इजरायल में शुरू हुआ बड़ा विरोध प्रदर्शन, अनिवार्य सैन्य भर्ती के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग, की आ

इजरायल में बड़ा विरोध प्रदर्शन: कट्टर धार्मिक यहूदियों ने अनिवार्य सैन्य भर्ती के खिलाफ सड़कों पर उतरे

हजारों कट्टर धार्मिक यहूदी बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार के खिलाफ इस समय इजरायल में बड़ा विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। ये लोग गुरुवार (30 अक्तूबर 2025) को काले कपड़े पहनकर येरुशलम में सैन्य भर्ती के विरोध में रैली निकाली है। इन लोगों ने इजरायल की अनिवार्य सैन्य सेवा से बचने के अधिकार की गारंटी देने वाले कानून की मांग कर रहे हैं।

प्रदर्शनकारियों ने सैन्य भर्ती की निंदा करते हुए तख्तियां लेकर येरुशलम की ओर जाने वाली मुख्य सड़कों पर मार्च किया। काली टोपी पहने हुए पुरुषों की भीड़ ने तिरपाल के टुकड़ों में आग लगा दी, जबकि सैकड़ों पुलिस अधिकारियों ने शहर भर में कई सड़कों की घेराबंदी कर दी।

क्या है पूरा मामला?

इजरायल सरकार ने कट्टरपंथी ड्राफ्ट डोजर्स पर कार्रवाई की थी, जिसके तहत हजारों लोगों को बुलावा नोटिस भेजा गया है। यह धार्मिक रूढ़िवादियों की संख्या कम होने के कारण सेना के पदों को भरने में समस्या आ गई है।

नेतन्याहू ने वादा किया था कि उनकी सरकार इस छूट को सुनिश्चित करने वाला कानून पारित करेगी, लेकिन वह अब तक ऐसा करने में असफल रहे हैं। जुलाई 2024 में अति-रूढ़िवादी शास पार्टी के मंत्रियों ने इस मुद्दे पर मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया, लेकिन पार्टी ने औपचारिक रूप से गठबंधन नहीं छोड़ा।

नेतन्याहू की सरकार को समर्थन देने वाली सेफर्डिक शास पार्टी के पास 11 सांसद हैं। इस पार्टी ने चेतावनी दी है कि यदि सैन्य सेवा छूट को कानून में शामिल नहीं किया गया तो वह समर्थन वापस ले लेगी।
 
बड़ा विरोध प्रदर्शन! यह सब ऐसा लग रहा है जैसे सारे लोग एक ही रास्ते पर चलने वाले हैं। कट्टर धार्मिक यहूदियों को लगता है कि उनका धर्म किसी भी तरह से बाधित नहीं होना चाहिए, और वे सरकार से इस पर दबाव डालना चाहते हैं।

मेरा मन ही तो एक सवाल उठाता है - यह देश में शांति कैसे बनाए रखी जाएगी? अगर लोग अपने मतभेदों को इतनी जोर से व्यक्त करने लगते हैं तो यह देश के लिए खतरनाक हो सकता है। हमें यह भी समझना चाहिए कि सैन्य भर्ती एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, और सरकार को इसके बारे में निर्णय लेने में समय लगेगा।

लेकिन मेरे मन की बात मानकर अगर यह विरोध कुछ अच्छा दिखाई दे तो फिर भी हमें सोच-विचार करना होगा।
 
बतौर, यह एक बहुत बड़ा विरोध प्रदर्शन है जो इजरायल में हो रहा है। ये लोग अपनी धार्मिक स्वतंत्रता के बारे में चिंतित हैं और अनिवार्य सैन्य भर्ती के खिलाफ निकले हैं। मुझे लगता है कि देश के लिए यह एक अच्छा समय हो सकता है जब लोग अपने अधिकारों के बारे में बात कर रहे हों। हमें उम्मीद करनी चाहिए कि सरकार इस मुद्दे पर सुनने वाली और समझदार होगी।
 
इस बात की चर्चा करने के लिए कौन से और? इजरायल में ये विरोध प्रदर्शन तो बहुत ही रोचक है, लेकिन यह तो हमारे देश की समस्या नहीं है! 😂👍

