'NDA जीतेगा 160 सीटें', अमित शाह का बड़ा दावा, बोले- अवैध घुसपैठियों को अपना वोट बैंक मानता है

बिहार विधानसभा चुनाव की पूरी तैयारी, लेकिन अमित शाह ने एक बड़ा दावा किया है - नडीए 160 सीटें जीतेगा। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि अवैध घुसपैठियों को अपना वोट बैंक मान रहे हैं, लेकिन हम उनके मतदाता नहीं बनाएंगे।

उन्होंने नक्सलवाद की कमर टूट चुकी है, आत्मसमर्पण करने वालों के लिए पुनर्वास व कौशल कार्यक्रम चल रहे हैं। मोकामा हत्याकांड पर कहा गया है कि घटना गलत है, लेकिन आज अपराधियों को पहले जैसा राजनीतिक संरक्षण नहीं मिलता। बिहार में अब चर्चा अपराधों की नहीं, बल्कि पुल, सड़क और विकास परियोजनाओं की होती है।

शाह ने कहा है कि NDA चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ रहा है, और जनता 'जंगल राज' से बचना चाहती है। उन्होंने दावा किया है कि नडीए बिहार में 160 सीटें जीतेगी।

शाह ने यह भी कहा है कि बिहार में पलायन रोकने के लिए सरकारी नौकरी से ज्यादा स्वरोज़गार को बढ़ावा देना होगा। उन्होंने तेजस्वी यादव के 2 करोड़ नौकरियों वाले वादे को 'बजट के हिसाब से असंभव' बताया।

इस चुनाव में नडीए और महागठबंधन एक-दूसरे के साथ जंग खेल रहे हैं। लेकिन अमित शाह की बातों से यह सवाल उभरा है - अवैध घुसपैठियों को वोट देने का अधिकार नहीं है? क्या उन्हें नागरिकता प्रदान करने का मौका मिलेगा?
 
अमित शाह की बातें सुनने के बाद, मुझे लगता है कि इस चुनाव में सबसे ज्यादा सवाल यह है - अवैध घुसपैठियों को वोट देने का अधिकार है? ये सवाल हमेश से रहा है, लेकिन अब अमित शाह ने इसका प्रमुख चुनावी मुद्दा बना लिया है।

यह तय नहीं है कि अवैध घुसपैठियों को वोट देने का अधिकार है या नहीं। क्या हम इसे राजनीतिक संरक्षण के प्रयास में एक नया राजनीतिक उद्देश्य बना रहे हैं?

मुझे लगता है कि यह सवाल न तो वोटों की गुणवत्ता पर और न ही अवैध घुसपैठियों के अधिकार पर ध्यान देता है। इसके बजाय, चुनाव में जो चर्चा होनी चाहिए वह अपराधों से छुटकारा पाने, विकास और सामाजिक निर्माण पर होनी चाहिए।
 
तो देखो, ये सभी बातें ठीक हैं, लेकिन कुछ सवाल भी उठने चाहिए... क्योंकि मैं विश्वास करता हूं, जैसे ही हम बोलेंगे, वहीं पूरा प्रदेश भी बोलेगा। नडीए 160 सीटें जीतेगी, या नहीं, यह सब हकीकत हो सकती है, लेकिन क्या अवैध घुसपैठियों को वोट देने का अधिकार है? हमारी संविधान में किसी भी व्यक्ति को नागरिकता प्रदान करने का यह अधिकार नहीं है।
 
नडीए 160 सीटें जीतेगी यह तो जरूर होगी, भाई! अमित शाह जी की बातें सच्ची होंगी। हमारा देश बदल चुका है, नक्सलवाद कम हो गया है और आत्मसमर्पण करने वालों को पुनर्वास कराया जा रहा है। मोकामा हत्याकांड भी गलत था, लेकिन अब अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण नहीं मिलेगा। बिहार में पुल, सड़क और विकास परियोजनाओं पर चर्चा होनी चाहिए। तेजस्वी यादव जी के 2 करोड़ नौकरियों के वादे असंभव नहीं हो सकते। हमें अपने देश को बेहतर बनाने की हिम्मत मिले, भाई!
 
