मानसून विदा, फिर कहां से आ गई इतनी बारिश: अगले 4 दिन में 15 राज्य भीगेंगे; बेमौसम बरसात का फसलों और सर्दी पर क्या असर

देश भर में इतनी बारिश, अगले 4 दिनों में कैसा रहेगा मौसम?

मानसून विदा, फिर कहां से आ गई इतनी बारिश?


बादल छाए हैं या हल्की सी मद्धम बारिश हो रही है। 90% भाग में ऐसा ही है, इस दिन मौसम विभाग का कहना है कि अगले चार दिनों में 15 राज्य भीगेंगे।

इस बेमौसम बरसात से फसलों पर क्या असर पड़ेगा?


अगले 4-5 दिनों में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात में तेज बारिश होगी।

इस बेमौसम बरसात से ज्यादा नुकसान चने की फसलों को पड़ेगा। यहां ट्रेंड है कि जब अच्छी बारिश होती है, तब किसान चने की फसल में ज्यादा लगाते हैं और जब कम बारिश होती है तो गेहूं की।

इस साल बेमौसम बरसात से झांसी में धान की कटाई के दो-तीन दिन बाद भी फसल खेतों में पड़ी हुई है। अगर स्टोरेज सुविधा नहीं होगी तो इस तरह की स्थिति होने पर खेती में कमी आने की संभावना है।

इस बार ला-नीना के चलते वैसे ही ज्यादा ठंड पड़ने का अनुमान है। नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन ने कहा है कि अक्टूबर से दिसंबर के बीच ला-नीना के बनने की 71% संभावना है, जबकि दिसंबर से फरवरी में इस संभावना 54% रहेगी।
 
मौसम विदया तो बिल्कुल! 4 दिनों में इतनी बारिश क्या करेगी, न कोई खुशियाँ और न ही कोई शाम। जैसे ही बादल छाए हैं हमारे पास सूखे फसलों का डर बढ़ गया। चने की फसलें सबसे ज्यादा परेशान हो गईं, खेतों में पानी पड़ने से धान की कटाई भी पहले से ही बुरी तरह जल गई।

ला-नीना की वजह से फिर से ठंड पड़ सकती है, तो चिंता बढ़ जाती है। 71% संभावना तो खिलखिलाती है! 🤯 मौसम विभाग से कहीं न कहीं गहराई से पता नहीं चलेगा। क्या आगे कोई राहत आएगी, या फिर जीवन पल्लू बन जाएगा? तो देख लें, और शायद हमें सीखने का मौका भी मिले। 🌂
 
मौसम विदाई, लेकिन मुझे लगता है कि 15 राज्यों में तेज बारिश होने से फसलों पर नुकसान नहीं होगा, बल्कि इससे खेती में अच्छा बदलाव आ सकता है। जैसे जैसे लोग चने की फसलों में अधिक लगाते हैं, वैसे वैसे उन्हें कम बारिश होने पर गेहूं की कीमतें बढ़ जाती हैं।

और यह ला-नीना संबंधी बात, तो मुझे लगता है कि इससे हमारे देश के जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। तो फिर इसके बजाय हमें जलवायु परिवर्तन से निपटने की तरीकों पर विचार करना चाहिए, न कि इस बेमौसम बरसात के नुकसान पर ध्यान देना।

और ये तो बस एक सोच विचार है, मुझे लगता है कि इस बीच हमें अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए तैयार रहना चाहिए।
 
बारिश तो एक पक्षी की तरह आती है और जाने क्या होता है। कभी पिया जाता है, कभी नहीं।

अब फिर सोचें, क्यों हुआ इतनी बारिश? क्या मौसम विभाग ने सही सूत्रों पर भरोसा किया या ला-नीना की कहानी तो कुछ और है। हमें यह नहीं पता कि आगे क्या होगा, लेकिन यह जरूर है कि आने वाले चार दिनों में पेड़-पौधों को जीवन से भरने की बात कही जाए।

यह तो हमारी खेती पर बहुत बड़ा असर पड़ेगा। अगर फसलों का ध्यान रखा जाए, तो यह सब स्थिति अच्छी होगी, लेकिन अगर इसे गलत समझा जाए तो बहुत नुकसान हो सकता है।
 
