दो दशकों से लड़ी गई, फिर अंत में नागरिकता मिल गई... तो यह अच्छा है? लेकिन क्या ये हमारी सरकार की जिम्मेदारी नहीं थी? क्या हमने उनके लिए सब कुछ कर दिया? पूनम की कहानी सचमुच उदासीन करती है। उसके परिवार ने इतना संघर्ष किया, फिर भी... जैसे ही दस्तावेज मिलेंगे, तो वह अपने आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र और पासपोर्ट के लिए आवेदन करने की योजना बना रही है। लेकिन क्या उसके पास अब भारतीय नागरिकता मिलने से उसकी जिंदगी में बदलाव आएगा?
बेटी, यह बात बहुत अच्छी है! पूनम जी ने दो दशकों तक कड़ी मेहनत करके अपने सपने को पूरा किया है। हमें तो जरूरत नहीं थी और भी ज्यादा प्रोत्साहन, खासकर जब भारत सरकार ने 2017 में विदेशी नागरिकों को भारतीय नागरिकता देने का फैसला किया था। आजकल तो भारत हमेशा विश्व में एक सुरक्षित और समृद्ध देश होने की ओर बढ़ रहा है