केरल: सबरीमाला सोना चोरी मामले में SIT का एक्शन, मंदिर का पूर्व कार्यकारी अधिकारी गिरफ्तार

केरल के सबरीमाला मंदिर से कथित तौर पर सोना गायब होने की जांच कर रहे विशेष जांच दल (SIT) ने पूर्व कार्यकारी अधिकारी सुधीश कुमार को गिरफ्तार कर लिया है. यह जानकारी शनिवार (01 नवंबर, 2025) को दी गई, जब अधिकारियों ने बताया कि उन्हें तिरुवनंतपुरम स्थित अपराध शाखा कार्यालय में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया था.

कुमार पर यह आरोप है कि उन्होंने द्वारपालक की मूर्तियों के सोने से मढ़े होने की बात छिपाई और मंदिर के आधिकारिक अभिलेखों में उन्हें तांबे की मूर्तियां बताकर दर्ज किया. यह आरोप उन्नीकृष्णन पोट्टी पर लगाया गया था, जिन्हें द्वारपालक की मूर्तियों सहित गर्भगृह पर सोने की परत चढ़ाई का काम सौंपा गया था.

कुमार ने त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (TDB) से सिफारिश की है कि द्वारपालक प्लेटों को इलेक्ट्रोप्लेटिंग के लिए पोट्टी को सौंप दिया जाए. लेकिन, सूत्रों ने बताया कि प्लेटों को हटाने का काम TDB तिरुवभरणम (पवित्र आभूषण) आयुक्त की उपस्थिति के बिना किया गया.

इस मामले में गिरफ्तार किए गए दूसरे व्यक्ति पोट्टी और पूर्व प्रशासनिक अधिकारी बी. मुरारी बाबू थे. इसके अलावा, SIT ने पोट्टी के करीबी सहयोगी वासुदेवन से भी पूछताछ की.

वासुदेवन पर यह आरोप है कि उन्होंने द्वारपालक की मूर्तियों के अलावा स्वर्ण की परत चढ़े आसन को अपने पास रखा था, जिसे बाद में पिछले महीने तिरुवनंतपुरम में पोट्टी के एक रिश्तेदार के घर से जब्त किया गया था.

SIT द्वारपालक की उन मूर्तियों और श्रीकोविल (गर्भगृह) की चौखटों से सोने की चोरी से संबंधित दो मामलों की जांच कर रही है, जिन्हें 2019 में इलेक्ट्रोप्लेटिंग के लिए पोट्टी को सौंपा गया था.
 
अरे, ये तो केरल के मंदिरों की गंभीर समस्याओं की बात है 🙄. सबरीमाला मंदिर के मामले में तो सोना गायब होने की जांच करने वाले SIT ने अब अपने पूर्व कर्मचारी सुधीश कुमार को गिरफ्तार कर लिया है, यह तो अच्छा है कि अंत में कुछ हुआ, लेकिन इस तरह से? 🤔 कुमार पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने द्वारपालक की मूर्तियों के सोने से मढ़े होने की बात छिपाई और मंदिर के आधिकारिक अभिलेखों में तांबे की मूर्तियां बताकर दर्ज किया। यह तो बहुत ही गंभीर आरोप है, लगता है कि सीताराम पोट्टी ने अपने कर्मचारियों पर अच्छी निगरानी रखी थी। 😉
 
बात तो यह है कि सबरीमाला मंदिर में सोना गायब होने के बारे में सबकुछ ज्यादा जटिल लगता है, लेकिन अगर हम इसे ध्यान से देखें, तो यह एक बड़ा संकेत है कि कुछ लोग नैतिकता और ईमानदारी से परे चलने की कोशिश कर रहे थे।

केरल में सबरीमाला मंदिर एक बहुत बड़ी स्थापना है, और इसकी देखभाल करने वाले लोगों को भी अपनी जिम्मेदारियों का ध्यान रखना चाहिए। अगर पूर्व कार्यकारी अधिकारी सुधीश कुमार ने मंदिर के अभिलेखों में गलती कर दी है, तो इससे एक बड़ा सवाल उठता है कि ऐसे लोग कौन और क्यों इस तरह काम कर रहे थे।

कुमार को गिरफ्तार करने से पहले, उन्हें कई बार पूछताछ किया गया था, लेकिन उन्होंने हमेशा अपनी बात बदल दी और मामले को जटिल बनाया। अब जब उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है, तो यह साबित होता है कि उनकी गलतियाँ बहुत बड़ी थीं।