मौसम विभाग को लगता है तेज़ बारिश आने का फायदा भारतीयों को क्या होगा, खेती से नहीं लेकिन देश भर में तैराकी करने का। सबकुछ अच्छा होने के बजाय, चने और अन्य फसलों पर नुकसान होने की बातें तो ठीक हैं लेकिन पेड़ों से जुड़े त्वचा के रोगों में सुधार देखने को नहीं मिल रहा।
 
मैं देश भर में इतनी बारिश की बात करने का मन नहीं कर रहा था, लेकिन जब यह बात आती है तो मुझे लगता है कि इससे फसलों पर बहुत बड़ा असर पड़ेगा। मैंने पिछले साल भी ऐसा देखा था जब अच्छी बारिश के कारण फसलें बढ़ गईं, लेकिन इस बार तेज बारिश होने से चने की फसलों पर बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है। मुझे लगता है कि इस दौरान खेती में कमी आने की संभावना है, खासकर अगर स्टोरेज सुविधा नहीं होती।
 
मानसून विदा, तो यह सच में बहुत बड़ा बदलाव आ गया है! 😊 बारिश में इतनी उत्साहित हो जाते हैं, लेकिन फिर भी इतनी ज्यादा बारिश कैसे हुई? 🤔 फसलों पर असर पड़ने से नुकसान होना तो साफ़ है, लेकिन इसके लिए हमें जिम्मेदार नहीं बनना चाहिए। 🙏

किसानों की दखल लेने की जरूरत है और सरकार की मदद मांगनी चाहिए। फसलों को बचाने के लिए सभी को मिलकर काम करना चाहिए। 😊 अगर स्टोरेज सुविधा नहीं होगी, तो फिर भी हमें खेती में कमी आने की संभावना नहीं देनी चाहिए। 🌾

ला-नीना की बात करें, तो यह सच में गंभीर है। 😬 पूरे देश में इतनी ठंड पड़ने की संभावना है, इसलिए हमें अपनी जिंदगी को बदलने की जरूरत है और जलवायु परिवर्तन के बारे में जागरूक रहना चाहिए। 🌟
 
मौसम का क्या हाल? तो इतनी बारिश हुई क्यों? मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरे शहर में इतनी भीगी हुई। ली-नीना कैसे होती है? मैं समझ नहीं पाया कि 71% चीज़ जो होती है वह तो 100% न होने का क्या मतलब?
 
🌨️😒🌪️

💦मौसम विद्युत है यार, फिर कहां से इतनी बारिश आ गई?

🤔बादल छाए हैं या हल्की-फुलकी मद्धम बारिश कर रही है? 🌫️

💧चने की फसलें तो जलती रहती हैं और गेहूं की तो मिलने मिलने? 😂

🚨झांसी में धान की कटाई के दो-तीन दिन बाद भी फसल खेतों में पड़ी हुई है? 🤯

👀ला-नीना के चलते ज्यादा ठंड पड़ने का अनुमान है? ❄️
 
मौसम विद्युत को फिर से छूता है! लाइफ जीता है 🤪। यह बारिश इतनी तेज़ है कि मैंने भी अपनी खिड़की बंद कर दी हूँ। 15 राज्यों में बेरसात, यह बहुत बड़ी समस्या है। किसानों को फसल खत्म होने से पहले इस तरह की बारिश तो नहीं आई, यह सवाल हमेशा उठता रहता है 🤔

कोई कह रहा है कि चने की फसल पर सबसे ज्यादा नुकसान होगा, लेकिन मैं सोचता हूँ कि गेहूं की फसल पर भी बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ेगा। इससे पहले जब अच्छी बारिश होती थी, तो किसान चने की फसल में लगाते थे, लेकिन अब यह तो गेहूं पर आधारित हो गया है 🌾

इस ला-नीना की वजह से और ठंड पड़ने का अनुमान है, लेकिन मैं सोचता हूँ कि इससे पहले भी बेमौसम बरसात होती थी। अब तो हमें फिर से इस तरह की स्थितियों से निपटना पड़ेगा।
 
बारिश इतनी ज्यादी हुई तो फसलों पर अच्छा होगा, लेकिन किसान को खुद काम करना पड़ेगा। अगर बारिश और ठंडा रहते तो किसान अपनी ट्रेंड से आगे बढ़ सकते हैं। 🌂
 
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