मुझे लगता है कि नेतन्याहू सरकार को अब अपने वादों को पूरा करना चाहिए। अगर वे छूट को कानून में शामिल नहीं कर सकते हैं तो फिर वे कुछ भी नहीं कर सकते। यह धार्मिक रूढ़िवादियों पर आधारित होने के कारण काफी बड़ी समस्या है। हमें उम्मीद करनी चाहिए कि उनकी सरकार अपने लोगों की बात सुनेगी। 🤞

और दूसरी ओर, सेफर्डिक शास पार्टी ने अब तक कितना समर्थन दिया है? यह तो हमें थोड़ा आश्वस्त करता है कि अगर वे अपना समर्थन वापस लेते हैं तो फिर भी उनकी सरकार बनी रहेगी। लेकिन मुझे लगता है कि उन्हें भी अपने वादों को पूरा करना चाहिए। 😊

इस बात पर बहुत से विचार होंगे, लेकिन मैं तो यह कह सकता हूं कि हमें इस मामले को अच्छी तरह से देखना चाहिए और आगे की क्या करनी है, इसकी बात करनी चाहिए। 🤔
 
अरे ये सब कैसा हुआ? 🤔 इजरायल में लोग इतने कट्टरपंथी हो गए हैं कि वे सैन्य भर्ती पर अपना जीवन सीमित कर देना चाहते हैं। लेकिन क्या यह सही तरीका है? हमारे देश में भी ऐसे कुछ लोग होते हैं जो अपने मतभेदों को इतने बड़े बना देते हैं कि वे समाज पर खराब प्रभाव डालते हैं।

मेरा यह सोचा कि सरकार ने कानून बनाने की बात अच्छी थी, लेकिन अब देख रहा है कि वहां जो मुद्दा आया, उसका समाधान नहीं हुआ। इजरायल की सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लोगों के मतभेदों को निवारण के तरीके से, न कि दमन के। 🤷‍♂️
 
बड़ा बिगड़ गया ये देश, किसी भी उम्र में भी नहीं होता... यहूदी लोगों ने तो अपने अधिकार के लिए सड़क पर उतरे, लेकिन इस बात पर विचार करना चाहिए कि यह सभी लोग एक ही धार्मिक समूह नहीं हैं, सभी अलग-अलग रूढ़िवादिताएं रखते हैं और ये सभी समान अधिकार नहीं रखते। सरकार को तो अपने नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए, लेकिन यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि उन्हें अपने अधिकारों का दुरुपयोग नहीं होने दिया जाए। इजरायल सरकार ने पहले से ही बड़े पैमाने पर कार्रवाई की थी, लेकिन अब यह भी देख रही है कि सब कुछ ठीक से चलने वाला है? 🤔
 
अरे, यह बात बहुत बड़ी है, लेकिन लगता है की पूरा मामला खलनाशकी है। इजरायल सरकार ने कट्टरपंथियों पर कार्रवाई की, लेकिन अब वो दोषी कैसे मानेंगे? यह तो पूरी तरह से उनकी गलती है, न कि कट्टरपंथियों की। और फिर भी, वो उन्हें समर्थन देने वाली पार्टी ने चेतावनी दी है की यदि वो इस मुद्दे पर नहीं देखता तो उनका समर्थन वापस ले लेगा। यह बहुत बड़ा खतरा है, और मुझे लगता है की इजरायल सरकार को अपने फैसले पर रुकना चाहिए।
 
मुझे लगता है कि ये विरोध प्रदर्शन कुछ अनाज़ में भरा निकल रहा है। क्योंकि इससे यह दिखाई देता है कि जो लोग सैन्य सेवा छूट चाहते हैं, उन्हें इसकी खासियत नहीं समझी। वे तो बस अपने-अपने रूढ़िवादी मोह में डूबे हुए हैं। और फिर जब उनके प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी, तो यह कैसे अच्छा लगता है? किसी भी समाज में ऐसी बातें नहीं होनी चाहिए।
 
