नूंह के डॉक्टरों का आतंकी कनेक्शन: हिरासत में लिए तीनों डॉक्टरों का अल-फलाह यूनिवर्सिटी से नाता; ब्लास्ट के दिन दिल्ली में था डॉ. मुस्तकीम - Nuh News

नूंह में हुए ब्लास्ट के सिलसिले में अब तीन डॉक्टरों को हिरासत में लेकर आई सुरक्षा एजेंसियां, उन पर कई सवाल उठाने वाली साजिश रच रही हैं। इसके अलावा 5वीं नूंह के सुनहेड़ा गांव में रहने वाले डॉक्टर उमर से आतंकी कनेक्शन साबित होते जा रहे हैं।

नेशनल इन्टेलिजेंस एजेंसी (एनआईए) ने अभी से तीनों डॉक्टरों को हिरासत में लिया है। इनमें 3 डॉक्टर उमर, मुस्तकीम और मोहम्मद शामिल थे। इस तीनों की जांच में दिल्ली पुलिस, एनआईए और फरीदाबाद क्राइम ब्रांच भी लगाई है।
 
भवाई, ये सुनकर बहुत चिंता में आया 🤔। नूंह में जो ब्लास्ट हुआ तो इसके पीछे कौन सी साजिश थी, यह तो हमेशा से लोगों को सवाल उठाने वाली है । लेकिन अगर यहां तीन डॉक्टरों पर हिरासत में लेने की बात सच है, तो यह तो बहुत बड़ी चुनौती है। क्या ये तीन डॉक्टर नूंह के गांव सुनहेड़ा से जुड़े थे? और उनके साथ आतंकी कनेक्शन कैसे साबित हो रहा है? मुझे लगता है कि यह जांच बहुत धीरे-धीरे चलनी चाहिए ताकि कोई भी गलत निर्णय न लिया जाए ।
 
ब्लास्ट के सिलसिले में फिर एक और रोडमैप बदलने वाला मामला आया। यार तो यह तीन डॉक्टरों की नज़रत पूरी तरह से अजीब लग रही है। पहले से यह बात सच है कि नूंह के जहरीले खिलाड़ियों पर काबू करना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन तीन डॉक्टरों को हिरासत में लेकर आई सुरक्षा एजेंसियां, यह तो एक रेस्टार्ट या फिर एक खेल है जिसमें हम देखने वाली हैं।

अब सवाल यह है कि इन तीन डॉक्टरों के पीछे क्या सच्चाई है? आतंकी कनेक्शन साबित होते जाने पर यह तो पूरी तरह से एक बड़ा मुद्दा बन गया। और अगर ये तीन डॉक्टर भ्रष्टाचार में फंस गए हैं तो उन्हें सजा देनी चाहिए। लेकिन अगर वास्तव में आतंकवादी संबंध हैं तो हमें उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। यह एक बड़ा सवाल है जिसका जवाब अभी तक नहीं मिला है।
 
मुझे लगता है कि सुरक्षा एजेंसियों ने इस पर बहुत जल्दी कदम उठाए, लेकिन शायद अब उनकी विशेषज्ञता में कमी आई हो... अरे, नहीं, मैं गलत कह रहा था, अगर उन्होंने तो सही तरीके से जांच की तो यार फिर से हमेशा खुलासे कर देते। लेकिन फिर, क्या यह निश्चित है कि ये डॉक्टर आतंकवादी से संबंधित नहीं हैं? मुझे लगता है... नहीं, मैं सोच रहा था कि शायद वे नशीली दवाओं से जुड़े हों। और फिर, क्या यह एक बड़ी साजिश है? नहीं, मैं कह रहा था कि शायद यह एक अच्छा मौका है सुरक्षा एजेंसियों को नए नियम बनाने के लिए... अरे, यार, मुझे लगता है कि मैं सोच रहा था। 🤔
 
ये तो बहुत ही चिंताजनक बातें है... आतंकी कनेक्शन साबित होते जा रहे हैं तो यह तो बहुत बड़ा मुद्दा है... नूंह में हुए ब्लास्ट के सिलसिले में अब तीन डॉक्टरों को हिरासत में लेकर आई सुरक्षा एजेंसियां, यह एक अच्छी बात है जैसे तुरंत कार्रवाई की जा रही है... लेकिन यह भी ध्यान रखना चाहिए कि सब कुछ समय पर पता चलेगा, इसलिए हमें सोच-समझकर आगे बढ़ना चाहिए... 🤞
 
ब्लास्ट के सिलसिले में डॉक्टरों पर फोकस करना थोड़ा अजीब लगता है... ये तो आतंकवाद के खिलाफ लड़ने वालों के लिए बहुत जरूरी है, लेकिन यह सवाल उठने वाली साजिश क्या है? आंदोलन के दौरान फंसे लोगों को सही तरीके से पूछताछ करना और उन्हें मदद करना चाहिए... जैसे कि टीवी पर देखा करता है 'रॉकवेस' सारा अब्बासी की तारक मीना फिल्म में वह खुद एक ऐसे आतंकवादी की भूमिका निभाता था, लेकिन वाकई तो उसके दिमाग में कुछ और ही जिद्दी थी...
 
