i-20 कार, 6 डॉक्टर गिरफ्तार, पुलवामा कनेक्शन और NIA की एंट्री... दिल्ली ब्लास्ट में अब तक के बड

दिल्ली में हुए भिषण कार ब्लास्ट की जांच में कई गंभीर खुलासे आ रहे हैं। इस हमले में 12 लोगों की मौत हो गई और 20 घायल हुए। सुरक्षा एजेंसियों ने बताया कि इसमें i-20 कार की खरीद-फरोख्त से लेकर पुलवामा से जुड़े आतंकी मॉड्यूल, डॉक्टरों की गिरफ्तारी और अब NIA की औपचारिक एंट्री तक कई चौंकाने वाले अपडेट सामने आए हैं।

पुलवामा में एक अलग हमले में भी जैश-ए-मोहम्मद (JeM) मॉड्यूल से जुड़े आतंकवादियों को पकड़ा गया था। इस मामले में 2999 किलो विस्फोटक, AK-47 और अन्य हथियार मिले थे।

इस हमले में 6 डॉक्टरों पर भी कार्रवाई हुई है। इनमें से एक डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया गया और दूसरों को पुलवामा से हिरासत में लिया गया। यह जानकारी बताती है कि हमले के आतंकवादी ने अपने साथ डॉक्टरी की पुस्तकें भी रखी थीं, जिससे उनकी पहचान करने में कठिनाई हुई।

इस हमले की जांच NIA को सौंपी गई है। इसका मतलब है कि NIA अब दिल्ली पुलिस के हाथों से विस्फोट में इस्तेमाल चीजों, साजिश और संभावित आतंकी कनेक्शन की विस्तार से जांच करेगी।
 
इस हमले का यह मतलब है कि हमें अपनी आसानी की खुशी में दूसरों की जिंदगी पर भी नज़र डालने नहीं चाहिए। एक बाजू से तो कार खरीदना, और दूसरी बाजू से आतंकवादी बनना कैसे संभव है? हमें यह सीखना चाहिए कि जीवन में हर काम का अपना नियम होता है। अगर कोई हमेशा आसानी से पैसे कमा रहा है, तो वह अपने पैसों का सही इस्तेमाल नहीं कर रहा।
 
भीड़बाज़ी ना हो! यह हमला बहुत गंभीर है... मेरे दिल को दर्द हो रहा है 🤕। पुलवामा और अब दिल्ली में ऐसे ही हमले लगातार आ रहे हैं... आतंकवादी बने तो लोगों की जान जोखिम में डाल देते हैं 😨। सरकार को तुरंत इस पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए... सुरक्षा एजेंसियों को अपने पास से भी जांच करानी चाहिए। लोगों की बाकी सब जानकारी निकलने दो, यह तो जरूर होगा 🤑
 
बहुत गंभीर और चिंताजनक यह हमला हुआ है। दिल्ली में इस तरह की घटना होने पर हमारे देश की सुरक्षा स्थिति पर बहुत प्रभाव पड़ सकता है। सरकार को ऐसे हमलों की जांच करने में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए और इसके लिए सभी आवश्यक संसाधनों का उपयोग करना चाहिए। यह जरूरी है कि हमें आतंकवाद के खिलाफ निरंतर लड़ाई जारी रखे और सभी प्रवर्तन एजेंसियों को एक-दूसरे के साथ सहयोग में बैठना चाहिए।
 
बोलते बोलते यह हमला भी हमारी देशभर के लिए बहुत बड़ा चिंता का विषय है। अगर ऐसा कहना होगा तो मेरा विचार है कि इस हमले की जांच करने वाली NIA को बाकी सब एजेंसियों की मदद से करनी चाहिए। यहां तक कि पुलवामा जैसे हमलों की जांच में भी हमें एक साथ खड़े होना चाहिए।

क्या हमारा देश ऐसा बन सकता है जहां डॉक्टर अपने मरीज़ों को बंदूकें और विस्फोटक रखने के लिए मजबूर करते हैं? यह एक बहुत बड़ा सवाल है जिसकी जवाब हमें देना चाहिए। मुझे लगता है कि हमें अपने देश को इस तरह से बदलना चाहिए जहां हमारे बच्चों को ऐसी चीजें नहीं करनी पड़ें।

सुरक्षा एजेंसियों को तो जरूरी होगा कि वे आतंकवादियों को पकड़ने के लिए प्रेरित करें और हमारे देश में शांति बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठाएं।
 