[मुस्कुराते हुए]

सेना में भर्ती करने का अधिकार यहुदियों का है, पर फिर भी ऐसे लोग हैं जिन्हें लगता है कि वो क्या करना चाहिए? 🤔

[एक छोटा सा गणितमेंट ड्राइंग बनाते हुए]

अगर यहुदियों के लिए सेना में भर्ती करने का अधिकार है, तो फिर भी दूसरों के लिए यह अधिकार नहीं होना चाहिए? 🤷‍♂️

[एक छोटा सा ध्वनि चित्र बनाते हुए]

क्या यहुदियों को लगता है कि वो अकेले नहीं हैं और उनकी बात मानी जाएगी? 🗣️

[एक छोटा सा नीला वर्णक बनाते हुए]
सेना में भर्ती करने का अधिकार यहुदियों का है, लेकिन यह भी सच है कि दूसरों को भी अपने अधिकारों का प्रयोग करने का मौका मिलना चाहिए। 🌊
 
बड़ा विरोध, बड़ी भीड़ 🚶‍♂️😱 यह सब इजरायल में सैन्य भर्ती के बारे में ही नहीं, कट्टर धार्मिक यहूदियों की रूढ़िवादता पर ही दिखाई दे रहा है 🤔😒

नेतन्याहू ने वादा किया था लेकिन अब तक ऐसा करने में असफल रहे हैं... उनकी सरकार को समर्थन देने वाली सेफर्डिक शास पार्टी तो अभी भी चेतावनी दे रही है 😬

क्या यह रूढ़िवादता की समस्या नहीं हल हो सकती? 🤷‍♂️ कानून में छूट देने से इसकी वजह निकल जाएगी... या फिर यह सब और भी गहरा मुद्दा बन जाएगा? 🌪️

बड़े विरोध होते हैं, लेकिन अक्सर वे समस्या को हल नहीं करते... 🤔
 
बस कुछ कुछ है यार, इजरायल में ऐसी बातें भी होती रहती हैं जो हमारे देश से ज्यादा चुनौतीपूर्ण लगती हैं। यह जरूरी है कि नेतन्याहू सरकार इस मुद्दे पर सावधानी से सोचे। अगर वे समर्थन वापस लेने की धमकी देती हैं तो ये पूरा खेल फेल हो जाएगा। हमें उम्मीद करनी चाहिए कि नेतन्याहू सरकार इस मुद्दे पर रास्ता ढूंढेगी।
 
कुछ ऐसा महसूस करता हूँ कि इजरायल में लोग अपनी धार्मिक रूढ़िवादताओं को बहुत ज्यादा महत्व दे रहे हैं। यह देखना कि पूरा शहर एक साथ आ गया है और काले कपड़े पहनकर सड़कों पर उतरे हैं, तो मुझे लगता है कि सब कुछ थोड़ा बदलाव की ओर बढ़ रहा है। लेकिन इतना ही नहीं, यह देखना भी अच्छा लगा कि पुलिस ने शहर भर में कई सड़कों की घेराबंदी कर दी है और तिरपाल टुकड़ों में आग लगाने वाले लोगों को पकड़ने के लिए तैयार हैं।
 
यह बड़ा विरोध प्रदर्शन इजरायल की सरकार की अक्षमता को दिखा रहा है कि वे धार्मिक रूढ़िवादियों की बातें सुनने में तैयार नहीं हैं। नेतन्याहू जी ने वादा किया था, लेकिन वह अब तक ऐसा करने में असफल रहे हैं। यह सरकार को सीखने का समय है कि वे अपने मतदाताओं की बातों को समझने और उनकी जरूरतों को पूरा करने पर ध्यान देना चाहिए।
 
क्या ये सब सही है? 🤔
इन कट्टरपंथी यहूदियों के साथ क्या चिंता है?
उनके बारे में कुछ भी नहीं बताया जा रहा है।
क्या उनकी बात सुनी जानी चाहिए? 🤷‍♂️
 