बता क्या, ये दो डॉक्टर कितने साल से अस्पताल में ताला पकड़े रहे, चाहे घबराहट न हो, खुद पर आरोप नहीं था। क्यों तीन दिन में पकड़े जाते। और यह भी बिल्कुल सही नहीं कि डॉक्टर उमर से आतंकी कनेक्शन साबित होता जा रहा है, कोई जांच कर ले, तो यह सब ठीक से पता चलेगा, ऐसी तेज़ रफ्तार में बात करना नहीं चाहिए।
 
बस यह तो सरकार के खिलाफ साजिश का संदेह ही बढ़ गया। पहले तो यह मामला एक पुलिस अनुभवी अधिकारी की हत्या की जाँच कर रही थी, लेकिन फिर तो सुरक्षा एजेंसियों ने ध्यान में लेने लगे। यह तो सरकार के खिलाफ आरोप लगता है। क्या सचमुच उन्हें कोई कनेक्शन था?
 
नूंह ब्लास्ट का यह सब तो बहुत गंभीर है 🤕, लेकिन फिर से जब तक सच्चाई नहीं मिलती है तो सभी को ध्यान रखना चाहिए। डॉक्टर उमर की जांच में आतंकी कनेक्शन साबित होते जा रहे हैं? यह बहुत बड़ा सवाल है। मुझे लगता है कि इन सभी को फिर से जांचना चाहिए और उनके पास क्या-क्या है, इसकी भी जांच करनी चाहिए।
 
नूंह वाले घटना की बात सुनकर मुझे लग तो यही है कि निगमण्य पुलिस वाले खिलवाड़ कर रहे हैं। यारों को आतंकवादी कनेक्शन नहीं मिलेगा। लेकिन फिर भी इस बात पर ध्यान देना जरूरी है। क्या यह निगमण्य पुलिस वाला खलनायक नाम भी बनाय कर रखें? यह तो लोगों के मन में घुटने टेकने का माहौल बनाता है 🤔
 
नूंह ब्लास्ट के सिलसिले में अब यह बात अच्छी नहीं लगती 🤕। एक ओर तो डॉक्टरों पर आरोप लगाना चोट पहुंचा सकता है, दूसरी ओर अगर उनके पास कुछ गंभीर आतंकवादी कनेक्शन थे, तो साजिश रचने वालों को अच्छी तरह से पकड़ने में मदद मिल सकती है। लेकिन यह सब कैसे हुआ, इसकी जांच करना जरूरी है, लेकिन एक बात तो साफ है कि पुलिस और एनआईए पर थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए, खासकर जब डॉक्टरों के नाम सामने आते हैं। 🤔
 
नूंह में ऐसा घटनाक्रम नज़र आया तो बहुत बड़ा चिंताजनक है! लोगों के जीवन का हर विवरण सुरक्षा एजेंसियों को पता चल गया। अब तीन डॉक्टरों पर ध्यान देने लगी तो यहां तक कि उनके गांव में रहने वाले किसी भी और लोगों पर भी आरोप लगाने की चाल शुरू कर दी जा रही है। ऐसा लगता है कि अब नूंह से बाहर जाने वाले हर व्यक्ति को अपने पूरे जीवन का रिकॉर्ड पेश करना पड़ेगा। यह तेज गिरने वाली लहर सुनकर मुझे थोड़ा डरा हुआ है। :((
 
ये सब कुछ समझ में नहीं आता क्या? अगर डॉक्टर वास्तव में आतंकवादी से कनेक्टेड हैं तो क्यों उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए? शायद उनके पास कोई गुमनाम बीमारी थी जिसके लिए वे इलाज कर रहे थे। कुछ सवाल उठाएं और नजदीक से देखें, फिर ये सब क्या होता। तीनों डॉक्टर किस हालत में हैं? उनके परिवार को भी पता होना चाहिए।
 