इस मामले में सबसे ज्यादा चिंता यह है कि द्वारपालक की मूर्तियों और श्रीकोविल की चौखटों से सोना गायब होने के पीछे कोई वास्तविक कारण हो सकता है, और हमें इस पर जानकारी इकट्ठा करने की जरूरत है।
 
🤔 यह तो बहुत बड़ा मामला है... सबरीमाला मंदिर के विवाद में और भी जटिलताएं आ गई हैं... विशेष जांच दल ने द्वारपालक की मूर्तियों से सोना गायब करने के आरोप में पूर्व कर्मचारी सुधीश कुमार को गिरफ्तार कर लिया है... यह तो बहुत बड़ा झगड़ा है... और इसके बीच में TDB ने इलेक्ट्रोप्लेटिंग के लिए द्वारपालक को सौंपा था, लेकिन प्लेट्स हटाने का काम TDB तिरुवभरणम आयुक्त की उपस्थिति के बिना ही किया गया... यह तो बहुत बड़ी घोटाले की तरह लगता है... और इसके अलावा वासुदेवन पर भी पूछताछ की जा रही है, उन्हें द्वारपालक की मूर्तियों से सोना गायब करने का आरोप लगाया गया है...
 
मेरा अनुभव है कि जब तक हम अपने इतिहास को भूल नहीं सकते तब तक यही समस्या बनी रहती है। सबरीमाला मंदिर की जिस तरह की सुरक्षा की बात होती है, वहाँ ऐसे लोग तो हैं जो अपने हाथों में चोरी की रस्सी ही रखते हैं। यह आरोप लगाने के बाद भी, हमारे देश में इतने बड़े पैमाने पर चोरी और झूठे आरोप लगाए जाते हैं तो यह सब साफ़ नहीं चलता।
 
तो यार, यह सब बिल्कुल भी सही नहीं लगता। सबरीमाला मंदिर में जिस द्वारपालक वासुदेवन पर आरोप है, वह तो एक किसान की तरह से लग रहा है। मैं समझ नहीं पा रहा कि उनके पास इतना सोना था और उन्होंने ऐसा कैसे छिपाया। इसके अलावा, TDB जैसे सरकारी बोर्ड को भी ये सब तय करने का अहसान क्यों किया। और सबरीमाला मंदिर के पास इतनी सारी सुरक्षा है, लेकिन फिर भी यह सब हुआ। यह जैसे कि सरकार कह रही है हमें आश्वासन देने के लिए नहीं, बल्कि शिकायतों को मिटाने के लिए तैयार है।
 
मुझे ये सब बहुत अजीब लग रहा है 🤔। यह तो द्वारपालक की मूर्तियों के लिए इलेक्ट्रोप्लेटिंग के लिए पोट्टी को चुनने का निर्णय और भी अजीब होता जाता है। और अब तो उन्हें गिरफ्तार कर दिया गया है? यह कैसे संभव है? 🚨

मुझे लगता है कि पोलिस पर यह मामला बहुत बड़ा साबित होगा। अगर वासुदेवन और पोट्टी ने जो कुछ भी गलत किया है, तो उन्हें सजा मिलनी चाहिए। लेकिन, यह सवाल है कि क्या उन्होंने खुद सोना लूट लिया था या कोई और? 🤷‍♂️

मुझे लगता है कि इस मामले में और भी कई घंटे लगेंगे इसके बारे में जानने के लिए। तो आइए चालो इंतजार करें और देखें क्या होता है! 🎉
 
कुछ समय पहले तो सबरीमाला मंदिर पर ध्यान दिया होगा, और वहां के विवाद भी कई बार बड़े हुए हैं। यह तो जानने लायक है कि वर्तमान में SIT ने अधिकारी सुधीश कुमार को गिरफ्तार कर लिया है, और उन पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने द्वारपालक की मूर्तियों के सोने से मढ़े होने की बात छिपाई थी। यह तो एक बड़ा मामला है, और इसकी जांच होगी।
 
कोई मजाक नहीं , सबरीमाला मंदिर की मूर्तियों से सोना गायब हुआ तो यह एक बड़ा घोटाला है 🤥। पूर्व अधिकारी सुधीश कुमार को गिरफ्तार करने से पहले उन्हें कई चेतावनी दी गई थी, लेकिन वे नहीं माने 🚫। अब यह पता चल रहा है कि उन्होंने तांबे की मूर्तियां दर्ज की थीं, जो एक बड़ा झूठ है 💔

इस मामले में कई लोग पूछताछ में आएंगे, शायद वासुदेवन और बी. मुरारी बाबू भी अपनी-अपनी बात कहेंगे। सोना गायब हुआ तो यह एक बड़ा आर्थिक घोटाला है 💸, जिसे खुलकर नहीं लिया गया। क्या यह मामला हल होगा या फिर और भी कई लोगों को जांच में फंसा दिया जाएगा? 🤔
 
