बेंगलुरु में एक मॉल में हुई पीड़िता और आरोपी की पहली मुलाकात। पीड़िता के माता-पिता को आश्वासन दिया गया, लेकिन वास्तविकता अलग थी। जैसे-जैसे समय बीता, पीड़िता ने आरोपी के व्यवहार पर शक कर लिया। उसका संदेह बढ़ गई जब उसे पता चला कि आरोपी के कई अन्य लड़कियों से भी संबंध थे।
आरोपी ने पीड़िता से विवाह का वादा किया, लेकिन उसके बहाने बनाकर टालता रहा। पीड़िता ने आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, लेकिन कुछ दिनों बाद उसे पता चला कि आरोपी ने पहले से ही एक कमरे में एक लड़की को यौन शोषण किया था।
पुलिस ने बातचीत के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। उसकी दोस्ती के दिनों के पीछे की कहानी सामने आई। पीड़िता ने अपने परिवार के साथ छुपे रहने की जरूरत महसूस की, लेकिन अब उसने अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाई है।
इस मामले ने हमें यह सोचने पर मजबूर किया है कि कैसे दोस्ती और विवाह के बहाने में यौन शोषण को छुपाया जा सकता है। इसके पीछे की आर्थिक और सामाजिक दबावों ने एक लड़की की खुशियों को बर्बाद कर दिया।
आरोपी ने पीड़िता से विवाह का वादा किया, लेकिन उसके बहाने बनाकर टालता रहा। पीड़िता ने आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, लेकिन कुछ दिनों बाद उसे पता चला कि आरोपी ने पहले से ही एक कमरे में एक लड़की को यौन शोषण किया था।
पुलिस ने बातचीत के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। उसकी दोस्ती के दिनों के पीछे की कहानी सामने आई। पीड़िता ने अपने परिवार के साथ छुपे रहने की जरूरत महसूस की, लेकिन अब उसने अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाई है।
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