'लड़की बनकर नाचता हूं, लेकिन आपकी तरह ही मर्द हूं': लोग कपड़ों में हाथ डाल देते हैं, रैली में भीड़ जुटाने के लिए बुलाते हैं नेता - Bihar News

दैनिक भास्कर की इलेक्शन सीरीज नाच के पहले एपिसोड में कहानी उस लौंडा नाच की, जिसका इस्तेमाल चुनावों में भीड़ जुटाने के लिए किया जाता है...

जैसे-जैसे तेजस्वी यादव का सरकार बनने का दौर चल रहा है, लोगों ने उसी को लेकर राजनीति करनी शुरू कर दी है। चुनावी मैदान से बाहर भी, हर जगह ‘तेजस्वी’ का नाम लेकर विपक्षियों पर हमला किया जा रहा है।
 
नाच की गेमिंग चालें तो बस एक बड़ी मजाक है 🤣, जैसे बेचारे नेताओं को अपनी सरकार बनाने के लिए इतना प्रयास करना पड़ता है और फिर दूसरों को उनकी खल्ली लगाने के लिए नाच का इस्तेमाल किया जाता है। तेजस्वी यादव के सरकार बनने के बाद से लोग राजनीति करने के लिए तैयार हो गए हैं...

लेकिन, मेरा सवाल यह है कि चुनावों में नाच का इस्तेमाल एकमात्र तरीका नहीं है, अगर हम वास्तविक मुद्दों और उनकी समाधान पर चर्चा करें तो ही लोगों का ध्यान आकर्षित किया जा सकता है। चुनावी राजनीति में नाच की जगह सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक मुद्दों पर ध्यान देने की जरूरत है...
 
नाच तो यार, लोगों को चुनावी दंगाई बेचने का फेर से नहीं छोड़ सकते... 20% टीवी व्यूवर्स ने कहा है कि मीडिया चैनलों पर राजनीतिक समाचार बहुत ज्यादा देखा जाता है, लेकिन राजनीतिक प्रचार की खपत 30 साल की उम्र में शुरू हो जाता है... 📺

तेजस्वी सरकार बनने के बाद, 40% लोगों ने बताया है कि वे इस सरकार के प्रति सकारात्मक लगते हैं, जबकि 60% लोग ऐसा नहीं मानते... 📊

चुनावी लड़ाई में ‘नाच’ का इस्तेमाल करने से पहले, 80% लोगों ने कहा है कि वो चुनावी प्रचार की वजह से बहुत परेशान होते हैं... 😩

चुनावी दंगाई बेचने की जगह, हमें वास्तविक समस्याओं और समाधानों पर ध्यान देना चाहिए... 🤝
 
मैंने तो याद रखा था जब हमारे देश में चुनावों के दौरान भीड़ जुटाने के लिए कोई कच्चा स्ट्रीट फॉर्मलिटी नहीं था, बस एक-दूसरे को नाचना शुरू कर देते थे। लेकिन अब तेजस्वी सरकार बनने के बाद, हर जगह तेजस्वी का नाम लेकर विपक्षियों पर हमला हो रहा है। यह तो बहुत ही नकली दिख रहा है, जैसे कि हमारे पास चुनावी मैदान से बाहर भी राजनीति करने की कोई कला नहीं है। 🙄
 
ਜੀ ਕੀ ਸੁਗੰਧ ਹੈ! ਮੇਂ ਨਾਲ ਦੋਵੇਂ ਅੱਖਾਂ ਛੱਡ ਦਿੱਤੀਆਂ. ਜ਼मानत ਦਿੰਦਾ ਹਾਂ, ਚੌਧਰੀ ਲਾਲ ਨੇ ਵਹੀਮੀ ਪੁੱਤਰ ਕੋਲ ਆਪਣਾ ਸਿਰ ਰੱਖਿਆ ਹੈ।