अरे, यह तो बहुत बड़ा मामला है... सबरीमाला मंदिर की बात कर रहे हैं... और इतना सोना गायब हुआ... लेकिन, शायद हमें जानना चाहिए कि यह सब क्यों हुआ? क्या यह तो एक छोटी गलती थी, या फिर बहुत बड़ा दुर्भाग्य? मुझे लगता है कि हमें इस पर और जानकारी चाहिए, और फिर से सोच-विचार करें... शायद हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि सबरीमाला मंदिर एक ऐसा स्थान है, जहां लोग विश्वास और प्रेम के साथ जुड़ते हैं।
 
अरे ये तो बड़ा घotalा है 🤯. केरल के सबरीमाला मंदिर में सोना गायब होने की जांच कर रहे SIT ने द्वारपालक सुधीश कुमार को गिरफ्तार कर लिया है, यह तो कोई चोरी का मामला नहीं है बल्कि यह एक बड़ा सामाजिक धोखाधड़ी का मामला है।

क्यों इतने लोग ही जुड़े हुए हैं इस धोखाधड़ी, पहले पोट्टी तो था, फिर उन्नीकृष्णन, अब कुमार और यह वासुदेवन। यह तो एक बड़ा ग्रुप का मंच बन गया है जो सोने की चोरी के लिए हर किसी को अपने खिलाफ खड़ा करता है।

और ये तो SIT के लिए एक बड़ी चुनौती है, अगर वे यहां तक पहुंचे नहीं पाएं कि उन्होंने इलेक्ट्रोप्लेटिंग के लिए TDB से अनुमति मांगी, तो यह तो एक बड़ा सवाल है कि क्या उन्हें यह जानकारी भी नहीं थी।

अरे यह तो एक बड़ा घotalा है, और ऐसा होने पर कोई जवाब नहीं देता। सिर्फ एक सवाल उठता है कि अब कौन करेगा यहां तक पहुंचकर सोना ढूंढ लेगा?
 
मुझे लगता है कि यह सब भी एक जटिल विवाद है 🤔, जहां हर कोई अपने हितों को दिखाने की कोशिश कर रहा है. सोने की चोरी या नहीं, मैं समझ नहीं पा रहा कि क्या हमारे पास यह सुनिश्चित तरीके से जानकारी है कि सबरीमाला मंदिर के आसपास क्या हो रहा है. कुछ लोग कहते हैं कि यह एक बड़ा व्यवसाय था, जबकि अन्य कहते हैं कि यह एक धार्मिक समूह की समस्या है 🙏. मुझे लगता है कि हमें और जानने की जरूरत है इससे पहले कि हम किसी पर आरोप लगाएं या गिरफ्तार करें।
 
मैंने तो अभी ये पढ़ा कि सबरीमाला मंदिर के द्वारपालक नाम की व्यक्ति पर सोना चोरी हुई है और पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन यह तो बहुत दिलचस्प है कि उन्होंने मंदिर में आधिकारिक रूप से सोना दर्ज नहीं किया।

मैं समझता हूँ कि यह एक बड़ा आरोप है, लेकिन मुझे लगता है कि पुलिस ने बहुत अच्छी तरह से जांच की है। मेरा ख्याल है कि उन्होंने सबकुछ ठीक से पता कर लिया होगा।

लेकिन, मैं तो यह सोच रहा हूँ कि शायद पुलिस ने यह सब कुछ बहुत अच्छी तरह से समझा नहीं है। जैसे कि वासुदेवन पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने सोना अपने घर में रखा था। लेकिन, मुझे लगता है कि यह आरोप तो बहुत बड़ा हो सकता है।

मैं बस इतना कहूँगा कि मैं जांच की प्रक्रिया पर रोक लगा देना चाहता हूँ। मैं समझता हूँ कि सबकुछ ठीक से पता करना बहुत मुश्किल होता है, लेकिन हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम जो भी आरोप लगाते हैं, वो सच्चे हों।
 
ਕੇਰਲ ਦੀ ਸਭ ਤੋਂ ਪ੍ਰਸिद੍ਹਿਤ ਅਤੇ ਵਧੇਰੇ ਖੁਸ਼ਮੀ ਕਾਰੋਬਾਰੀ ਦ੍ਵਾਰ-ਪਾਲਕ ਉਨ੍ਹੇ ਅੱਤਵਿਆਸ਼ ਨਾਲ ਛੁੱਟੜ ਹੋ ਗਏ ਹਨ। 🙄