बात बात... यह हमला तो बहुत गंभीर है। मुझे लगता है कि हमें अपनी सुरक्षा को लेकर कमजोर नहीं रहना चाहिए। अगर हमारे पास स्वस्थ और सशक्त सुरक्षा प्रणाली होती, तो यह हमला न होता।

मुझे लगता है कि सरकार को अपनी सुरक्षा के लिए अधिक रचनात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। हमें अपने गंतव्यों पर पहुंचने के लिए टैक्सी या मेट्रो जैसी सुविधाएं विकसित करनी चाहिए, न कि कार चालू करना। और फिर यह हमला तो एक बड़ा झटका है। हमें अपनी जिंदगी को जीने के लिए और भी रचनात्मक तरीके ढूंढने चाहिए।
 
बस यह तो सही नहीं है कि कार ब्लास्ट में कौन-कौन सी चीज़ें शामिल थीं। पहले यह बताना जरूरी है कि क्या हमारी पुलिस और एजेंसियां इतनी देर तक गुमराह रह सकती? और अब जब नIA को जांच सौंपी गई, तो फिर भी कई सवाल बाकी हैं। जैसे कि उन्होंने कहा कि इसमें पुलवामा से जुड़े आतंकी मॉड्यूल क्या खोजने में इतने समय लिया, और क्या यह सब एक बड़ा खेल था?
 
बहुत बड़ा दुख, तो यह हमला और भी गहरा है। तुमने बताया कि इस हमले में 12 लोगों की मौत हुई, ये बहुत सोचते हुए मुश्किल है। पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) मॉड्यूल से जुड़े आतंकवादियों को पकड़ने की बात भी अच्छी है, लेकिन अब तो यह और भी संदिग्ध हो गया है। डॉक्टरों पर भी कार्रवाई हुई, यह तो अच्छा है कि उन्हें जल्द से जल्द गिरफ्तार कर लिया जाए।
 
बस सुनो क्या कर रहा हूँ… यह हमला तो बहुत बड़ा हुआ है… 12 लोगों की मौत और 20 घायल, यह तो दिल्ली के लिए भयावह है। लेकिन अब ये सवाल उठने लगा हैं कि इसमें क्या खेल रहा था? कार खरीदने से लेकर डॉक्टरों की गिरफ्तारी, यह सब तो बहुत दिलचस्प है। और न केवल यह, पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों को पकड़ने की बात भी अच्छी लगती है… लेकिन इसके साथ ही, हमें यह भी सोचना होगा कि कैसे यह हमला हुआ और इसमें कौन से खिलवाड़ थे।

और तो और, जांच में यह बात सामने आ रही है कि आतंकवादी ने अपने साथ डॉक्टरी की पुस्तकें भी रखी थीं, जिससे उनकी पहचान करने में कठिनाई हुई। यह तो बहुत बड़ा खुलासा है… हमें अब यह जानने की जरूरत है कि हमले के बाद इतने समय तक क्यों नहीं बताया। 🤔💡
 
बस यह तो बहुत बड़ा खुलासा आ गया है 😂। यह दिल्ली में हुए हमले के पीछे क्या साजिश थी, इसकी पता लगाने के लिए NIA को तो सबसे अच्छा मौका मिला है। और यह बात तो खुलकर कही जा सकती है कि पुलवामा हमले में भी कई गंभीर खुलासे आ रहे हैं। अब देखिए, इस हमले के बाद भी क्या हमने सीखा, इसका जवाब तो यह सिर्फ सुराग दिखाने वाले हथियार और पुस्तकें ही मिले हैं 🤦‍♂️। लेकिन तो फिर भी हमने कभी नींद नहीं धोनी चाहिए कि आतंकवादी खुलकर हमला करेंगे, उनकी साजिशें समझ लेंगे।
 
ये हमला बहुत बड़ा है, और इसकी जांच तेजी से आगे बढ़ रही है 🕵️‍♂️। मुझे लगता है कि इसमें कई दुष्ट खेल हो सकते हैं, इसलिए सावधानी बरतनी चाहिए। पुलवामा हमले में जैश-ए-मोहम्मद की भूमिका स्पष्ट नहीं है, और यह जांचना कि क्या इसमें पाकिस्तान सरकार का हाथ था, बहुत जरूरी है। इसके अलावा, डॉक्टरों की गिरफ्तारी को लेकर कई सवाल उठते हैं, इसलिए उनकी स्थिति की जांच भी महत्वपूर्ण है। NIA को इस मामले की विस्तृत जांच करनी चाहिए, ताकि हमें बाकी की चीजों के बारे में सही जानकारी मिल सके।
 
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