नूंह में हुआ ब्लास्ट के बारे में सुनकर तो मुझे बहुत ज्यादा डर लगा 🤕। यह तो एक बड़ा आतंकवादी हमला है और इसके पीछे कुछ विशेषज्ञों की भी जरूरत होगी। लेकिन फिर भी तीनों डॉक्टरों को गिरफ्तार करने से पहले उन्हें अच्छी तरह से जांच लेना चाहिए। नूंह में सुनहेड़ा गांव में रहने वाले डॉक्टर उमर से आतंकी कनेक्शन साबित होते जा रहे हैं तो उनकी जांच कैसे कर सकते हैं। इसके लिए जरूरी होगी उन्हें अच्छी तरह से पूछने और सुनने की जरूरत हो।
 
तीनो डॉक्टर्स की क्या गड़बड़ी है? पहले सिर्फ एक डॉक्टर पर सबरूट कर दिया गया था, अब तीनों को पकड़ा लिया गया। यह तो बहुत बड़ा धामकार है 🤔। मुझे लगता है कि उन्हें यहां तक पहुंचाने वाली साजिश का पता नहीं चल पाया था कि किस तरह की बात करें और कैसे डॉक्टरों पर आरोप लगाएं। इसके अलावा, उमर साहब नूंह में रहते हुए भी आतंकवादी कनेक्शन क्या साबित करना चाहते थे? मुझे लगता है कि यह सब तो एक बड़ा जालसाज़ी है।
 
🤔 यह सब कुछ बहुत अजीब लगता है, पहले तो नूंह में हुए ब्लास्ट की जांच में सभी डॉक्टर साफ़-सफ़ा होते, फिर तुमने इन्हीं 3 डॉक्टरों पर आतंकवादी कनेक्शन का आरोप लगाना शुरू कर दिया... तो अब उन्हें पुलिस और एनआईए में ले जाना क्यों? 🚔 ये सब बहुत गंभीर लगता है, तुमने इन डॉक्टरों की छवि खराब की है...
 
नूंह से जो ब्लास्ट हुआ वह जरूर बहुत दुखद है 🤕। लेकिन जब हमें ऐसी गड़बड़ी का पता चलता है तो हमें सोचना होता है कि ऐसी चीजों के पीछे क्या मोटिवेशन है। क्या यह तो किसी व्यक्ति की गलती हुई या कुछ और? हमें खुद पर विचार करना होगा, क्या हमने अपने आसपास की स्थितियों को ध्यान में रखा था। अगर नहीं तो यह हमारी जिम्मेदारी है अपनी नज़रों उठाकर और समझने की कोशिश करनी।
 
क्या यह सच है कि सुरक्षा एजेंसियाँ डॉक्टरों पर ध्यान दे रही हैं? मुझे लगता है कि ये पूरा मामला गलत तरीके से समझा जा रहा है। कौन है उमर, मुस्तकीम और मोहम्मद जैसे डॉक्टर को उनके बारे में इतनी जानकारी? क्या वे आतंकवादी संबंधों में शामिल नहीं हैं? लेकिन फिर भी मुझे लगता है कि यह तीन डॉक्टर सचमुच अच्छे लोग हैं। उनके खिलाफ इतनी गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं तो उनकी साजिश रच रही है क्या? 🤔💔
 
बात तो यह तो साफ है कि नूंह में वाले घटना का अंदाज़ा नहीं लगाया जा सकता। तीनों डॉक्टर पर आतंकवादी कनेक्शन लेकर आई सुरक्षा एजेंसियों की हरकत तो एक तरफ़ और डॉक्टर उमर, मुस्तकीम और मोहम्मद जैसे व्यक्ति की गुमनामी दूसरी तरफ़ दिखाई दे रही है। नेशनल इन्टेलिजेंस एजेंसी ने तीनों डॉक्टरों को हिरासत में लिया है, लेकिन यह सवाल अभी भी उठता है कि वास्तव में उन्हें किस प्रकार से आतंकवादी कनेक्शन साबित होते जा रहे हैं। तो दिल्ली पुलिस, एनआईए और फरीदाबाड़ क्राइम ब्रांच की यह जांच कैसे हुई? क्या वास्तव में कोई सबूत है?
 
ये नूंह में हुए ब्लास्ट की साजिश हो सकती है... तीन डॉक्टरों पर हिरासत में लेना पूरा सही नहीं है, उनकी जांच करो तो बताएं कि वो आतंकी कनेक्शन से जुड़े हुए क्यों? 🤔 मुझे लगता है कि यह तो बस एक साजिश है जिसमें सुरक्षा एजेंसियां शामिल हैं। ये देश में इतने आतंकवादी तेजी से फैल रहे हैं और अब भी डॉक्टरों पर आरोप लगाने की बात क्यों कर रही हैं? 🚫
 
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