मैंने देखा है कि बाटला हाउस एनकाउंटर को लेकर हर कोई अपनी पक्षपाती दृष्टिकोण से बोल रहा है। लेकिन मेरे ख्याल में यह सब चुनावी राजनीति का हिस्सा बन गया है। मुझे लगता है कि अगर हमें अपने नेताओं और पार्टियों को उनकी गुणवत्ता पर ध्यान देना चाहिए, तो यह सब भूल जाएं। बाटला हाउस एनकाउंटर को एक घटना के रूप में नहीं देखना चाहिए, बल्कि इसके पीछे की सच्चाई को समझना चाहिए।
मुझे लगता है कि अगर हम अपने नेताओं को उनकी नैतिकता और गुणवत्ता पर जोर दें, तो यह सब भूल जाएंगे। लेकिन जब तक हम ऐसा नहीं करते, तब तक बाटला हाउस एनकाउंटर को एक चुनावी मुद्दे के रूप में चलाना स्वाभाविक है।