यह बहुत अजीब बात है कि इजरायल में ऐसी भीड़ कैसे इकट्ठा हुई, जो अपने अधिकारों के लिए लड़ रही है। यह दिखाता है कि लोग अपने समाज में क्या चाहते हैं और क्या नहीं।

मेरा लगता है कि इस मामले में एक बड़ी समस्या यह है कि सरकार को अपने नागरिकों की जरूरतों को समझने में मदद करने वाली प्रशासनिक संरचना की कमी है। जब सरकार अपने नागरिकों की आवाज़ नहीं सुनती, तो इससे ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है जहां लोग दंगाइयों की ओर बढ़ते हैं।

इजरायल में एक अच्छा राजनीतिक नेतृत्व होना चाहिए, जो अपने नागरिकों की जरूरतों को समझे और उनके अधिकारों की रक्षा करे।
 
मुझे यह बात अच्छी लगती है कि इजरायल में लोग अपने अधिकारों के बारे में जागरूक हैं और उन्हें संभालना चाहते हैं। अनिवार्य सैन्य भर्ती एक बड़ा मुद्दा है, और यह दिखाता है कि लोग इसके खिलाफ भी जुटे हुए हैं।

लेकिन, मुझे लगता है कि इस मुद्दे पर बहुत अधिक रूढ़िवादिता दिखाई दे रही है। कट्टर धार्मिक यहूदी लोगों को सैन्य भर्ती के खिलाफ जाने देना चाहिए, लेकिन उनके इस तरीके ने फिर से भ्रष्ट प्रदर्शन की स्थिति बना दी।

मुझे लगता है कि सरकार और पुलिस पर अधिक शांतिपूर्ण और संवेदनशील समाधान खोजने की जरूरत है।
 
बड़ा यहां इजरायल में धार्मिक रूढ़िवादिता की समस्या हो गई। तो फिर यह कानून पास नहीं होगा, तो सेफर्डिक शास पार्टी समर्थन छोड़ देगी। लेकिन इससे इजरायल में सामाजिक अस्थिरता बढ़ जाएगी, लोगों को लगता है कि उनके अधिकार पर विचार नहीं किया गया। यहां सरकार की दृष्टि तो धार्मिक रूढ़िवादिता पर है, लेकिन लोगों की जरूरतें भी हैं। मुझे लगता है कि इजरायल की सरकार को अपने नागरिकों की समस्याओं को समझने और उनके अधिकारों का ध्यान रखने की जरूरत है।
 
ये तो बहुत बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ 🚨👮‍♂️ ज्यादातर लोग सैन्य भर्ती की निंदा कर रहे हैं और इजरायल में धार्मिक रूढ़िवादिता कम करने की मांग कर रहे हैं। यह तो अच्छा है कि उन्होंने अपने अधिकार की मांग की है, लेकिन लगता है कि सेना में भर्ती होने वालों को कुछ भी प्रोत्साहन नहीं मिल रहा है। ज्यादातर लोग तो यहाँ पर मजदूरी करना पसंद करते हैं और धार्मिक रूढ़िवादिता से बचना चाहते हैं। 🤔
 
राहुल, यह तो बहुत अजीब चीज है। यहूदी समुदाय के लोग इतने कट्टर हो गए कि अब वे अपने बच्चों को सैन्य सेवा करने के लिए मजबूर नहीं करना चाहते। मैं समझता हूँ कि हर समुदाय के अपने अधिकार और महत्व हैं, लेकिन यह इतना बढ़ गया है कि अब वे इजरायल की सैन्य शक्ति को भी खतरे में डाल रहे हैं।
 
अरे ये भी ऐसा ही जारी रहेगा, सेक्सिस्ट यहूदी हमेशा से मुद्दे बनाते रहते हैं और दूसरों को पकड़ने की कोशिश करते रहते हैं 🤷‍♂️। तो वाह, अनिवार्य सैन्य भर्ती पर विरोध करने वाले लोग कल से काले कपड़े पहनकर येरुशलम में रैली कर रहे हैं। अरे यह तो अच्छा है कि वे अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं, लेकिन उनकी तरक्की के लिए शायद एक दूसरे पर निर्भर होना पड़ेगा।
 
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