबदेह ठहराने का प्रयास करना चाहिए।

👍
 
ED का काम सही से किया जा रहा है, लेकिन उनके पास कुछ सीमाएं भी हैं। उन्हें और अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता है। ED को अपने कदमों में थोड़ा सावधानी बरतनी चाहिए ताकि वे गलत लोगों पर दबाव न डालें।
 
ED की कामयाबी को देखकर तो बहुत खुशी है 🤩। FATF रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ एक प्रभावशाली वैश्विक मॉडल स्थापित किया है, जिसमें अपराध से जुड़ी संपत्ति को जब्त करने और पीड़ितों को राहत दिलाने के लिए अन्य देशों के लिए मिसाल बन रही है।

महाराष्ट्र के एक मामले का उल्लेख रिपोर्ट में है, जहां अवैध कमाई से खरीदी गई संपत्तियों को जब्त कर पीड़ितों को लौटाया गया। यह बहुत अच्छा दिख रहा है। ED के कई प्रमुख मामलों का उल्लेख रिपोर्ट में है, जिनमें करीब 17520 करोड़ रुपए के रोज वैली पोंजी घोटाले में पीड़ितों को संपत्ति लौटाना और भारत-अमेरिका की संयुक्त कार्रवाई में 268 बिटकॉइन (करीब 130 करोड़ रुपए मूल्य) और 10 लाख डॉलर की संपत्तियों की जब्ती शामिल है।

FATF ने भारत के पीड़ित-केंद्रित संपत्ति पुनर्वसूली मॉडल और तकनीक, वित्तीय डेटा विश्लेषण व एजेंसियों के बेहतर तालमेल की सराहना की है। यह बहुत अच्छा दिख रहा है कि ED ने पारदर्शिता, जवाबदेही और पीड़ितों के हितों को प्राथमिकता देते हुए मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ एक नया वैश्विक मानक स्थापित किया है।
 
ED को FATF रिपोर्ट सुनकर बहुत खुश हूं 🤩, यह बता रही है कि हमने मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ एक प्रभावशाली वैश्विक मॉडल स्थापित किया है। ED ने कई प्रमुख मामलों में पीड़ितों को संपत्ति लौटाई है, जैसे 17520 करोड़ रुपए के रोज वैली पोंजी घोटाले में। FATF ने भारत की कानूनी व्यवस्था और मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम तंत्र की सराहना की है, जिसमें अपराध से जुड़ी संपत्ति को जब्त करने और पीड़ितों को राहत दिलाने के मामले में अन्य देशों के लिए मिसाल बन गई है।
 
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