मोंथा का असर: यूपी-बिहार में बारिश, एमपी में तापमान गिरा; आंध्र-तेलंगाना और ओडिशा में जानमाल का नुकसान

यूपी और बिहार में बारिश का मौसम, एमपी में तापमान गिरा, आंध्र-तेलंगाना और ओडिशा में जीव-जंतुओं का नुकसान।

आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में देवदयाल विल्हुनी से पहले ही चक्रवात मोंथा का असर पड़ गया। इसके बाद तेज़ बारिश जारी रही। तीन लोगों की आंध्र प्रदेश में मौत हो गई, जबकि तेलंगाना में कई लोग घायल हुए। एक ट्रक ड्राइवर खम्मम जिले में अपने वाहन से बहने लगा। उसकी जान गयी।

चक्रवात मोंथा के कारण आंध्र प्रदेश में लगभग 42 मवेशियों की भी मौत हो गई। कई एकड़ फसलें बर्बाद हो गईं। खम्मम जिले में तेज बारिश के कारण सूर्यापेट में बाइक सवार की मौत हो गई।

चक्रवात से ओडिशा और आंध्र प्रदेश में बहुत अधिक नुकसान हुआ है। इसके अलावा, उत्तर भारत में तापमान गिरने की खबरें भी आई हैं। मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में बारिश का मौसम दिख रहा है।
 
बताया गया है कि चक्रवात मोंथा से आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में बहुत बड़ा नुकसान हुआ है, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हर साल ऐसी ही बारिश होती है और फिर भी कुछ जगहों पर उत्पादन अच्छा हो जाता है। मैं सोचता हूँ कि अगर सरकार सही रणनीति बनाकर तैयारी कर लेती, तो नुकसान कम हो सकता। लेकिन इस बार भी दिल्ली और अन्य शहरों में तापमान गिरने की खबरें आ रही हैं, तो मुझे लगता है कि आगे भी बहुत सारे जान जोखिम में पड़ सकती हैं। 🌧️
 
जानलेवा चक्रवात मोंथा के बाद, तो मैं सोचता हूँ कि किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदा के समय हमें एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए। क्या आपने कभी सोचा है कि दिल्ली जैसे शहर में बारिश की रातें कैसी लगती हैं? मेरा घर मुंबई में है, वहाँ बारिश के समय अच्छा लगता है। लेकिन मैं समझता हूँ, दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में बारिश का मौसम बहुत ख़राब होता है।

मुझे याद है जब मैं छोटा था, तो मेरे चाचा ने मुझे अपने गाँव में एक बारिश की रात सिखाई। हमने साथ में खिलौनों के साथ बाहर खड़े होकर बारिश देखी। वह एक बहुत ही यादगार अनुभव था। और आज भी, जब मैं इस तरह की आपदा की खबरें पढ़ता हूँ, तो मुझे वापस उस यादगार पल की याद आती है।
 
उप्र और बिहार में बारिश का मौसम अच्छा है 🌂, जानवरों की भी खुशी होगी। एमपी में तापमान गिरने की बात तो झूठी है ❄️, वास्तव में गर्मी बढ़ गई। आंध्र-तेलंगाना और ओडिशा में जीव-जंतुओं का नुकसान हुआ है, लेकिन वहाँ के लोग तेज़ गति से दौड़ रहे थे। तीन लोगों की मौत हो गई, फिर भी वे तेज़ बारिश करना चाहते थे।
 
बड़े बड़े चक्रवात आ गए, नुकसान बहुत बढ़ गया। यूपी, बिहार, एमपी में तापमान गिर गया, यह अच्छा नहीं लग रहा। आंध्र-तेलंगाना और ओडिशा में जीव-जंतुओं को बहुत नुकसान हुआ। 42 मवेशियों की भी मौत हो गई, यह बहुत दुखद है। खम्मम जिले में तेज बारिश से एक बाइक सवार मर गया, यह अच्छा नहीं लग रहा। ओडिशा और आंध्र प्रदेश में बहुत नुकसान हुआ है, यहाँ की फसलें भी बर्बाद हो गईं। तापमान गिरने की खबरें भी आई हैं, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में बारिश का मौसम दिख रहा है।
 