ਮੈਂ ਦੱਸਦਾ ਹਾਂ ਕਿ ਇਸ ਦੀ ਜਵਾਬਦੇਹੀ ਅਤੇ ਸਰਗਰਮੀ ਨਾਲ ਵਿੱਚ ਆ ਸਕਦਾ ਹੈ। 🙏

ਉਸ ਪ੍ਰਸ਼ਾਸਨ ਦੇ ਖਿਲਾਫ਼ ਭਾਵੋਗਤ ਮੁਹਿੰਮ ਚੱਲਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ, ਜੋ ਸੋਨੇ ਅਤੇ ਵਧੇਰੇ ਖੁਸ਼ਮੀ ਕਾਰੋਬਾਰੀ ਦੇ ਚੋਰੀ ਪੈਣ ਵਿੱਚ ਸ਼ਮੂਲ ਹੋਏ ਨੌਜਵਾਨਾਂ ਦੀ ਬਾਤ ਕਰਦੀ ਹੈ।

ਇਹ ਨਿਯਮਿਤ ਅਤੇ ਸਮਝਦਾਰ ਪ੍ਰਭਾਵਾਂ ਲਈ ਕਾਰਜਕਾਰੀ ਪਹਿਲਵਾਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ। 🌟
 
तन्हाना ना हो, मित्र 😔 सबरीमाला मंदिर की मूर्तियों पर जो आरोप लग रहे हैं, और उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर दिया गया है जिसने उन्हें चोरी करने का आरोप लगाया था, वास्तव में यह एक बहुत बड़ी त्रुटि है। हमें सोचना चाहिए कि यह सब कैसे हुआ, और ऐसा क्यों हुआ। जानकर दुःख होता है कि इतनी भारी आरोप लगाए गए हैं, और अब पूरी मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल बनाया गया है। हमें उम्मीद है कि सच्चाई निकालकर, और दोषियों को सजा मिले। और यह भी सच है कि अगर ऐसे आरोप लगाए गए थे, तो इतने से समय तक छिपे रहने क्यों? क्या हमें पूरी जांच करनी चाहिए, और हर व्यक्ति को निष्पक्षता से देखना चाहिए।
 
मैंने पढ़ा कि सबरीमाला मंदिर के बारे में बहुत विवाद हो रहा है… तो मुझे लगता है कि ऐसी चीजों में पैसे का भारी हाथ दिखाई देता है। कौन सी सरकार ने इतने बड़े मंदिर बनाए, ताकि हमारी प्रति जानबूझकर दोगुना कर दे?

और यह बात भी है कि अगर ऐसा हुआ तो इसका पूरा आरोप किसे लागू नहीं होगा, बल्कि साम्प्रadayिक और राजनीतिक दबाव पर पड़ने वाला होगा। मैं इस तरह के मामलों में ज्यादा समझदारी नहीं करती, मेरी बात सुनने से पहले सब कुछ तय कर देना चाहिए।
 
केरल में सबरीमाला मंदिर की घटनाएं बहुत ही रोचक हैं 🤔, यह तो साफ है कि त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (TDB) पर नज़र रखने वालों को कुछ करने की जरूरत है। पूर्व कार्यकारी अधिकारी सुधीश कुमार को गिरफ्तार करना एक अच्छा फैसला है, लेकिन यह सवाल उठता है कि TDB में भ्रष्टाचार कैसे चल रहा था? और इसके पीछे क्या वास्तविकता है? 🤷‍♂️

मुझे लगता है कि SIT ने सही दिशा में आगे बढ़ा, लेकिन अभी भी बहुत सारे सवालों का जवाब नहीं मिला है। और यह तो बस शुरुआत है, जैसा कि लोग कहते हैं कि "समाधान निकलने वाला द्वारा पाया जाता है" 💡
 
मुझे यह बात बहुत हैरान करती है कि इतनी बड़े आरोपों में भी सब कुछ तेजी से ठीक हो जाता है। यह तो पूरा मामला चोरी और गड़बड़ी से भरा हुआ है न? और यह तो सब कुछ वासुदेवन और पोट्टी के बीच की गलिच्ची है, लेकिन क्या कभी सच्चाई कहां है?
 
मैं समझता हूँ, यह तो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बात है । सबरीमाला मंदिर की सोने की चोरी में इतने लोग शामिल हुए तो कैसे नहीं , मुझे लगता है कि इन सभी को उनके काम की जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए और अपने दोषों का प्रबंधन करना चाहिए । SIT ने तो सही कदम उठाए हैं , मुझे उम्मीद है कि अब इन सभी व्यक्तियों को उनके अपराधों के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा।
 
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