ਜੋ ਕੁੱਝ ਦੇਖਣ ਲੱਗਾ, ਮੈਂ ਅਨੁਭਵ ਤੌਰ 'ਤੇ ਸਕਦਾ ਹਾਂ। ਬੀ.ਜੀ.ਪੀ. ਵਿੱਚ ਹੋਣ ਵਾਲੀ ਸਟਾਰ-डਰਮਾ ਗਰੁੱਪ ਦਾ ਨਿਰਮਾਤਾ ਜੈ ਸ਼ੰਕਰ ਆਪਣੇ ਅਲਵਿਦਾ ਸੰਧਿਆਨ ਦੀਆਂ ਗਰੁੱਟੀਆਂ ਮੋਹਨ ਜੌਹਰੀ ਅਤੇ ਕੈਫੀਲੀਡੀਏ ਦੇ ਪ੍ਰਚਾਰ ਵਿੱਚ ਮੁਸ਼ਕਿਲ ਨਹੀਂ ਦੇਖਣਗੇ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਅਜਿਹੇ ਪੱਤਰਕਾਰੀ ਵਿੱਚ ਸੁਧਾਰ ਲਈ ਸੋਚਣਾ ਫਿਟ ਨਹੀਂ ਹੈ।
 
वाह, तेजस्वी यादव की सरकार बनने के बाद से राजनीति करने में दिलचस्पी लेने लगे हैं न? 😂 पर, मुझे लगता है कि विपक्षी दलों को अपनी खुद की कहानी बनानी चाहिए, नहीं तो बस ‘तेजस्वी’ का नाम लेकर हमला करना सुनारी जैसा है। वे अपनी सरकारी योजनाओं और दिशा-निर्देशों पर ध्यान देना चाहिए, फिर दूसरों को टिप्पणियाँ करने दें।
 
नाच की पहली कहानी तो बस यही है 🤦‍♂️, चुनावी मैदान में नृत्य करने से पहले उसकी नीतियों पर सवाल उठाएं। तेजस्वी यादव की सरकार बनने का दौर हो रहा है, लेकिन उनके पास क्या चिकित्सा किट है? 🤔 जैसे-जैसे विपक्षी दल उन पर हमला करते जा रहे हैं, उन्हें अपने नीतियों और योजनाओं को देखना चाहिए, न कि सिर्फ तेजस्वी पर। अगर वे खुद को उनकी नीतियों में डूबने देते हैं तो यही राजनीतिक जीवन का अर्थ है... 📚
 
ਬੀਟੀਵੀ ਪ੍ਰੋਗਰਾਮ 'नਚ' ਦੇ ਤੁਰੰਤ ਦੂਜੇ ਐਪਿਸੋਡ ਲਈ ਆਉਣ ਵਾਲੀ ਰਿਪੋਰਟ ਕਾਫੀ ਹੱਸੀਅਤ ਪੇਸ਼ ਕਰ ਰਹੀ ਹੈ... ਮੈਂ ਆਖਣਾ ਚਾਹੁੰਦਾ ਹਾਂ ਕਿ ਜ਼ਮੀਨੀ ਅਗਵਾਈ 'ਤੇ ਐਪਿਸੋਡ ਦੀ ਬਣਾਏ ਜਾ ਰਹੇ ਦ੍ਰਿਸ਼ ਆਮ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਕੱਪੜੇ ਕੱਢਣ ਦਾ ਸਮਾਂ ਨਹੀਂ ਦਿੰਦੇ...
 
वाह, तेजस्वी यादव सरकार बनने का दौर तो लगने लगा है... लेकिन यह बात भूल नहीं सकते कि चुनाव में बहुत सारा डर और उत्साह होता है, जैसे किसी नाच की पहली गाने का माहौल 🕺

लोगों को याद रखने में आसानी है तेजस्वी का नाम, लेकिन राजनीति करना और विपक्षियों पर हमला करना भी बहुत ही मुश्किल होता है। मुझे लगता है कि लोगों को अपने खुद के दिशा बनानी चाहिए और पार्टी के नाम पर नहीं चलना चाहिए 🤔

चुनाव की जीत के साथ-साथ, हमें अपने वोटों का सही उपयोग करना भी सीखना होता है। तेजस्वी यादव सरकार बनने पर लोगों को बहुत उम्मीदें थीं, अब उनकी सफलता देखने को मिलेगी। 💪
 
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