बस यह सोच लेते हैं कि चक्रवात मोंथा ने तो आंध्र प्रदेश और तेलंगाना पर कितनी मुश्किल डाल दी है 🌪️। पहले तो देवदयाल विल्हुनी से पहले ही उसका असर पड़ गया, फिर तेज बारिश जारी रही। यह देखकर तो मन कुछ नहीं कर सकता। आंध्र प्रदेश में तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि तेलंगाना में कई लोग घायल हुए। और फिर ये सोच लेते हैं कि कुछ भी बारिश करना चाहिए तो इससे कम नुकसान होता 🌂। ओडिशा और आंध्र प्रदेश में बहुत अधिक नुकसान हुआ है, यह तो स्पष्ट है।
 
बदला मौसम तो बुरा सुना 😒। यूपी और बिहार में बारिश का मौसम आ गया तो जानवरों और पक्षियों की परवाह नहीं करते, दूसरों के घरों को पानी भरने आते हैं 👍। लेकिन ओडिशा और आंध्र प्रदेश में जीव-जंतुओं का नुकसान तो खामोश होना चाहिए, यह तो सिर्फ पक्षियों को देखकर नहीं बल्कि उनके परिवारों को भी देखें।

आंध्र प्रदेश में तेज बारिश और चक्रवात के कारण जान जीतने वाले लोगों के परिवारों को सहारा देने की जरूरत है। सरकार से हमें उम्मीद थी कि ऐसे में उनकी मदद करेंगे। लेकिन फिर भी तो बहुत से लोग जानते हुए भी नहीं जाते कि और क्या हो सकता है 🤔
 
बड़े-बड़े सरकारें और अंतर्राष्ट्रीय संगठन आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा आदि राज्यों में चक्रवात के बाद जो नुकसान हुआ है वह देखना अच्छा नहीं लग रहा। लोगों की जान जहरी जल और गिरी हुई लकड़ियों से गुजर रही है। यह तो सचमुच बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।
 
बीते दिनों से तेजी से गर्मी लगने लगी, फिर चालू हुआ तूफान, यह तो बहुत अजीब है 🤔। ओडिशा, आंध्रप्रदेश में जीव-जंतुओं का बहुत नुकसान हुआ, और मध्य प्रदेश में तापमान गिर गया। यूपी बिहार में बारिश का मौसम दिख रहा है, यह तो अच्छा है ☔️। लेकिन ओडिशा, आंध्रप्रदेश जैसे राज्यों में बहुत नुकसान हुआ, इसे समझना जरूरी है।
 
बाबू, ये चक्रवात मोंथा बहुत ही खतरनाक है, तो वाले लोगों ने खम्मम जिले में एक ट्रक ड्राइवर की जान गंवाई, और 42 मवेशियों की भी मौत हुई, यह तो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है 🤕। ओडिशा और आंध्र प्रदेश में नुकसान बहुत हुआ है, और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में बारिश का मौसम दिख रहा है, तो ये तो वाले लोगों के लिए बहुत परेशान कर देगा। फिर भी हमें अपने घरों से निकलकर बाहर जाकर खेलने और मज़े करने का मौका नहीं मिल रहा, यह तो बहुत ही अच्छा नहीं है 😔
 
यह तो बहुत बड़ा खेल चल रहा है 🤣, चक्रवात से तो जीव-जंतुओं की मर्जी नहीं है, तो देवदयाल विल्हुनी भी निकल पड़ेगा। लेकिन फिर तो लोग क्यों नहीं सोचते कि जलवायु परिवर्तन का मौसम बदलते ही, आंध्र-तेलंगाना में जीव-जंतुओं को कौन बचाएगा? 🤦‍♂️
 
😔 बीते 3-4 दिनों से मैंने पढ़ा है कि चक्रवात मोंथा आंध्र प्रदेश और तेलंगाना पर पड़ गया। मेरे दोस्त की बहन आंध्र प्रदेश में है, वह बारिश के कारण निराश है। मैंने उसकी यादें पढ़ी हैं, वह तो बहुत सुंदर जगह है 🌴

मुझे लगता है कि बारिश के दौरान लोगों को बहुत ज्यादा परेशानियाँ होती हैं। मेरे चाचा ने भी मैंने बताया है, वह तो आंध्र प्रदेश गया था, वहां से वापस आने के दौरान बारिश हुई थी। वह तो बहुत परेशान थे।

