i-20 कार, 6 डॉक्टर गिरफ्तार, पुलवामा कनेक्शन और NIA की एंट्री... दिल्ली ब्लास्ट में अब तक के बड

दिल्ली में हुए भीषण कार ब्लास्ट में कई चौंकाने वाले अपडेट सामने आए हैं। उधर, गृह मंत्री अमित शाह ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ दूसरी अहम समीक्षा बैठक की है और कहा कि उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ दिल्ली कार ब्लास्ट की समीक्षा बैठक की और सभी अधिकारियों को इस घटनाक्रम के पीछे हर एक दोषी को धर-पकड़ने का निर्देश दिया।

इस मामले में 12 लोगों की मौत और 20 घायल हुए। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में UAPA की सख्त धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। NSG और FSL की टीमों ने मौके से फॉरेंसिक सबूत जुटाए हैं।

इस मामले में i20 कार की खरीद-फरोख्त की कहानी भी सामने आई है। कार बेचने वाले अमित पटेल का फोन घटना के बाद से बंद है, और दुकान के ऑफिस में शराब की बोतलें और ताश की गड्डियां भी मिलीं। कार से जुड़ा एक नया CCTV फुटेज भी सामने आया है, जिसमें उमर कार का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनवाता नजर आ रहा है।

इस मामले में JEM मॉड्यूल का लिंक दिख रहा है, जिसे पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में पकड़ा गया था। इस मॉड्यूल से जुड़े छापों में लगभग 2999 किलो विस्फोटक, AK-47 और अन्य हथियार मिले थे।

इस मामले में 6 डॉक्टरों पर कार्रवाई हुई है, जिनमें डॉ. उमर उल नबी डार, डॉ. आदिल, डॉ. मुजम्मिल शकील, डॉ. शाहीन शाहिद और डॉ. सज्जाद अहमद माला शामिल हैं। वहीं, डॉ. उमर का करीबी दोस्त डॉ. सज्जाद अहमद माला पुलवामा से हिरासत में लिया गया है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली ब्लास्ट मामले की जांच NIA को सौंपी दी है। NIA अब दिल्ली पुलिस से औपचारिक रूप से केस अपने हाथ में लेकर विस्फोट में इस्तेमाल चीजों, साजिश और संभावित आतंकी कनेक्शन की विस्तार से जांच करेगी।
 
दिल्ली में ऐसा कार ब्लास्ट हुआ तो पूरे देश में होश उगने लगा। लोगों का सवाल यह है कि इतनी खतरनाक चीजें कैसे पकड़ी गईं? इस मामले से पता चलता है कि आतंकवादियों को हमारे पास बहुत ज्यादा समर्थन मिलता है। सरकार ने दूसरी बार वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और कहा कि उन्हें हर एक दोषी को धर-पकड़ने का निर्देश दिया। लेकिन मेरा सवाल यह है कि क्या उनकी जांच अच्छी होगी?

इस मामले से हमें यह भी पता चलता है कि कार बेचने वाले अमित पटेल का फोन घटना के बाद से बंद है। और दुकान के ऑफिस में शराब की बोतलें और ताश की गड्डियां भी मिलीं। यह जानकारी हमें यह बताती है कि कार बेचने वाले लोगों को खुद की जिम्मेदारी से इस तरह की घटना नहीं होने देनी चाहिए।

इस मामले से हमें आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए और भी मजबूत होने की जरूरत है। सरकार ने NIA को इस मामले की जांच सौंप दिया है ताकि वे विस्फोट में इस्तेमाल चीजों, साजिश और संभावित आतंकी कनेक्शन की विस्तार से जांच कर सकें।
 
दिल्ली में हुए कार ब्लास्ट का मामला बहुत ही गंभीर है 😱। मुझे लगता है कि पुलिस ने सही तरीके से UAPA की धाराओं का इस्तेमाल किया है, लेकिन अभी भी कई सवाल उठते हैं 👀। जैसे कि, क्या हमने पहले से ही आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए सही तरीके से तैयारी नहीं कर रहे थे? और पुलिस ने सभी अधिकारियों को इस तरह धर-पकड़ने का निर्देश दिया है, तो यह क्या मतलब है? 🤔

इसके अलावा, मुझे लगता है कि जेम मॉड्यूल का लिंक सुनने पर हमें कुछ बातों पर ध्यान देना चाहिए। पहली बात, इस मॉड्यूल को कहाँ से मिला था? और इसके पीछे की राजनीतिक रणनीति क्या है? याद रखें, हमें हमेशा अपनी सरकार की नीतियों और रणनीतियों पर सवाल उठाने चाहिए, लेकिन साथ ही, आतंकवाद के खिलाफ लड़ने में भी सही तरीके से तैयार रहना चाहिए। 💡

आखिरकार, यह घटना हमें एक बात से सोचने पर मजबूर करती है - हमने देश में क्या बदलाव लाने की जरूरत है? और हमें आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए अपने समाज में मिलकर काम करने की जरूरत है। 🤝
 
अरे, ये तो बहुत बड़ी घटना है! मुझे लगता है कि पुलिस ने सही तरीके से मामले की जांच शुरू की है। लेकिन, यह तो बहुत दुखद है कि 12 लोगों की जान गई और 20 घायल हुए। 🤕

मुझे लगता है कि कार बेचने वाले अमित पटेल को अपना फोन चालू करना चाहिए था, ताकि हमें उनकी कहानी से ज्यादा कुछ न मिले। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। 😒

और, यह तो बहुत अच्छी बात है कि NIA ने इस मामले की जांच ली है। उन्हें जरूर अच्छी तरह से मामले की जांच करनी चाहिए। 🕵️‍♂️

लेकिन, यह तो एक सवाल है - क्या हमें लगता है कि इस मामले में आतंकवादी कनेक्शन बहुत गहरा है? और, यह तो एक और सवाल है - क्या हमें लगता है कि पुलिस ने सही तरीके से मामले की जांच की है? 🤔
 
दिल्ली में ऐसा बड़ा कार ब्लास्ट हुआ, तो फिर यह सवाल उठता है कि यहाँ कैसे इतने बड़े आतंकवादी साजिश हो पाए। UAPA की सख्त धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया, लेकिन अभी तक इस मामले में सच्चाई कहां? NSG और FSL टीमों ने फॉरेंसिक सबूत जुटाए हैं, लेकिन यह सब कुछ क्या है?
 
क्या हुआ दिल्ली, यह तो बहुत बड़ा मामला है 🤯। 12 लोगों की मौत, 20 घायल, और अभी भी इतने सवाल उठ रहे हैं। कार बेचने वाले अमित पटेल का फोन बंद, शराब की बोतलें और ताश की गड्डियां दुकान में? यह तो बहुत बड़ी चोरी, न कि कोई साजिश 🔍। NSG और FSL की टीमों ने भी मौके से फॉरेंसिक सबूत जुटाए हैं, लेकिन अभी तक हर एक दोषी को धर-पकड़ने का निर्देश नहीं दिया गया? यह तो बहुत बड़ी समस्या है 🤔। और अब NIA को इस मामले की जांच सौंपी गई, मुझे उम्मीद है कि वे बात करेंगे और सबकुछ साफ कर देंगे।
 
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