मैंने देखा है कि युवाओं को आतंकवादी जैसे शब्दों में फंसाया जा रहा है, लेकिन ये बात सच नहीं है। पूर्व कश्मीर में पहलगाम में 22 अप्रैल को ऐसा हाल हुआ था, जहां लोगों की जान गई और बचे हुए लोगों से कहा गया कि वे इस हमले का संदेश पहुंचाएं। यह सच है कि आतंकवादी हर जगह होते हैं, लेकिन हमें उन्हें सुलझाने का तरीका नहीं ढूंढ पा रहे हैं।
मुझे लगता है कि हमें अपने देश में शिक्षा और रोजगार के अवसरों की बात करनी चाहिए, ताकि लोगों को ऐसे पथ पर चलने की जरूरत न हो। हमें अपने युवाओं को अच्छी शिक्षा देनी चाहिए और उन्हें रोजगार के अवसर देने चाहिए, ताकि वे आतंकवाद में नहीं पड़ें।