करनाल से बिहार के लिए स्पेशल ट्रेन रवाना: यात्रियों का दावा- BJP ने दी टिकट, कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर उठाए सवाल - Karnal News

बिहार के लिए रवाना हुई स्पेशल ट्रेन में बिरहद फैली, सरकार ने तो दिया टिकट, लेकिन चुनाव आयोग से सवाल

पूर्वांचल के करीब 500 यात्री बिहार के लिए रवाना हुए, जिसमें कई बिरहद फैल गए, जब सरकार ने उन्हें टिकट दिया। ट्रेन को भाजपा जिलाध्यक्ष प्रवीण लाठर ने रवाना किया, सोशल मीडिया पर वायरल हुआ एक वीडियो में यात्रियों का कहना था कि सरकार ने उन्हें फ्री टिकट दी, ताकि वे बिहार जाकर वोट डाल सकें।

कांग्रेस ने चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग की, यात्रियों का कहना था कि जाने की टिकट पार्टी ने दी, लेकिन लौटने की नहीं। वीडियो सामने आने के बाद लोगों ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाए हैं।

इस मामले में भाजपा जिलाध्यक्ष के साथ कई लोग दिखाई दिए, उनके पास बिहार के रहने वाले लोग थे। वह उन्हें ट्रेन में चढ़ने देते नजर आए। इसके अलावा कांग्रेस नेताओं ने भी इस मामले पर सवाल उठाए हैं।

वायरल वीडियो में यात्रियों को टिकट दिखाई देने लगे, लेकिन चुनाव आयोग ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई बयान नहीं दिया है।
 
अरे भाई, यह तो बिल्कुल सही है 🤦‍♂️। सरकार सबकुछ कर रही है, लेकिन चुनाव आयोग में कुछ भी नहीं। यात्रियों का कहना था कि जाने की टिकट पार्टी ने दी, लेकिन लौटने की नहीं। यह तो बहुत बड़ा मुद्दा है, और चुनाव आयोग पर सवाल उठाना उचित है। क्या वे ऐसी स्थिति में मामला दर्ज नहीं कर सकते? 🤔
 
बिल्कुल सही कहा जाएगा, सरकार ने यह सब कुछ सोच कर किया है तो यात्रियों को भी सरकार की खुशी में फायदा होना चाहिए। लेकिन यह वीडियो सामने आने पर तो कई सवाल उठने लगे, जैसे कि यात्रियों ने टिकट क्यों नहीं ले लिया, और सरकार ने उन्हें किस प्रकार फायदा दिया। मुझे लगता है कि चुनाव आयोग से जवाब मांगने की बात सही है, ताकि यह समझाया जा सके कि ये सब क्यों हुआ।
 
यह सारा यह हुआ तो भाजपा जिलाध्यक्ष प्रवीण लाठर ने ट्रेन रवाना करने वाले हैं, और उन्हें चुनाव आयोग से कोई बयान नहीं दिया, तो लगता है कि सरकार में कुछ ऐसी बातें होने वाली हैं जिनसे लोगों को परेशान कर रहे हैं।

मुझे लगता है कि चुनाव आयोग ने इस मामले पर ध्यान देने की जरूरत है, और सरकार से पूछने की जरूरत है कि क्या यह ट्रेन वास्तव में चुनाव में मतदाताओं को पहुंचाने के लिए बनाई गई थी, या फिर कुछ ऐसा था जिस पर अब देखने को नहीं मिल रहा।

मुझे लगता है कि इससे हमारी चुनाव प्रणाली पर सवाल उठाए गए हैं, और अगर हमें सच्चाई ढूंढने की जरूरत है, तो हमें इस मामले पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए।
 
🚂 बिहार जाने वाली स्पेशल ट्रेन में बिरहद फैलने से पहले, सरकार ने उन्हें फ्री टिकट दी थी, लेकिन चुनाव आयोग से सवाल उठाए गए हैं 🤔

मुझे लगता है कि यह एक बड़ा मुद्दा है, जिसमें कई पहलू शामिल हैं। सरकार ने बिरहद फैलने वालों को टिकट दी थी, लेकिन चुनाव आयोग से सवाल उठाए गए हैं 📝

चुनाव आयोग को इस मामले पर शांतिपूर्ण तरीके से जवाब देना चाहिए, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि सरकार ने ऐसी क्या योजना बनाई थी 🤝

मुझे लगता है कि सरकार और चुनाव आयोग को एक साथ मिलकर इस मुद्दे पर हल निकालना चाहिए, ताकि यह दिखाई दे कि हम सभी एक हैं 🤝

मुझे लगता है कि यह एक अच्छा अवसर है, जिससे हमें अपने देश को बेहतर बनाने के लिए काम करना चाहिए 🌟
 
यह तो बहुत बड़ा मुद्दा है🤯। अगर सरकार ने यात्रियों को फ्री टिकट दी, तो इसका मतलब है कि वे चुनाव में अपना मत डालने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं। और चुनाव आयोग को भी इस पर ध्यान नहीं देने दिया, तो यह बिल्कुल सही नहीं है। यात्रियों को टिकट मिलना अच्छा है, लेकिन अगर वह टिकट मिलने पर ही चुनाव जीतने की उम्मीद कर रहे हैं, तो इससे निकलने वाला देश का नुकसान होगा। सरकार और चुनाव आयोग दोनों ही इस मामले पर ध्यान देने चाहिए।
 