🤔 बिहार विधानसभा चुनाव से पहले अमित शाह ने बहुत बड़ा दावा किया है, लेकिन मुझे लगता है कि यह एक भ्रामक दावा है। 160 सीटें जीतना आसान नहीं है, खासकर जब बिहार में इतनी गरीबी और बेरोजगारी हो।

🚫 अवैध घुसपैठियों को वोट देने का अधिकार नहीं है, यह सच है। लेकिन नागरिकता प्रदान करने का मौका कैसे मिलेगा, जब पहले से ही हमारे देश में इतनी समस्याएं हैं?

🌈 मुझे लगता है कि चुनाव में वोट देने का अधिकार तो हर नागरिक का होना चाहिए, न कि अवैध घुसपैठियों को। और 2 करोड़ नौकरियां बनाने का वादा तेजस्वी यादव ने क्यों किया? बिहार में इतनी गरीबी है, लेकिन वह भी बिल्कुल आसान नहीं है।

🌱 चुनाव से पहले हमें अपने देश को साफ करना होगा, बेरोजगारी और गरीबी को खत्म करना होगा। और सरकारी नौकरी से ज्यादा स्वरोजगार को बढ़ावा देना होगा।
 
अरे, ये तो मजेदार बातें हैं अमित शाह की 🤣। जैसे की अवैध घुसपैठियों को वोट देने का अधिकार नहीं है, लेकिन मुझे लगता है कि सरकार ने पहले से ही उनके लिए नागरिकता का रास्ता तैयार कर दिया होगा। और 2 करोड़ नौकरियां तेजस्वी यादव का वादा था, लेकिन मुझे लगता है कि वो वादा अब सिर्फ एक मजाक बन गया है। और नडीए की 160 सीटें? यह तो बस एक दावा है, लेकिन मुझे लगता है कि वास्तविकता में सरकार को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
 
अरे, ये तो बहुत बड़ा सवाल है... अवैध घुसपैठियों को वोट देने का अधिकार नहीं है, लेकिन क्या हम उनकी नागरिकता की बात कर सकते हैं? यह तो एक बड़ा मुद्दा है। हमें सिर्फ पुलिस और सड़कों पर ध्यान देना चाहिए, न कि अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण देना। मैं नहीं समझता कि अमित शाह जी की बात में ऐसा मतलब है।
 
क्या मजाक है! अमित शाह जी हमेशा तो यही बोलते रहते हैं... उनका दावा 160 सीटें जीतेगी तो लोगों को मजाक नहीं मिल रहा है। कुछ दिन पहले तो उन्होंने कहा था कि पलायन रोकने के लिए सरकारी नौकरी से ज्यादा स्वरोज़गार को बढ़ावा देना होगा, लेकिन यह कहाँ तक काम आएगा? बिहार में तो शायद कोई भी ऐसा पियानो बजा सके जिससे पलायन रोका जा सके।
 
ਇਹ ਵੀ ਸਭ ਤੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਪਰਚ ਕੇ ਲੈਣਗੇ, ਨਾ ਕਿ ਅਕਸਰ ਇਹ ਕਹਿ ਕੇ ਦੱਸੋ। ਬिहਾਰ ਵਿਧਾਨ ਸਭਾ ਚੁਣਾਂ ਵਿੱਚ ਜੀਤ ਲੈਣ 'ਤੇ ਅਮਿਤ ਸ਼ਾਹ ਦਾ ਦਾਅਵਾ 160 ਸੀਟਾਂ ਹੈ, ਪਰ ਕਿਉਂ? ਯੂ ਨਹੀਂ ਥਿਰ ਕੇ ਦੱਸਣਗੇ, ਜੋ ਲੋਕ ਵੀਡੀਓ ਪਾਉਂਦੇ ਹਨ, ਮਾਫ਼ ਕਰੋ।

ਅਤੇ ਆਏ ਦਿਨ ਦੌਰਾਨ ਵੀ ਸਭ ਤੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਪੱਟੀ, ਜਿੱਥੇ ਅਗਲੇ ਚੁਣਾਵਾਂ ਹਨ।
 
मुझे लगता है कि अमित शाह की बातें एक तरफ़ हैं और वास्तविकता दूसरी तरफ़ है। हमारे देश में कैसे से घुसपैठियों ने अपना घर बन लिया है, यह तो बहुत ही जटिल है। लेकिन उनकी बातों से यह सवाल उभरा है - क्या उन्हें नागरिकता प्रदान करने का मौका मिलेगा?
 
अगर हम बिहार में 160 सीट जीत लेती हैं तो हमें ये जिम्मेदारी समझनी होगी कि हम अपने देशभक्तों और नागरिकों का वोट सम्मान करेंगे।
 
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