जी-20 शिखर सम्मेलन दक्षिण अफ्रीका में रविवार को विवादों और अमेरिकी बहिष्कार के बावजूद सम्पन्न हुआ। इस सम्मेलन ने वैश्विक व्यवस्था में बदली तस्वीर दिखाई है। भारत अपनी अध्यक्षता के दौरान वैश्विक दक्षिण के विकास पर जोर दिया।
दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने अमेरिकी बहिष्कार को लेकर कहा, "हमने यह साफ कर दिया है कि हम अमेरिकी गैरमौजूदगी से प्रभावित नहीं हैं।" इस मामले में भारत और दक्षिण अफ्रीका ने एकजुटता दिखाई।
इस सम्मेलन में जलवायु कार्रवाई, कर्ज राहत और विकास पर चर्चा की गई। इसमें बहुपक्षीय विकास बैंकों में प्रतिनिधित्व बढ़ाने की जरूरत और वैश्विक दक्षिण देशों ने खुद को आर्थिक साझेदार के तौर पर पेश करने की कोशिश की।
इस सम्मेलन के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना संदेश वैश्विक दक्षिण के विकास को मजबूत समर्थन देने पर दिखाया। भारत ने वैश्विक दक्षिण के विकास के लिए जरूरी मुद्दों पर गहराई से मंथन किया।
इस सम्मेलन ने वैश्विक दक्षिण देशों ने खुद को आर्थिक साझेदार के तौर पर पेश करने की कोशिश की, जिनके पास खनन, तकनीक और एआई में योगदान के लिए काफी कुछ है।
दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने अमेरिकी बहिष्कार को लेकर कहा, "हमने यह साफ कर दिया है कि हम अमेरिकी गैरमौजूदगी से प्रभावित नहीं हैं।" इस मामले में भारत और दक्षिण अफ्रीका ने एकजुटता दिखाई।
इस सम्मेलन में जलवायु कार्रवाई, कर्ज राहत और विकास पर चर्चा की गई। इसमें बहुपक्षीय विकास बैंकों में प्रतिनिधित्व बढ़ाने की जरूरत और वैश्विक दक्षिण देशों ने खुद को आर्थिक साझेदार के तौर पर पेश करने की कोशिश की।
इस सम्मेलन के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना संदेश वैश्विक दक्षिण के विकास को मजबूत समर्थन देने पर दिखाया। भारत ने वैश्विक दक्षिण के विकास के लिए जरूरी मुद्दों पर गहराई से मंथन किया।
इस सम्मेलन ने वैश्विक दक्षिण देशों ने खुद को आर्थिक साझेदार के तौर पर पेश करने की कोशिश की, जिनके पास खनन, तकनीक और एआई में योगदान के लिए काफी कुछ है।