मुझे ये बहुत अजीब लगता है कि सरकार ने बिरहद फैलने वालों को फ्री टिकट दी, लेकिन लौटने की नहीं। यह तो चुनाव के समय में बहुत गलत है। मुझे लगता है कि सरकार ने सोचा था कि ये लोग उनकी पार्टी के वोट के बदले में बिहार जाएंगे, लेकिन इससे यह नहीं पता चलता कि ये लोग उनकी पार्टी को चुनने के लिए सही निर्णय लेनगे।
 
ताजा ताजा ताजा, यह सरकार से सवाल उठने लगता है कि क्या वो बस बिरहद फैलवाने वाले लोगों की टिकट चुकाती है? लेकिन फिर भी वो चुनाव में वोट डालने की दावत करती है। ये तो एक बड़ा झूठा खेल है, बिरहद फैलवाने वाले लोगों की टिकट देने से वोट डालने की स्थिति कैसे बनेगी। पुलिस को भी इस मामले में कार्रवाई करनी चाहिए, सरकार नहीं तो ना तो स्थिति सुधरेगी, ना ही लोगों की भरोसा बढ़ेगी। 🚫💨
 
क्या तो यह तो सरकार के गद्दे की दिक्कत है 🤦‍♂️, बिरहद फैलने की बात तो कही भी न होती। लेकिन चुनाव में वोट डालने का तरीका तो बहुत ही रचनात्मक है। यह देखकर मुझे लगता है कि कुछ लोगों को फिर से चुनाव आयोग में जाना पड़ेगा।
 
मैंने ऐसी बातें सुनी हैं कि लोग भटकते हुए भी ट्रेन में चढ़ते हैं, लेकिन यह तो वोट डालने की बात नहीं है, तो फिर क्या है? सरकार ने दिया टिकट, लेकिन चुनाव आयोग से सवाल ? यह तो बड़ा सवाल है और जिस पर हमें जवाब ढूंढना होगा।
 
मेरी समझ में यह तो बहुत बड़ा मुद्दा है 🤔 सारे यात्री बिरहद फैल गए, और सरकार ने उन्हें टिकट दिए, लेकिन चुनाव आयोग को अभी तक सवाल उठने दिया गया है। यह तो भ्रष्टाचार की तरह लग रहा है 🤑 अगर वास्तव में यात्रियों को फ्री टिकट देने की बात सच है, तो चुनाव आयोग को अभी से जवाब देना चाहिए।
 
Wow 😮 यह तो बहुत ही रोचक मामला है 🤔। यात्रियों को फ्री टिकट देने से पहले उन्हें चुनाव लड़ने जैसे सवाल उठने चाहिए थे, नहीं तो यह सब कुछ ही चुनाव आयोग के लिए एक बड़ा मुद्दा बन गया है। 👀
 
सो यह तो खुलकर साफ है कि सरकार की बातें तो एक तरफ हैं और दूसरी तरफ चुनावों में जीतने के लिए बिरहद फैलाना शुरू कर दिया है।

मुझे लगता है कि यह तो एक बड़ा संदेह है, जिस पर चुनाव आयोग को ध्यान देना चाहिए। अगर सरकार ने यात्रियों को फ्री टिकट दी, तो लौटने की भी उन्हें टिकट देनी चाहिए, नहीं तो यह एक बड़ा मंच है वोटों को खरीदने का।

मैं सोचता हूं कि चुनाव आयोग को इस मामले पर जांच करनी चाहिए और अगर ऐसा कुछ पाया गया है, तो कड़ी सजा देनी चाहिए।
 
चुनाव में फुसलने वाली स्पेशल ट्रेन में बिरहद फैलना, यह तो सुनने में बहुत रोचक लग रहा है 🤔। सरकार ने उन्हें टिकट दिया, लेकिन चुनाव आयोग से सवाल उठाए गए, और अब वायरल वीडियो में यात्रियों की बातें सुनाई दे रही हैं जिससे लोगों का सवाल उठने लगा है 🤷‍♂️
 
मैंने देखा है कि सरकार के लिए जाने की टिकट देना और चुनाव लड़ने वालों को लोकतंत्र में अपने अधिकारों का प्रयोग करने का मौका देना दोनों ही एक ही बात नहीं हैं। सरकार को ऐसी टिकट देनी चाहिए जिससे हर व्यक्ति को लोकतंत्र में भाग लेने का मौका मिले।
 
बिहार जैसे राज्य में चुनाव के समय तो ऐसे मामले बहुत आम होते हैं… लेकिन जब वीडियो सामने आते हैं तो हर कोई सवाल उठता है। यह तो सरकार और पार्टी की दूरदर्शिता का हिस्सा नहीं बन सकता। अगर चुनाव आयोग ने पहले से ही जानकारी थी कि ये लोग बिरहद हैं तो फिर यह तो चुनाव की अखंडता की बात में नहीं आती।
 
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