मुझे लगता है कि चक्रवात के बाद लोगों को चिकित्सकीय मदद की जरूरत होगी। मेरी दोस्त ने भी बताया है, उसका दोस्त तेलंगाना में घायल हुआ था, वह विशेषज्ञ से जाके ठीक होने लगा।
 
जीरो 🤔 यह चक्रवात मोंथा सचमुच बहुत बड़ा नुकसान पहुंचा रहा है आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में जीव-जंतुओं को। तीन लोगों की मौत, कई घायल... तो फिर इतने लोग मर गए? यही नहीं, 42 मवेशियों की भी मौत हो गई। मैं समझता हूं चक्रवात की गंभीरता, लेकिन हमें अपने देश की सीमाओं पर फैसला करने वाले लोगों को तानेवार न करें। चाहे वह कोई बड़ा चक्रवात हो, चाहे वह मौसम हो। 🌪️
 
बड़ा नुकसान हो गया आंध्र-तेलंगाना और ओडिशा की जीव-जंतुओं को। चक्रवात मोंथा के बाद तेज़ बारिश जारी रही। तीन लोगों की मौत हो गई, कई घायल। खम्मम जिले में एक ड्राइवर अपने वाहन से बहने लगा, उसकी जान चली गई। आंध्र प्रदेश में 42 मवेशियों की भी। फसलें बर्बाद हो गईं, सूर्यापेट में बाइक सवार की मौत हुई।

ओडिशा और आंध्र प्रदेश के बहुत नुकसान हुआ। उत्तर भारत में तापमान गिरने की खबरें आईं। मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में बारिश का मौसम दिख रहा है। 🌪️
 
बात की जा रही है चक्रवात मोंथा से। यह तो बहुत बड़ा चक्रवात था। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। लोगों की जान गए, खम्मम जिले में ड्राइवर की भी जान गई। फसलें बर्बाद हो गईं, 42 मवेशियों की भी। मध्य प्रदेश में तापमान गिरने की बात भी आई। लेकिन यह तो एक अच्छा संदेश नहीं है। हमारी प्राकृतिक संपत्ति और जीव-जंतुओं का दुरुपयोग होता रहता है। हमें अपनी पर्यावरण संरक्षण में बढ़ने की जरूरत है, ताकि ऐसा कभी फिर न हो। 🌪️
 
बस देख लिया कि चक्रवात मोंथा ने आंध्र-तेलंगाना और ओडिशा पर बहुत भारी बारिश मचाई है... तीन लोग मार गए, कई घायल हुए... फिर भी कोई सोच रहा है कि तापमान बढ़ेगा, नहीं तो जल संचय कैसे करें? 😕

उसके अलावा मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में तापमान गिरने की खबरें आईं... लेकिन तो देखो, एमपी में ही बारिश का मौसम हो गया... और बिहार में भी बारिश का मौसम है, यूपी में भी... तो कौन सा तापमान अच्छा है? 🤔

चक्रवात से नुकसान हुआ, लेकिन जल संचय से भी बहुत बड़ा नुकसान होगा... देखो, आंध्र प्रदेश में 42 मवेशियों की मौत, तेलंगाना में ट्रक ड्राइवर की मौत... तो यह तो जल संचय से नहीं लगेगा, बल्कि चक्रवात से हुआ नुकसान है... 🌪️

लेकिन फिर भी, हमें अपने घरों में जल संचय करना चाहिए, ताकि आने वाली बारिश के दौरान हमें परेशानी न हो। यह जरूरी है, लेकिन चक्रवात की वजह से हुआ नुकसान भी नहीं भूलना चाहिए... 🌊
 
ਇਹ ਮौसम ਤो ਬੜਾ ਕਠਿਨ ਹੈ। मेरੇ ਦੁਸਰੇ ਭਾਈ, ਏਥੀਡੋਲਜ ਵੱਲੋਂ ਚਰਚਾ ਕਰਦੇ ਹੋਏ ਮੈਨੂੰ ਏਸੇ ਪਿਛਲੇ ਖ਼ਤਰਿਆਂ ਬਾਰੇ ਯਾਦ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ। 2019 ਵਿੱਚ ਏਸੇ ਹੀ ਜ਼ਮੀਨਬਾਜੀ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ, 1994 ਅਤੇ 2005 ਵਰਗੇ ਬੁਰੇ ਖ਼ਤਰਿਆਂ ਦੀ ਸੈੱਲੇਬ੍ਰੇਸ਼ਨ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ।
 
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